समाजवादी पार्टी के तेज तर्रार प्रवक्ता अनुराग भदौरिया एक शो में पैनलिस्ट की दखलअंदाजी से इतने परेशान हो गए कि बीच में ही डिबेट को छोड़ दिया। दरअसल एबीपी न्यूज पर ऐंकर अखिलेश आनंद जातीय जनगणना पर डिबेट शो कर रहे थे। अनुराग भदौरिया जब ऐंकर के जातीय जनगणना क्यों होना चाहिए के सवाल पर जवाब दे रहे थे, तो इसी बीच भदौरिया ऐंकर की टोका-टाकी से परेशान हो गए।

शो में आगे जब सवाल के जवाब में भदौरिया वर्ण-व्य्वस्था पर बात करने लगे, तभी राजनीतिक विश्लेषक के रूप में मौजूद पैनलिस्ट विशाल मिश्रा उन्हें बीच में टोकते हुए अपनी बात रखने लगे। बस फिर क्या था ऐंकर से भदौरिया पहले ही नाराज थे, विशाल मिश्रा की दखलअंदाजी उनको खटक गई। ऐंकर, विशाल मिश्रा को चुप कराते रहे और गुस्साए भदौरिया डिबेट को बीच में ही छोड़कर चले गए।

अनुराग भदौरिया समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और अखिलेश सरकार में खेल राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। भदौरिया इन दिनों लगातार टीबी डिबेट्स में समाजवादी पार्टी की ओर पक्ष रखते दिखते रहे हैं। वहीं विशाल मिश्रा दिल्ली यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर हैं। उनके ट्विटर बायो के अनुसार विशाल प्रो बीजेपी हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस बार सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जाति आधारित जनगणना में शामिल होंगे। यानि जनगणना में बाकि जातियों की गिनती नहीं होगी। सरकार की इस घोषणा के बाद से राजद-जदयू-सपा-बसपा समेत कई विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमला बोल रहे हैं।

इन विपक्षी पार्टियों की मांग है कि सरकार इस बार की जनगणना को जाति आधारित करे। ताकि ओबीसी समेत सभी जातियोें की वास्तविक संख्या पता चल सके और विकास कार्यक्रम सही से बनाया जा सके। देश में पहली बार 1931 में जाति आधारित जनगणना हुई थी। इसके बाद 2011 में भी इसी तरह से जनगणना हुई लेकिन कई खामियां बताकर सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया। आजादी के बाद सरदार पटेल के सामने भी जाति आधारित जनगणना का प्रस्ताव आया था लेकिन पटेल ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि इससे देश का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ सकता है।