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झारखंड: माओवादियों की थी सुरक्षाबलों को बम से उड़ाने की साजिश, ऐसे फेल हुआ मिशन

सुरक्षाबलों ने माओवादियों के द्वारा सड़क पर लगाए गए तीन शक्तिशाली डायरेक्शनल बम को बरामद कर सुरक्षित तरीके से विस्फोट कर नष्ट कर दिया है.

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माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम
माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम
  • माओवादियों की थी सुरक्षाबलों को बम से उड़ाने की साजिश

पश्चिम सिंहभूम के टोकलो थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने भाकपा माओवादियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. सुरक्षाबलों ने माओवादियों के द्वारा सड़क पर लगाए गए तीन शक्तिशाली डायरेक्शनल बम को बरामद कर सुरक्षित तरीके से विस्फोट कर नष्ट कर दिया है. इन बमों को एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाया गया था. लेकिन पुलिस ने माओवादियों के इस नापाक इरादे पर पानी फेर दिया.

माओवादियों की बड़ी साजिश नाकाम

पश्चिम सिंहभूम पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि टोकलो थाना क्षेत्र के केरा से पदमपुर जाने वाले मुख्य मार्ग सुरबुरा पुलिया के पास माओवादियों ने पुलिस पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए बम प्लांट किया है.

इस सूचना पर जिला पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ 60 बटालियन और बम निरोधक दस्ते ने इलाके में सर्च अभियान चलाया. सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने 40-40 किलो के दो और 20 किलो का एक शक्तिशाली डायरेक्शनल बम बरामद किया. इसके बाद तीनों बमों को बाहर निकालकर सुरक्षित जगह सड़क किनारे लगाकर सुरक्षात्मक तरीके से विस्फोट कर नष्ट कर दिया गया.

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बम को किया गया नष्ट

बमों के विस्फोट कर नष्ट किये गए तस्वीरों को देखकर कहा जा सकता है कि माओवादियों ने बड़ी साजिश रची थी. अगर यह बम सुरक्षाबलों को निशाना बना कर विस्फोट किया गया होता तो वहां बड़े स्तर पर जानमाल का नुकसान होता. लेकिन समय रहते सुरक्षाबलों ने माओवादियों के मनसूबे पर पानी फेर दिया.

आपको बता दें कि इसी क्षेत्र के पास कुछ महीने पहले माओवादियों ने ऐसा ही एक डायरेक्शनल बम विस्फोट कर पुलिस पार्टी पर हमला किया था. जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे. ठीक उसी प्रकार की साजिश माओवादियों ने दोबारा रची लेकिन इस बार वे सफल नहीं हो पाए और जवान सुरक्षित बच गए.

साजिश के पीछे किसका हाथ?

इस इलाके में माओवादी कमांडर महाराजा प्रमाणिक सक्रिय है. पिछली बार जो हमला हुआ था उस हमले को लेकर महाराजा प्रमाणिक को मास्टर माइंड माना गया था. एक बार फिर से इलाके में उसी तरह की साजिश को देख सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि महाराजा प्रमाणिक अब भी इलाके में सक्रिय है और वह पुलिस टीम को नुकसान पहुंचाने की साजिशें रच रहा है. पिछले कुछ दिनों में पुलिस का दबदबा जंगली इलाकों में बढ़ा है. कई बड़े नक्सली पुलिस की गिरफ्त में आए हैं या फिर उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया गया है. यही वजह है कि माओवादी ऐसे हमले करने के प्रयास कर रहे हैं.

जय कुमार तांती का इनपुट

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