लखनऊ
मुहर्रम के लिए प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने रविवार को गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन के अनुसार, यूपी में 19 अगस्त को प्रशासन ने किसी भी तरीके का जुलूस निकालने पर पाबंदी लगाई है। साथ ही सरकार ने धर्मगुरुओं से संवाद कर कोविड-19 के दिशा निर्देशों का भी ध्यान रखने को कहा है।आदेश में लिखी यह बात
डीजीपी कार्यालय से मुहर्रम को लेकर जारी दिशा निर्देश में शिया समुदाय की ओर से तबर्रा पढ़ने की बात कही गई है। इसमें कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं, जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है। इसको लेकर अमन बिगड़ने की आशंका जताई गई है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
वहीं, मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम और शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्जाम लगाए गए हैं। उन्होंने गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदलने की मांग की। उन्होंने ड्राफ्ट तैयार करने वालों की जाचं की मांग की।
पत्र वापस न लेने पर बैठक बहिष्कार की चेतावनी
मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि गाइडलाइन में बीते 40 साल पुरानी बातों को खोद कर शिया समुदाय पर गलत इल्जाम लगाए गए हैं। इसके जरिये शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। मौलाना ने डीजीपी से इस पत्र को वापस लेने और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पत्र वापस न लेने पर तमाम उलमा और संगठनों से जिला और शहर स्तर पर होने वाले अमन बैठकों का बहिष्कार करने की अपील की है।
मुहर्रम के लिए प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने रविवार को गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन के अनुसार, यूपी में 19 अगस्त को प्रशासन ने किसी भी तरीके का जुलूस निकालने पर पाबंदी लगाई है। साथ ही सरकार ने धर्मगुरुओं से संवाद कर कोविड-19 के दिशा निर्देशों का भी ध्यान रखने को कहा है।आदेश में लिखी यह बात
डीजीपी कार्यालय से मुहर्रम को लेकर जारी दिशा निर्देश में शिया समुदाय की ओर से तबर्रा पढ़ने की बात कही गई है। इसमें कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं, जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है। इसको लेकर अमन बिगड़ने की आशंका जताई गई है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
वहीं, मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम और शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्जाम लगाए गए हैं। उन्होंने गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदलने की मांग की। उन्होंने ड्राफ्ट तैयार करने वालों की जाचं की मांग की।
पत्र वापस न लेने पर बैठक बहिष्कार की चेतावनी
मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि गाइडलाइन में बीते 40 साल पुरानी बातों को खोद कर शिया समुदाय पर गलत इल्जाम लगाए गए हैं। इसके जरिये शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। मौलाना ने डीजीपी से इस पत्र को वापस लेने और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पत्र वापस न लेने पर तमाम उलमा और संगठनों से जिला और शहर स्तर पर होने वाले अमन बैठकों का बहिष्कार करने की अपील की है।