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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. Post update

    बीबीसी के इस लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. 2 अगस्त, सोमवार के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.

  2. लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स: 13 सालों बाद ओलंपिक को मिला 100 मीटर रेस का नया चैंपियन

    लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स 100 मीटर के नए चैंपियन
    Image caption: लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स 100 मीटर के नए चैंपियन

    टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की 100 मीटर रेस में इटली के लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स नए चैंपियन बने हैं. उन्होंने 9.80 सेकेंड में 100 मीटर की रेस पूरी कर स्वर्ण पदक जीता.

    रविवार को 100 मीटर की रेस में दूसरे स्थान पर अमेरिका के फ्रेड कर्ले रहे. जिन्होंने 9.84 सेकेंड में यह रेस पूरी कर रजत पदक अपने नाम किया. जबकि 9.89 सेकेंड के साथ कनाडा के आंद्रे डी ग्रास तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य जीते.

    जैकब्स पहले लॉन्ग जंप में खेला करते थे लेकिन 2018 से उन्होंने 100 मीटर रेस में दौड़ना शुरू किया. तो आंद्रे डी ग्रास का यह लगातार दूसरा ओलंपिक कांस्य पदक है.

    लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स ने 9.80 सेकेंड में 100 मीटर की रेस पूरी की
    Image caption: लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स ने 9.80 सेकेंड में 100 मीटर की रेस पूरी की

    13 साल बाद नया चैंपियन

    100 मीटर रेस के वर्तमान सबसे तेज़ दो धावक क्रिश्चियन कोलमैन और ट्रेवॉन ब्रोमेल फ़ाइनल में नहीं खेल रहे थे.

    ड्रग्स टेस्ट के लिए ख़ून का नमूना लेने वाले अधिकारियों के सामने 2019 में तीन बार उपस्थित होने में नाकाम रहने के बाद कोलमैन पर बीते वर्ष दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस वजह से कोलमैन टोक्यो में नहीं खेल रहे हैं जबकि ब्रोमेल इस रेस के लिए फ़ाइनल मुक़ाबले में नहीं पहुंच सके.

    26 वर्षीय लेमॉन्ट मार्सेल जैकब्स की इस जीत के साथ ही ओलंपिक में 13 सालों के बाद 100 मीटर रेस में कोई नया खिलाड़ी चैंपियन बना है.

    बीते तीन ओलंपिक खेलों में 100 मीटर रेस का स्वर्ण पदक उसैन बोल्ट ने अपने नाम किया था. यह बीते 40 वर्षों में पहला मौका था जब ओलंपिक खेलों की 100 मीटर रेस के फ़ाइनल में बोल्ट के देश जमैका का कोई खिलाड़ी नहीं पहुंच सका.

  3. सिंधु के पिता बोले- वो पीएम मोदी के साथ आइसक्रीम खाएगी

    सिंधु पिता के साथ

    पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है. इस जीत से उनके माता-पिता बेहद खुश हैं.

    उनकी मां ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “कांस्य पदक आने पर हम बहुत ख़ुश हैं. सिंधु को बधाई. हमें उस पर बहुत गर्व है.”

    पीवी सिंधु के पिता ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने बहुत प्रोत्साहन दिया है. वो बोले थे, सिंधु आप जाओ, आने के बाद हम आइसक्रीम खाएंगे. अब सिंधु मेडल ले आई है तो ज़रूर अब जाकर प्रधानमंत्री जी के साथ आइसक्रीम खाएगी.”

    दरअसल, खेल शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु से उनकी डाइट के बारे में पूछा था और कहा था कि उन्हें तैयारी के लिए अपने पसंदीदा खाने में से आइसक्रीम को छेड़ना पड़ा.

    प्रधानमंत्री ने उन्हें कहा था कि अगर वो मेडल के साथ लौटती हैं तो वो उनके साथ आइसक्रीम खाएंगे.

    चीन की खिलाड़ी हे बिंग जिआओ के ख़िलाफ़ उनकी जीत के बाद सिंधु के पिता रमना ने कहा कि जब वो टोक्यो से लौटेगीं तो पीएम मोदी के साथ आइसक्रीम खाएंगी.

    उन्होंने साथ ही कहा, “मैं ख़ुश हूँ कि वो पहली महिला खिलाड़ी है जिसने ओलंपिक्स में लगातार दो मेडल जीते हैं. उसने देश का नाम रौशन कर दिया है.”

    उन्होंने अपनी बेटी के बारे में कहा, “सिंधु फोकस्ड है और उसमें वो भूख है. वो गेम का आनंद लेती है.”

    उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि वो स्वर्ण पदक जीतेंगी, लेकिन कांस्य जीतना भी एक बड़ी उपलब्धि है.

    उन्होंने कहा, "जब भी वो (ओलंपिक में) गई है, वो पदक लेकर आई है. वो पिछली बार गई थी, तो पदक जीता था और इस बार भी उसने ऐसा किया है."

    सिंधु मां के साथ
  4. Video content

    Video caption: पीवी सिंधु ने अपने आक्रामक खेल पर क्या कहा था?

    पीवी सिंधु भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी हैं. ये इंटरव्यू साल 2019 का है, बीबीसी संवाददाता सूर्यांशी पांडे्य ने पीवी सिंधु के साथ ख़ास बातचीत की थी.

  5. 49 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ओलंपिक के सेमीफ़ाइनल में पहुंची

    हॉकी

    भारत की पुरुष हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक के सेमीफ़ाइनल में पहुंच गई है. क्वार्टर फ़ाइनल में भारतीय टीम ने ब्रिटेन को 3-1 से हराया.

    सेमीफ़ाइनल में भारत का मुक़ाबला बेल्जियम से होगा जिसने क्वार्टरफ़ाइनल में स्पेन को 3-1 के ही अंतर से हराया है. बेल्जियम की टीम को बहुत ख़तरनाक माना जाता है. ऐसे में भारत के लिए सेमीफ़ाइनल जीतना किसी चुनौती से कम नहीं है.

    भारत-बेल्जियम सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला दो दिन बाद 3 अगस्त को होगा. वहीं दूसरा सेमीफ़ाइनल ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होना है.

    भारत टोक्यो ओलंपिक में अब तक केवल ऑस्ट्रेलिया से हारा है और बाक़ी के सारे मैच जीते हैं.

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    दिलप्रीत, गुरजंत, हार्दिक ने किए गोल

    ब्रिटेन के ख़िलाफ़ क्वार्टरफ़ाइनल मुक़ाबले में दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और हार्दिक सिंह ने गोल किए.

    मैच शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर दिलप्रीत ने भारत को बढ़त दिलाई. वहीं दूसरे क्वार्टर का खेल शुरू होने के साथ ही गुरजंत ने गोल किया.

    तीसरे क्वार्टर का खेल ख़त्म होने से पहले ब्रिटेन की ओर से पेनाल्टी कॉर्नर पर पहला गोल सैमुएल इयान वार्ड ने किया.

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    भारत हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक के सेमीफ़ाइनल में पहुंची
    Image caption: भारत की हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक के सेमीफ़ाइनल में पहुंची

    49 साल बाद ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में हॉकी टीम

    ब्रिटेन के साथ क्वार्टरफ़ाइनल मुक़ाबले में कप्तान मनप्रीत सिंह को अंपायर ने पीला कार्ड दिखा कर मैच खत्म होने से ठीक छह मिनट पहले मैदान से बाहर कर दिया.

    हालांकि हार्दिक सिंह ने भारत की ओर से तीसरा गोल दाग कर बढ़त को और बड़ा किया जो मैच के अंत तक बनी रही.

    मनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम 49 साल बाद ओलंपिक खेलों के सेमीफ़ाइनल में पहुंची है.

    पांच साल पहले रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम आखिरी पायदान पर थी.

    भारत की हॉकी टीम आठ बार ओलंपिक चैंपियन रह चुकी है. भले ही भारत को अपने आठ ओलंपिक स्वर्ण पदकों में से आख़िरी 1980 के मास्को खेलों में मिला था, लेकिन उस संस्करण में कोई सेमीफाइनल नहीं था क्योंकि इस आयोजन में केवल छह टीमों ने भाग लिया था.

    भारत ने आख़िरी बार 1972 के म्यूनिख खेलों में ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, जहां वे पाकिस्तान से 0-2 से हार गया था.

    सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र

    टोक्यो ओलंपिक के पहले मैच में भारतीय हॉकी टीम ने जापान को 5-3 से हराया.

    दूसरे मुक़ाबले में उसे अर्जेंटीना पर 3-1 से जीत मिली. वहीं स्पेन पर 3-0 से जीतकर उसने जीत की हैट्रिक दर्ज की. लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के ख़िलाफ़ भारतीय टीम 1-7 से हार गई.

    फिर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उसने 3-2 से जीत दर्ज कर क्वार्टरफ़ाइनल में अपनी जगह बनाई.

  6. अफ़ग़ान शरणार्थियों का बोझ अब हम नहीं उठा सकते: पाकिस्तान

    अफ़ग़ान शरणार्थी

    पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ़ ने कहा है कि पाकिस्तान और ज़्यादा अफ़ग़ान शरणार्थियों का बोझ नहीं उठा सकता है.

    वाशिंगटन डीसी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मोईद यूसुफ़ ने कहा कि शरणार्थियों के लिए अफ़ग़ानिस्तान के भीतर ही सुरक्षित क्षेत्र बनाए जाने चाहिए.

    एक सवाल के जवाब में मोईद ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान और अमेरिका को मिलकर काम करने की ज़रूरत है.

    उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से, अतीत में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ गतिविधियों के लिए अफ़ग़ान धरती का इस्तेमाल किया गया है."

    उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का इस्तेमाल अभी भी पाकिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है.

    इससे पहले, विदेश मामलों के मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने 10 जुलाई को कहा था कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में 30 लाख से ज़्यादा अफ़ग़ान शरणार्थियों को पनाह दी है और उसके पास और शरणार्थियों का बोझ उठाने की क्षमता नहीं है.

    मुल्तान में मीडिया से बात करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा था, "अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है, जहां ज़्यादा लोगों को शरण की ज़रूरत होती है, तो हम पहले एक योजना बनाएंगे."

    विदेश मंत्री ने चिंता जताई थी कि शरणार्थी होने की आड़ में शरारती तत्व पाकिस्तान में घुसने की कोशिश कर सकते हैं.

    उन्होंने कहा था, "स्थिति से निपटने की हमारी पहली कोशिश अफ़ग़ान शरणार्थियों को अफ़ग़ानिस्तान में ही रखने की होगी."

    क्षेत्र में शांति स्थापित करने के बारे में उन्होंने कहा था कि "क्षेत्रीय शांति के लिए सभी पक्षों से बातचीत चल रही है."

    अफ़ग़ान शरणार्थी
  7. पीवी सिंधु ने चीन की हे बिंग जियाओ को हराकर टोक्यो ओलंपिक में जीता कांस्य पदक

    पीवी सिंधु

    पीवी सिंधु ने चीन की हे बिंग जियाओ को हराकर टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया है. सिंधु ने पहले गेम में जियाओ को 21-13 से हराया. दूसरे गेम में दोनों की बीच कड़ा मुक़ाबला हुआ लेकिन सिंधु अपनी प्रतिद्वंद्वी पर भारी पड़ीं और उन्होंने यह गेम 21-15 से जीत कर कांस्य पदक अपने नाम किया.

    इसके साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में दो पदक हो गए हैं. इससे पहले मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीत कर टोक्यो में भारत के पदकों का खाता खोला था.

    सिंधु को सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में वर्ल्ड नंबर-1 ताई जू यिंग के ख़िलाफ़ हार का मुंह देखना पड़ा था. वहीं क्वार्टरफ़ाइनल में जापान की अकाने यामागुची को हराकर सिंधु ने सेमी फ़ाइनल में अपनी जगह बनाई थी.

    सिंधु ने रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था. टोक्यों में कांस्य जीत कर वो भारत की ऐसी पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिसने ओलंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में दो पदक हासिल किए हैं.

  8. न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री ने डॉन रेड के लिए मांगी माफ़ी

    जैसिंडा अर्डर्न
    Image caption: न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न

    न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने 1970 के दशक में देश के प्रशांत द्वीप समूह समुदाय के प्रवासियों पर सुबह-सुबह डाले गए छापे के लिए औपचारिक रूप से माफ़ी मांगी है.

    वीज़ा की तारीख़ ख़त्म हो जाने के बावजूद न्यूज़ीलैंड में रह रहे लोगों का पता लगाने के लिए तब पुलिस ने प्रवासियों पर यह दबिश दी थी. उस दरम्यान उन लोगों को पकड़ा गया जो वीज़ा की अवधि पूरी होने के बावजूद देश में रह रहे थे. उन्हें पकड़ कर उनके देश वापस भेज दिया गया था.

    क्या है डॉन रेड?

    तब यह भी कहा गया कि वे अप्रवासी लोग न्यूज़ीलैंड के लोगों का रोज़गार छीन रहे हैं. तब लोगों को हिदायत दी गई थी कि वो अपना पहचान पत्र लेकर चलें ताकि जांच के दौरान यह पता चल सके कि वे वीज़ा की समाप्ति के बाद भी न्यूज़ीलैंड में रहने वाले विदेशी तो नहीं हैं.

    तब गलियों, सड़कों, स्कूलों और यहां तक कि चर्च जा रहे लोगों को अचानक ही रोक लिया जाता और उनसे पहचान पत्र दिखाने को कहा जाता था.

    यह छापा सुबह सुबह डाला गया था इसलिए इसे डॉन रेड के नाम से भी जाना जाता है.तब वीज़ा पर समयावधि से अधिक न्यूज़ीलैंड में रुकने वाले पर की गई कार्रवाई में ब्रिटिश, ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अफ़्रीकी नागरिकों की तुलना में प्रशांत द्वीप क्षेत्र के लोग ज़्यादा प्रभावित हुए थे.

    छापे के समय समोआ, टोंगा, फिजी समेत प्रशांत द्वीपों से कई लोग न्यूज़ीलैंड के कारखानों, खेतों और अन्य क्षेत्रों में मज़दूर का काम करने के लिए अस्थाई वीज़ा पर आए हुए थे.

    अर्डर्न ने क्या कहा?

    अर्डर्न ने रविवार को ऑकलैंड टाउनहॉल में जुटी शोकाकुल भीड़ के सामने कहा कि उनकी सरकार सुबह सुबह डाले गए उस छापे के लिए औपचारिक तौर पर माफ़ी मांगती है.

    जैसिंडा अर्डर्न ने अब औपचारिक रूप और साफ़दिल से माफ़ी मांगी है.

    उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्रीय समुदाय के लोग न्यूज़ीलैंड में आज भी पीड़ित हैं और उन जख़्मों के निशान को ढो रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस माफ़ी से उन्हें उम्मीद है कि यह वाक्या अब ख़त्म हो जाएगा.

    न्यूज़ साइट स्टफ के मुताबिक टोंगा की राजकुमारी मेले सुइ'इलिकुतापु ने न्यूज़ीलैंड की सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह माफ़ी उनके समुदाय के लिए एक नई सुबह की तरह है.

    1970 के दशक में 'डॉन रेड' के दौरान सुबह सुबह घरों और दफ़्तरों पर छापे डाले गए थे.

    डॉन रेड पर कब लगी रोक?

    दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद तेज़ी से आगे बढ़ती अपनी अर्थव्यस्था के लिए न्यूज़ीलैंड को मज़दूरों की ज़रूरत थी तो उसने हज़ारों की संख्या में प्रशांत द्वीप समूह से प्रवासियों का अपने देश में स्वागत किया था.

    सरकार के मुताबिक 1976 तक न्यूज़ीलैंड में 50 हज़ार से अधिक प्रशांत द्वीप समूह के निवासी थे.

    लेकिन 1970 के दशक की शुरुआत में एक आर्थिक संकट के कारण देश में बेरोज़गारी बढ़ने लगी. तब कुछ राजनेताओं और प्रेस ने प्रवासियों पर हमला करना शुरू कर दिया.

    1974 में देश में छापे पड़ने शुरू हो गए और उस पूरे दशक देश के विभिन्न इलाकों में डाले जाते रहे.

    सरकार की इन नीति का धार्मिक, राजनीतिक और सिविल सोसाइटी के बीच बढ़ती आलोचना के बीच 1980 के दशक के शुरुआत में इस पर रोक लगा दी गई.

  9. तुर्की के जंगलों में भयावह आग, सैकड़ों विदेशी पर्यटकों को बचाया गया

    तुर्की के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने का प्रयास करते हेलिकॉप्टर
    Image caption: तुर्की के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने का प्रयास करते हेलिकॉप्टर

    तुर्की के दक्षिण-पश्चिम समुद्र तटों से सटे जंगलों में लगी आग से यहाँ के होटलों और घरों को ख़तरे के बीच सैकड़ों की संख्या में पर्यटकों को निकाला जा रहा है.

    स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ इन समुद्र तटों पर छुट्टियां मना रहे पर्यटकों को वापस लाने के लिए तुर्की के तटरक्षक जहाजों, निजी नावों और यॉट को लगाया गया है. बोडरम शहर में तीन और पाँच सितारा होटलों को ख़ाली करवाया गया.

    बुधवार से लगी आग में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी हैं. शनिवार को दो और मौत की पुष्टि हुई.

    ये उन हज़ारों लोगों में शामिल थे जो तुर्की के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र भूमध्यसागर और एजियन सागर के तटों पर स्थित रिसॉर्ट और गाँवों में 100 अलग-अलग जगहों पर लगी आग से जूझ रहे हैं.

    अधिकारियों के मुताबिक इनमें से 10 को छोड़कर बाक़ी आग पर काबू पा लिया गया है.

    रविवार को ट्विटर पर बोडरम के मेयर ने जो तस्वीरें शेयर कीं, उनमें आग अब भी जलती हुई दिखाई दे रही है.

    स्थानीय मीडिया ने भी एक नाटकीय फुटेज शेयर किया है. उसमें लोगों को अपना सामान लेकर इलाक़े से भागते हुए दिखाया गया है क्योंकि पहाड़ी जंगलों से आग शहर की ओर तेज़ी से बढ़ रही है. हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कब फ़िल्माया गया है.

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    एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने के बीच जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश में लगे हैं कि क्या आग जानबूझकर लगाई गई थी.

    शनिवार को राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने मानवगट शहर का दौरा किया, जहाँ आग से जुड़ी पाँच मौतों की पुष्टि हुई है.

    अर्दोआन ने कहा कि उनकी सरकार इस आपदा से प्रभावित सैकड़ों लोगों की ज़िंदगी को वापस पटरी पर लाने के हर संभव प्रयास करेगी.

    हालांकि देश में पर्याप्त अग्निशमन विमानों की कमी को लेकर राष्ट्रपति की बहुत आलोचना भी हुई है. लेकिन उन्होंने कहा कि "इसके पीछे मुख्य वजह तुर्की एयरोनॉटिकल एसोसिएशन का अपने बेड़े और तकनीक को नहीं अपडेट कर पाना है."

    उन्होंने बताया कि अज़रबैजान, ईरान, रूस और यूक्रेन के अधिक विमान अब बड़े पैमाने पर आग बुझाने के अभियान में शामिल हैं.

  10. पाकिस्तान का प्रांत बन जाएगा गिलगित-बल्तिस्तान? क़ानून को मिली मंज़ूरी

    पीएम मोदी और इमरान ख़ान

    पाकिस्तानी अधिकारियों ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गिलगित-बलिस्तान को अंतरिम राज्य बनाने के लिए एक क़ानून को अंतिम रूप दे दिया है.

    वहीं, भारत पाकिस्तान से साफ़ कह चुका है कि गिलगित-बल्तिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी इलाके उसके अभिन्न अंग हैं.

    भारत हमेशा से कहता आया है कि पाकिस्तान सरकार या पाकिस्तानी न्यायपालिका का इन क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है.

    भारत मानता है कि पाकिस्तान ने गिलगित-बल्तिस्तान पर बलपूर्वक और ग़ैरक़ानूनी तरीके से क़ब्ज़ा कर रखा है.

    Video content

    Video caption: पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बल्तिस्तान के लोगों का दोहरा दर्द

    पाकिस्तानी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार नए क़ानून का प्रस्ताव क़ानून और न्याय मंत्रालय की तरफ़ से आया है.

    प्रस्तावित क़ानून के मुताबिक़ गिलगित-बल्तिस्तान के सुप्रीम अपैलेट कोर्ट (एसएसी) और इसके चुनाव आयोग को निष्प्रभावी करके पाकिस्तान निर्वाचन आयोग में मिलाया जा सकता है.

    क़ानून मंत्रालय के सूत्रों ने अख़बार को बताया कि प्रस्तावित क़ानून के मसौदे का नाम '26वाँ संविधान संशोधन बिल' रखा गया है और इसे प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को सौंप दिया गया है.

    जुलाई के पहले हफ़्ते में इमरान ख़ान ने केंद्रीय क़ानून मंत्री फ़रोग नसीम को इस क़ानून का ड्राफ़्ट तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी थी.

    रणनीतिक रूप से अहम है गिलगित-बल्तिस्तान

    चीन के कारण और अहम हो गया है गिलगित-बल्तिस्तान

    सूत्रों का दावा है कि यह क़ानून पाकिस्तानी संविधान, अंततराष्ट्रीय क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है.

    डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान के अधिकारियों से भी इस बारे में सलाह ली गई थी.

    चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के कारण पाकिस्तान के लिए गिलगित-बल्तिस्तान का महत्व और बढ़ गया है

    सीपीईसी पाकिस्तान में बलूचिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है और चीन के रोड ऐंड बेल्ट पहल का हिस्सा है.

    वहीं, भारत ने चीन के समक्ष सीपीईसी का विरोध किया है और कहा है कि यह पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से होकर गया है.

  11. भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता मिलने पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

    पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी
    Image caption: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में यह पहली बार है जब भारत को इसकी अध्यक्षता मिली है.

    भारत को यह अध्यक्षता इस अगस्त महीने के लिए मिली है.

    भारत ने कहा है कि 15 देशों की सदस्यता वाले सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान वो आंतकवाद-रोधी, अमन बहाली और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से ध्यान देगा.

    पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने के बाद वैश्विक निकाय को नियंत्रित करने वाले नियमों और मानदंडों का पालन करेगा और जम्मू-कश्मीर पर प्रस्तावों को लागू करेगा.

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हफ़ीज़ चौधरी ने एक बयान में कहा, भारत इस महीने के लिए अध्यक्षता पद संभाल रहा है. हम उसे जम्मू-कश्मीर पर यूएनएससी प्रस्तावों को लागू करने के क़ानूनी दायित्व की याद दिलाना चाहेंगे.

    उन्होंने कहा कि प्रेसिडेंट सुरक्षा परिषद की बैठकों के संचालन के लिए ज़िम्मेदार हैं और प्रक्रिया के नियमों के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य भी.

    यूएनएससीकी अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य देश को बारी-बारी से एक महीने के लिए उनके अंग्रेजी नामों के अक्षरों के क्रम के अनुसार दी जाती है.

  12. टोक्यो ओलंपिक: हारने के बावजूद अपनी बहादुरी से छाए भारत के सतीश

    सतीश कुमार

    भारतीय बॉक्सर सतीश कुमार बॉक्सिंग के सुपर हैवी वेट (91+किलोग्राम) वर्ग के क्वार्टर फ़ाइनल में हारकर बाहर हो गए हैं.

    हालाँकि इस दौरान सतीश के प्रदर्शन की तारीफ़ हो रही है क्योंकि उन्होंने घायल होने के बावजूद इस मुकाबले में हिस्सा लिया.

    इस मुकाबले में उन्हें अपने उज़्बेकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी और वर्ल्ड नंबर वन मुक्केबाज़ बाखोदिर जालालोव के हाथों हार का सामना करना पड़ा.

    जालालोव ने सतीश को 0-5 से मात दी. सतीश की हार के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत के पुरुष मुक्केबाज़ी का सफ़र ख़त्म हो गया.

    जमैका के बॉक्सर के साथ पिछले मुकाबले के दौरान सतीश की ठुड्डी और दाईं आँख पर गहरा कट लगा था जिसकी वजह से उन्हें कई टाँके लगाने पड़े थे लेकिन इसकी परवाह न करते हुए वो क्वार्टर फ़ाइनल में शामिल हुए.

    हालाँकि चोट के कारण सतीश का मुकाबले में हिस्सा लेना तय नहीं था लेकिन आख़िर पलों में उन्हें मेडिकल टीम से इसकी इजाज़त मिली.

    सतीश कुमार

    जीतने वाले ने भी माना सतीश का बहादुरी का लोहा

    उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से ताल्लुक़ रखने वाले 32 वर्षीय सतीश कुमार सेना में हैं.

    मुकाबला जीतने के बाद जालालोव ने भी सिर हिलाकर सतीश की बहादुरी की तारीफ़ की.

    बॉक्सिंग फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह पटेल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “सतीश ने आज अपने देश के लिए जो किया वो बहुत कम लोग ही कर सकते हैं. हमें उन पर बहुत गर्व है.”

    वो सोशल मीडिया में भी छाए हुए हैं और लोग उनकी बहादुरी की दाद दे रहे हैं.

    सतीश को कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल और एशियन गेम्स में दो बार ब्रॉन्ज़ मेडल मिला है. साथ ही वो कई बार नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप भी जीत चुके हैं.

    उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई करके ही इतिहास रच दिया था क्योंकि वो सुपर हैवीवेट वर्ग में ओलंपिक तक पहुँचने वाले पहले मुक्केबाज़ हैं.

  13. भारत को मिली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता

    पीएम मोदी
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    रूस ने भारत को संयुक्त राष्ट्र परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता मिलने पर बधाई दी है और कहा है वो भारत के एजेंडा से 'सचमुच प्रभावित' है.

    रूस ने कहा कि भारत आतंकवाद-रोधी, शांति और समुद्री सुरक्षा जैसे वैश्विक मुद्दों पर ज़ोर देता है.

    भारत में रूसी राजदूत निकोल कुदाशेव ने ट्वीट किया, "यूएनएससी अध्यक्षता मिलने पर भारत को बधाई! हम वाक़ई में भारत के एजेंडा से प्रभावित हैं जिसके तहत वोआतंकवाद-रोधी, शांति और समुद्री सुरक्षा के मुद्दे उठाता है."

    रूसी राजदूत ने लिखा, "हम प्रभावी और कामयाब काम की उम्मीद करते हैं. भारत के लिए सफलता की कामना करते हैं."

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    फ़्रांस ने भी भारत को यूनएससी की अध्यक्षता मिलने पर ख़ुशी ज़ाहिर की.

    फ़्रांस ने कहा कि वो भारत के साथ मिलकर आंतकवाद-रोधी, शांति बहाली और समुद्री सुरक्षा जैसे रणनीतिक मुद्दों पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

    भारत में फ़्रांसीसी राजदूत इमैनुअल लेनैन ने ट्वीट किया, "बहुत ख़ुशी है कि फ़्रांस के बाद यूएनएससी की अध्यक्षता भारत को मिल रही है.''

    उन्होने लिखा,''हम भारत के साथ मिलकर मौजूदा संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं और नियम से चलने वाली बहुपक्षीय व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

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    आतंकवाद से लड़ने पर होगा भारत का ध्यान

    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में यह पहली बार है जब भारत को इसकी अध्यक्षता मिली है.

    भारत को यह अध्यक्षता इस अगस्त महीने के लिए मिली है.

    भारत ने कहा है कि 15 देशों की सदस्यता वाले सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान वो आंतकवाद-रोधी, अमन बहाली और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से ध्यान देगा.

    संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि वो इन तीन मुद्दों पर अहम आयोजन करेंगे.

    त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत आतंकवाद-रोध को केंद्र में रखना जारी रखेगा.

    उन्होंने कहा, "एक ऐसे देश के तौर जो हमेशा आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में आगे रहा है, हम आतंकवाद-रोध के मुद्दे को केंद्र में रखना जारी रखेंगे."

    सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता 2 अगस्त, सोमवार से शुरू होगी.

  14. भारत: दस में से छह बड़ी कंपनियों को 96 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान

    रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड

    देश की दस बड़ी घरेलू कंपनियों में से छह को पिछले हफ़्ते संयुक्त रूप से 96,642.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा है.

    पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला बेंचमार्क 388.96 अंक या 0.73 फ़ीसदी लुढ़क गया था.

    जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज़, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़, एचडीएफ़सी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, एचडीएफ़सी और कोटक महिंद्रा बैंक पिछड़ गए थे वहीं इंफ़ोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फ़ाइनेंस अग्रणी रहे थे.

    रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का बाजार मूल्यांकन 44,249.32 करोड़ रुपये घटकर 12,90,330.25 करोड़ रुपये रह गया है.

    टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ का 16,479.28 करोड़ रुपये घटकर 11,71,674.52 करोड़ रुपये रह गया है.

    वहीं कोटक महिंद्रा बैंक का मूल्यांकन 13,511.93 करोड़ रुपये गिरकर 3,28,122.93 करोड़ रुपये और एचडीएफ़सी बैंक का 8,653.09 करोड़ रुपये घटकर 7,88,769.58 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

    एचडीएफ़सी का एमकैप 7,827.92 करोड़ रुपये घटकर 4,40,738.35 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का 5,920.97 करोड़ रुपये से घटकर 5,48,405.78 करोड़ रुपये रह गया.

    इसके विपरीतइंफोसिस का मूल्यांकन 8,475.58 करोड़ रुपये बढ़कर 6,85,819.28 करोड़ रुपये हो गया. आईसीआईसीआई बैंक ने 4,210.38 करोड़ रुपये जोड़े.

    बजाज फ़ाइनेंस का मूल्यांकन 2,972.7 करोड़ रुपये बढ़कर 3,75,972.88 करोड़ रुपये और स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का 2,275.78 करोड़ रुपये बढ़कर 3,85,275.48 करोड़ रुपये हो गया.

  15. अफ़ग़ानिस्तान: कंधार एयरपोर्ट पर रॉकेट हमले के बाद उड़ान सेवाएं रद्द

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    दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर कम से कम तीन रॉकेट हमले हुए हैं.

    समाचार एजेंसी एएफ़पी ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि देश भर में तालिबान ने अपने हमले तेज़ कर दिए हैं.

    कंधार एयरपोर्ट के चीफ़ मसूद पश्तून ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, "बीती रात एयरपोर्ट पर रॉकेट हमले किए गए जिनमें दो रनवे पर गिरे हैं. इस वजह से कंधार एयरपोर्ट से विमान सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं."

  16. क्रिस वू: चीनी-कनाडाई पॉप स्टार बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार

    क्रिस वू

    चीनी-कनाडाई पॉप स्टार क्रिस वू को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

    बीजिंग में अधिकारियों ने कहा कि वू के ख़िलाफ़ जांच ऑनलाइन आरोपों पर केंद्रित है. तीस वर्षीय पॉप स्टार पर आरोप है कि उन्होंने "कथित तौर पर यौन संबंध बनाने के लिए कई बार युवा महिलाओं को धोखा दिया."

    उनके ख़िलाफ़ पहली बार आरोप इस महीने की शुरुआत में आया था. एक महिला ने उन पर आरोप लगाया था कि जब वह नशे में थी तो वू ने उस पर हमला किया.

    चीन की सबसे लोकप्रिय सेलेब्रिटीज़ में से एक वू ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है.

    उन पर सबसे पहले आरोप लगाने वाली 19 वर्षीय एक छात्रा थीं. डू मीज़ू नाम की इस छात्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपना पक्ष रखा था. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा था कि जब वो 17 साल की थीं तब वह वू से मिली थीं.

    अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वू ने उन्हें उनके घर पर एक पार्टी के लिए आमंत्रित किया था. जहां उसे जबरन शराब पिलायी गई और अगले दिन जब उनकी आंख खुली तो वह वू के बिस्तर पर थीं.

    डू मीज़ू का कहना है कि उन्हें सात और ऐसी औरतें मिलीं जिन्होंने उन्हें बताया कि वू ने उन्हें नौकरी देने या फिर दूसरे वादे करके झांसा दिया. उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ नाबालिग भी हैं.

    कम से कम 24 और महिलाओं ने वू के ख़िलाफ़ अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है.

    वहीं वू ने डू मीज़ू को शराब पिलाने के आरोप से इनक़ार किया है. उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगे सभी आरोपों से भी इनक़ार किया है.

    चीनी कानून के तहत,18 साल से कम उम्र को नाबालिग माना जाता है, जबकि यौन सहमति के लिए उम्र 14 साल है.

    अपने ऊपर लगने वाले आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में वू ने लिखा- "कोई 'ग्रुपी सेक्स' नहीं था! किसी की 'कम उम्र' नहीं थी!'

    उन्होंने लिखा है "अगर इस तरह की कोई भी बात होगी, तो मैं खुद ही जेल चला जाऊंगा."

    उनके वकील डू मीज़ू पर मानहानि का मुकदमा कर रहे हैं.

    वू पहली बार के-पॉप बॉयबैंड EXO के सदस्य के रूप में लोकप्रिय हुए. इसके बाद उन्होंने 2014 में एक गायक, अभिनेता, मॉडल और टैलेंट शोज़ के जज के रूप में भी काफी ख़्याति हासिल की.

  17. ओमान के पास तेल टैंकर 'मर्सर स्ट्रीट' पर ड्रोन से हमला किया गया थाः अमेरिकी नौसेना

    अमेरिकी सेना

    अमेरिकी नौसेना के विशेषज्ञों का मानना है कि अरब सागर में ओमान तट के पास एक तेल टैंकर पर ड्रोन हमला किया गया था.

    अमेरिकी सेना ने बताया है कि गुरुवार रात को टेल टैंकर 'मर्सर स्ट्रीट' पर हुए इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी.

    अरब सागर के इस इलाके में सालों बाद किसी व्यापारिक जहाज को इस तरह से निशाना बनाया गया है जिसमें लोगों की जानें गई हैं.

    हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इसराइली अधिकारियों ने तेहरान को ड्रोन हमले का आरोप लगाया है.

    दूसरी तरफ़ ईरान ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली ख़ामनेई के ख़ास इब्राहिम रईसी के राष्ट्रपति बनने के बाद पश्चिमी ताक़तों के प्रति तेहरान द्वारा कड़ा रुख अपनाए जाने की बात कही गई है.

    अमेरिकी नौसेना के मध्यपूर्व में तैनात फिफ्थ फ्लीट ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि परमाणु हथियारों से हमला करने में सक्षम अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन और गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मिशेर टेल टैंकर 'मर्सर स्ट्रीट' को सुरक्षित ठिकाने पर ले जा रहे थे.

    बयान में कहा गया है, "अमेरिकी नौसेना के विस्फोटक मामलों के जानकार मर्सर स्ट्रीट के चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं. वे इस हमले की जांच में मदद देने के लिए भी तैयार हैं. शुरुआती संकेतों से यह साफ़ मालूम देता है कि ये एक ड्रोन अटैक था."

  18. अफ़ग़ानिस्तान में घंटे दर घंटे ख़राब हो रहे हैं हालात, तीन शहरों में छिड़ी लड़ाई

    तालिबान

    दक्षिणी और पश्चिमी अफ़ग़ानिस्तान के तीन प्रमुख शहरों में तालिबान लड़ाकों और अफ़ग़ान सशस्त्र बल के बीच युद्ध जारी है. इन शहरों पर फिलहाल अफ़ग़ान सरकार का शासन है और तालिबान इन्हें अपने कब्ज़े में करना चाहता है.

    तालिबान लड़ाके हेरात, लश्कर गाह और कंधार के कुछ हिस्सों में पहले ही प्रवेश कर चुके हैं. अमेरिकी और विदेशी सैनिकों की वापसी की घोषणा के साथ ही तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में अपना क्षेत्राधिकार बढ़ाना शुरू कर दिया था.

    घोषणा के बाद से तालिबान ने अफ़गानिस्तान के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा भी कर लिया है, जिसमें ख़ासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में उसका कब्ज़ा काफी बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि सितंबर तक सभी विदेशी सैनिक अफ़ग़ानिस्तान छोड़कर चले जाएंगे.

    लेकिन लगातार मज़बूत हो रहे तालिबान के कारण इन शहरों पर मानवीय संकट का ख़तरा भी है और आने वाला समय इनके लिए काफी महत्वपूर्ण और निर्णायक साबित हो सकता है. इस बात का अंदाज़ा अभी नहीं लगाया जा सकता है कि सरकारी बल तालिबान के आगे कब तक टिक सकेगा.

    तालिबान

    ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान ने पहले से ही अफ़ग़ानिस्तान के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जिसमें ईरान और पाकिस्तान के साथ लगने वाले क्रॉसिंग बॉर्डर भी शामिल हैं.

    वॉशिंगटन की संस्था फाउंड़ेशन ऑफ़ डिफ़ेंस ऑफ डेमोक्रेसी के मुताबिक़ अमेरिकी सेना की वापसी के एलान के बाद से तालिबन के नियंत्रण वाले इलाक़ों की संख्या तीन गुणा बढ़कर 221 हो गई है. अमेरिकी सरकार का कहना है कि ये मुमकिन है कि अफ़ग़ान सरकार अगले साल तक गिर जाए.

    शनिवार को लश्कर गाह में तालिबानी लड़ाके गवर्नर के कार्यालय के पास तक पहुंच गए थे. वे सिर्फ़ कुछ सौ मीटर की दूरी पर थे. हालांकि रात होने तक उन्हें पीछे धकेल दिया गया था. बीते कुछ दिनों में यह दूसरा मौक़ा है जब वे इतने नज़दीक पहुंच गए.

    हालांकि अफ़ग़ान बलों के कमांडर का दावा है कि उन्होंने तालिबान चरमपंथियों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

    तालिबान का पूरा फ़ोकस अब अफ़ग़ानिस्तान के शहरों पर कब्ज़ा करना है. यूं तो पूरे अफ़ग़ानिस्तान में ही स्थिति अस्थिर है लेकिन हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह सबसे अधिक प्रभावित इलाक़ों में से है. यह वही जगह हैजहां कई अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है.

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    तालिबान समर्थक कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से शहर के बीचों-बीच तालिबान लड़ाकों के कई वीडियो अपलोड किए गए हैं.

    अफ़ग़ानिस्तान विशेष बलों को तालिबानी लड़ाकों पीछे धकेलने में मदद के लिए भेजा जा रहा है लेकिन एक स्थानीय नागरिक ने हमें बताया कि अगर ऐसा होता भी है तो भी तालिबान का यूं आगे बढ़ना उनकी ताकत को स्पष्ट करता है.

    ऐसा माना जा रहा है कि चरमपंथियों ने कुछ घरों में पनाह ले रखी है जिससे उन्हें हटाना मुश्किल हो रहा है. आशंका जताई जा रही है कि यह संघर्ष और लंबा खींचेगा और ज़्यादा हिंसक भी होगा.

    कंधार के एक सांसद ने बीबीसी को बताया कि शहर में तालिबान का कब्ज़ा होने का ख़तरा बना हुआ है. कंधार से पहले ही दसियों हज़ार लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं. उन्होंने मानवीय आपदा को लेकर भी आशंका जतायी है.

    गुल अहमद कामिन ने कहा कि स्थिति घंटे दर घंटे खराब होती जा रही है और शहर के भीतर लड़ाई 20 वर्षों में सबसे गंभीर स्तर पर है.

    अफ़ग़ानिस्तान के लिए यूरोपीय संघ के विशेष दूत टॉमस निकलासन ने कहा कि उनका मानना ​​है कि युद्ध और भी ख़राब होने वाला है.

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