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  • Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijayshankar Mehta, Story Of Maharshi Mahesh Yogi, Presentation Of Your Work Should Be Impressive And Useful To Others

आज का जीवन मंत्र:अपने काम की प्रस्तुति प्रभावशाली और दूसरों के लिए उपयोगी होनी चाहिए

3 वर्ष पहलेलेखक: पं. विजयशंकर मेहता
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कहानी - महर्षि महेश योगी से जुड़ा किस्सा है। महेश योगी जी अपने गुरु ब्रह्मानंद सरस्वती के निधन के बाद बहुत दुखी थे। वे इतने निराश हो गए थे कि गंगा में कूद गए, उन्हें लोगों ने नदी से निकाला। तब से वे सोचने लगे कि इस जीवन का उद्देश्य क्या होना चाहिए?

गुरु से महेश योगी जी को जो ध्यान पद्धति मिली थी, उसे भावातीत ध्यान नाम दिया। इस पद्धति के प्रचार-प्रसार के लिए वे विदेश चले गए। वहां उनके साथ एक घटना घटी। इंग्लैंड में संगीतकारों का एक दल था। ये दल नए ढंग से गायन करता था। इनका संगीत सुनकर कुछ लोगों का तनाव दूर हो जाता था, सुनने वाले खुद को हल्का महसूस करते थे। इसकी जानकारी महेश योगी जी को भी मिली।

उस समय संगीत दल के कुछ लोग नशा करने लगे थे। इस कारण जो लोग दूसरों को आनंद बांटते थे, वे खुद परेशान रहने लगे और महेश योगी जी के पास पहुंचे। योगी जी ने उनकी बातों को सुना और समझा। तब उन्हें विचार आया कि भावातीत ध्यान वही काम करता है जो ये लोग संगीत से कर रहे थे।

अगर लोग तनाव ग्रस्त हैं और वे भावातीत ध्यान करते हैं तो उनकी चेतना जागेगी। आत्मा-परमात्मा के चक्कर में न उलझाकर योगी जी ने शांति की बात की और उसका प्रस्तुतिकरण ऐसा किया। लोगों ने जब उनसे पूछा कि आप इतना प्रचार-प्रसार क्यों करते हैं तो महेश योगी ने जवाब दिया कि मेरे प्रदर्शन में पाखंड नहीं है, प्रभावशाली प्रस्तुति है। अगर कोई नई बात नई पीढ़ी तक पहुंचानी है तो प्रस्तुति बहुत प्रभावशाली होनी चाहिए। योगी जी प्रयासों से भावातीत ध्यान दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गया।

सीख - अगर हम किसी बड़े अभियान पर हैं तो दूसरों के सामने उसकी प्रस्तुति बहुत प्रभावशाली और उपयोगी होनी चाहिए। ऐसा प्रयास करें कि हमारी बात अन्य लोग आसानी से समझ सकें।

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