ओलंपिक गेम्स विलेज में खिलाड़ियों के बीच बांटे गए कंडोम ऑस्ट्रेलिया की एक खिलाड़ी के लिए बहुत काम आए। 27 साल की ऑस्ट्रेलियाई कैनोइस्ट जेसिका फॉक्स ने अपनी नाव ठीक करने के लिए कंडोम की रबर का इस्तेमाल किया। उन्होंने इसकी मदद से न सिर्फ स्पर्धा में हिस्सा लिया, बल्कि महिलाओं की सी1 कैनोइंग स्लैलम (C1 canoe slalom) स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया। प्रतियोगिता से पहले जेसिका फॉक्स अपनी कश्ती के एक कोने में कंडोम लगाते हुए देखी गईं थीं। उन्होंने क्षतिग्रस्त कश्ती के सामने के छोर पर कार्बन फाइबर को ठीक करने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया था। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों ने खिलाड़ियों के बीच करीब एक लाख 60 हजार कंडोम बांटे हैं। इंस्टाग्राम पर पोस्ट एक वीडियो में फॉक्स ने समझाया कि कंडोम ने कैसे उनकी नाव (कश्ती) ठीक करने में मदद की। फॉक्स ने टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की कयाक स्लैलम (kayak slalom) में कांस्य पदक और कैनोइंग स्लैलम में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। जेसिका फॉक्स कैनोइंग और कयाक में दुनिया की शीर्ष रैंकिंग वाली नाविक हैं। वह ओलंपिक इतिहास में कैनोइंग स्लैलम रेस जीतने वाली पहली महिला हैं। जेसिका फॉक्स ने इस संबंध में टिकटॉक पर भी एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने अपने वीडियो के कैप्श्न में लिखा, ‘शर्त है कि आप कभी नहीं जानते थे कि कश्ती की मरम्मत के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जा सकता है। जाने कयाकर कैसे कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।’ जेसिका फॉक्स ने रियो ओलंपिक और लंदन ओलंपिक में भी पदक जीते थे। जेसिका ने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत और 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। फॉक्स ने खुलासा किया कि कंडोम कितना स्ट्रेचेबल और मजबूत होता है, इसलिए यह सबसे अच्छा काम करता है। यहां वीडियो देखें: View this post on Instagram A post shared by The Highlights Club (@thehighlightsclubau) जब वास्तव में कंडोम की तलाश की बात आती है, तो जेसिका फॉक्स के लिए यह इतना कठिन नहीं होता क्योंकि टोक्यो में आयोजकों ने ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने आए एथलीट्स के बीच लगभग 160000 कंडोम बांटे हैं। हालांकि, वे ओलंपिक खेल गांव में इस्तेमाल करने के लिए नहीं हैं, बल्कि एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दिए गए हैं।