उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के एक मौलाना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल रहा है। वायरल वीडियो में बद्रीनाथ धाम के बारे में विवादित बयान देते हुए मौलाना कह रहे हैं कि यह मुसलमानों का धार्मिक स्थल है इसलिए इसको हमारे हवाले कर देना चाहिए। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर के मौलाना के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। 

दरअसल वायरल हो रहा वीडियो उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में मौजूद दारुल उलूम देवबंद के मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी का है। वीडियो में मौलाना कह रहे हैं कि वो बद्रीनाथ नहीं बल्कि बदरुद्दीन शाह हैं। ये मुस्लिमों का धार्मिक स्थल है, इसलिए इसे मुस्लिमों के हवाले कर दिया जाना चाहिए। साथ ही वीडियो में मौलाना कासमी कह रहे हैं अगर उसमें नाथ लगा है तो वो हिंदू हो गया क्या, वे बदरुद्दीन शाह हैं।

मौलाना इतने पर नहीं रुके। आगे वीडियो में मौलाना ने प्रधानमंत्री मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि बद्रीनाथ धाम को मुस्लिमों के हवाले कर दिया जाए। वो मुसलमानों का धार्मिक स्थल है। इसलिए वह मुसलमानों को दिया जाना चाहिए। साथ ही मौलाना ने अपने वीडियो में यह भी कहा कि बद्रीनाथ जल्दी ही मुसलमानों को दिया जाए नहीं तो मुसलमान मार्च करेंगे। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मौलाना कासमी का यह वीडियो साल 2017 का है. उस समय भी यह वीडियो खूब वायरल हुआ था। दोबारा से वीडियो वायरल होने के बाद सहारनपुर के देवबंद के मौलाना के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। बद्रीनाथ धाम को मुस्लिम समुदाय का धार्मिक स्थल बताने पर देहरादून पुलिस ने मौलाना के विरुद्ध धारा 153 सहित कई मामलों में मुकदमा दर्ज किया है। देहरादून के रहने वाले जगदम्बा प्रसाद पंत ने थाना रायपुर में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। 

देहरादून पुलिस ने कहा है कि इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली गई है और वायरल वीडियो को जांच के लिए भी भेजा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट का अनुसार मौलाना कासमी का बद्रीनाथ धाम वाला वीडियो वायरल होने के बाद उसने अपने बयानों को लेकर माफ़ी मांगी थी और इसका वीडियो भी जारी किया था। अब दोबारा से वीडियो के वायरल होने के बाद मौलाना ने फिर से माफ़ी मांगी है।