पेगासस जासूसी कांड पर सियासत गरम है. इस बीच इंफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी (IT) की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी में तकरार बढ़ गई है. इस समिति के चेयरमैन शशि थरूर हैं और उनके खिलाफ बीजेपी सांसदों ने मोर्चा खोल दिया है.
बीजेपी सांसदों ने समिति की कार्यवाही की गोपनीयता के कथित उल्लंघन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है. उन्होंने शशि थरूर के पद पर बने रहने पर अपना 'अविश्वास' प्रदर्शित किया है. साथ ही उन्हें हटाने की मांग की है.
वहीं, शशि थरूर ने उन तीन मंत्रालयों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो 28 जुलाई को पैनल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. शशि थरूर ने कहा कि बैठक में शामिल होने से अंतिम समय में इनकार करना सदन की अवमानना के बराबर है. अधिकारियों ने बैठक से कुछ मिनट पहले पैनल सचिवालय को दी सूचना थी.
जानकारी के मुताबिक, 28 जुलाई को तीनों केंद्रीय मंत्रालयों से कोई अधिकारी कमेटी के सामने नहीं आया. तीनों मंत्रालयों ने कह दिया कि उनके अधिकारी दूसरे काम में बिजी हैं. इस बैठक में बीजेपी और सहयोगी पार्टियों के 11 सांसद पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अटेंडेंस नहीं लगाई. ऐसे में उनके बैठे रहने के बावजूद कोरम पूरा नहीं हो सका.
वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था. दुबे का कहना था कि समिति के सदस्यों की सहमति से एजेंडा तय किया जाना चाहिए, लेकिन शशि थरूर खुद एजेंडा तय करते हैं. साथ ही एजेंडा सदस्यों को एडवांस में मिलना चाहिए, लेकिन नहीं दिया गया. बता दें कि थरूर ने जो बैठक बुलाई थी उसका एजेंडा सिनेमैटोग्राफी संशोधन विधेयक 2021 पर चर्चा करने से जुड़ा था. इस विधेयक को लोकसभा में पास करने की तैयारी है.