पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर थाने में तैनात दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर रोडरेज में एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी और शव को गंग नहर थाने में फेंककर ठिकाने लगा दिया। मृतक युवक की पहचान न्यू कोंडली निवासी अजीत कुमार (28) के तौर पर की गई है। घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो वायरल होने पर वारदात के करीब डेढ महीने बाद 27 जुलाई को जिला पुलिस के अधिकारी हरकत में आए और आरोपी पुलिसकर्मी मोनू सिरोही और उसके एक दोस्त लक्ष्मी नगर निवासी हरीश को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने गुरुवार को बताया कि मोनू सरोही और उसके दोस्त से पूछताछ कर फरार चल रहे अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। साथ ही न्यू अशोक नगर थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार पर भी गाज गिरी है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन पर आरोप है कि पीड़ित परिवार अशोक कुमार की शिकायत पर उन्होंने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही शिकायत दर्ज करने में भी काफी देरी की गई।

जानकारी के मुताबिक अजीत अपने परिवार के साथ बी-ब्लॉक, न्यू कोंडली में रहते थे। परिवार में मां कृष्णा देवी, भाई अशोक और एक बहन नीतू हैं। अजीत कोंडली में सड़क किनारे रेहड़ी पर फल बेचा करते थे। बीती चार जून की रात को अजीत अपने दोस्त अतुल के साथ आईसक्रीम खाने के लिए घर निकले थे। इसी बीच न्यू अशोक नगर थाना क्षेत्र में सफेद रंग की कार के सामने वह आ गए थे। उसके बाद कार में सवार दो लोगों ने उन दोनों को पकड़ लिया। आरोप है कि कार सवार सभी चार लोगों ने दोनों को पकड़कर बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। अतुल तो किसी तरह आरोपियों से छुटकर भाग गया। आरोपियों ने अजीत को सड़क पर बुरी तरह पीटा। इसके बाद उसे जबरन कार में डालकर अपने साथ ले गए। इसके बाद अजीत गायब हो गया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो पास की बिल्डिंग से किसी अज्ञात शख्स ने बना लिया। अजीत के पास मोबाइल फोन नहीं होने की वजह से परिजन जहां-तहां उनकी तलाश करते रहे। वहीं, तीन दिन बाद अतुल ने पूरी बात अजीत के परिजनों को बताई।

उसके बाद परिजन थाने पहुंचे और अपहरण का मामला दर्ज करवाने की गुजारिश पुलिस से की। लेकिन थाने में परिवार कोई सुनने वाला नहीं था। हालांकि, 13 जून को बड़ी मुश्किल से अजीत के गुमशुदगी की शिकायत ले ली गई। पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। वहीं, दूसरी ओर वीडियो बनाने वाले शख्स ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। परिजनों ने वीडियो के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से जांच की गुहार लगाई। अधिकारियों ने युवक का पता किया तो थाने से उसमें कोई कार्रवाई न होने की बात सामने आई। करीब दो माह बाद 27 जुलाई को वीडियो के आधार पर अपहरण का मामला दर्ज कर जांच पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ को सौंप दी गई।

अजीत के गायब होने और पिटाई के वीडियो के आधार पर स्पेशल स्टाफ की टीम ने मामले की जांच की। जांच के दौरान पुलिस को स्विफ्ट कार का नंबर मिला। नंबर बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश का था। उसकी पड़ताल करने पर पता चला कि कार पांडव नगर थाने में तैनात सिपाही मोनू सिरोही की है। स्पेशल स्टाफ ने उससे पूछताछ की तो आरोपी पुलिस टीम को गुमराह करता रहा।

मोनू ने बताया कि अजीत और उसका दोस्त शराब के नशे में था। अजीत और अतुल अचानक उनकी कार के सामने आ गए। कहासुनी में मोनू ने अपने दोस्त विनीत, विकास और हरीश के साथ मिलकर दोनों की पिटाई कर दी। अतुल तो भाग गया। अजीत की पिटाई कर उन्होंने उसे कार से अगवा कर लिया। लेकिन पिटाई से अजीत ने दम तोड़ दिया।