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टोक्यो ओलंपिक

Tokyo Olympics: जल गया था हाथ... पिता नहीं दे रहे थे साथ, मुश्किलों से भरा रहा है पूजा रानी का सफर

Pooja Rani ( Photo-Getty Images)
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भारतीय मुक्केबाज पूजा रानी ने अपने ओलंपिक अभियान की शानदार शुरुआत की है. उन्होंने अपने पहले मुकाबले में जीत हासिल की है. बुधवार को 75 किलो मिडिलवेट कैटेगरी के राउंड-16 मुकाबले में उन्होंने अपने से अल्जीरिया की इचरक चाईब को 5-0 से करारी शिकस्त दी.(Photo-Getty Images)

Pooja Rani
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इस जीत के साथ पूजा रानी ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली. वह मेडल जीतने से एक कदम दूर हैं.  30 साल की पूजा का सामना 31 जुलाई को तीसरी रैंक हासिल चीन की ली कियान से होगा.

Pooja Rani
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पूजा दो बार एशियन चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतने के सफर में इस चीनी मुक्केबाज को हरा चुकी हैं. अगर पूजा ली कियान के खिलाफ जीत दर्ज करती हैं, तो उनका पदक जीतना तय हो जाएगा. (Photo-Getty Images)

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Pooja Rani
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पूजा रानी ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था. इसके साथ ही वह टोक्यो खेलों के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय बॉक्सर बन गई थीं. 

Pooja Rani (Photo-Getty Images)
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चौथी वरीय पूजा ने क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की पॉरनिपा चुटी को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की. हालांकि टूर्नामेंट के सेमीफाइनल पूजा चीनी मुक्केबाज ली कियान से हार गई थीं, जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा.(Photo-Getty Images)

Pooja Rani
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हरियाणा के भिवानी से आने वालीं पूजा रानी का करियर मुश्किलों से भरा रहा है. वह कंधे की चोट से जूझती रहीं, जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था. उनका हाथ भी जल गया था. वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं.

Pooja Rani (Photo-Getty Images)
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पूजा रानी ने एक इंटरव्यू में बताया था, मैं 2016 रियो ओलंपिक में जगह नहीं बना पाई थी. उस समय ऐसा लगा था कि मेरा करियर खत्म हो गया जाएगा और मैं दोबारा रिंग में नहीं उतर पाऊंगी, क्योंकि उसी साल दिवाली के दौरान पटाखे जलाते हुए मेरा दायां हाथ जल गया था, जिससे उबरने में छह महीने लगे और अगले ही साल 2017 में मेरे कंधे में चोट आ गई थी.'(Photo-Getty Images)

Pooja Rani
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उनके पिता पुलिस अधिकारी हैं, जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिए ही है. उन्होंने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा था, ‘मार लग जाएगी. मेरे पिता ने यही कहा था. उन्होंने कहा था कि यह खेल मेरे लिए नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी केवल आक्रामक (गुस्सैल) लोग ही करते हैं.’

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