ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। कांग्रेस छोड़ने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर भी राहुल गांधी के खिलाफ हो गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था। इन चुनावों में सिंधिया के लिए चुनाव प्रचार में उनका बेटा और पत्नी प्रियदर्शनी राजे भी नज़र आई थीं।

पिता के आकस्मिक निधन के बाद आए थे राजनीति में: प्रियदर्शनी आमतौर पर बच्चे और घर पर ही ध्यान देती हैं और राजनीति से दूरी ही बनाकर रखती हैं, लेकिन 2019 में पति के लिए उन्होंने पहली बार प्रचार की कमान अपने हाथ में ली थी। तमाम कोशिशों के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक जीवन के साथ निजी जीवन में प्रियदर्शनी राजे ने उनका बहुत साथ दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया का प्लेन दुर्घटना में आकस्मिक निधन हो गया था।

नेपाल के राजघराने से हैं प्रियदर्शनी की मां: इस दौरान भी प्रियदर्शनी उनके साथ खड़ी रहीं। पिता की मौत के बाद ज्योतिरादिय्य ने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया। दोनों की शादी साल 1994 में हुई थी और उस दौरान प्रियदर्शनी की उम्र महज़ 19 साल थी। गुजरात के बडौदा, गायकवाड़ मराठा राजघराने की राजकुमारी प्रियदर्शिनी सिंधिया के पिता बड़ौदा के आखिरी राजा प्रताप सिंह के पुत्र थे। उनके पिता कुंवर संग्राम सिंह, राजा प्रताप सिंह के तीसरे बेटे थे। प्रियदर्शनी की मां नेपाल राजघराने की राजकुमारी हैं।

20 साल की उम्र में बनी थीं मां: प्रियदर्शनी राजे और ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी। हालांकि उस समय ज्योतिरादित्य अमेरिका में थे और प्रियदर्शनी मुंबई में। दोनों किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली हुए थे। ज्योतिरादित्य ने एक इंटरव्यू में बताया था कि प्रियदर्शनी को देखते ही मुझे लगा था कि वो मेरे लिए बनी हैं। परिवार की इच्छा अनुसार दोनों की शादी हुई और शादी के बाद प्रियदर्शनी कुछ समय के लिए अमेरिका चली गईं क्योंकि ज्योतिरादित्य वहीं रहते थे। प्रियदर्शनी ने बताया इंटरव्यू में बताया था, ‘मेरी उम्र महज़ 20 साल की थी जब मेरे बेटा हुआ था।’