Please enable javascript.Ministry of Home Affairs has appointed senior IPS officer Rakesh Asthana as the new Police Commissioner of Delhi, know who is he: सीबीआई विवाद, चारा घोटाला, राजपूत केस.... हमेशा चर्चा में रहे दिल्ली के नए CP राकेश अस्थाना

सीबीआई विवाद, चारा घोटाला, सुशांत केस.... हमेशा चर्चा में रहे दिल्ली के नए CP राकेश अस्थाना

Edited byअमित शुक्‍ला | नवभारतटाइम्स.कॉम | 28 Jul 2021, 12:09:04 AM

राकेश अस्‍थाना 1984 बैच के IPS अफसर हैं। उनकी निगरानी में ही ऐक्‍टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस की जांच शुरू हुई थी। चारा घोटाले की जांच भी उनके नेतृत्‍व में की गई।

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नई दिल्‍ली
दिल्ली पुलिस में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। गृह मंत्रालय ने सीनियर आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को दिल्‍ली का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। 1984 बैच के IPS अफसर राकेश अब तक बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स के डायरेक्टर जनरल थे। उन्हें पुलिस कमिश्नर बनाए जाने के बाद आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल एस.एस. देसवाल को बीएसएफ के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। गुजरात काडर के अफसर अस्थाना को रिटायरमेंट से तीन दिन पहले यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दिया गया है।

राकेश अस्‍थाना काफी तेज-तर्रार ऑफिसर माने जाते हैं। चारा घोटाले से जुड़े मामले की जांच में राकेश अस्थाना की अहम भूमिका रही थी। सीबीआई एसपी रहते हुए चारा घोटाले की जांच उनकी अगुआई में की गई थी। राकेश अस्थाना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी अतिरिक्त प्रभार में भी रहे हैं। उनकी निगरानी में ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस की जांच शुरू हुई थी।

क्‍यों खास है अस्‍थाना की नियुक्ति?
यूटी काडर के एसएन श्रीवास्तव 30 जून को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर पद से रिटायर हुए थे। उनकी जगह बालाजी श्रीवास्तव को यह जिम्मेदारी दी गई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि दिल्ली में 19 साल बाद यूटी काडर से बाहर के किसी अधिकारी को सर्वोच्च पद पर बैठाया गया है। इससे पहले 1966 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय राज शर्मा को यह अवसर मिला था। उत्तर प्रदेश काडर से होने के बावजूद अजय राज शर्मा को जुलाई 1999 में दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाया गया था। वह जून 2002 तक इस पद पर रहे थे।

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कौन हैं अस्‍थाना?
अस्थाना मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं। वह पहले सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर रह चुके हैं। उस समय तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के साथ विवाद के बाद उनका तबादला कर दिया गया था। 9 जुलाई 1961 को जन्मे राकेश अस्थाना सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डायरेक्टर जनरल भी रह चुके हैं। सीबीआई में नियुक्ति के दौरान तत्कालीन डायरेक्टर आलोक वर्मा और उनके बीच हुआ विवाद काफी सुर्खियों में रहा था। तब उन्हें पद से हटाए जाने तक की अटकलें लगाई जा रहीं थीं। दोनों ने भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच में एक दूसरे पर घूसघोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। खास बात यह भी है कि सीबीआई में जाने से पहले आलोक वर्मा खुद भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर रह चुके थे।

कक्षा में अव्वल थे राकेश
राकेश अस्थाना ने बिहार के नेतरहाट विद्यालय (अब झारखंड में) से शुरुआती पढ़ाई की। कक्षा में उन्हें सबसे तेज छात्र माना जाता था। वह सरदार वल्लभभाई पटेल को अपना आदर्श मानते थे। वह जब उच्च शिक्षा के लिए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंचे तब भी उनकी ऐसी ही छवि बनी रही। पहले ही प्रयास में राकेश ने संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली।

इशरत जहां केस में घिरे
इशरत जहां केस में गुजरात काडर के एक और आईपीएस अफसर सतीश वर्मा ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि गुजरात सरकार के प्रभाव में कैसे अस्थाना ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए एक फरेंसिक अधिकारी को मजबूर करने की कोशिश की थी। वर्मा अपनी सॉलिड जांच के लिए जाने जाते थे।

आसाराम के बेटे की गिरफ्तारी
जोधपुर पुलिस की ओर से स्वयंभू संत आसाराम बापू को गिरफ्तार करने के बाद चर्चा थी कि उनका बेटा नारायण साईं मानव तस्करी के रैकेट में शामिल है। गुजरात सरकार ने उसे गिरफ्तार करने का फैसला किया और वह अस्थाना थे, जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

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बेटी की शादी के राज्यभर में चर्चे
अस्थाना को 'मैन ऑफ स्टाइल' कहा जाता था। 2016 में वडोदरा में जब उनकी बेटी की शादी हुई, तो पूरे राज्य में इसकी चर्चा हुई। हफ्ते भर चले कार्यक्रम में अस्थाना ने अपने अतिथियों का फाइव-स्टार सत्कार किया। बाद में सबको पता चला कि सभी होटल्स ने अस्थाना और उनके परिवार को मुफ्त सेवाएं दी थीं।

कैसे हुआ उलटफेर?
पिछले महीने 30 जून को ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर एन.एन. श्रीवास्तव रिटायर हुए थे, जो 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। पहले उन्हें भी एक्सटेंशन मिलने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन ऐन मौके पर गृह मंत्रालय ने उनकी जगह 1988 बैच के यूटी काडर के आईपीएस अधिकारी बालाजी श्रीवास्तव को पुलिस कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया। बालाजी उस वक्त दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग के स्पेशल कमिश्नर थे।

उनकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे थे, क्योंकि 1987 बैच के दो सर्विंग सीनियर आईपीएस अफसरों ताज हसन और सत्येंद्र गर्ग में से किसी को चुनने के बजाय इनसे एक बैच जूनियर अफसर बालाजी श्रीवास्तव को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन एस.एन. श्रीवास्तव को भी शुरुआत में अतिरिक्त चार्ज दिया गया था और एक साल बाद जाकर उनकी फुल टाइम नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी। ऐसे में माना जा रहा था कि बालाजी श्रीवास्तव को भी देर सवेर फुल टाइम नियुक्ति मिल जाएगी। लेकिन, चार्ज लेने के 26 दिन बाद ही उन्हें हटाकर राकेश अस्थाना को कमिश्नर बनाए जाने से हर कोई हैरान है।
अमित शुक्‍ला
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अमित शुक्‍ला
पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।... और पढ़ें
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