कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद अब बासवराज बोम्मई ने नए मुख्यमंत्री के रूप में सपथ ले ली है। राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने उन्हें शपथ दिलाई। खुद येदियुरप्पा ने ही उनके नाम का प्रस्ताव रखा था। वह लिंगायत समुदाय से आते हैं। वह बीएस युदियुरप्पा के करीबी रहे हैं और उनकी सरकार में गृह मंत्री थे।

बासवराज कर्नाटक के पूर्व सीएम एस.आर. बोम्बई के बेटे हैं। भारतीय राजव्यवस्था में एस.आर. बोम्मई केस ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग को बोम्मई बनाम केंद्र के केस में रोक दिया था। असम के मुख्यमंत्री के बाद वह दूसरे हैं जो कि भाजपा के लिए ‘बाहरी’ कहे जा सकते हैं। उनका ताल्लुक जनता परिवार से रहा है।

61 साल के बासवराज बोम्मई पेशे से इंजिनियर रहे हैं। वह टाटा ग्रुप में मकैनिकल इंजिनयर रह चुके हैं। वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक र हे हैं। बासवराज पहले जनता दल सेक्युलर में हुआ करते थे लेकिन 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। यह भी बताया जाता है कि वह गृह मंत्री अमित शाह के भी बेहद करीबी हैं। भाजपा में आने से पहले वह जनता दल सेक्युलर से विधायक थे। यह भी बता दें कि उनका आरएसएस से कोई संबंध नहीं है।

विधायक दल की बैठक में येदियुरप्पा ने ही बासवराज के नाम का प्रस्ताव रखा और गोविंद करजोल ने इसका समर्थन किया। इसके बाद विधायकों ने भी सहमति जताई। जी किशन रेड्डी और धर्मेंद्र प्रधान पर्यवेक्षक के रूप में कर्नाटक पहुंचे हुए थे। जब बासवराज विधायक दल के नेता चुन लिए गए तो उन्होंने बीएस येदियुरप्पा के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया।

बता दें कि बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा किया है। उन्होंने सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित किए गए समारोह में ही पद त्यागने की घोषणा कर दी थी। उसके बाद राज्यपाल थावरचंद गहलोत को इस्तीफा भी सौंप दिया।

यह भी रोचक है कि कर्नाटक में अब तक 22 में से केवल तीन ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं। येदियुरप्पा भी चार बार अलग-अलग कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य में ऐसे 9 मौकों पर मुख्यमंत्री रहे हैं जो कि एक साल का भी कार्यकाल नहीं पूरा कर पाए।