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- Aaj Ka Jeevan Mantra By Pandit Vijayshankar Mehta, Story Of Jawaharlal Nehru, Prerak Prasang
आज का जीवन मंत्र:जितनी अच्छी बातें हम करते हैं, ठीक वैसा ही हमारा आचरण भी होना चाहिए
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कहानी - जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू का स्वभाव बहुत सख्त था। वे अनुशासन प्रिय थे और आजादी की लड़ाई में सक्रिय भी थे। जवाहर उस समय छोटे थे। युवा जवाहर पर पिता की गतिविधियों का असर भी था।
जवाहर ये देखते थे कि मेरे पिता भारत को आजाद कराना चाहते हैं। एक दिन ऐसी घटना घटी कि मोतीलाल जी जवाहर पर नाराज तो हुए, लेकिन अपने बेटे का उत्तर सुनकर चुप भी हो गए थे।
मोतीलाल जी ने एक तोता पाल रखा था। वह तोता मोतीलाल जी को बहुत प्रिय था। वे आते-जाते उस तोते से बात भी किया करते थे। एक दिन वे बाहर से घर आए तो उन्होंने देखा कि पिंजरा खाली है, तोता उड़ चुका है। उन्होंने कर्मचारी से पूछा तो उसने डरते हुए बताया कि इस तोते को जवाहर ने उड़ा दिया है।
इस काम के बाद जवाहर भी डरे हुए थे। मोतीलाल जी ने कड़क आवाज में जवाहर से पूछा, 'तुमने तोता क्यों उड़ा दिया?'
हिम्मत करके जवाहर बोले, 'आप आजादी की बातें करते हैं, आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, आपके विचारों में, आपके व्याख्यानों में आजादी की बात आती है और आपने एक तोते को गुलाम बना रखा है। मैंने आप की ही बात से प्रभावित होकर तोते को आजाद कर दिया।'
मोतीलाल नेहरू चुप हो गए और अपने बेटे के सिर पर हाथ रखकर बोले, 'जवाहर आज तुमने इस घटना से मेरी आंखें खोल दी हैं। जैसा कहा जाए, वैसा आचरण भी किया जाना चाहिए।'
सीख - अगर हम किसी को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो वो अच्छी बातें हमें भी अपने जीवन में उतारनी चाहिए। हम कुछ अच्छा कह रहे हैं, कुछ अच्छा कर रहे हैं तो वैसा ही आचरण निजी जीवन में भी होना चाहिए।
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