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किन्नौर हादसे में घायल की दास्तां:पत्थर गिरते देख लगाई गाड़ी से छलांग, जान बचाने को 300 मीटर दौड़ने के बाद ली पेड़ की ओट, यकीन नहीं हो रहा-जिंदा हूं

दिग्विजय मिश्रा/चंडीगढ़3 वर्ष पहले
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किन्नौर में लैंड स्लाइडिंग की घटना में घायल हुए युवक का इलाज करती डॉक्टर्स टीम। - Dainik Bhaskar
किन्नौर में लैंड स्लाइडिंग की घटना में घायल हुए युवक का इलाज करती डॉक्टर्स टीम।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में रविवार दोपहर हुई लैंड स्लाइडिंग में घायल हुए 3 लोगों में शामिल नवीन भारद्वाज मोहाली के पास खरड़ के रहने वाले हैं। 37 साल के नवीन पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्हें पहाड़ों में घूमने का शौक है। किन्नौर हादसे की जानकारी मिलने के बाद दैनिक भास्कर के रिपोर्टर जब खरड़ में नवीन भारद्वाज के घर पहुंचे तो वहां उनके पिता बलबीर सिंह मौजूद थे।

किन्नौर में हुई लैंड स्लाइडिंग में घायल हुए खरड़ के नवीन भारद्वाज के पिता बलबीर सिंह हादसे के बारे में बताते हुए।
किन्नौर में हुई लैंड स्लाइडिंग में घायल हुए खरड़ के नवीन भारद्वाज के पिता बलबीर सिंह हादसे के बारे में बताते हुए।

बलबीर सिंह ने बताया कि उनका बेटा दिल्ली की एक कंपनी में जॉब करता है। कोरोना की वजह से कई महीनों से ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहा था। लॉकडाउन की वजह से नवीन कई महीनों से कहीं घूमने नहीं जा पाया था। इसलिए जैसे ही कोरोना गाइडलाइंस में ढील मिली, उसने किन्नौर और लाहौल स्पीति के इस ट्रिप की ऑनलाइन बुकिंग कर ली। इस ट्रिप के लिए टैंपो ट्रैवलर दिल्ली से बुक किया गया था और उसमें कुल 12 लोग सवार थे, जो अलग-अलग राज्यों से थे। ट्रिप पर गए ज्यादातर लोग एक-दूसरे के लिए अनजान थे। नवीन शुक्रवार को ही मोहाली से इस टैंपो ट्रैवलर में चढ़ा था।

हादसे में घायल युवक को अस्पताल ले जाते पुलिस वाले।
हादसे में घायल युवक को अस्पताल ले जाते पुलिस वाले।

बलबीर सिंह ने बताया कि लाहौल-स्पीति जा रहा टैंपो ट्रैवलर रविवार दोपहर जैसे ही किन्नौर के बटसेरी में पहुंचा, अचानक भूस्खलन शुरू हो गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पहाड़ से बड़े-बड़े तीन-चार पत्थर टैंपो ट्रैवलर पर आ गिरे। टैंपो ट्रैवलर ने हादसे से चंद मिनट पहले ही वो पुल क्रॉस किया था जो लैंड स्लाइडिंग के दौरान पत्थर गिरने से टूट गया। बड़े-बड़े पत्थरों की वजह से टैंपो ट्रैवलर बुरी तरह पिचक गया और उसमें सवार 9 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। नवीन और वेस्ट दिल्ली के शिरिल ऑबरोय बुरी तरह जख्मी हो गए। सड़क से गुजर रहा किन्नौर का रणजीत सिंह भी पत्थरों की चपेट में आकर घायल हो गया।

तीन सौ मीटर भागकर बचाई जान
रविवार को टीवी पर किन्नौर में हुए हादसे से जुड़ी खबरें देखकर बलबीर सिंह ने अपने बेटे नवीन को फोन किया, तो उसने बताया कि हादसे का शिकार हुआ टैंपो ट्रैवलर उन्हीं का है। बलबीर सिंह के अनुसार, ‘नवीन ने फोन पर उन्हें बताया कि पुल के दूसरी तरफ मौजूद लोगों ने लैंड स्लाइडिंग होती देखकर चिल्लाना शुरू किया, तो उसने पहाड़ी के ऊपर की तरफ देखा। ऊपर से बड़े-बड़े पत्थर आते देखकर उसने टैंपो ट्रैवलर से छलांग लगाई और सड़क पर दौड़ने लगा। लगभग 300 मीटर भागने के बाद उसने एक बड़े से पेड़ की ओट ले ली। उसके देखते ही देखते पत्थरों से उनके टैंपो ट्रैवलर के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार लोगों की वहीं मौत हो गई। एक-दो पत्थर नवीन को भी लगे जिसकी वजह से उसके कान और सिर में हल्की चोटें आईं। नवीन ने उन्हें बताया कि हादसे के बाद उसे यकीन ही नहीं हो रहा कि वह जिंदा बच गया है।’

तीनों घायलों की हालत खतरे से बाहर
भूस्खलन के बाद आस-पास के लोगों और जिला प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया। तीनों घायलों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है। चूंकि नवीन के सिर में चोटें आई हैं, इसलिए उसकी एमआरआई करवाई जाएगी।

नवीन के 3 बेटे, आखिरी क्षणों में लिया अकेले जाने का फैसला
नवीन शादीशुदा है और उसके तीन बेटे हैं। बलबीर सिंह ने बताया कि हादसे के बाद उनका पूरा परिवार सहमा हुआ है। नवीन के बच्चे भी इस ट्रिप पर उसके साथ जाने की जिद कर रहे थे, मगर उन्होंने इजाजत नहीं दी। ऐसे में नवीन को आखिरी क्षणों में अकेले ही ट्रिप पर जाना पड़ा। एक तरह से यह अच्छा ही हुआ कि नवीन पूरे परिवार को लेकर नहीं गया था।

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