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मोदी के मन की बात:PM बोले- भारत जोड़ो अभियान चलाएं; हमें नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है

नई दिल्ली3 वर्ष पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुबह 11 बजे मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। यह इस रेडियो प्रोग्राम का 79वां एपिसोड रहा। मोदी ने रविवार को ओलिंपिक जाने वाले खिलाड़ियों को चीयर करने की बात कही, तो कारगिल के शहीदों को भी याद किया। उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट का नारा भी दिया। साथ ही कहा कि गांधी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर देश के लोग भारत जोड़ो अभियान चलाएं।

कार्यक्रम में मोदी ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु समेत देशभर में इनोवेटिव काम कर रहे लोगों की तारीफ की। वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से हैंडलूम और खादी का इस्तेमाल करने की अपील की। मोदी ने कहा कि जो देश के लिए तिरंगा उठाता है, ऐसे लोगों की देशभक्ति की भावना हमें जोड़ती है। कल कारगिल विजय दिवस भी है। यह भारत की सेना के शौर्य का प्रतीक है। मैं चाहूंगा कि आप कारगिल की गाथा जरूर पढ़ें। वीरों को नमन करें।

ओलिंपिक खिलाड़ियों को चीयर करने लिए के विक्ट्री पंच कैंपेन
मोदी ने कहा, 'दो दिन पहले टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को देखकर देश रोमांचित हो उठा था। पूरे देश ने इनसे कहा कि विजयी भव:।' सोशल मीडिया पर इनके सपोर्ट के लिए विक्ट्री पंच कैंपेन शूरू हो चुका है।

आजादी के 75 साल का साक्षी बनना सौभाग्य की बात
इस साल देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से 'अमृत महोत्सव' की शुरूआत हुई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को पुनर्जीवित किया गया था, तब से जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं।

संस्कृति मंत्रालय के राष्ट्रगान अभियान से जुड़ने की अपील
PM ने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों को याद करते हुए सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये राष्ट्रगान से जुड़ा एक प्रयास है। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है - rashtragaan.in इसकी मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव राजनीतिक कार्यक्रम नहीं
मोदी ने कहा कि 'अमृत महोत्सव' राजनीतिक नहीं, बल्कि सभी भारतवासियों का कार्यक्रम है। ये भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना, उनके सपनों का देश बनाना। जैसे, देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए थे, वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना है।

मोदी ने फिर वोकल फॉर लोकल का नारा दोहराया
उन्होंने कहा कि रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं । इस दिन के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है । ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी जुड़े हुए हैं। आप स्वयं कुछ-न-कुछ खरीदें, और अपनी बात दूसरों को भी बताएं।

खादी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा बिक्री
साल 2014 के बाद से ही 'मन की बात' में हम अक्सर खादी की बात करते हैं। ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। क्या कोई सोच सकता था कि खादी के किसी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो सकती है, लेकिन आपने ये भी कर दिखाया है। मेरा आपसे आग्रह है कि ग्रामीण इलाकों में बन रहे हैंडलूम प्रोडक्ट जरूर खरीदें और उसे #MyHandloomMyPride के साथ शेयर करें।

मणिपुर में सेब उगाने की कोशिश की तारीफ की
मोदी ने कहा कि आपने अंग्रेजी की एक कहावत सुनी होगी- “To Learn is to Grow” यानी सीखना ही आगे बढ़ना है। जब हम कुछ नया सीखते हैं, तो हमारे लिए प्रगति के नए-नए रास्ते खुद-ब-खुद खुल जाते हैं। जब भी कहीं लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास हुआ है, मानवता के लिए नए द्वार खुले हैं, एक नए युग का आरंभ हुआ है। अगर मैं आपसे पूछूं कि वो कौन से राज्य हैं, जिन्हें आप सेब के साथ जोड़ेंगे? तो जाहिर है कि आपके मन में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड का नाम आएगा। पर अगर मैं कहूं कि इसमें आप मणिपुर को भी जोड़ दीजिए तो शायद आप आश्चर्य से भर जाएंगे। कुछ नया करने के जज्बे से भरे युवाओं ने मणिपुर में ये कारनामा कर दिखाया है।

आजकल मणिपुर के उखरु जिले के एरोनॉटिकल इंजीनियर टीएस रिंगफमी अपनी पत्नी टीएस एंजेल के साथ सेब की पैदावार कर रहे हैं। इसी तरह, आउग्सी शिमरे ऑगस्टिना ने भी अपने बागान में सेब का उत्पादन किया है। अवुन्गशी दिल्ली में जॉब करती थीं। ये छोड़ कर वो अपने गांव लौट गईं और सेब की खेती शुरू की। इसी तरह त्रिपुरा के उनाकोटी के 32 साल के मेरे युवा साथी हैं बिक्रमजीत चकमा। उन्होंने बेर की खेती की शुरुआत कर काफी मुनाफा भी कमाया है। वे लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।

गांधी के भारत छोड़ो की तर्ज पर भारत जोड़ो अभियान चले
बात जब आजादी के आंदोलन और खादी की हो तो पूज्य बापू का स्मरण होना स्वाभाविक है। जैसे बापू के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है। नेशन फस्ट, ऑलवेज फस्ट के मंत्र के साथ ही हमें आगे बढ़ना है।

मन की बात के लिए सुझाव भेजने वाले 75% लोग 35 साल से कम उम्र के
कुछ दिन पहले ही MyGov की ओर से मन की बात के श्रोताओं को लेकर एक स्टडी की गई। इस स्टडी में ये देखा गया कि मन की बात के लिए सन्देश और सुझाव भेजने वालों में प्रमुख रूप से कौन लोग हैं। स्टडी के बाद ये जानकारी सामने आई कि संदेश और सुझाव भेजने वालों में से करीब-करीब 75 प्रतिशत लोग, 35 वर्ष की आयु से कम के होते हैं यानी भारत की युवा शक्ति के सुझाव मन की बात को दिशा दे रहे हैं।

मन की बात का कैरेक्टर कलेक्टिव और पॉजिटिव
मन की बात में हम पॉजिटिव बातें करते हैं, इसका कैरेक्टर कलेक्टिव है। सकारात्मक विचारों और सुझावों के लिए भारत के युवाओं की ये सक्रियता मुझे आनंदित करती है। आप लोगों से मिले सुझाव ही 'मन की बात' की असली ताकत हैं। आप कई तरह के विचार भेजते हैं। हम सभी पर तो चर्चा नहीं कर पाते हैं, लेकिन उनमें से बहुत से आइडियाज को मैं संबंधित विभागों को जरूर भेजता हूं, ताकि उन पर आगे काम किया जा सके।

आंध्र के साई प्रनीथ और ओडिशा के ईसाक मुंडा की तारीफ
मोदी ने कहा कि मैं आपको साई प्रनीथ जी के प्रयासों के बारे में बताना चाहता हूं। साई प्रनीथ जी, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। पिछले वर्ष उन्होंने देखा कि उनके यहां मौसम की मार की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। मौसम विज्ञान में उनकी दिलचस्पी बरसों से थी। इसलिए अब वे अलग-अलग डेटा सोर्सेज से वेदर डेटा खरीदते हैं, उसका विश्लेषण करते हैं और स्थानीय भाषा में अलग-अलग माध्यमों से किसानों के पास जरूरी जानकारी पहुंचाते हैं।

इसी तरह ओडिशा के संबलपुर जिले के गांव में रहने वाले ईसाक मुंडा जी कभी एक दिहाड़ी मजदूर थे, अब वे एक इंटरनेट सेंसेशन बन गए हैं। अपने यूट्यूब चैनल से काफी पैसे कमा रहे हैं। वे अपने वीडियोज में स्थानीय व्यंजन, पारंपरिक खाना बनाने के तरीके, अपने गांव, अपनी लाइफ स्टाइल, परिवार और खान-पान की आदतों को दिखाते हैं।

मद्रास के 3D प्रिंटेड हाउस को बड़ा इनोवेशन बताया
प्रधानमंत्री ने कहा कि IIT मद्रास के एलुमनी ने एक 3D प्रिटेंड हाउस बनाया है। 3D प्रिटिंग करके घर का निर्माण, आखिर ये हुआ कैसे ? दरअसल इस स्टार्टअप ने सबसे पहले 3D प्रिंटर में एक, 3 डाइमेंशन डिजाइन फीड किया और एक विशेष प्रकार के कॉन्क्रीट से लेयर बाइ लेयर 3D स्ट्रक्चर फैब्रिकेट कर दिया। एक समय छोटे-छोटे कंस्ट्रक्शन के काम में भी वर्षों लग जाते थे, लेकिन आज भारत में स्थिति बदल रही है। कुछ समय पहले हमने दुनियाभर की इनोवेटिव कंपनियों को ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज लॉन्च में आमंत्रित किया।

ये देश में अपनी तरह का अलग तरह का अनोखा प्रयास है, इसलिए हमने इन्हें लाइट हाउस प्रोजेक्ट का नाम दिया। फिलहाल देश में 6 अलग-अलग जगहों पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है। इन लाइट हाउस प्रोजेक्ट में मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इनोवेटिव तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे निर्माण का समय कम हो जाता है। साथ ही, जो घर बनते हैं वो अधिक टिकाऊ, किफायती और आरामदायक होते हैं। मैंने हाल ही में ड्रोन के जरिए इन प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की और कार्य की प्रगति को लाइव देखा।

लखीमपुर खीरी में केले से फाइबर बनाने के काम का भी जिक्र
मोदी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में महिलाएं केले के बेकार तनों से बनाना फाइबर बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं। ये जूट या सन की तरह होता है। इस फाइबर से हैंडबैग, चटाई, दरी, कितनी ही चीजें बनाई जाती हैं। इससे फसल के कचरे का इस्तेमाल भी हो जाता है। इससे हमारी बहनों बेटियों को आय का साधन मिला है।

इस काम से एक स्थानीय महिला को चार सौ से छह सौ रुपए प्रतिदिन की कमाई हो जाती है। लखीमपुर खीरी में सैकड़ों एकड़ जमीन पर केले की खेती होती है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ और दक्षिण कन्नड़ जिलों में महिलाएं केले के आटे से डोसा और गुलाब जामुन जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बना रही हैं। इन महिलाओं ने न सिर्फ केले के आटे से डोसा, गुलाब जामुन जैसी चीजें बनाई बल्कि इनकी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। इसकी मांग भी बढ़ी है।

वैक्सीनेशन कराने पर मुफ्त छोले-भटूरे खिलाने वाले स्टॉल की तारीफ
प्रधानमंत्री ने वैक्सीनेशन कराने वालों को मुफ्त में छोले-भटूरे खिलाने वाले चंडीगढ़ के संजय राणा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सेक्टर 29 में रहने वाले राणा जी साईकिल पर छोले-भटूरे बेचते हैं। उनकी बेटी रिद्धिमा और भतीजी रिया ने उनसे कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों को फ्री में छोले-भटूरे खिलाने को कहा। वे इसके लिए खुशी-खुशी तैयार हो गए। संजय राणा जी के छोले-भटूरे मुफ़्त में खाने के लिए आपको दिखाना पड़ेगा कि आपने उसी दिन वैक्सीन लगवाई है।

तमिलनाडु के नीलगिरि में AmbuRx प्रोजेक्ट की चर्चा की
तमिलनाडु के नीलगिरि में राधिका शास्त्री जी ने AmbuRx प्रोजेक्ट की शुरूआत की है। इसका मकसद है-पहाड़ी इलाकों में मरीजों को इलाज के लिए आसान ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराना। राधिका कून्नूर में एक कैफे चलाती हैं। उन्होंने अपने कैफे के साथियों से फंड जुटाया। नीलगिरी पहाड़ियों पर आज 6 AmbuRx सेवारत हैं और दूरदराज के हिस्सों में इमरजेंसी के समय मरीजों के काम आ रही हैं।

प्रोग्राम से रेडियो की पॉपुलैरिटी बढ़ी
PM ने कहा कि केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 19 जुलाई को राज्यसभा में बताया था कि प्रसार भारती ने अब तक अपने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मन की बात प्रोग्राम के 78 एपिसोड प्रसारित किए हैं। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से 2020 के दौरान रेडियो प्रोग्राम के दर्शकों की कुल संख्या लगभग 6 करोड़ से 14.35 करोड़ तक होने का अनुमान है।

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