दानिश सिद्दीक़ी की मौत के बाद अफ़ग़ानिस्तान में भारतीयों के लिए सरकार की चेतावनी

दानिश सिद्दीक़ी
इमेज कैप्शन, हाल ही में समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फ़ोटोग्राफ़र दानिश सिद्दीकी की अफ़ग़ानिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान मौत हो गई थी

अफ़ग़ानिस्तान के कुछ प्रांतों में सुरक्षा परिस्थितियों की ख़तरनाक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने वहाँ रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक बार फिर से सुरक्षा चेतावनी जारी की है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि चरमपंथी संगठन अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं और आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. भारतीय नागरिक इसमें अपवाद नहीं हैं और उनके अगवा किए जाने का गंभीर ख़तरा है.

शनिवार को भारतीय नागरिकों के लिए फिर से जारी की गई सुरक्षा एडवाइजरी में कहा गया है, "29 जून को जारी की गई सुरक्षा एडवाइजरी भारतीय नागरिकों के लिए अभी भी लागू है."

"सड़क पर आम लोगों की गाड़ियों को निशाना बनाकर किए जा रहे आईडी धमाकों की घटनाएं हुई हैं. इसलिए गाड़ी से कहीं आते-जाते वक़्त सभी किस्म के एहतियात बरते जाने चाहिए."

"अफ़ग़ानिस्तान में रहने वाले और काम करने वाले सभी भारतीय नागरिकों को ये चेतावनी दी जाती है कि वे दफ़्तर, रिहाइशी की जगह और कहीं आने-जाने के क्रम में पूरी तरह से चौकस रहें. ये सलाह दी जाती है कि सभी तरह की ग़ैर-ज़रूरी गतिविधियों को नज़रअंदाज़ करें."

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एडवाइज़री में मीडिया के लिए सलाह

हाल ही में समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फ़ोटोग्राफ़र दानिश सिद्दीकी की अफ़ग़ानिस्तान में रिपोर्टिंग के दौरान मौत हो गई थी. तालिबान के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ के वक़्त दानिश अफ़ग़ान सुरक्षा बलों के साथ रिपोर्टिंग कर रहे थे.

मीडिया के लिए एडवाइजरी में कहा गया है, "ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए अफ़ग़ानिस्तान जाने वाले भारतीय मीडिया के सदस्यों को विशेष रूप से इस ओर ध्यान दिलाया जाता है. हाल की दुखद घटनाओं को देखते हुए ये ज़रूरी हो गया है कि ग्राउंड पर रिपोर्टिंग कर रहे सभी भारतीय मीडिया कर्मी काबुल दूतावास के पब्लिक अफेयर्स एंड सिक्यॉरिटी विंग से संपर्क करें. वहाँ उन्हें उनकी यात्रा की जगहों के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी. इससे न केवल भारतीय मीडिया कर्मियों को ख़तरे का आकलन करने में मदद मिलेगी बल्कि ज़रूरत पड़ने पर दूतावास भी उन्हें फौरी मदद मुहैया करा सकेगा."

इसके अलावा भारत के विदेश मंत्रालय ने अफ़ग़ानिस्तान में काम कर रही भारतीय कंपनियों को कहा है कि प्रोजेक्ट वाली जगहों पर भारतीय कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए विशेष सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं.

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अशरफ़ गनी का बयान

अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी ने शुक्रवार को अमेरिका और अफ़ग़ानिस्तान के संबंधों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से शुक्रवार को फोन पर बात की. अशरफ़ गनी ने बताया कि फ़ोन पर हुई इस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने यह भरोसा दिलाया कि अमेरिका अफ़ग़ान नेशनल डिफ़ेंस एंड सिक्योरिटी फ़ोर्स (एएनडीएसएफ़) का समर्थन जारी रखेगा.

ट्विटर पर गनी ने लिखा है कि हमें विश्वास है कि एएनडीएसएफ़ अफ़ग़ानिस्तान की रक्षा करने में सक्षम है. गनी के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अफ़ग़ान लोग अमन, शांति और सुरक्षा के लिए एकजुट हों. दोनों देशों के बीच स्थापित पुराने रिश्ते वैसे ही बने रहें. राजनयिक और आर्थिक साझेदारी भी बनी रहे. साथ ही पिछले 20 सालों में जो दोनों देशों ने मिलकर हासिल किया, उसे संरक्षित रखा जाये.

व्हाइट हाउस ने भी दोनों नेताओं की बातचीत के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति जो बाइडन और अशरफ़ गनी के बीच एक स्थायी द्विपक्षीय साझेदारी बनाये रखने को लेकर बात हुई. बयान में कहा गया है कि जो बाइडन ने महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यकों सहित अफ़ग़ान लोगों के लिए विकास और मानवीय सहायता सहित अमेरिकी समर्थन बनाये रखने पर ज़ोर दिया.

बयान में ये भी कहा गया है कि बाइडन और गनी इस बात पर सहमत हुए कि तालिबान का मौजूदा आक्रमण समझौतों के ज़रिये समस्या को हल करने के विपरीत है. जो बाइडन ने इस बात पर भी फिर से ज़ोर दिया कि अमेरिका अफ़ग़ान फ़ोर्स को आत्म-रक्षा के लिए सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है. दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

राष्ट्रपति गनी ने कहा है कि उन्होंने एक नया सिक्यॉरिटी प्लान बनाया है जिसके लागू होने के बाद मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियाँ बदलेंगी. इस नये सिक्योरिटी प्लान के अंतर्गत एएनडीएसएफ़ बड़े शहरों, हवाई अड्डों, हाइवे, सीमा से सटे कस्बों जैसे महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थानों पर सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ायेगी.

पिछले दो महीने में 200 से ज़्यादा ज़िले तालिबान के कब्ज़े में चले गए हैं. इनमें कुछ महत्वपूर्ण सीमावर्ती कस्बे भी शामिल हैं. लेकिन सरकार ने बड़े भरोसे से कहा है कि वो इन इलाक़ों को वापस अपने कब्ज़े में ले लेगी, जिनमें ख़ासतौर पर हेरात और कंधार प्रांत के सीमावर्ती कस्बे शामिल हैं.

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29 जून की एडवाइज़री

अफ़ग़ानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

एडवाइजरी में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे सभी भारतीयों को अपने काम और रहने की जगह और साथ ही कहीं आने-जाने के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर सचेत और सावधान रहने की सलाह दी जाती है.

इसके अलावा वहां रहने वाले भारतीयों को काबुल दूतावास की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी गई है.

एडवाइजरी में कहा गया है, "सभी भारतीय नागरिकों को ये सख्त सलाह दी जाती है कि उन्हें गैर ज़रूरी यात्राओं से बचना चाहिए. दिन के समय कहीं आने जाने से बचा जाना चाहिए."

"सरकारी गाड़ियों, सेना के काफिले, बड़े अफसरों, सुरक्षा एजेंसियों की गाड़ी से फासला बनाकर चलना चाहिए. ये संभावित टारगेट हो सकते हैं. भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों जैसे बाज़ार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रेस्तरां जाने से बचना चाहिए."

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