शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत विपक्ष के जोरदार हंगामे के साथ हुई। सदन में आते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी, वैसे ही विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए और अध्यक्ष के आसन को घेरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों के हाथों में पेगासस और कृषि कानूनों के खिलाफ नारों वाली तख्तियां थी। विपक्ष की मांग थी कि पेगासस मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की जाए। गौरतलब है कि लगातार हो रहे इस हंगामे की वजह से सदन का पूरा सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ गया।

हंगामे के बीच सदन में लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ तो अध्यक्ष ने लोकसभा को पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। जब 12 बजे दोबारा से सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य फिर से वैल में आ गए। विपक्षी सदस्य काले कानून वापस लेने व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसी हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू कर दी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने-अपने मंत्रालयों से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए और विभिन्न सदन समितियों की रिपोर्ट सदन पटल पर पेश की।

बाद में हंगामा शांत न होता देख पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी के आदेश से सदन की कार्यवाही को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसी सप्ताह लोकसभा सत्र की शुरुआत हुई है और पहले ही दिन से सदन में लगातार हंगामा जारी है जबकि सदन के अंदर व बाहर सरकार विपक्ष को उनका पक्ष रखने के लिए पूरा समय देने का आश्वासन दे रही लेकिन अभी भी यह हंगामा थमता नजर नहीं आ रहा है।

मास्क हटाकर नारेबाजी करने पर अध्यक्ष ने टोका : हंगामे के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने अपने मास्क मुंह से हटा दिए थे और वे अध्यक्ष के आसपास के नजदीक जाकर नारेबाजी कर रहे थे। इन सदस्यों पर टिप्पणी करते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आप मास्क निकालकर नारेबाजी कर रहे हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण और टीकाकरण की स्थिति पर बात हो रही है। आप लोगों ने मास्क नहीं लगा रखे हैं। कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। आप जन प्रतिनिधि हैं। अगर आप खुद संक्रमण फैलाएंगे तो फिर क्या संदेश जाएगा।

हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11.15 बजे ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद भी हालात वैसे ही बने रहे और पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवा कर सदन स्थगित कर दिया।