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केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के मवाली वाले बयान पर बोले राकेश टिकैत- हम किसान हैं, गुंडे नहीं

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की टिप्पणी से नाराज भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ भी नहीं है. किसानों पर ऐसी टिप्पणी गलत है. हम किसान हैं, गुंडे नहीं.

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 भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (File-PTI)
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत (File-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ भी नहीं, ऐसी टिप्पणी गलतः राकेश टिकैत
  • अगर हम गुंडे हैं तो हमारे द्वारा उगाए गए अनाज खाना बंद करेंः शिव
  • लेखी के बयान की निंदा करते हुए 'किसान संसद' में एक प्रस्ताव पारित

तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई महीनों से धरने पर बैठे किसानों को लेकर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भड़क गईं और उन्होंने किसानों को मवाली कह दिया जिस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. हम किसान हैं, गुंडे नहीं.

बीजेपी नेता और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की टिप्पणी पर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ भी नहीं है. किसानों पर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है. हम किसान हैं, गुंडे नहीं. किसान जमीन के 'अन्नदाता' हैं.

मीनाक्षी लेखी की टिप्पणी पर निराशा जाहिर करते हुए किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि ऐसी टिप्पणी भारत के 80 करोड़ किसानों का अपमान है. अगर हम गुंडे हैं तो मीनाक्षी लेखी को हमारे द्वारा उगाए गए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए. उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने उनके बयान की निंदा करते हुए 'किसान संसद' में एक प्रस्ताव पारित किया है.

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क्या कहा मीनाक्षी लेखी ने

इससे पहले मीनाक्षी ने कहा कि पहली बात तो आप उन लोगों को किसान कहना बंद कीजिए क्योंकि वे किसान नहीं हैं. किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वो जंतर-मंतर पर धरना देकर बैठें. किसान अपने खेतों में काम कर रहे हैं. ये सिर्फ साजिशकर्ताओं द्वारा भड़काए हुए लोग हैं और ये किसानों के नाम पर ये हरकतें कर रहे हैं.

मीनाक्षी लेखी यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ आढ़तियों द्वारा बैठाए हुए लोग हैं ताकि किसानों को कृषि कानून का फायदा न मिल सके.

जब केंद्रीय मंत्री लेखी से 26 जनवरी को हुई घटना के बावजूद जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आने की इजाजत के बारे में पूछा गया तो वो भड़क गईं. उन्होंने कहा कि फिर आप उन लोगों को किसान बोल रहे हैं. मवाली हैं वो. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो शर्मनाक था और विपक्ष द्वारा ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया गया.

हम यही बोलेंगे कि इसको वोट मत देनाः टिकैत

किसानों की ओर से जंतर-मंतर पर आयोजित 'किसान संसद' से पहले आज सुबह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं और हम पहले भी बात करते रहे हैं. मोदी सरकार किसान हितैषी सरकार है.

आजतक से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए हमेशा शर्त लगा देती है. यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक भारत सरकार बिना शर्तों के बातचीत करने को तैयार नहीं होती.

क्या यूपी चुनाव को प्रभावित करेंगे, इस पर टिकैत ने कहा कि जब हमारी लड़ाई इनसे हो रही है, अगर ये हमारी बात नहीं मानेंगे तो इनके खिलाफ चुनाव को प्रभावित करेंगे. हम यही बोलेंगे कि इसको वोट मत देना. सीधे यही बोलेंगे, हेराफेरी करके नहीं बोलेंगे. गन्ने का हमारा भुगतान है. चार साल से रेट नहीं बढ़ा क्या महंगाई नहीं बढ़ी. यूपी में बिजली सबसे ज्यादा महंगी है. आलू का किसान बर्बाद है.


 

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