तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने मंगलवार को कहा था कि साइप्रस विवाद का तब तक हल नहीं हो सकता जब तक कि ये स्वीकार न किया जाए कि वहाँ दो समुदाय हैं और दो देश हैं.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी
नेता राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि उनके प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर
के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी के मरने का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
टोपे ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्रालय ये कह रहा है कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी
से होने वाली मौतों का कोई ब्यौरा नहीं दिया.
राजेश टोपे ने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि प्रदेश के किसी भी अस्पताल
में किसी कोविड-19 के मरीज़ की मृत्यु ऑक्सीजन की कमी से हुई. हमारे पास ऐसे किसी
केस का कोई ब्यौरा नहीं है और ना ही हमने इस बात को मानते हुए कोई बयान दिया है.
बल्कि मरीज़ों की मृत्यु को-मॉरबिटीज़ या दूसरी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से
हुई.”
टोपे के इस बयान के बावजूद, नासिक के डॉक्टर ज़ाक़िर
हुसैन अस्पताल में अप्रैल महीने में 24 मरीज़ों की जान ऑक्सीजन की कमी के चलते तब
हो गई थी, जब एक ऑक्सीजन टैंकर से गैस लीक होने का मामला सामने आया था. उस समय
टोपे ने इस दुर्घटना का ज़िम्मेदार टैंकर में हुई तकनीकी ख़राबी को ठहराया था और लापरवाही
बरते जाने के लिए उच्च-स्तरीय जाँच के आदेश दिये थे.
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मंगलवार को जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से ऑक्सीज़न की कमी से सड़कों और फ़ुटपाथों पर हुई मौतों के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने लिखित जवाब में कहा, “किसी भी राज्य और केंद्र शासित राज्य में ऑक्सीज़न की कमी से एक भी मौत की जानकारी नहीं मिली है.”
हालांकि, ये जवाब सुनकर ज़्यादातर लोग अवाक हैं जिन्होंने अपनों को ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से खोया है, या अपने आस-पास के लोगों की मौत के सामने बेबसी देखी है. मगर सरकार का जवाब स्पष्ट है. उनके मुताबिक़, राज्य सरकारों ने किसी भी मामले में मौत की वजह में 'ऑक्सीजन ना मिलना' नहीं लिखा, इसलिए तकनीकी तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई.
दिलचस्प बात ये है कि महाराष्ट्र सरकार में उनकी साझेदार पार्टी के नेता, शिव सेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत कह रहे हैं कि जिन लोगों ने अपनों को ऑक्सीज़न की कमी से खोया, उन्हें केंद्र सरकार को कोर्ट में घसीटना चाहिए.
उन्होंने कहा कि “कई राज्यों में ऑक्सीजन ना मिलने से लोगों की मौत हुई. क्या उनके परिवार वाले केंद्र सरकार के इस जवाब पर यकीन करेंगे?”
कुछ जानकार डॉक्टरों का कहना है कि जब एक मरीज़ कोविड जैसी बीमारी से मरता है, तो उसकी मौत को कोविड से हुई मौत की श्रेणी में दर्ज किया जाता है, सामान्य तौर पर यह कोई नहीं लिखता कि कोविड के मरीज़ की मौत ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से हुई.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि वह राजदूत वापस बुलाने वाले फैसले की समीक्षा करे.
क़ुरैशी ने भारत का नाम लिए बग़ैर कहा कि दुश्मन काबुल और इस्लामाबाद के बीच रिश्ते ख़राब करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है.
मुल्तान में ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद शाह महमूद क़ुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान एक कठिन दौर से गुज़र रहा था और ऐसे समय में पाकिस्तान से अपने राजदूत को वापस बुला लेना एक उचित फैसला नहीं रहा.
अफ़ग़ानिस्तान ने अपने राजदूत नजीबुल्लाह अलिखिल की बेटी सिलसिला अलिखिल के इस्लामाबाद में कथित अपहरण के बाद राजदूत समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है.
सिलसिला को कथित रूप से काफ़ी देर तक बंधक बनाकर रखा गया, इसके बाद उनके हाथों पर रस्सी के निशान और शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे.
लेकिन पाकिस्तान सरकार का दावा है कि सिलसिला अलिखिल का अपहरण नहीं हुआ था.
इस कथित अपहरण पर क़ुरैशी ने कहा है कि इस मामले में काफ़ी गहन जांच जारी है, 700 घंटों की वीडियो फुटेज़ की समीक्षा की गई है और 250 लोगों से पूछताछ की गई है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ भी छिपाकर नहीं रखा जाएगा लेकिन सच सामने लाने के लिए अफ़ग़ान राजदूत और उनकी बेटी का सहयोग बहुत अहम है.
क़ुरैशी ने ये भी कहा कि दुनिया पाकिस्तान सरकार की अफ़ग़ानिस्तान में शांति कायम करने की कोशिशों को स्वीकार कर रही है. लेकिन भारत इसमें खलल डाल रहा है और क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचा सकता है.
मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा है कि "मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के प्रयासों की दिशा में ये ज़रूरी है कि शहरी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों और वहाँ आने वालों को टीका लगाया जाये."
कोरोना वायरस की वजह से सऊदी अरब में हज यात्रा पर क्या असर पड़ा है, ये देखने के लिए क्लिक करें.
अमरिंदर सिंह पर उनके ही मंत्री ने बोला हमला
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के
ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
रंधावा ने कहा है कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश
रावत और सोनिया गांधी से मुलाक़ात की थी, तो उनके मन में जो कुछ भी था, उन्हें वहाँ स्पष्ट रूप से सारी बातें कहनी चाहिए थीं.
उन्हें कहना चाहिए था कि जब तक
नवजोत सिंह सिद्धू ये काम नहीं करेंगे, मैं नहीं मानूंगा. अब जब वो अध्यक्ष बन गए हैं, तो कांग्रेस पार्टी के अनुशासन का पालन करना होगा.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष
बनने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं.
लेकिन अब तक सिद्धू और कैप्टन
अमरिंदर सिंह के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के
मीडिया सलाहकार रविन ठुकराल ने ट्वीट करके कहा है कि "सिद्धू के मिलने का वक़्त माँगने की ख़बर ग़लत है. उन्होंने अब तक मिलने का समय नहीं माँगा है. बाकी अमरिंदर सिंह अपनी बात पर कायम हैं कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके ख़िलाफ़ किये गये हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से उनसे माफ़ी नहीं माँगते, वो उनसे नहीं मिलेंगे."
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने पूछा, “सिद्धू (मुख्यमंत्री से) माफ़ी क्यों माँगें? ये कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं है. मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों का समाधान नहीं किया है. बल्कि उन्हें इस संबंध में लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए."
रूस का नया लड़ाकू विमान चेकमेट क्या है और क्या भारत इसे ख़रीदेगा?
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मंगलवार को रूस ने अपने नए सुखोई ख़ुफ़िया फ़ाइटर जेट "चेकमेट" का अनावरण राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में एक एयर शो में किया.
इस पाँचवीं पीढ़ी के स्टैल्थ फ़ाइटर जेट के प्रोटोटाइप के बारे में जानकारी मॉस्को के बाहर ज़्हुकोवस्की में आयोजित मैक्स-2021 एयर शो में दी गई.
इस लड़ाकू विमान को अमेरिकी स्टैल्थ फ़ाइटर जेट एफ़-35 का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है और रूस इसे दुनिया भर के कई देशों को बेचने की योजना बना रहा है.
चेकमेट को राज्य के स्वामित्व वाली सैन्य निर्यात दिग्गज कंपनी रोस्टेक और यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है.
रूस की सरकार की मंशा इस विमान को निर्यात के लिए बनाने की ही लगती है.
कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने कहा है कि वो कल से दिल्ली में संसद के पास अपनी अलग संसद लगाएँगे.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि कल 200 लोग 4-5 बसों में सिंघु बोर्डर से दिल्ली के लिए निकलेंगे.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों से हमारे लोग सिंघु बोर्डर पर जमा होंगे और वहाँ से जंतर मंतर के लिए रवाना होंगे. हम ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक कि मॉनसून सत्र चलता रहेगा."
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने एएनआई से कहा, "कल किसानों की संसद लगेगी, किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी. शाम 5 बजे तक संसद चलेगी. इसके अगले दिन फिर 200 लोग संसद जाएंगे. जाने दिया तो संसद लगाएंगे, गिरफ़्तार किया तो ज़ेल जाएंगे."
एएनआई के अनुसार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किसानों को 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. इस दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
बुधवार को आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता ओमप्रकाश चौटाला का भी साथ मिला.
सिंघु बोर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से मिलने के बाद चौटाला ने कहा," कल 22 तारीख को विपक्ष के संसद सदस्य संसद का घेराव करेंगे, धरना देंगे और इकट्ठे होकर संसद में जाएंगे और काले कानून का विरोध करेंगे. ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि सरकार को मजबूर होकर कानून वापस लेने पड़ेंगे."
आंदोलनकारी किसानों ने किसान संसद का एलान काफ़ी पहले कर दिया था और कहा था कि दिल्ली जाने वाले किसानों के पास पहचान पत्र होगा और वो पुलिस की सुरक्षा में जाएँगे,
इस साल 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली में लाल क़िले पर जाकर विरोध करने के दौरान हिंसा हुई थी जिसे देखते हुए पुलिस इस बार सतर्क है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई से कहा, "हमने पर्याप्त बंदोबस्त किए हुए हैं, ड्रोन की मदद से ऊपर से नज़र रखी जा रही है और एक दंगा-विरोधी दस्ता भी तैयार रखा गया है."
पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया है कि वरिष्ठ अधिकारी किसान नेताओं से बात कर रहे हैं ताकि सबकुछ शांतिपूर्ण रहे और क़ानून-व्यवस्था का संकट ना पैदा हो.
भारत और पाकिस्तान के सैनिकों ने ईद पर एक-दूसरे को खिलाई मिठाइयाँ
भारत और पाकिस्तान की सरहद पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बकरीद पर एक-दूसरे को मिठाइयाँ देकर शुभकामनाएँ दीं.
जम्मू-कश्मीर में पुँछ ज़िले में नियंत्रण रेखा पर पुँछ रावलकोट और मेंढर-हॉटस्प्रिंग चौकियों पर दोनों देशों के सैनिकों ने मिठाइयाँ बाँटीं.
अधिकारियों ने बताया कि ये मौक़ा दोनों देशों में युद्धविराम के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने का एक प्रयास माना जा रहा है और दोनों देशों की सेनाओ ने इसकी सराहना की.
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ़ और पाकिस्तान रेंजर्स के सुरक्षाबलों ने भी एक-दूसरे को मिठाइयाँ बाँटीं.
दोनों देशों के बीच 2019 के पुलवामा हमले के बाद पहली बार इस तरह से सरहद पर मिठाइयाँ बाँटी गई हैं.
भारत और पाकिस्तान ने इस वर्ष 25 फ़रवरी को एक संयुक्त घोषणापत्र जारी कर नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम की घोषणा की थी.
दोनों देशों के बीच इससे पहले 2003 में भी संघर्षविराम पर सहमति हुई थी मगर बार-बार इसका उल्लंघन होता रहा और दोनों तरफ़ जवानों और आम नागरिकों की जान गई.
सऊदी अरब ने 63 पाकिस्तानी क़ैदियों को रिहा किया, ईद पर पहुँचे घर
सऊदी अरब की सरकार
ने ईद के मौक़े पर 63 पाकिस्तानी क़ैदियों
को रिहा किया है. ये अलग-अलग अपराध के मामलों में बंद थे. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री के विशेष आग्रह पर सऊदी अरब ने ऐसा किया है.
सऊदी की कई जेलों
से रिहाई के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इन्हें पाकिस्तान लाने की व्यवस्था की.
ये पाकिस्तानी क़ैदी मंगलवार दोपहर बाद इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचे.
20 जुलाई को पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, ''मेरे निर्देश पर सऊदी अरब से 62 पाकिस्तानी क़ैदियों को वापस लाने के लिए पैसे की
व्यवस्था कर दी गई है. ये सभी ईद के मौक़े पर अपने परिवार वालों के साथ होंगे. विदेशों
में बंद पाकिस्तानी क़ैदियों को मदद करना मेरी सरकार की प्रतिबद्धता है.''
इमरान ख़ान की सत्ताधारी
पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ ने क़ैदियों के पाकिस्तान आने की फोटो ट्विटर पर पोस्ट
की है.
ओवरसीज़ पाकिस्तानी
फाउंडेशन (ओपीएफ़) के महाप्रबंधक डॉ आमेर शेख ने इन क़ैदियों की आगवानी की. ओपीएफ़
के अनुसार इन्हें ड्रग के मामले में पकड़ा गया था. 10 मई को पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा था कि 1,100 पाकिस्तानी क़ैदियों को वापस लाया जाएगा.
रशीद का कहना था कि
ये रिहाई पाकिस्तानी पीएम और सऊदी की सरकार के बीच हुए समझौते के ज़रिए होगी.
रशीद ने कहा था कि
इन क़ैदियों ने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. उन्होंने कहा था कि जिन्हें किसी अपराध में
दोषी नहीं ठहाराया गया है, उन्हें वापस लाया
जाएगा. पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा था कि 30 पाकिस्तानी क़ैदियों को मौत की सज़ा मिली है, इसलिए उन्हें वापस नहीं लया जा सकेगा.
किसी मुसलमान को CAA से नुक़सान नहीं होगा- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के मुसलमानों को नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए से कोई नुक़सान नहीं पहुँचेगा.
असम के दो दिन के दौरे पर गए भागवत ने बुधवार को गुवाहाटी में कहा,"CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है. भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा."
भागवत ने गुवाहाटी में एक पुस्तक विमोचन समारोह में अपने भाषण में कहा कि कि नागरिकता क़ानून से पड़ोसी देशों में दमन का शिकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिल सकेगी.
उन्होंने पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए कहा,"1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुसलमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए, ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे."
उन्होंने कहा कि भारत ने अल्पसंख्यकों का हमेशा ख़याल रखा है.
उन्होंने कहा," विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे. हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं, पाकिस्तान ने नहीं किया."
मोहन भागवत ने साथ ही कहा कि सीएए और नागरिकता रजिस्टर एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम से कोई लेना-देना नहीं है और इसे लेकर सांप्रदायिक कहानी कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए रची है.
नागरिकता रजिस्टर की चर्चा करते हुए भागवत ने कहा कि हर देश को ये जानने का अधिकार है कि उसके अपने नागरिक कौन हैं.
उन्होंने कहा,"ये मामला राजनीतिक पाले में है क्योंकि इसमें सरकार संबद्ध है. कुछ लोग इससे राजनीतिक फ़ायदा उठाने के लिए इन दोनों मुद्दों को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं."
आरएसएस प्रमुख असम में इस वर्ष बीजेपी के सत्ता में दोबारा लौटने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा पर पहुँचे हैं.
पेगासस पर मोदी सरकार के हाथ साफ़ तो कोर्ट में बताएँ कि हमने नहीं ख़रीदाः कमलनाथ
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पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस का हमला जारी है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश से करवाने की माँग की है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार कोभोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दाख़िल कर इस मामले में स्थिति साफ़ करनी चाहिए.
कमलनाथ ने कहा,"ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या मोदी जी की सुरक्षा के लिए? अगर सरकार के हाथ साफ हैं तो कोर्ट में एफिडेविट दें कि हमने ये(पेगासस) कभी नहीं खरीदा."
उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसने ये स्पाईवेयर और इसका लाइसेंस इसराइल स्थित कंपनी एनएसओ से नहीं खरीदा.
कमलनाथ ने साथ ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से इस मामले की जाँच करवाने की माँग करते हुए कहा, "इसकी जाँच ऐसे न्यायाधीश से करवानी चाहिए जिनके फ़ोन की जासूसी नहीं हुई हो. उस जज की नियुक्ति विपक्षी दलों की रज़ामंदी से होनी चाहिए. "
कमलनाथ ने ये भी कहा कि फ़्रांस ने इस कथित जासूसी की जाँच करवाने के आदेश दे भी दिए हैं.
रविवार को एक अंतराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने ये रिपोर्ट प्रकाशित कर सनसनी फैला दी थी कि भारत में कई लोगों के फ़ोन नंबरों को शायद इसराइली स्पाइवेयर पेगासस की मदद से हैक किया गया है जिसे केवल सरकारों को ही बेचा जाता है.
इन लोगों में दो वर्तमान मंत्रियों, कई विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, एक मौजूदा जज समेत कई कारोबारियों और कार्यकर्ताओं के नाम शामिल थे.
इन आरोपों को केंद्र सरकार ने ख़ारिज करते हुए कहा है कि इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है.
टोक्यो ओलंपिक रद्द होने की आशंका से आयोजकों ने नहीं किया इनकार
टोक्यो ओलंपिक की आयोजक
समिति ने खेलों के रद्द होने की आशंका से इनकार नहीं किया है.
टोक्यो ओलंपिक के प्रमुख
तोशिरो मुटो ने कहा है कि वो संक्रमण की संख्या पर नज़र रखेंगे और ज़रूरत पड़ी तो
इस बारे में ‘चर्चा’ करेंगे.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में तोशिरो मुटो से पूछा गया कि क्या इस स्टेज पर आकर भी ओलंपिक खेल रद्द किए जा सकते हैं?
इसके जवाब में मुटो ने ओलंपिक रद्द किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया.
उन्होंने कहा, “अगर संक्रमण मामले बढ़ते हैं तो हम चर्चा जारी रखेंगे. इस दौर में आकर हमें सोचना होगा कि अगर मामले बढ़ते हैं तो हम क्या करेंगे.”
हालाँकि मुटो की इन टिप्पणियों के बाद टोक्यो ओलंपिक के प्रवक्ता ने कहा कि ओलंपिक के आयोजक 100 फ़ीसदी सफल खेल कराने पर ध्यान दे रहे हैं.
ओलंपिक खेलों का शुभारंभ 23 जुलाई यानी शुक्रवार को होना है और इससे पहले ओलंपिक से जुड़े 70 से
ज़्यादा लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.
तोशिरो मुटो का बयान उसी
दिन आया है जब इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के अध्यक्ष टॉमस बक ने कहा था कि ओलंपिक
रद्द करना ‘कभी विकल्प नहीं था.’
इस महीने की शुरुआत में
जापान ने ऐलान किया था इस बार ओलंपिक खेल बिना दर्शकों की मौजूदगी में आयोजित
होंगे.
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जापान में लागू है आपातकाल
साल 2020 में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित करना पड़ा था.
ओलंपिक खेलों के 124 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब इसमें देरी हुई है.
ओलंपिक की मेजबानी करने वाले टोक्यो शहर में संक्रमण मामलों में नई तेज़ी देखने को मिल रही है.
मंगलवार को यहाँ 1,387 नए मामले दर्ज किए गए थे. टोक्यो दुनिया का सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर है.
संक्रमण मामलों को देखते हुए जापान में आपातकाल लगाया गया है जो 22 अगस्त तक लागू रहेगा.
ओलंपिक खेल आठ अगस्त को संपन्न होंगे. वहीं, पैरालंपिक खेलों की तारीख़ 24 अगस्त से पाँच सितंबर तक तय की गई है.
कल्याण सिंह की स्थिति गंभीर, लाइफ़ सपोर्ट पर रखे गए
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्थिति गंभीर हो गई है और उन्हें लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.
लखनऊ के संजय गांधी पीजीआईएमएस अस्पताल ने एक बयान में कहा है- "कल्याण सिंह जी की सेहत की स्थिति गंभीर है. उन्हें ट्यूब लगाया गया है और मंगलवार शाम से लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. विशेषज्ञ उनकी सेहत पर बहुत ध्यान से नज़र रखे हुए हैं."
बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अस्पताल जाकर कल्याण सिंह की सेहत के बारे में जानकारी ली.
89 वर्षीय कल्याण सिंह को 4 जुलाई को संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ़ के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
कल्याण सिंह 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे और अगले साल बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
ईरान में लगातार छठी रात पानी को लेकर प्रदर्शन, ख़मेनेई मुर्दाबाद के लग रहे नारे
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ईरान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत ख़ुज़ेस्तान में लगातार छठी रात पानी की क़िल्लत के विरोध में लोगों ने सड़कों पर निकल प्रदर्शन किए. विरोध प्रदर्शन अब दूसरे शहरों में भी शुरू हो गए हैं और इस दौरान हिंसा के भी समाचार आ रहे हैं.
ख़ुज़ेस्तान के पूर्व में इज़ेह शहर में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार 16 साल के एक लड़के की मौत हो गई है.
वहीं ईरान सरकार की क़रीबी मानी जाने वाली समाचार एजेंसी फ़ार्स ने ख़बर दी है कि "दंगाइयों" ने महशह्र शहर में एक पुलिसकर्मी को गोली चलाकर मार डाला और एक अन्य को घायल कर दिया.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में दिखता है कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ आँसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ईरान में तीन दिन पहले भी हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की ख़बर आई थी. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने ख़ुज़ेस्तान के एक अधिकारी के हवाले से कहा था कि उस व्यक्ति को प्रदर्शनकारियों ने ग़लती से गोली मार दी जो हवा में गोलियाँ दाग़ रहे थे.
मगर विपक्षी सूत्रों ने इसके लिए सुरक्षाकर्मियों को ज़िम्मेदार बताया था.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए नए वीडियो और ईरानी मीडिया के अनुसार राजधानी तेहरान में भी लोगों ने सरकार के विरोध में नारे लगाए हैं.
ईरान के कई विरोधी समूहों और कार्यकर्ताओं ने ख़ुज़ेस्तान में जारी विरोध के समर्थन में सभी देशवासियों से प्रदर्शन करने की अपील की थी जिसके बाद कई नए वीडियो सामने आ रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार तेहरान के एक मेट्रो स्टेशन पर कुछ महिलाओं ने "इस्लामिक गणतंत्र हाय-हाय" के नारे लगाए.
वहीं इज़ेह शहर में सुरक्षाबलों से भिड़ते लोगों ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्लाह अली ख़मेनई के विरोध और ईरान के पुराने शासकों के समर्थन में नारे लगाए जिन्हें 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद हटा दिया गया था.
एक वीडियों में दिखता है कि प्रदर्शनकारी "ख़मेनेई मुर्दाबाद" और "रज़ा शाह, रोहत शाह" के नारे लगा रहे हैं.
हालाँकि बीबीसी सोशल मीडिया पर जारी इन सामग्रियों की पुष्टि नहीं कर सकता.
ईरान में इस महीने के आरंभ में बिजली की कमी को लेकर भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्ला अली ख़मेनेई के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी हुई थी.
ईरान में पिछले एक दशक से भी ज़्यादा समय से सूखा पड़ रहा है मगर इस वर्ष स्थिति बहुत गंभीर हो गई है.
ईरान सरकार ने पावरकट के लिए ज़बरदस्त सूखे और बिजली की भारी माँग को ज़िम्मेदार बताया है.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी कह चुके हैं कि सूखे की वजह से देश की ज़्यादातर पनबिजली परियोजनाएँ ठप्प हो गई हैं.
रूस ने पेश किया नया सुखोई फ़ाइटर जेट 'चेकमेट', अमेरिका को देगा टक्कर
रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन
ने एक नए सुखोई फ़ाइटर जेट के मॉडल का मुआयना किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़
यह पाँचवी पीढ़ी का फ़ाइटर जेट है जिसे एक एयरशो में पेश किया गया.
इस युद्धक विमान को ‘चेकमेट’ नाम दिया गया है जिसके
साल 2023 तक उड़ान भरने की उम्मीद जताई जा रही है.
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चेकमेट को ढूँढना आसान नहीं होगा
यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉर्पोरेशन के प्रमुख यूरी स्लाइयूसर ने पत्रकारों से बताया कि अगले 15 वर्षों में रूस की ऐसे 300 फ़ाइटर जेट बनाने की योजना है.
इसे अमेरिका के सबसे आधुनिक F-35 विमानों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
रूस की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी रूस्टेक का कहना है कि दुश्मन के लिए इस प्लेन को ढूँढ पाना आसान नहीं होगा और इसे चलाने की कीमत (ऑपरेटिंग कॉस्ट) भी कम होगी.
कोरोना: 24 घंटे में 42,015 मामले, रिकवरी रेट 97%
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पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 42,015 नए मामले सामने आए हैं
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना से रिकवरी रेट 97 फ़ीसदी से अधिक है. पिछले 24 घंटों में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा (बैकलॉग समेत) 3998 है.
मौतों की कुल संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि महाराष्ट्र ने अपने यहाँ मौतों के आँकड़े में संशोधन किया है.
हालाँकि इस दौरान 36,977 लोग बीमारी से ठीक भी हुए हैं और पॉज़िटिविटी
दर 2.27% दर्ज की गई है जो पिछले एक महीने में सबसे कम
है.
BBCCopyright: BBC
इसी के साथ देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,12,16,337 हो गई है जिनमें से 4,07,170 मामले एक्टिव हैं.
अब तक संक्रमण के कारण कुल 4,18,480 लोगों की मौत हुई है और 3,03,90,687 लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- रजनीश कुमार, सिंधुवासिनी और अपूर्व कृष्ण
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अफ़ग़ानिस्तान की ओर से आई इस तस्वीर पर भड़क गए पाकिस्तानी
अफ़ग़ानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान से जंग में भारत की जीत की एक ऐतिहासिक तस्वीर पोस्ट की है.
और पढ़ेंतुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन की 'साइप्रस योजना' से इसराइल के खड़े हुए कान
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने मंगलवार को कहा था कि साइप्रस विवाद का तब तक हल नहीं हो सकता जब तक कि ये स्वीकार न किया जाए कि वहाँ दो समुदाय हैं और दो देश हैं.
और पढ़ेंभारत को क्या शामिल करने जा रहा रूस? जयशंकर की कोशिश हुई कामयाब?
इससे पहले रूस ने भारत को छोड़ पाकिस्तान और चीन को शामिल किया था लेकिन अब रूस का रुख़ बदलता दिख रहा है. आख़िर क्या है इसके पीछे का कारण?
और पढ़ेंमहाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि उनके प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी के मरने का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
टोपे ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ये कह रहा है कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का कोई ब्यौरा नहीं दिया.
राजेश टोपे ने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि प्रदेश के किसी भी अस्पताल में किसी कोविड-19 के मरीज़ की मृत्यु ऑक्सीजन की कमी से हुई. हमारे पास ऐसे किसी केस का कोई ब्यौरा नहीं है और ना ही हमने इस बात को मानते हुए कोई बयान दिया है. बल्कि मरीज़ों की मृत्यु को-मॉरबिटीज़ या दूसरी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से हुई.”
टोपे के इस बयान के बावजूद, नासिक के डॉक्टर ज़ाक़िर हुसैन अस्पताल में अप्रैल महीने में 24 मरीज़ों की जान ऑक्सीजन की कमी के चलते तब हो गई थी, जब एक ऑक्सीजन टैंकर से गैस लीक होने का मामला सामने आया था. उस समय टोपे ने इस दुर्घटना का ज़िम्मेदार टैंकर में हुई तकनीकी ख़राबी को ठहराया था और लापरवाही बरते जाने के लिए उच्च-स्तरीय जाँच के आदेश दिये थे.
मंगलवार को जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से ऑक्सीज़न की कमी से सड़कों और फ़ुटपाथों पर हुई मौतों के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने लिखित जवाब में कहा, “किसी भी राज्य और केंद्र शासित राज्य में ऑक्सीज़न की कमी से एक भी मौत की जानकारी नहीं मिली है.”
हालांकि, ये जवाब सुनकर ज़्यादातर लोग अवाक हैं जिन्होंने अपनों को ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से खोया है, या अपने आस-पास के लोगों की मौत के सामने बेबसी देखी है. मगर सरकार का जवाब स्पष्ट है. उनके मुताबिक़, राज्य सरकारों ने किसी भी मामले में मौत की वजह में 'ऑक्सीजन ना मिलना' नहीं लिखा, इसलिए तकनीकी तौर पर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई.
दिलचस्प बात ये है कि महाराष्ट्र सरकार में उनकी साझेदार पार्टी के नेता, शिव सेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत कह रहे हैं कि जिन लोगों ने अपनों को ऑक्सीज़न की कमी से खोया, उन्हें केंद्र सरकार को कोर्ट में घसीटना चाहिए.
उन्होंने कहा कि “कई राज्यों में ऑक्सीजन ना मिलने से लोगों की मौत हुई. क्या उनके परिवार वाले केंद्र सरकार के इस जवाब पर यकीन करेंगे?”
कुछ जानकार डॉक्टरों का कहना है कि जब एक मरीज़ कोविड जैसी बीमारी से मरता है, तो उसकी मौत को कोविड से हुई मौत की श्रेणी में दर्ज किया जाता है, सामान्य तौर पर यह कोई नहीं लिखता कि कोविड के मरीज़ की मौत ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से हुई.
पढ़ें बीबीसी की ये रिपोर्ट: महाराष्ट्र में कितनी गंभीर थी ऑक्सीजन संकट की समस्या
अफग़ान राजदूत के वापस जाने से परेशान है पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बुधवार को अफ़ग़ानिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि वह राजदूत वापस बुलाने वाले फैसले की समीक्षा करे.
क़ुरैशी ने भारत का नाम लिए बग़ैर कहा कि दुश्मन काबुल और इस्लामाबाद के बीच रिश्ते ख़राब करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है.
मुल्तान में ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद शाह महमूद क़ुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान एक कठिन दौर से गुज़र रहा था और ऐसे समय में पाकिस्तान से अपने राजदूत को वापस बुला लेना एक उचित फैसला नहीं रहा.
अफ़ग़ानिस्तान ने अपने राजदूत नजीबुल्लाह अलिखिल की बेटी सिलसिला अलिखिल के इस्लामाबाद में कथित अपहरण के बाद राजदूत समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है.
सिलसिला को कथित रूप से काफ़ी देर तक बंधक बनाकर रखा गया, इसके बाद उनके हाथों पर रस्सी के निशान और शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे.
लेकिन पाकिस्तान सरकार का दावा है कि सिलसिला अलिखिल का अपहरण नहीं हुआ था.
इस कथित अपहरण पर क़ुरैशी ने कहा है कि इस मामले में काफ़ी गहन जांच जारी है, 700 घंटों की वीडियो फुटेज़ की समीक्षा की गई है और 250 लोगों से पूछताछ की गई है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ भी छिपाकर नहीं रखा जाएगा लेकिन सच सामने लाने के लिए अफ़ग़ान राजदूत और उनकी बेटी का सहयोग बहुत अहम है.
क़ुरैशी ने ये भी कहा कि दुनिया पाकिस्तान सरकार की अफ़ग़ानिस्तान में शांति कायम करने की कोशिशों को स्वीकार कर रही है. लेकिन भारत इसमें खलल डाल रहा है और क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचा सकता है.
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सऊदी अरब में 1 अगस्त से बिना वैक्सीन लगवाये मॉल या बाज़ार में एंट्री बंद
सऊदी अरब ने आगामी 1 अगस्त से वैक्सीन लगवाये बग़ैर सार्वजनिक जगहों जैसे मॉल, बाज़ार, रिटेल स्टोर आदि में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
सऊदी अरब के नगरपालिका और ग्रामीण मंत्रालय ने मंगलवार यह सूचना जारी की.
इसके साथ ही लोगों को ब्यूटी सलून, शादी एवं पार्टी हॉल, पुरुषों की नाई की दुकानों और रेस्त्राओं में जाने के लिए भी वैक्सीनेशन का सबूत दिखाना होगा.
मंत्रालय ने ट्विटर पर कहा है कि "मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के प्रयासों की दिशा में ये ज़रूरी है कि शहरी प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों और वहाँ आने वालों को टीका लगाया जाये."
कोरोना वायरस की वजह से सऊदी अरब में हज यात्रा पर क्या असर पड़ा है, ये देखने के लिए क्लिक करें.
अमरिंदर सिंह पर उनके ही मंत्री ने बोला हमला
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
रंधावा ने कहा है कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरीश रावत और सोनिया गांधी से मुलाक़ात की थी, तो उनके मन में जो कुछ भी था, उन्हें वहाँ स्पष्ट रूप से सारी बातें कहनी चाहिए थीं.
उन्हें कहना चाहिए था कि जब तक नवजोत सिंह सिद्धू ये काम नहीं करेंगे, मैं नहीं मानूंगा. अब जब वो अध्यक्ष बन गए हैं, तो कांग्रेस पार्टी के अनुशासन का पालन करना होगा.
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं.
लेकिन अब तक सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रविन ठुकराल ने ट्वीट करके कहा है कि "सिद्धू के मिलने का वक़्त माँगने की ख़बर ग़लत है. उन्होंने अब तक मिलने का समय नहीं माँगा है. बाकी अमरिंदर सिंह अपनी बात पर कायम हैं कि जब तक सिद्धू सोशल मीडिया पर उनके ख़िलाफ़ किये गये हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से उनसे माफ़ी नहीं माँगते, वो उनसे नहीं मिलेंगे."
इसपर कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने सवाल किया है कि सिद्धू आख़िर क्यों माफ़ी माँगेगे?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पंजाब सरकार के 62 विधायक बुधवार को सिद्धू के घर पहुँचे थे.
कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने पूछा, “सिद्धू (मुख्यमंत्री से) माफ़ी क्यों माँगें? ये कोई सार्वजनिक मुद्दा नहीं है. मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों का समाधान नहीं किया है. बल्कि उन्हें इस संबंध में लोगों से माफ़ी माँगनी चाहिए."
रूस का नया लड़ाकू विमान चेकमेट क्या है और क्या भारत इसे ख़रीदेगा?
मंगलवार को रूस ने अपने नए सुखोई ख़ुफ़िया फ़ाइटर जेट "चेकमेट" का अनावरण राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में एक एयर शो में किया.
इस पाँचवीं पीढ़ी के स्टैल्थ फ़ाइटर जेट के प्रोटोटाइप के बारे में जानकारी मॉस्को के बाहर ज़्हुकोवस्की में आयोजित मैक्स-2021 एयर शो में दी गई.
इस लड़ाकू विमान को अमेरिकी स्टैल्थ फ़ाइटर जेट एफ़-35 का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है और रूस इसे दुनिया भर के कई देशों को बेचने की योजना बना रहा है.
चेकमेट को राज्य के स्वामित्व वाली सैन्य निर्यात दिग्गज कंपनी रोस्टेक और यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है.
रूस की सरकार की मंशा इस विमान को निर्यात के लिए बनाने की ही लगती है.
रूस का नया लड़ाकू विमान चेकमेट क्या है और क्या भारत इसे ख़रीदेगा?
रूस ने अपने नए लड़ाकू विमान चेकमेट को दुनिया के सामने पेश किया है. भारत को इसके संभावित ख़रीदार के रूप में देखा जा रहा है.
और पढ़ेंकल किसान फिर करेंगे दिल्ली कूच, लगाएँगे अपनी संसद
कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने कहा है कि वो कल से दिल्ली में संसद के पास अपनी अलग संसद लगाएँगे.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि कल 200 लोग 4-5 बसों में सिंघु बोर्डर से दिल्ली के लिए निकलेंगे.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "अलग-अलग प्रदर्शन स्थलों से हमारे लोग सिंघु बोर्डर पर जमा होंगे और वहाँ से जंतर मंतर के लिए रवाना होंगे. हम ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक कि मॉनसून सत्र चलता रहेगा."
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने एएनआई से कहा, "कल किसानों की संसद लगेगी, किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी. शाम 5 बजे तक संसद चलेगी. इसके अगले दिन फिर 200 लोग संसद जाएंगे. जाने दिया तो संसद लगाएंगे, गिरफ़्तार किया तो ज़ेल जाएंगे."
एएनआई के अनुसार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किसानों को 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे के बीच जंतर-मंतर पर अधिकतम 200 लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. इस दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.
बुधवार को आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल के नेता ओमप्रकाश चौटाला का भी साथ मिला.
सिंघु बोर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से मिलने के बाद चौटाला ने कहा," कल 22 तारीख को विपक्ष के संसद सदस्य संसद का घेराव करेंगे, धरना देंगे और इकट्ठे होकर संसद में जाएंगे और काले कानून का विरोध करेंगे. ऐसे हालात पैदा कर देंगे कि सरकार को मजबूर होकर कानून वापस लेने पड़ेंगे."
आंदोलनकारी किसानों ने किसान संसद का एलान काफ़ी पहले कर दिया था और कहा था कि दिल्ली जाने वाले किसानों के पास पहचान पत्र होगा और वो पुलिस की सुरक्षा में जाएँगे,
इस साल 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली में लाल क़िले पर जाकर विरोध करने के दौरान हिंसा हुई थी जिसे देखते हुए पुलिस इस बार सतर्क है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई से कहा, "हमने पर्याप्त बंदोबस्त किए हुए हैं, ड्रोन की मदद से ऊपर से नज़र रखी जा रही है और एक दंगा-विरोधी दस्ता भी तैयार रखा गया है."
पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया है कि वरिष्ठ अधिकारी किसान नेताओं से बात कर रहे हैं ताकि सबकुछ शांतिपूर्ण रहे और क़ानून-व्यवस्था का संकट ना पैदा हो.
भारत और पाकिस्तान के सैनिकों ने ईद पर एक-दूसरे को खिलाई मिठाइयाँ
भारत और पाकिस्तान की सरहद पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बकरीद पर एक-दूसरे को मिठाइयाँ देकर शुभकामनाएँ दीं.
जम्मू-कश्मीर में पुँछ ज़िले में नियंत्रण रेखा पर पुँछ रावलकोट और मेंढर-हॉटस्प्रिंग चौकियों पर दोनों देशों के सैनिकों ने मिठाइयाँ बाँटीं.
अधिकारियों ने बताया कि ये मौक़ा दोनों देशों में युद्धविराम के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने का एक प्रयास माना जा रहा है और दोनों देशों की सेनाओ ने इसकी सराहना की.
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ़ और पाकिस्तान रेंजर्स के सुरक्षाबलों ने भी एक-दूसरे को मिठाइयाँ बाँटीं.
दोनों देशों के बीच 2019 के पुलवामा हमले के बाद पहली बार इस तरह से सरहद पर मिठाइयाँ बाँटी गई हैं.
भारत और पाकिस्तान ने इस वर्ष 25 फ़रवरी को एक संयुक्त घोषणापत्र जारी कर नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम की घोषणा की थी.
दोनों देशों के बीच इससे पहले 2003 में भी संघर्षविराम पर सहमति हुई थी मगर बार-बार इसका उल्लंघन होता रहा और दोनों तरफ़ जवानों और आम नागरिकों की जान गई.
सऊदी अरब ने 63 पाकिस्तानी क़ैदियों को रिहा किया, ईद पर पहुँचे घर
सऊदी अरब की सरकार ने ईद के मौक़े पर 63 पाकिस्तानी क़ैदियों को रिहा किया है. ये अलग-अलग अपराध के मामलों में बंद थे. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विशेष आग्रह पर सऊदी अरब ने ऐसा किया है.
सऊदी की कई जेलों से रिहाई के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इन्हें पाकिस्तान लाने की व्यवस्था की. ये पाकिस्तानी क़ैदी मंगलवार दोपहर बाद इस्लामाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुँचे.
20 जुलाई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, ''मेरे निर्देश पर सऊदी अरब से 62 पाकिस्तानी क़ैदियों को वापस लाने के लिए पैसे की व्यवस्था कर दी गई है. ये सभी ईद के मौक़े पर अपने परिवार वालों के साथ होंगे. विदेशों में बंद पाकिस्तानी क़ैदियों को मदद करना मेरी सरकार की प्रतिबद्धता है.''
इमरान ख़ान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ ने क़ैदियों के पाकिस्तान आने की फोटो ट्विटर पर पोस्ट की है.
ओवरसीज़ पाकिस्तानी फाउंडेशन (ओपीएफ़) के महाप्रबंधक डॉ आमेर शेख ने इन क़ैदियों की आगवानी की. ओपीएफ़ के अनुसार इन्हें ड्रग के मामले में पकड़ा गया था. 10 मई को पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने कहा था कि 1,100 पाकिस्तानी क़ैदियों को वापस लाया जाएगा.
रशीद का कहना था कि ये रिहाई पाकिस्तानी पीएम और सऊदी की सरकार के बीच हुए समझौते के ज़रिए होगी.
रशीद ने कहा था कि इन क़ैदियों ने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. उन्होंने कहा था कि जिन्हें किसी अपराध में दोषी नहीं ठहाराया गया है, उन्हें वापस लाया जाएगा. पाकिस्तानी गृह मंत्री ने कहा था कि 30 पाकिस्तानी क़ैदियों को मौत की सज़ा मिली है, इसलिए उन्हें वापस नहीं लया जा सकेगा.
किसी मुसलमान को CAA से नुक़सान नहीं होगा- आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत के मुसलमानों को नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए से कोई नुक़सान नहीं पहुँचेगा.
असम के दो दिन के दौरे पर गए भागवत ने बुधवार को गुवाहाटी में कहा,"CAA किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है. भारत के नागरिक मुसलमान को CAA से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा."
भागवत ने गुवाहाटी में एक पुस्तक विमोचन समारोह में अपने भाषण में कहा कि कि नागरिकता क़ानून से पड़ोसी देशों में दमन का शिकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिल सकेगी.
उन्होंने पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए कहा,"1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुसलमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए, ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे."
उन्होंने कहा कि भारत ने अल्पसंख्यकों का हमेशा ख़याल रखा है.
उन्होंने कहा," विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे. हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं, पाकिस्तान ने नहीं किया."
मोहन भागवत ने साथ ही कहा कि सीएए और नागरिकता रजिस्टर एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम से कोई लेना-देना नहीं है और इसे लेकर सांप्रदायिक कहानी कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए रची है.
नागरिकता रजिस्टर की चर्चा करते हुए भागवत ने कहा कि हर देश को ये जानने का अधिकार है कि उसके अपने नागरिक कौन हैं.
उन्होंने कहा,"ये मामला राजनीतिक पाले में है क्योंकि इसमें सरकार संबद्ध है. कुछ लोग इससे राजनीतिक फ़ायदा उठाने के लिए इन दोनों मुद्दों को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं."
आरएसएस प्रमुख असम में इस वर्ष बीजेपी के सत्ता में दोबारा लौटने के बाद पहली बार राज्य की यात्रा पर पहुँचे हैं.
पेगासस पर मोदी सरकार के हाथ साफ़ तो कोर्ट में बताएँ कि हमने नहीं ख़रीदाः कमलनाथ
पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस का हमला जारी है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस मामले की जाँच सुप्रीम कोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश से करवाने की माँग की है.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार कोभोपाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दाख़िल कर इस मामले में स्थिति साफ़ करनी चाहिए.
कमलनाथ ने कहा,"ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या मोदी जी की सुरक्षा के लिए? अगर सरकार के हाथ साफ हैं तो कोर्ट में एफिडेविट दें कि हमने ये(पेगासस) कभी नहीं खरीदा."
उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसने ये स्पाईवेयर और इसका लाइसेंस इसराइल स्थित कंपनी एनएसओ से नहीं खरीदा.
कमलनाथ ने साथ ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से इस मामले की जाँच करवाने की माँग करते हुए कहा, "इसकी जाँच ऐसे न्यायाधीश से करवानी चाहिए जिनके फ़ोन की जासूसी नहीं हुई हो. उस जज की नियुक्ति विपक्षी दलों की रज़ामंदी से होनी चाहिए. "
कमलनाथ ने ये भी कहा कि फ़्रांस ने इस कथित जासूसी की जाँच करवाने के आदेश दे भी दिए हैं.
रविवार को एक अंतराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने ये रिपोर्ट प्रकाशित कर सनसनी फैला दी थी कि भारत में कई लोगों के फ़ोन नंबरों को शायद इसराइली स्पाइवेयर पेगासस की मदद से हैक किया गया है जिसे केवल सरकारों को ही बेचा जाता है.
इन लोगों में दो वर्तमान मंत्रियों, कई विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, एक मौजूदा जज समेत कई कारोबारियों और कार्यकर्ताओं के नाम शामिल थे.
इन आरोपों को केंद्र सरकार ने ख़ारिज करते हुए कहा है कि इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है.
टोक्यो ओलंपिक रद्द होने की आशंका से आयोजकों ने नहीं किया इनकार
टोक्यो ओलंपिक की आयोजक समिति ने खेलों के रद्द होने की आशंका से इनकार नहीं किया है.
टोक्यो ओलंपिक के प्रमुख तोशिरो मुटो ने कहा है कि वो संक्रमण की संख्या पर नज़र रखेंगे और ज़रूरत पड़ी तो इस बारे में ‘चर्चा’ करेंगे.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में तोशिरो मुटो से पूछा गया कि क्या इस स्टेज पर आकर भी ओलंपिक खेल रद्द किए जा सकते हैं?
इसके जवाब में मुटो ने ओलंपिक रद्द किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया.
उन्होंने कहा, “अगर संक्रमण मामले बढ़ते हैं तो हम चर्चा जारी रखेंगे. इस दौर में आकर हमें सोचना होगा कि अगर मामले बढ़ते हैं तो हम क्या करेंगे.”
हालाँकि मुटो की इन टिप्पणियों के बाद टोक्यो ओलंपिक के प्रवक्ता ने कहा कि ओलंपिक के आयोजक 100 फ़ीसदी सफल खेल कराने पर ध्यान दे रहे हैं.
ओलंपिक खेलों का शुभारंभ 23 जुलाई यानी शुक्रवार को होना है और इससे पहले ओलंपिक से जुड़े 70 से ज़्यादा लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.
तोशिरो मुटो का बयान उसी दिन आया है जब इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) के अध्यक्ष टॉमस बक ने कहा था कि ओलंपिक रद्द करना ‘कभी विकल्प नहीं था.’
इस महीने की शुरुआत में जापान ने ऐलान किया था इस बार ओलंपिक खेल बिना दर्शकों की मौजूदगी में आयोजित होंगे.
जापान में लागू है आपातकाल
साल 2020 में ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित करना पड़ा था.
ओलंपिक खेलों के 124 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब इसमें देरी हुई है.
ओलंपिक की मेजबानी करने वाले टोक्यो शहर में संक्रमण मामलों में नई तेज़ी देखने को मिल रही है.
मंगलवार को यहाँ 1,387 नए मामले दर्ज किए गए थे. टोक्यो दुनिया का सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर है.
संक्रमण मामलों को देखते हुए जापान में आपातकाल लगाया गया है जो 22 अगस्त तक लागू रहेगा.
ओलंपिक खेल आठ अगस्त को संपन्न होंगे. वहीं, पैरालंपिक खेलों की तारीख़ 24 अगस्त से पाँच सितंबर तक तय की गई है.
कल्याण सिंह की स्थिति गंभीर, लाइफ़ सपोर्ट पर रखे गए
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्थिति गंभीर हो गई है और उन्हें लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है.
लखनऊ के संजय गांधी पीजीआईएमएस अस्पताल ने एक बयान में कहा है- "कल्याण सिंह जी की सेहत की स्थिति गंभीर है. उन्हें ट्यूब लगाया गया है और मंगलवार शाम से लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. विशेषज्ञ उनकी सेहत पर बहुत ध्यान से नज़र रखे हुए हैं."
बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अस्पताल जाकर कल्याण सिंह की सेहत के बारे में जानकारी ली.
89 वर्षीय कल्याण सिंह को 4 जुलाई को संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ़ के बाद अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
कल्याण सिंह 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे और अगले साल बाबरी मस्जिद ढहाने की घटना के बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था.
2014 में वो राजस्थान के राज्यपाल भी रहे.
LIVE: ओलंपिक के किस्से
ईरान में लगातार छठी रात पानी को लेकर प्रदर्शन, ख़मेनेई मुर्दाबाद के लग रहे नारे
ईरान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत ख़ुज़ेस्तान में लगातार छठी रात पानी की क़िल्लत के विरोध में लोगों ने सड़कों पर निकल प्रदर्शन किए. विरोध प्रदर्शन अब दूसरे शहरों में भी शुरू हो गए हैं और इस दौरान हिंसा के भी समाचार आ रहे हैं.
ख़ुज़ेस्तान के पूर्व में इज़ेह शहर में कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार 16 साल के एक लड़के की मौत हो गई है.
वहीं ईरान सरकार की क़रीबी मानी जाने वाली समाचार एजेंसी फ़ार्स ने ख़बर दी है कि "दंगाइयों" ने महशह्र शहर में एक पुलिसकर्मी को गोली चलाकर मार डाला और एक अन्य को घायल कर दिया.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में दिखता है कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ आँसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ईरान में तीन दिन पहले भी हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की ख़बर आई थी. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने ख़ुज़ेस्तान के एक अधिकारी के हवाले से कहा था कि उस व्यक्ति को प्रदर्शनकारियों ने ग़लती से गोली मार दी जो हवा में गोलियाँ दाग़ रहे थे.
मगर विपक्षी सूत्रों ने इसके लिए सुरक्षाकर्मियों को ज़िम्मेदार बताया था.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए नए वीडियो और ईरानी मीडिया के अनुसार राजधानी तेहरान में भी लोगों ने सरकार के विरोध में नारे लगाए हैं.
ईरान के कई विरोधी समूहों और कार्यकर्ताओं ने ख़ुज़ेस्तान में जारी विरोध के समर्थन में सभी देशवासियों से प्रदर्शन करने की अपील की थी जिसके बाद कई नए वीडियो सामने आ रहे हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार तेहरान के एक मेट्रो स्टेशन पर कुछ महिलाओं ने "इस्लामिक गणतंत्र हाय-हाय" के नारे लगाए.
वहीं इज़ेह शहर में सुरक्षाबलों से भिड़ते लोगों ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्लाह अली ख़मेनई के विरोध और ईरान के पुराने शासकों के समर्थन में नारे लगाए जिन्हें 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद हटा दिया गया था.
एक वीडियों में दिखता है कि प्रदर्शनकारी "ख़मेनेई मुर्दाबाद" और "रज़ा शाह, रोहत शाह" के नारे लगा रहे हैं.
हालाँकि बीबीसी सोशल मीडिया पर जारी इन सामग्रियों की पुष्टि नहीं कर सकता.
ईरान में इस महीने के आरंभ में बिजली की कमी को लेकर भी कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे और देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्ला अली ख़मेनेई के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी हुई थी.
ईरान में पिछले एक दशक से भी ज़्यादा समय से सूखा पड़ रहा है मगर इस वर्ष स्थिति बहुत गंभीर हो गई है.
ईरान सरकार ने पावरकट के लिए ज़बरदस्त सूखे और बिजली की भारी माँग को ज़िम्मेदार बताया है.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी कह चुके हैं कि सूखे की वजह से देश की ज़्यादातर पनबिजली परियोजनाएँ ठप्प हो गई हैं.
रूस ने पेश किया नया सुखोई फ़ाइटर जेट 'चेकमेट', अमेरिका को देगा टक्कर
रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने एक नए सुखोई फ़ाइटर जेट के मॉडल का मुआयना किया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ यह पाँचवी पीढ़ी का फ़ाइटर जेट है जिसे एक एयरशो में पेश किया गया.
इस युद्धक विमान को ‘चेकमेट’ नाम दिया गया है जिसके साल 2023 तक उड़ान भरने की उम्मीद जताई जा रही है.
चेकमेट को ढूँढना आसान नहीं होगा
यूनाइटेड एयरक्राफ़्ट कॉर्पोरेशन के प्रमुख यूरी स्लाइयूसर ने पत्रकारों से बताया कि अगले 15 वर्षों में रूस की ऐसे 300 फ़ाइटर जेट बनाने की योजना है.
इसे अमेरिका के सबसे आधुनिक F-35 विमानों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
रूस की सरकारी एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी रूस्टेक का कहना है कि दुश्मन के लिए इस प्लेन को ढूँढ पाना आसान नहीं होगा और इसे चलाने की कीमत (ऑपरेटिंग कॉस्ट) भी कम होगी.
कोरोना: 24 घंटे में 42,015 मामले, रिकवरी रेट 97%
पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 42,015 नए मामले सामने आए हैं
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना से रिकवरी रेट 97 फ़ीसदी से अधिक है. पिछले 24 घंटों में कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा (बैकलॉग समेत) 3998 है.
मौतों की कुल संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि महाराष्ट्र ने अपने यहाँ मौतों के आँकड़े में संशोधन किया है.
हालाँकि इस दौरान 36,977 लोग बीमारी से ठीक भी हुए हैं और पॉज़िटिविटी दर 2.27% दर्ज की गई है जो पिछले एक महीने में सबसे कम है.
इसी के साथ देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,12,16,337 हो गई है जिनमें से 4,07,170 मामले एक्टिव हैं.
अब तक संक्रमण के कारण कुल 4,18,480 लोगों की मौत हुई है और 3,03,90,687 लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं.