Got a TV Licence?

You need one to watch live TV on any channel or device, and BBC programmes on iPlayer. It’s the law.

Find out more
I don’t have a TV Licence.

लाइव रिपोर्टिंग

time_stated_uk

  1. अफ़ग़ानिस्तान में भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइज़री

    View more on twitter

    अफ़ग़ानिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

    एडवाइजरी में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान में रह रहे सभी भारतीयों को अपने काम और रहने की जगह और साथ ही कहीं आने-जाने के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर सचेत और सावधान रहने की सलाह दी जाती है.

    इसके अलावा वहां रहने वाले भारतीयों को काबुल दूतावास की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी गई है.

    एडवाइजरी में कहा गया है, "सभी भारतीय नागरिकों को ये सख्त सलाह दी जाती है कि उन्हें गैर ज़रूरी यात्राओं से बचना चाहिए. दिन के समय कहीं आने जाने से बचा जाना चाहिए."

    "सरकारी गाड़ियों, सेना के काफिले, बड़े अफसरों, सुरक्षा एजेंसियों की गाड़ी से फासला बनाकर चलना चाहिए. ये संभावित टारगेट हो सकते हैं. भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों जैसे बाज़ार, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, रेस्तरां जाने से बचना चाहिए."

  2. चीन के ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले छात्र किस बात से डरते हैं?

    छात्र

    चीन के ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले ऐसे छात्र जो लोकतंत्र समर्थक हैं, उन्हें डर लगता है कि अगर वो संवेदनशील मुद्दों पर बोलेंगे तो इस खामियाजा चीन में उनके परिजन को भुगतना होगा.

    ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि ये छात्र क्लास में ख़ुद पर कई तरह की पाबंदियां लगाए रहते हैं.

    चीन से जुड़े पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले अध्यापक भी कहते हैं कि वो भी ख़ुद को सेंसर करने का दबाव महसूस करते हैं. ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि ये कथित दबाव ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों की पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी आज़ादी को ख़तरे में डाल रहा है.

    ऑस्ट्रेलिया के उच्च शिक्षा के संस्थान काफी हद तक चीन पर निर्भर रहने लगे हैं. कोविड-19 के पहले के दौर में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में से करीब 40 फ़ीसदी चीन के छात्र होते थे.

    ऑस्ट्रेलिया के विश्व विद्यालयों में अभी करीब एक लाख 60 हज़ार छात्र पंजीकृत हैं. ऑस्ट्रेलिया में विश्वविद्यालय कैंपसों में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की जाती है. ख़ासकर दोनों देशों के संबंधों में आई खटास के बाद से ये फिक्र बढ़ी है.

    ह्यूमन राइट्स वाच का कहना है कि उसने ऑस्ट्रेलिया में करीब छात्रों और अध्यापकों से बात की और पाया कि उनके बीच ‘डर का माहौल है.’ हाल के सालों में ये स्थिति ख़राब हुई है.

    चीन ऑस्ट्रेलिया

    एक मामले में चीन के एक छात्र ने जब ऑस्ट्रेलिया में ट्विटर पर अकाउंट बनाकर लोकतंत्र के समर्थन में संदेश पोस्ट किया तो उसे चीन के अधिकारियों ने जेल भेजने की धमकी दी.

    लोकतंत्र का समर्थन करने वाले कई छात्रों ने ये भी बताया कि उन्हें इस बात का भी डर लगता है कि उनके साथी छात्र चीन के अधिकारियों से उनकी शिकायत कर सकते हैं.

    रिपोर्ट के मुताबिक, "लोकतंत्र का समर्थन करने वाले जिन भी छात्रों का इंटरव्यू किया गया, उनके दिमाग में इस डर ने पुरजोर तरीके से घर किया हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया में वो जो कुछ करेंगे उसके नतीजे में चीन के अधिकारी उनके माता-पिता को या तो दंडित करेंगे या फिर उनसे पूछताछ करेंगे."

    रिपोर्ट की लेखिका सोफी मैक्नील ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन "चीन से आए छात्रों के अधिकार बरकरार रखने का अपना कर्तव्य निभा नहीं पा रहा है."

    रिपोर्ट के मुताबिक अध्यापक और लेक्चरर भी ऐसा दबाव महसूस करते हैं. सोफी ने पाया कि जितने लोगों से बात की गई उनमें से आधे से ज़्यादा चीन के बारे में बोलते समय खुद पर सेंसर लगा लेते हैं.

    कुछ ने ये भी कहा कि कुछ एक मौकों पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी पाबंदी लगाई. ऐसे मौके आए जब चीन के बारे में सार्वजनिक तौर पर चर्चा करने से मना किया गया

    ऑस्ट्रेलिया में बीते कई सालों से यूनिवर्सिटी कैंपसों में चीन के कथित तौर पर बढ़ते दखल को लेकर चर्चा हो रही है. चीन के अधिकारी और मीडिया इसे दुष्प्रचार बताते हुए खारिज कर चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत ने चीनी छात्रों के बर्ताव पर नज़र रखे जाने के आरोप को ‘आधारहीन’ बताते हुए ख़ारिज कर दिया था.

    साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने "अभूतपूर्व विदेशी हस्तक्षेप" पर रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स बनाई थी और नई गाइडलाइन्स जारी की थी.

  3. चीन के दबाव में दम तोड़ रहा है हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक मीडिया

    लंदन में एप्पल डेली बंद होने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

    हांगकांग में लोकतंत्र के लिए आवाज़ उठाने वाले पत्रकारों और अख़बारों के ख़िलाफ़ लगातार उठाए जा रहे क़दमों का असर अब देखने को मिल रहा है. जानकारों ने चेतावनी दी है कि मीडिया की स्वतंत्रता पर बहुत बुरा असर होने वाला है.

    रविवार की रात पुलिस ने एक पूर्व वरिष्ठ पत्रकार की गिरफ़्तारी की घोषणा की. वो अब बंद हो चुके अख़बार एप्पल डेली के साथ काम करते थे. उन्हें एयर पोर्ट पर पकड़ा गया, जब वो शहर छोड़कर जाने की कोशिश में थे.

    कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारियों की गिरफ़्तारी के बाद एप्पल डेली को बंद करना पड़ा था. उन्हें विवादित नेशनल सिक्योरिटी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया और उनकी संपत्तियों को सील कर दिया गया था. अख़बार के मालिक जिमी लाई पहले से ही गंभीर आरोपों के कारण जेल में हैं.

    स्टैंड न्यूज़, जो लोकतंत्र समर्थकों के बीच लोकप्रिय है, उसने कहा कि वो अपना लोकतंत्र समर्थक संपादकीय कार्रवाई के डर से बंद कर रहा है.

    चीन के दबाव में दम तोड़ रहा है हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक मीडिया

    लंदन में एप्पल डेली बंद होने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

    एक पत्रकार की गिरफ़्तारी और एक लोकतंत्र समर्थक वेबसाइट में बदलाव के संकेत के बाद चीन पर आरोप लग रहे हैं कि वो हांगकांग में मीडिया का दमन कर रहा है.

    और पढ़ें
    next
  4. #NationalStatisticsDay2021: भारतीय सांख्यिकी के जनक पीसी महालनोबिस का क्या है योगदान?

    पीसी महालनोबिस

    प्रशांत चंद्र महालनोबिस को भारतीय सांख्यिकी का जनक माना जाता है. उनका जन्म 29 जून, साल 1893 में कलकत्ता (कोलकाता) में हुआ था.

    29 जून राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

    पीसी महालनोबिस का सबसे बड़ा योगदान 'महालनोबिस दूरी' को माना जाता है. इस फ़ॉर्मूले की मदद से एक बिंदु और वितरण के बीच की दूरी को मापा जाता है. इस फ़ॉर्मूले का इस्तेमाल व्यापक रूप से क्लस्टर विश्लेषण और वर्गीकरण के क्षेत्र में किया जाता है.

    पीसी महालनोबिस का योगदान

    व्यापक सामाजिक-आर्थिक आँकड़े उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीसी महालनोबिस ने 1950 में नेशनल सैम्पल सर्वे की स्थापना की थी. उन्होंने देश में सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय के लिए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की भी स्थापना की थी.

    #NationalStatisticsDay: भारतीय सांख्यिकी के जनक पीसी महालनोबिस का क्या है योगदान?

    पीसी महालनोबिस

    आज प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्मदिन है. इसे राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

    और पढ़ें
    next
  5. सऊदी अरब और रूस ओपेक प्लस देशों की बैठक में भारत की बात सुनेंगे?

    तेल

    गुरुवार को प्रस्तावित ओपेक प्लस देशों की बैठक में उम्मीद की जा रही है कि तेल की मांग को पूरा करने और हाल में हुई मूल्य वृद्धि के मद्देनज़र अगस्त में तेल उत्पादन को बढ़ाने पर सहमति बन सकती है.

    बीते दिनों इन देशों ने मांग बढ़ने के कारण तेल उत्पादन बढ़ाया था लेकिन अब जिस तरह से तेल की कीमतें बढ़ रही हैं, ओपेक प्लस देशों का फैसला इससे प्रभावित हो सकता है. पिछले साल जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी तो तेल की मांग में अचानक आई.

    तब सऊदी अरब और रूस की अगुवाई वाले इस संगठन ने कीमत बढ़ाने के लिए उत्पादन में बड़ी कटौती की थी. ओेपेक के 13 सदस्य देश और ओपेक प्लस में उनके दस साथी देशों के समूह को इस रणनीति का फायदा हासिल हुआ और तेल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक सुधर गई.

    फिलहाल ओपेक प्लस देशों का समूह बड़ी एहतियात के साथ तेल उत्पादन को नियंत्रित कर रहा है. हालांकि तेल का बाज़ार जिस तरह से मजबूत हो रहा है, ये उत्पादक देशों के लिए वरदान ही है.

    रिफाइनरी

    कुछ देशों ने फायदे के लिए उत्पादन बढ़ा दिया है लेकिन इसके अपने जोखिम भी हैं. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ रूस उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में रहा है. ओपेक प्लस की पिछली कई बैठकों में रूस का रुख यही रहा है.

    सैक्सोबैंक के ओले हानसेन के मुताबिक़ "मुमकिन है कि रूस उत्पादन बढ़ाने का समर्थन करे ताकि वो अपनी बड़ी बाज़ार हिस्सेदारी को सुनिश्चित कर सके. साथ ही, ग़ैर ओपेक देश तेल का उप्तादन न बढ़ा लें, रूस ये भी सुनिश्चित करना चाहेगा."

    आईएनजी बैंक के वॉरेन पैटरसन का कहना है कि "दबाव केवल ओपेक प्लस देशों के समूह के भीतर से ही नहीं है बल्कि बड़े खरीदार देश भी बाज़ार में नरमी चाहते हैं क्योंकि कई देश अभी कोविड लॉकडाउन से उबर ही रहे हैं."

    तेल विश्लेषक स्टीफन ब्रेनॉक का कहना है कि भारत इसका उल्लेखनीय उदाहरण है. दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश बीते महीनों में कोरोना संकट से बुरी तरह से प्रभावित रहा है. भारत ने ओपेक प्लस देशों से तेल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की है.

    थिंकमार्केट्स के फवाद रज़ाक़ज़ादा कहते हैं, "अगर कीमतें यूं ही तेज़ रहीं तो इसका असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. लोगों के पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं होंगे और अर्थव्यवस्था का विकास रुकेगा. और आखिर में इसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ेगा."

  6. बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 29 जून 2021

    सुनिए फ़ैसल मोहम्मद अली से.

    View more on facebook
    View more on youtube
  7. पश्चिम बंगालः गवर्नर धनखड़ पर तृणमूल कांग्रेस और आक्रामक, बर्ख़ास्तगी की माँग

    पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़
    Image caption: पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़

    पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ पर राजनीतिक हमला तेज करते हुए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि वो राज्यपाल को हटाने जाने की मांग पर जोर देने के लिए रास्ता खोजेगी.

    एक दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ पर ये आरोप लगाया था कि उनका नाम जैन हवाला मामले में आया था.

    गवर्नर धनखड़ पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी निशाना बना रही है क्योंकि वे राज्य में राजनीतिक हिंसा का शिकार हुए लोगों के साथ खड़े हुए थे.

    तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में उपनेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कोलकाता में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये दावा किया कि हवाला डीलर की डायरी के पेज नंबर तीन में 'जगदीप धनखड़' नाम का जिक्र है.

    उस कथित डायरी का पन्ना दिखाते हुए तृणमूल सांसद ने कहा, "महामहिम राज्यपाल ये स्पष्ट करें कि ये दोनों धनखड़ अलग-अलग लोग हैं."

    उन्होंने कहा, "अभियुक्तों को स्कैंडल में क्लीन चिट नहीं मिलने के बावजूद ये आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ को गवर्नर नियुक्त करने से पहले इस तथ्य को कैसे नजरअंदाज कर दिया."

    सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी में ये चर्चा चल रही है कि जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग पर जोर देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं.

    उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य से वापस बुलाए जाने की मांग को लेकर तीन बार चिट्ठी लिखी है.... तृणमूल कांग्रेस के निर्वाचित प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति के पास जा चुके हैं. लेकिन कुछ नहीं हुआ. आगामी संसद सत्र में हम ये मुद्दा फिर से उठाएंगे."

    इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद राज्य सरकार के मंत्री ब्रत्या बसु ने जगदीप धनखड़ पर सत्ता के दुरुपयोग, राज्य को बांटने की कोशिश करने और संविधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया.

  8. ज़ायकोव-डी: बच्चों की ये वैक्सीन क्यों है ख़ास, कब तक होगी उपलब्ध?

    सांकेतिक तस्वीर
    Image caption: सांकेतिक तस्वीर

    भारत में देसी फार्मास्युटिकल कंपनी ज़ायडस कैडिला की वैक्सीन ज़ायकोव-डी जल्द ही बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध हो सकती है.

    इस वैक्सीन को अगले कुछ हफ़्तों में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से मंज़ूरी मिल सकती है जिसके साथ ही ज़ायकोव-डी दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन बन जाएगी.

    भारत सरकार ने बीते शनिवार सुप्रीम कोर्ट को वैक्सीन उपलब्धता से जुड़े आँकड़े देते हुए बताया है कि ज़ायकोव-डी वैक्सीन जुलाई–अगस्त तक 12 वर्ष से ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

    सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 के बीच भारत सरकार के पास कुल 131 करोड़ वैक्सीन डोज़ उपलब्ध होने की संभावना है.

    ज़ायोकोव-डी वैक्सीन: बिना सुई का टीका कितना असरदार?

    बच्चों में कोरोना

    ज़ायकोव-डी भारत की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन होगी जिसके लिए इंजेक्शन नहीं लगवाना होगा.

    और पढ़ें
    next
  9. क्या ममता सरकार बंगाल में कोविड के टीके के लिए 315 रुपये वसूल रही है?- फ़ैक्ट चेक

    ममता सरकार

    केंद्र सरकार से मिल रही मुफ्त कोविड- 19 वैक्सीन के लिए पश्चिम बंगाल में लोगों से 315 रुपये वसूले जा रहे हैं. बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ऐसा दावा किया है.

    रविवार शाम को उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी सभी राज्यों के लिए मुफ़्त वैक्सीन भेज रहे हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में मोदी सरकार द्वारा भेजी गई फ्री वैक्सीन के लिए 315 रुपये का 'दान' राज्य सरकार के राहत कोष में देना अनिवार्य किया गया है. वाह! ममता बनर्जी''

    इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक ख़बर का लिंक शेयर किया जिसकी हेडलाइन है - मुख्यमंत्री राहत कोष में 'स्वेच्छा' से 315 रुपये देने पर ही मिल रहा है टीका!

    बांग्ला भाषा में लिखी इस ख़बर में दावा किया गया है कि ममता बनर्जी के राज्य में फ्री में वैक्सीन नहीं दी जा रही है और सिलीगुड़ी में इसके बदले पैसे लिए जा रहे हैं. दो लोगों के बयान के आधार पर ख़बर में ये दावा किया गया है.

    क्या ममता सरकार बंगाल में कोविड के टीके के लिए 315 रुपये वसूल रही है?- फ़ैक्ट चेक

    ममता सरकार

    केंद्र सरकार से मिल रही मुफ्त कोविड- 19 वैक्सीन के लिए पश्चिम बंगाल में लोगों से 315 रुपये वसूले जा रहे हैं. बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ऐसा दावा किया है.

    और पढ़ें
    next
  10. फेसबुक के अधिकारियों की संसद की स्थाई समिति के समक्ष पेशी हुई

    फेसबुक और गूगल

    फेसबुक इंडिया के अधिकारियों ने मंगलवार को इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी मामलों की संसदीय स्थाई समिति के समक्ष पेश होकर सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा.

    फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली इस संसदीय समिति ने अपने सामने पेश होने के समन किया था.

    फेसबुक के पब्लिक पॉलिसी डायरेक्ट शिवनाथ ठुकराल और उनकी वकील नम्रता सिंह मंगलवार को पैनल के समक्ष पेश हुए.

    संसदीय समिति की इस बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकना था.

    इससे पहले फेसबुक के प्रतिनिधियों ने संसदीय समिति से कहा था कि फेसबुक के कोविड प्रोटोकॉल उनके अधिकारियों को निजी मीटिंग के लिए इजाजत नहीं देते हैं.

    लेकिन समिति के चेयरमैन शशि थरूर ने फेसबुक से कहा कि उनके अधिकारियों को समिति के समक्ष खुद आकर अपना पक्ष रखना होगा क्योंकि संसद का सचिवालय वर्चुअल मीटिंग्स के लिए इजाजत नहीं देता है.

  11. ब्रेकिंग न्यूज़मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिली

    मॉडर्ना वैक्सीन

    केंद्र सरकार ने मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी है.

    नीति आयोग के मेंबर हेल्थ डॉक्टर वीके पॉल ने इसकी जानकारी दी.

    उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित की गई पहली वैक्सीन मॉडर्ना को भारत में इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दे दी गई है. ये मंज़ूरी सीमित इस्तेमाल के लिए है."

    "अब भारत में चार वैक्सीन हो गई हैं. कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पुतनिक वी और मॉडर्ना. फ़ाइज़र के साथ भी जल्द ही हमारी बातचीत पूरी हो जाएगी."

    View more on twitter

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ मॉडर्ना ने ये भी बताया है कि अमेरिकी सरकार भारत को इस वैक्सीन एक निश्चित खुराक कोवैक्स प्रोग्राम के तहत भारत सरकार को इस्तेमाल के लिए देगी.

    दवा कंपनी सिप्ला ने मॉडर्ना के साथ करार किया है और इसकी वैक्सीन आयात करने के लिए सोमवार को ही सरकार से मंज़ूरी मांगी थी.

    सिप्ला ने डीसीजीआई की 15 अप्रैल और एक जून को जारी किए गए उस सर्कुलर का हवाला दिया था जिसमें ये कहा गया था कि अगर अगर अमेरिका और यूरोप में किसी वैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है तो उस वैक्सीन को भारत में बिना परीक्षण के इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है.

  12. टी-20 वर्ल्ड कप का मेजबान भारत, मैच यूएई और ओमान में होगे: आईसीसी

    View more on twitter

    आईसीसी ने टी-20 वर्ल्ड कप को भारत से शिफ़्ट करने के फ़ैसले पर मुहर लगा दी है. आईसीसी ने बताया है इस साल अक्टूबर और नवंबर में होने वाले टूर्नामेंट का आयोजन यूएई और ओमान में होगा.

    पहले ये टूर्नामेंट भारत में खेला जाना था लेकिन बीसीसीआई ने कोविड-19 को देखते हुए टूर्नामेंट को यूएई में कराने का प्रस्ताव रखा था.

    बीसीसीआई के प्रमुख सौरव गांगुली ने सोमवार को इसकी जानकारी दी थी. आईसीसी के मुताबिक टूर्नामेंट का मेजबान भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ही होगा.

    मैच दुबई, अबू धाबी, शारजाह और ओमान में खेले जाएंगे. पहला मैच 17 अक्टूबर को होगा और फ़ाइनल 14 नवंबर को खेला जाएगा.

  13. मोदी सरकार के आर्थिक राहत पैकेज पर राहुल गांधी बोले, ये ढकोसला है

    राहुल गांधी

    कोरोना महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद पहुंचाने के लिए मोदी सरकार के राहत पैकेज को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ढकोसला बताया है.

    उन्होंने ट्विटर पर कहा, "वित्त मंत्री के 'आर्थिक पैकेज' को कोई परिवार अपने रहने-खाने-दवा-बच्चे की स्कूल फ़ीस पर ख़र्च नहीं कर सकता. पैकेज नहीं, एक और ढकोसला."

    कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी निर्मला सीतारमण के नए आर्थिक पैकेज की आलोचना की है.

    उनका कहना है कि मौजूदा संकट का केवल एक ही हल है और वो ये है कि लोगों के हाथ में पैसा पहुंचाया जाए, ख़ासकर ग़रीब और कम आमदनी वाले लोगों के हाथों में.

    View more on twitter

    पी चिदंबरम ने कहा, "कुछ प्रारंभिक सत्य: क्रेडिट गारंटी क्रेडिट नहीं है. क्रेडिट अधिक कर्ज है, कर्ज में डूबे कारोबार को कोई बैंकर कर्ज नहीं देगा. कर्ज के बोझ तले दबे या नकदी की कमी से जूझ रहे कारोबारियों को ज्यादा कर्ज नहीं चाहिए, उन्हें गैर-क्रेडिट पूंजी की जरूरत होती है."

    "अधिक आपूर्ति का मतलब अधिक मांग (खपत) नहीं है. इसके विपरीत, अधिक मांग (खपत) अधिक आपूर्ति को गति प्रदान करेगी."

    "ऐसी अर्थव्यवस्था में मांग (खपत) नहीं बढ़ेगी जहां नौकरियां चली गई हैं और आय/मजदूरी कम हो गई है. इस संकट के समय में लोगों के हाथ में पैसा डालने की जरूरत है, खासकर गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लिए."

  14. ब्रेकिंग न्यूज़दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा को 15 महीने की जेल की सज़ा

    जैकब ज़ुमा
    Image caption: जैकब ज़ुमा

    दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा को 15 महीने जेल की सज़ा सुनाई गई है. ये फ़ैसला दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी अदालत कंस्टिट्यूशनल कोर्ट का है.

    कंस्टिट्यूशनल कोर्ट ने जैकब ज़ुमा अदालत की मानहानि के मामले में दोषी पाया था.

    दरअसल, जब जैकब ज़ुमा राष्ट्रपति थे तो भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें एक जांच आयोग के समक्ष पेश होना था.

    जैकब ज़ुमा कंस्टिट्यूशनल कोर्ट के आदेश के बावजूद इस जांच आयोग के सामने पेश नहीं हुए थे. साल 2018 में जैकब ज़ुमा का कार्यकाल खत्म हो गया.

    पद पर रहते हुए उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे. तब ये कहा गया कि कुछ कारोबारी घराने राजनेताओं के साथ साठ-गांठ करके निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं.

    हालांकि पूर्व राष्ट्रपति एक बार जांच आयोग के सामने पेश हुए थे लेकिन बाद में उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था.

    जांच आयोग के चेयरमैन जस्टिस रेमंड ज़ोंडो ने कंस्टिट्यूशनल कोर्ट को दखल देने के लिए कहा था. ये साफ नहीं है कि जैकब जुमा को अभी गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं.

    एक अन्य मुकदमे में जैकब ज़ुमा ने पिछले महीने खुद को निर्दोष कहा था. नब्बे के दशक के इस मामले में उन पर 5 अरब डॉलर की रक्षा खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप है.

  15. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से नकद पैसे निकालना हुआ महंगा

    'स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया'

    देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक 'स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया' के बचत खाता धारकों को अब अपने एकाउंट से चौथे ट्रांजैक्शन के बाद पैसा निकालने के लिए अलग से शुल्क अदा करना होगा.

    समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सेविंग एकाउंट होल्डर हर महीने अपने खाते से केवल चार-बार निशुल्क लेन-देन कर सकेंगे. इन खाता धारकों को साल में 10 पन्नों के चेकबुक के अलावा अतिरिक्त चेक बुक जारी करने पर भी अलग से पैसा देना होगा.

    स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने इन सेवाओं को 'एडिशनल वैल्यु ऐडेड सर्विसेज' की कैटगिरी में रखा है और इसके लिए ग्राहकों से 15 रुपये से 75 रुपये तक वसूले जाएंगे हैं.

    बचत खाता धारकों के लिए गैरवित्तीय लेन-देन और पैसा भेजने या मंगाने की सुविधा बैंक शाखाओं, एटीएम, सीडीएम (कैश डिस्पेंसिंग मशीन) पर निशुल्क उपलब्ध होगी.

    एसबीआई ने कहा है कि बैंक शाखाओं, एसबीआई या किसी अन्य बैंक के एटीएम से केवल चार बार ही नकद निकासी निशुल्क की जा सकेगी लेकिन इसके बाद पांचवीं बार से नकद निकालने से 15 रुपये (और जीएसटी) वसूला जाएगा.

    एक वित्तीय वर्ष में दस पन्नों का चेकबुक निशुल्क दिया जाएगा और उसके बाद दस पन्ने का चेकबुक जारी करने पर 40 रुपये (और जीएसटी) और 25 पन्नों के चेकबुक के लिए 75 रुपये (और जीएसटी) का भुगतान करना होगा.

    इमर्जेंसी पड़ने पर दस पन्ने के चेकबुक के लिए 50 रुपये (और जीएसटी) का शुल्क तय किया गया है. हालांकि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को चेक बुक सविधा निशुल्क मिलेगी.

  16. पाकिस्तान तालिबान की बढ़ती रफ़्तार से क्यों चिंतित है?

    तालिबान

    अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही वहां तालिबान का प्रभाव बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ हफ़्तों में अफ़ग़ानिस्तान के कई ज़िलों पर तालिबान ने कब्ज़ा कर लिया है. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई थी.

    अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की शुरुआत एक मई के बाद से हो गई है और तब से ही तालिबान ने सरकारी सेना के ख़िलाफ़ अपना अभियान तेज़ कर दिया था.

    अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के बढ़ते क़दम पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए भी चिंता का सबब बन गए हैं.

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि अमेरिका की वापसी के बाद अगर अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा और अराजकता का माहौल बनता है तो पाकिस्तान देश से लगी सीमा को बंद कर देगा.

    पाकिस्तान तालिबान की बढ़ती रफ़्तार से क्यों चिंतित है?

    तालिबान

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा का माहौल बना तो पाकिस्तान सीमा बंद कर देगा.

    और पढ़ें
    next
  17. केजरीवाल का वादा, पंजाब में सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली देंगे मुफ़्त

    अरविंद केजरीवाल

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ में पंजाब चुनावों को लेकर बिजली से जुड़ीं तीन घोषणाएं की हैं जिसे उन्होंने 'तीन गारंटी' कहा है.

    उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर राज्य में 300 यूनिट तक बिजली फ्री दी जाएगी जिसके बाद पंजाब की 80% तक आबादी का बिजली का बिल शून्य हो जाएगा.

    उन्होंने कहा कि पूरे देश में सबसे मंहगी बिजली पंजाब में है जबकि पंजाब में बिजली बनती है, वहीं दिल्ली में कोई बिजली नहीं बनती और देश में लगभग सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में है.

    उन्होंने कहा कि दूसरी घोषणा यह है कि बिजली के सभी बकाया बिलों को माफ़ किया जाएगा और कनेक्शन बहाल किये जाएंगे.

    तीसरी घोषणा में उन्होंने कहा कि राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर 24 घंटे बिजली दी जाएगी.

    मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल
    View more on twitter

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन घोषणाओं से पंजाब के लोगों को और ख़ासकर यहां की महिलाओं को सबसे अधिक खुशी मिलेगी.

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब को जितनी बिजली चाहिए, पंजाब उससे अधिक बिजली बनाता है फिर भी यहां बिजली महंगी है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि यहां की बिजली कंपनियों और सरकारी सत्ता में सांठगांठ है.

    उन्होंने कहा कि अगर इस सांठगांठ को अगर हमने ख़त्म कर दिया तो यहां भी बिजली सस्ती हो सकती है.

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी बीते एक साल बिजली का मूल्य कम करने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि इस वजह से पूरा पंजाब परेशान है.

    केजरीवाल

    अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली के बिल की वजह से सबसे अधिक दुखी महिलाएं हैं, क्योंकि उन्हें घर चलाना होता है.

    उन्होंने कहा कि साल 2013 में दिल्ली में भी इसी तरह के बिल आया करते थे लेकिन अब छह-सात साल की सरकार के बाद वहां सबसे सस्ती बिजली है और 24 घंटे की बिजली है.

  18. हांगकांग ने कोविड-19 के ख़तरे के कारण ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर लगायी रोक

    हांगकांग

    हांगकांग ने कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को अपने यहां फैलने से रोकने के लिए ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर रोक लगा दी है.

    ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट के मामले दुनिया के कई देशों की तुलना में काफी अधिक हैं और ब्रिटेन में इस वेरिएंट के मामले तेज़ी से बढ़ भी रहे हैं.

    यह प्रतिबंध एक जुलाई से लागू हो जाएगा जिससे ब्रिटेन से आने वाली सभी यात्री उड़ानें प्रभावित होंगी.

    हांगकांग की ओर से यह यात्रा प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब हांगकांग और चीन के बीच राजनीतिक गतिरोध जारी है.

    इस प्रतिबंध का मतलब यह है कि अगर किसी शख़्स ने ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक का समय बिताया है तो उसे हांगकांग के लिए किसी भी हवाई अड्डे से उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

    अधिकारियों का कहना है कि यह फ़ैसला ब्रिटेन में महामारी के हालिया बढ़ते मामलों के आधार पर लिया गया है. ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर चिंता जताई जा रही है.

    ब्रिटेन

    यूके में बढ़ते मामले

    उच्च टीकाकरण की दर के बावजूद मौजूदा समय में यूरोप में ब्रिटेन में ही सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं. ब्रिटेन में आने वाले संक्रमण के दैनिक मामले यूरोप के किसी भी देश से अधिक हैं. जितने भी नए मामले सामने आए हैं उनमें ज़्यादातर डेल्टा वेरिएंट के मामले हैं. डेल्टा वेरिएंट का पहला मामला भारत में पाया गया था.

    हांगकांग ने हालांकि पिछले हफ़्ते ही अपने यहां डेल्टा वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की थी. इससे पहले 16 दिनों तक वहां संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया था.

    हांगकांग दुनिया की उन जगहों में से हैं जहां साल 2020 के बाद से सबसे सख़्त पाबंदियां लागू की गई थीं. यही कारण रहा की हांगकांग में कोरोना संक्रमण के मामले दुनिया के कई हिस्सों की तुलना में बेक़ाबू नहीं हुए.

    अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने हाल ही में ब्रिटेन से आने वाले लोगों में डेल्टा वेरिएंट के मामले दर्ज किये हैं. जिसके बाद उस यात्रा में शामिल सभी लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया.

    एक जुलाई से वायु-सेवाओं पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा. हालांकि यह दूसरा मौक़ा होगा जब हांगकांग ब्रिटेन से आने वाले यात्री विमानों को रोक रहा है. इससे पहले हांगकांग ने दिसंबर 2020 से लेकर मई 2021 तक ब्रिटेन से आगमन को बंद कर दिया था.

    हांगकांग से ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें आगामी प्रतिबंध से प्रभावित नहीं होंगी.

    इंडोनेशिया, भारत, नेपाल,पाकिस्तान और फिलीपींस सहित डेल्टा स्ट्रेन के बढ़ते मामलों को लेकर हांगकांग पहले से ही कई अन्य देशों के साथ उड़ानों पर रोक लगा चुका है.

    ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि यह आदेश हांगकांग के लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करता है.

  19. चीन की बिजली से पाकिस्तान का लाहौर होगा जगमग

    बिजली

    चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत पाकिस्तान में तैयार हुई मटियारी से लाहौर की 660 केवी एचवीडीसी ट्रांसमिशन लाइन परियोजना ने 25 जून से काम करना शुरू कर दिया है.

    स्टेट ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ़ चाइना (SGCC) ने इसे तैयार किया है और इसने बिजली देना भी शुरू कर दिया है.

    पाकिस्तान में यह पहली डायरेक्ट करंट ट्रांसमिशन लाइन है जो लाहौर और उत्तरी पाकिस्तान के 1 करोड़ घरों को रोशनी देगी.

    चीनी विदेश मंत्रालयके प्रवक्ता वांग वेंबिन ने कहा है कि यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक महत्वपूर्ण पाइलट प्रोजेक्ट है.

    “CPEC ने ऊर्जा सहित कई क्षेत्र में अपनी शुरुआत से महत्वपूर्ण प्रगति की है.यह न केवल तेज़ी से पाकिस्तान का आर्थिक और सामाजिक विकास करेगा बल्कि क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने में भी सकारात्मक भूमिका निभाएगा.”

    ‘BRI पूरी दुनिया के लिए लाभदायक’

    बिजली

    “मटियारी से लाहौर ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाएक अन्य उदाहरण है जो बताता है कि CPEC पाकिस्तान में लोगों की आजीविका और आर्थिक विकास में सुधार करने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है.यह परियोजना स्थानीय लोगों को स्थाई और उच्च-क्वालिटी की बिजली देगी जो कि पाकिस्तान केलिए बेहद अहम है.”

    वांग वेंबिन ने आगे कहा कि वो इस बात कि ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि BRI चीन से आ रहा है लेकिन यह सभी देशों के लिए अच्छे परिणाम और अवसर उपल्बध कराता है साथ ही पूरी दुनिया को लाभ देता है.

    उन्होंने बताया कि अब तक बेल्ट एंड रोट कॉपरेशन पर चीन के साथ 140 साझेदार देश हस्ताक्षर कर चुके हैं. चीन और BRI साझेदारों के बीच व्यापार 9.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच चुका है.

    ग़ौरतलब है कि भारत BRI में शामिल नहीं है और वो इस पर आपत्ति जता चुका है.

  20. सुप्रीम कोर्ट: सारे देश में 31 जुलाई तक लागू हो 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम

    सुप्रीम कोर्ट

    मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम आदेश में कहा कि केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण के लिए एनआईसी के सहयोग से, एक पोर्टल यानी वेबसाइट बनाए.

    अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य 31 जुलाई 2021 से पहले सभी मज़दूरों की पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करे.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "राज्यों को 31 जुलाई 2021 को या उससे पहले प्रवासी श्रमिकों को सूखे राशन के वितरण के लिए योजनाएं लागू करनी हैं. ये योजना जब तक महामारी है, तब तक जारी रहेगी."

    सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना सभी राज्यों में लागू की जाएगी.

    अदालत ने आदेश दिया, "सरकार अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम 1979 के तहत सभी प्रतिष्ठानों और ठेकेदारों को पंजीकृत करे."

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकारें उन्हीं जगहों पर कम्युनिटी किचन स्थापित करें जहां मज़दूरों की संख्या अधिक है. अदालत ने कहा कि कामगारों भोजन की व्यवस्था, महामारी के खत्म होने जारी रखी जाए.