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Conversion case: There was a conspiracy to train the deaf and dumb in terrorist camps
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धर्मांतरण मामला : मूक-बधिरों को आतंकी शिविरों में ट्रेनिंग की थी साजिश, एटीएस को मिले सुराग
अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 25 Jun 2021 05:05 AM IST
सार
गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लेकर कई स्थानों पर एटीएस कर रही पूछताछ
दिल्ली-एनसीआर के 6 से अधिक मूक-बधिर स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर इस सिंडीकेट के पहले चरण में निशाने पर थे
UP conversion case
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मूक-बधिर छात्रों का धर्मांतरण कराने के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मंशा इन्हें आतंकवादी संगठनों में शामिल कराने की थी। इसकी साजिश के तहत आतंकी शिविरों में ट्रेनिंग देने की तैयारी की जा रही थी। एटीएस को इस संबंध में सुराग मिले हैं।
आईएसआई के शह पर ही विभिन्न आतंकी संगठनों ने धर्मांतरण सिंडीकेट के लोगों की काफी मदद की और अधिक से अधिक धर्मांतरण कराने को कहा था। गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम को इसकी कमान सौंपी गई थी। साजिश के तहत मूक-बधिरों को इस्लाम कबूल कराकर उन्हें कट्टरपंथी बनाना था। इसके बाद आतंकी संगठनों में भेजना था। नोएडा डेफ सोसायटी के कुछ छात्रों के धर्मांतरण की बात स्पष्ट हुई है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर के 6 से अधिक मूक-बधिर स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर इस सिंडीकेट के पहले चरण में निशाने पर थे।
इन सभी पहलुओं की जांच एटीएस की टीमें कर रही हैं। वहीं, गिरफ्तार दोनों आरोपी यूपी एटीएस के रिमांड पर हैं। इनसे पूछताछ के बाद कई स्थानों की तस्दीक की गई है। यूपी एटीएस इस मामले में नोएडा भी आ सकती है और कुछ स्थानों से जानकारी इकट्ठा कर सकती है। बृहस्पतिवार को एटीएस के एनसीआर के विभिन्न शहरों में तलाशी लेने और पूछताछ करने की बात सामने आई है।
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पूर्व टीचर पर एटीएस का फोकस
एटीएस सूत्रों का कहना है कि मूक-बधिरों के धर्मांतरण मामले में कई चीजें तभी स्पष्ट होंगे जब नोएडा डेफ सोसायटी स्कूल के संदिग्ध पूर्व टीचर और कर्मचारी से पूछताछ होगी। पूर्व कर्मचारी या शिक्षक तक एटीएस पहुंचेगी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। बुधवार और बृहस्पतिवार को भी एटीएस की टीमें पूर्व टीचर और कर्मचारी के लिए कई स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
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नोएडा डेफ सोसायटी से 16 हजार को मिला रोजगार प्रशिक्षण
नोएडा डेफ सोसाइटी की संचालिका रूमा रोका ने बताया कि सोसाइटी वर्ष 2005 से चल रही है और दो बेडरूम के फ्लैट से इसकी शुरुआत हुई थी। 16 वर्षों के दौरान देशभर के 16 हजार से अधिक मूक-बधिर छात्र-छात्राओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण और ट्रेनिंग दी गई है। सैकड़ों की संख्या में मूक-बधिर छात्र-छात्राएं मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर बड़े औद्योगिक घरानों में काम कर रहे हैं। हम नि:स्वार्थ भाव से इन्हें आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं, लेकिन कुछ लोगों के कारनामों से हतप्रभ हैं और उन्हीं लोगों कि गलत नियत के कारण यह सब देखना पड़ रहा है। हम देश के वंचित लोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
एटीएस का कर रही हूं सहयोग : रूमा रोका
रूमा रोका ने बृहस्पतिवार दोपहर को बताया कि वह लखनऊ में एटीएस के साथ हैं। एटीएस को वह जांच में सहयोग कर रही हैं और जो भी कागजात या अन्य तथ्य मांगे जा रहे हैं, उन्हें मुहैया करा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 16 हजार अधिक बच्चों का हमारे पास डाटा है। इसके मिलान में समय लग रहा है। मैं खुद इस मामले को सुनकर हैरान और परेशान हूं। पूरी तरीके से एटीएस की जांच के साथ हूं और जांच के बाद सब कुछ सच सामने आ जाएगा।
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