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जयप्रकाश चौकसे का कॉलम:खुशी मानसिक शक्ति है, विचार प्रक्रिया में खुशी दुबकी बैठी है और हम बाहर तलाश कर रहे हैं

3 वर्ष पहले
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जयप्रकाश चौकसे, फिल्म समीक्षक - Dainik Bhaskar
जयप्रकाश चौकसे, फिल्म समीक्षक

ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड खुशहाल हैं। वहां खुशी का कोई मंत्रालय भी नहीं है। आंतरिक व्यवस्था के लिए पुलिस है, परंतु सरहदों की सुरक्षा के लिए कोई सेना नहीं है। अमेरिका और इंग्लैंड ने सरहदों की सुरक्षा का अनुबंध किया है। दोनों देशों में प्रकृति की रक्षा की गई है। इन देशों की धरती में कोई ऐसा खनिज भी नहीं है, जिसकी खातिर इनपर कोई देश आक्रमण करे। जब भारत सोने की चिड़िया था, तब लुटेरे भी आए थे। ऑस्ट्रेलिया में बड़ा भू-भाग एक रेगिस्तान है। मुख्य भू-भाग और रेगिस्तान की सरहद पर जनजातियां रहती हैं।

जनजाति के कुछ लोग शहरों में बस गए हैं। इनके प्रति कोई सौतेला व्यवहार नहीं होता। कुछ विश्वविद्यालय अपने शिक्षकों के कारण, विदेशी छात्रों को आकर्षित करते हैं। यह राष्ट्रीय कमाई का स्रोत है। विदेशों में ज्ञान बांटने के शौकीन लोग भी ऑस्ट्रेलिया नहीं जाते। वहां कोई श्रोता नहीं है और वहां से प्रवासी मत भी नहीं मिल सकते।

ऑस्ट्रेलिया में दो मकानों के बीच कुछ एकड़ का फासला होता है। स्विमिंग पूल, टेनिस कोर्ट हैं। खेलकूद का जुनून है? न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया पड़ोसी देश हैं और उनके बीच खेल, खेले जाते हैं। जीतने का जश्न या हार जाने पर दुख भी नहीं मनाता। वहां खेल भावना स्वत: विकसित हुई है। डरे हुए लोग हथियार खरीदने पर इतना धन खर्च करते हैं कि राष्ट्रीय सेहत और तंदुरुस्ती पर यथेष्ठ ध्यान नहीं दे पाते।

सर डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए इंग्लैंड ने बॉडीलाइन गेंदबाजी नामक षड्यंत्र रचा। बॉलर की गेंद टप्पा खाने के बाद ब्रैडमैन की पसलियों पर जा लगे। जॉर्डन नामक गेंदबाज प्रशिक्षित किया गया था। ब्रैडमैन बहुत बार चोटिल हुए। इस गेंदबाजी के कारण दोनों देशों के राजनीतिक संबंध टूटने की कगार पर पहुंच गए थे। बॉडीलाइन गेंदबाजी रोक दी गई।

इस पर डॉक्यूड्रामा भी बना था, जो संभवत: दूरदर्शन के पास है। क्रिकेट का खेल कुछ ऐसा है कि जीवन में गलत कार्य करने पर कहा जाता है कि ‘इट्स नॉट क्रिकेट’। क्रिकेट आधारित फिल्म ‘लगान’ में अफसरों की टीम एक बालक को छल से आउट कराती है। दर्शकों में बैठा हुआ अंग्रेज आला अफसर कहता है कि ‘इट्स अनफेयर इट्स नॉट क्रिकेट।’ फ़िल्म ‘दिल बोले हड़िप्पा’ में रानी मुखर्जी पुरुष लिबास में क्रिकेट खेलती है, क्योंकि महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर लोग बखेड़ा खड़ा करते हैं। फ़िल्म में, एक पाकिस्तानी खिलाड़ी यह राज बताता है कि यह महिला है। अंपायर कहता है कि क्रिकेट की नियमावली में लिंग भेद नहीं किया गया है।

भारत के क्रिकेट खिलाड़ियों को सबसे अधिक धन मिलता है। पाकिस्तान में सबसे कम धन मिलता है। वे अपने हिस्से का मैच शारजाह में खेलते हैं। वर्तमान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कभी महान खिलाड़ी रहे हैं। क्या वे देश की क्रिकेट टीम के लिए कुछ करेंगे? पाकिस्तान में सेना और मौलवियों की लॉबी का दखल हर क्षेत्र में है।

अमेरिका और चीन का वहां दबदबा है और इन दोनों देशों में क्रिकेट नहीं खेला जाता। उस दौर में पंडित नेहरू ने भारत को पाकिस्तान की तरह संकीर्ण होने से बचाया। आजकल के हालात का विवरण फहमीदा रियाज ने इस तरह किया है। ‘तुम बिल्कुल हम जैसे निकले, अब तक कहां छिपे थे भाई? वह मूर्खता वह गंवारपन, जिसमें हमने सदी गंवाई। आखिर पहुंची तुम्हारे द्वार। बधाई हो बधाई मेरे भाई। खुशी मानसिक शक्ति है। इसे भी एक प्रकार का वैक्सीनेशन ही माना जाना चाहिए। विचार प्रक्रिया में खुशी दुबकी बैठी है और हम बाहर तलाश कर रहे हैं।

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