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टीआरपी घोटाले में पेश किए गए दूसरे आरोपपत्र में मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी समेत तीन और कर्मियों को बनाया आरोपी

मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले में पेश किए गए दूसरे आरोपपत्र में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को आरोपी बनाया है। उनके अलावा रिपब्लिक टीवी की मालिक कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया के तीन और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 09:20 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 09:20 PM (IST)
टीआरपी घोटाले में पेश किए गए दूसरे आरोपपत्र में मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्वामी समेत तीन और कर्मियों को बनाया आरोपी
दूसरे आरोपपत्र में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को आरोपी बनाया

राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले में पेश किए गए दूसरे आरोपपत्र में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को आरोपी बनाया है। उनके अलावा रिपब्लिक टीवी की मालिक कंपनी एआरजी आउटलियर मीडिया के तीन और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। इन सभी पर लगाए गए आरोप धोखाधड़ी, जालसाजी एवं साजिश से संबंधित हैं।

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टीआरपी घोटाला करीब आठ महीने पहले सामने आया था। जिसकी जांच के लिए मुंबई पुलिस ने छह अक्तूबर, 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी। गौरतलब है कि यह प्राथमिकी दर्ज किए जाते समय मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह थे। यह मामला कंगना रनोट का कार्यालय तोड़े जाने के बाद सामने आया था, जब अर्नब अपने टेलीविजन चैनल पर मुंबई पुलिस एवं परमबीर सिंह के विरुद्ध लगातार गंभीर आरोप लगा रहे थे। खुद एवं अपने चैनल के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अर्नब ने मुंबई उच्चन्यायालय में पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए प्राथमिकी रद्द करने एवं अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

तब न्यायमूर्ति एस.एस.शिंदे एवं न्यायमूर्ति मनीष पिटले की खंडपीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि यदि पुलिस अर्नब को बुलाना चाहती है, या उन पर कोई कार्रवाई करना चाहती है, तो उसे उन्हें तीन दिन पहले नोटिस देनी होगी। पुलिस को 12 सप्ताह में अर्नब के विरुद्ध जांच खत्म करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिए थे।

अब पुलिस ने 1800 पन्नों का पूरक आरोपपत्र दायर करते हुए अर्नब सहित उनके तीन अन्य साथियों शिवेंदु मुलेलकर, शिवा सुंदरम एवं कंपनी की चीफ आपरेटिंग आफिसर प्रिया मुखर्जी को भी आरोपी बनाया है। अब इस मामले में आरोपियों की कुल संख्या 15 हो गई है। इनमें ब्राडकास्ट आडिएंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के सीईओ पार्थो दासगुप्ता एवं रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी भी शामिल हैं।

पुलिस ने पिछले साल अक्तूबर में यह शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी कि मुंबई के जिन घरों में टीआरपी नापने वाला यंत्र लगा है, वहां घर मालिकों को पैसे देकर एक ही चैनल देखने के लिए कहा गया है, ताकि उस चैनल की टीआरपी बढ़ाई जा सके। पुलिस ने टीआरपी की रीडिंग करनेवाली संस्था हंसा रिसर्च ग्रुप को भी चैनल द्वारा पैसे देने का आरोप लगाया है।


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