रिपोर्टर- वात्सल्य राय, अनंत प्रकाश, रजनीश कुमार और कमलेश मठेनी
time_stated_uk
धन्यवाद
बीबीसी के इस लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह
लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. 19 जून, शनिवार के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.
ममता बनर्जी के वकील ने कहा शुभेंदु मामले में बदली जाए बेंच, मौजूदा जज रहे हैं 'बीजेपी सदस्य'
पश्चिम
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यकारी
चीफ़ जस्टिस राजेश बिंदल को पत्र लिखकर उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच को बदलने का निवेदन किया है.
ममता
बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर शुभेंदु
अधिकारी की जीत को चुनौती दी है. ममता बनर्जी ने दावा किया है कि इस सीट पर मतगणना
में धांधली हुई है.
वकील ने दावा किया है कि बनर्जी को पता चला है कि जस्टिस कौशिक चंद्रा, जो कि
बनर्जी की याचिका की सुनवाई करने वाले थे, “बीजेपी के सक्रिय सदस्य”
थे.
वकील
ने कहा है कि चूंकि चुनाव से जुड़ी इस याचिका की सुनवाई के राजनीतिक परिणाम होंगे,
ऐसे में निवेदन किया गया है कि इस मामले को किसी अन्य पीठ को सौंपा
जाए.
वकील ने अपने पत्र में ये भी कहा है कि ममता बनर्जी ने जज
कौशिक चंद की कलकत्ता हाई कोर्ट में स्थायी नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई थी.
इसके
साथ ही उन्होंने आशंका जताई थी कि इस बात की संभावना है कि संबंधित जज की ओर से
पूर्वाग्रह रखा जाए.
ममता बनर्जी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी मगर जस्टिस चंद्रा ने सुनवाई 24 जून के लिए टाल दी.
इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शुक्रवार को कुछ वकीलों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के बाहर जस्टिस चंद्रा को इस याचिका को सौंपे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया.
कश्मीर पर अहम बैठक: पाक अधिकृत कश्मीर के शरणार्थियों को जल्द मिले राहत पैकेज़: अमित शाह
Twitter/AmitShahCopyright: Twitter/AmitShah
गृह
मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार शाम कश्मीर से जुड़े मसलों पर एनएसए अजित डोवाल और गृह
सचिव अजय भल्ला के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है.
इस बैठक में आईबी निदेशक अरविंद कुमार, रॉ चीफ़ समंत कुमार गोयल, सीआरपीएफ़ महानिदेशक
कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग़ सिंह भी शामिल थे.
इसके साथ ही मनोज सिन्हा ने भी शुक्रवार शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की.
अमित शाह ने इस बैठक में ये स्पष्ट रूप से कहा है कि पाक अधिकृत जम्मू - कश्मीर और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को राहत पैकेज जल्द से जल्द मुहैया कराए जाएं.
ANICopyright: ANI
मनोज सिन्हा को दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में कोरोना टीकाकरण 76% एवं चार ज़िलों में 100% होने पर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को बधाई दी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की योजनाओं की 90% पहुंच की भी सराहना की.
इसके साथ ही शाह ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज, औद्योगिक विकास की परियोजनाओं सहित अन्य कई विकास योजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करने और 3000 मेघावाट की पाकल डुल व कीरू जल-विद्युत परियोजना को फ़ास्ट ट्रैक करने के साथ 3300 मेगावाट की अन्य योजनाओं को शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.
मोदी खो चुके सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार, काले धन को लेकर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण और स्विस बैंक में जमा भारतीयों के धन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में बने रहने का ‘नैतिक अधिकार खो चुके हैं.’
स्विस बैंक में जमा धन को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार को इस मामले में पूरी जानकारी सामने रखनी चाहिए.
कांग्रेस ने कहा, “जिन लोगों ने स्विस बैंक में पैसा जमा कराया है, उनके नाम बताने चाहिए. सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि सात साल में देश में कितना काला धन वापस लाया गया है.”
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और दूसरे विपक्षी दलों
ने तब केंद्र की सत्ता में मौजूद रही कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए ‘काला धन’ के मुद्दे को जोर शोर से उठाया था.कांग्रेस अब उसी वादे की याद
दिलाकर मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश में है.
स्विट्ज़रलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वार्षिक डेटा जारी किया था और
समाचार एजेंसी पीटीआई ने उसके आधार पर जानकारी दी थी कि साल 2020 में स्विस बैंकों
में जमा भारतीयों के पैसे में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है.साल 2019 में ये रकम 6625
करोड़ रुपये थी जो 2020 में 20,700 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गई.
वहीं, कोरोना संक्रमण के दौरान अव्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के
सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जब लोगों को
स्वास्थ्य सुविधाओं की ज़रूरत थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल चुनाव में
व्यस्त थे.
सिब्बल ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मोदी ‘शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक
सिब्बल ने कहा,“ विश्वसनीय राजनीतिक
विकल्प न होने का मतलब ये नहीं है कि वो (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ये सोचकर अपने
कर्तव्य पालन करना छोड़ दें कि उनका भविष्य सुरक्षित है.”
एक प्रधानमंत्री को उस वक़्त लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए
था जब वो महामारी के बीच 'स्वास्थ्य सेवा की तलाश में अस्पतालों के बाहर भट रहे थे,
तब वो पश्चिम बंगाल, असम के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक बढ़त पाने की कोशिश में
व्यस्त थे.'
सिब्बल ने कहा कि वो मानते हैं कि इस समय मजबूत राजनीतिक
विकल्प मौजूद नहीं है और इसीलिए वो अपनी पार्टी में रिफ़ॉर्म की बात करते हैं ताकि
देश में मजबूत और विश्वसनीय विपक्ष मौजूद रहे.
चिराग पासवान और पशुपति पारस की जंग चुनाव आयोग तक पहुंची, मोदी से भी है आस
aniCopyright: ani
लोक जनशक्ति पार्टी में जारी विवाद
के बीच चिराग पासवान गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और पार्टी पर
अधिकार की दूसरे धड़े की दावेदारी को ख़ारिज किया.
वहीं, चिराग के चाचा और पशुपति
कुमार पारस ने कहा है कि चिराग अब ‘न तो पार्टी के अध्यक्ष हैं और न
ही संसदीय दल के नेता हैं.’
पारस ने ये भी कहा कि उनके अध्यक्ष चुने जाने की जानकारी चुनाव आयोग को दी
जाएगी. पार्टी पर अधिकार की जंग के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुने गए
सांसदों की नज़र केंद्र के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर भी है. नेताओं का दावा
है कि इसी के जरिए ये भी साफ़ होगा कि ‘प्रधानमंत्री किसे चुनते हैं?’
चुनाव आयोग के अधिकारियों से शुक्रवार
को हुई मुलाक़ात के बाद चिराग पासवान ने बताया, “मैं साल 2019 में पांच साल के लोक जनशक्तिपार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. चुनाव आयोग ने हमें भरोसा दिया है कि अगर कोई
लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर दावा करता है तो हमें सुबूत दिखाने का मौका दिया
जाएगा.”
लोक जनशक्ति पार्टी में तकरार सोमवार
को तब शुरू हुई थी जब पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल
का नेता चुन लिया था. उसी रात लोकसभा में भी उन्हें संसदीय दल के नेता के तौर पर
मान्यता मिल गई थी.
अगले दिन इस गुट ने चिराग पासवान
को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था. पार्टी में फूट के बाद चिराग पासवान ने पहले
तो पशुपति कुमार पारस से मुलाक़ात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं
बनने पर उन्होंने अपने धड़े की मीटिंग बुलाई और पाँचों बाग़ी सांसदों को पार्टी से
बाहर का रास्ता दिखा दिया.
चिराग पासवान ने पारस को लिखी एक पुरानी
चिट्ठी भी जारी की थी. उन्होंने पार्टी में फूट को लेकर जनता दल यूनाइटेड और बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. चिराग ने बुधवार को एक प्रेस
कॉन्फ्रेंस की थी और दावा किया था कि पार्टी के ज़्यादातर नेता उनके साथ हैं.
वहीं, पशुपति कुमार पारस के गुट ने
गुरुवार को उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पारस
ने शुक्रवार को कहा, “पार्टी के संविधान के मुताबिक चिराग पासवान न तो एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं. कल हुए चुनाव पार्टी संविधान के मुताबिक पूरी
तरह वैध हैं, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.”
पारस ने आगे कहा, “मुझे सर्वसम्मति से चुना गया. रिटर्निंग ऑफिसर ने मुझे लोक जनशक्ति पार्टी का
राष्ट्रीय अध्यक्षचुने जाने का पत्र दिया. चुनाव आयोग में इसका ड्राफ्ट जमा किया जाएगा.”
मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल
विस्तार में पार्टी की ओर से किसे जगह मिलेगी, इस पर पारस ने कहा, “इसका फ़ैसला प्रधानमंत्री करेंगे.”
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और
पहले अध्यक्ष राम विलास पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने किया आगाह- अब भी मौजूद है कोरोना वायरस, बदल सकता है रूप
ANICopyright: ANI
कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के
बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आगाह किया है कि कोरोना वायरस अब भी
मौजूद है और इसके रूपांतरण की संभावना बनी हुई है. उन्होंने वायरस से मुक़ाबले के
लिए तैयार रहने की अपील की है.
‘कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के लिए क्रैश कोर्स का एलान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने ‘सभी के सामर्थ्य की सीमाओं को बार-बार परखा है.”
उन्होंने कहा, “कोरोना की दूसरी वेव में हम लोगों ने देखा
कि कोरोना वायरस का बार-बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला
सकता है.ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना बनी हुई
है. इसलिए हर इलाज, हर सावधानी के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए
हमें देश की तैयारियों को और ज़्यादा बढ़ाना होगा.”
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के
दौरान भारत की तैयारियों पर लगातार सवाल उठते रहे. कोरोना के कुल मामलों के मामले
में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. भारत में अब तक दो करोड़ 97 लाख से ज़्यादा लोग
संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से दो करोड़ 85 लाख से ज़्यादा लोगों ने
बीमारी को मात दी है. तीन लाख 83 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई जबकि करीब सात लाख 98
हज़ार एक्टिव मामले हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूसरे
वेव के दौरान जो अनुभव मिले उनके आधार पर कोरोना वायरस से मुक़ाबले के लिए तैयारी
को बढ़ाना होगा.
उन्होंने बताया कि देश में 'फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स तैयार करने का महाभियान' शुरू हो रहा है. इसमें एक लाख युवाओं को ट्रेंड करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये कोर्स दो से तीन महीने का होगा और ट्रेनिंग
लेने वाले लोग तुरंत काम करना शुरू कर देंगे.
उन्होंने कहा, “कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं की ट्रेनिंग का लक्ष्य रखा गया है.इससे जुड़ा कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा. इस अभियान से हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और
युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.”
प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण की भी चर्चा की और
ज़मीनी स्तर पर टीकाकरण अभियान में जुटे कार्यकर्ताओं की सराहना की.
उन्होंने कहा, “आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी और गांव-गांव में डिस्पेंसरियों में तैनात
स्वास्थ्यकर्मी हमारे हेल्थ सेक्टर के बहुत मजबूत स्तंभ हैं. मैं इनकी प्रशंसा करता हूं, सराहना
करता हूं. 21 जून से देश में टीकाकरण अभियान का विस्तार हो रहा है, उसे भी ये लोग नई ताकत देंगे.”
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक 26.8
करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. सरकार ने दिसंबर तक सभी को
वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, विपक्ष सरकार के दावों पर लगातार सवाल
उठा रहा है.
असम: राहुल गांधी नेता रहे तो आगे नहीं बढ़ेगी कांग्रेस, ये आरोप लगाकर विधायक ने दिया इस्तीफ़ा
Dilip Kumar SharmaCopyright: Dilip Kumar Sharma
असम विधानसभा चुनाव में हार के लिए
कांग्रेस नेत़त्व को ज़िम्मेदार बताते हुए पार्टी के विधायक रूपज्योति कुर्मी ने विधानसभा और
पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.
रुपज्योति कुर्मी ने आरोप लगया है
कि कांग्रेस में युवा नेताओं की बात नहीं सुनी जा रही है. इस कारण सभी राज्यों में
पार्टी की स्थिति ख़राब हो रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक
रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “ राहुल गांधी नेतृत्व करने में
नाकाम हैं. अगर वो कमान संभाले रहेंगे तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी.”
रूपज्योति कुर्मी ने हालिया
विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए. उन्होंने एआईयूडीएफ़ के साथ
गठबंधन को बड़ी भूल बताया.
उन्होंने कहा, “ मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं. पार्टी हाईकमान सिर्फ़ उम्रदराज नेताओं को ही
प्रथामिकता देते हैं. हमने उनसे कहा था कि इस बार कांग्रेस के सत्ता में आने के
अच्छे मौके हैं. हमें एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. ये एक ग़लती होगी.
ये वाकई एक ग़लती थी.”
कांग्रेस को असम विधानसभा चुनाव
में 29 सीटें हासिल हुई थीं. असम में पार्टी को लगातार दूसरी बार हार झेलनी पड़ी
है. असम की 126 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 60 सीटें हासिल कीं और लगातार
दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. एआईयूडीएफ़ 16 सीटें जीतने में कामयाब रही.
पार्टी नेतृत्व पर तीखे हमले करने
के बाद रूपज्योति कुर्मी ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफ़ा सौंप दिया.
उधर, समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया
कि कांग्रेस ने रुपज्योति कुर्मी की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी है. इसकी वजह
उनकी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ को बताया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुर्मी ने बताया है कि वो 21 जून को बीजेपी में शामिल होंगे.
शुभेंदु अधिकारी ने की मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता ख़ारिज करने की मांग
Sanjay DasCopyright: Sanjay Das
प्रभाकर मणि तिवारी कोलकाता से,बीबीसी हिंदी के लिए
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी में शामिल होने वाले विधायक मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खारिज करने की मांग की है.
शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय में इस मांग के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा. हालांकि, अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा है कि उनको अब तक कोई पत्र नहीं मिला है.
हाल ही में मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद से शुभेंदु अधिकारी उनके ख़िलाफ़ दल-बदल क़नून के तहत कार्रवाई की मांग उठाते रहे हैं.
वे बृहस्पतिवार को भी विधानसभा परिसर गए थे. लेकिन, जिस सेक्शन में पत्र जमा किया जाता है वो बंद होने के चलते वो पत्र जमा नहीं करा सके थे.
अब शुभेंदु अधिकारी ने वो पत्र शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष के दफ़्तर में उनके निजी सचिव को सौंपा. उस समय अध्यक्ष दफ़्तर में मौजूद नहीं थे.
इस पत्र में शुभेंदु ने अध्यक्ष से दल-बदल क़ानून के तहत मुकुल रॉय की सदस्यता शीघ्र खारिज करने की अपील की है.
इस बीच, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि शुभेंदु को दल-बदल क़ानून के इस्तेमाल की शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए.
बता दें कि टीएमसी सांसद होने के बावजूद शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली में मंच पर मौजूद थे.
टीएमसी ने उनकी लोकसभा सदस्यता खारिज करने के लिए पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पार्टी बदलने के बाद नैतिक लिहाज से मुकुल रॉय को विधानसभा से भी इस्तीफा दे देना चाहिए.
CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज से बात कर रही हैं बीबीसी संवाददाता सरोज सिंह
ब्रेकिंग न्यूज़सुप्रीम कोर्ट का नताशा, देवांगना और आसिफ़ की ज़मानत पर रोक लगाने से इनकार
Getty ImagesCopyright: Getty Images
सुप्रीम कोर्ट ने
स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली ज़मानत पर रोक लगाने
से इनकार कर दिया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट
ने ये भी कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले को किसी भी अदालत में मिसाल के तौर पर
नहीं रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों की रिहाई में इस समय कोई हस्तक्षेप नहीं
किया जाएगा. अदालत ने कहा कि अभी अंतिम आदेश के लिए इंतज़ार करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में
हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यन की अवकाश खंडपीठ ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना
कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल
की ज़मानत चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई की है.
इन तीनों स्टूडेंट
एक्टिविस्ट को दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 जून को ज़मानत दी थी. इन्हें 17 जून को दिल्ली के तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
ने दिल्ली पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगाने
की मांग की थी.
जस्टिस हेमंत गुप्ता
की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है और इसका पूरे भारत पर असर पड़
सकता है. हम इसे लेकर नोटिस जारी करेंगे और सभी पक्षों को सुनेंगे.
तुषार मेहता ने कहा
कि ये सब तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए थे और ये लोग उसी दौरान
गड़बड़ पैदा करना चाहते थे.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
इसराइल के नए विदेश मंत्री ने जयशंकर के लिए कही ये बात
Getty ImagesCopyright: Getty Images
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर इसराइल के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री येर लेपिड को बधाई दी थी. जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ''भारत को लेकर आपकी गर्मजोशी की मैं प्रशंसा करता हूँ. हमारी रणनीतिक साझेदारी के प्रति आपकी प्रतिबद्धता कम नहीं हुई है.''
जयशंकर के इस ट्वीट के जवाब में शुक्रवार को येर लेपिड ने लिखा, ''शुक्रिया मिनिस्टर. आपसे बात कर अच्छा लगा. मैं इसराइल में जल्द ही आपके स्वागत के लिए उत्सुक हूँ.''
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इसराइल के नए प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट को बधाई दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और इसराइल के बीच राजयनिक संबंध कायम होने का अगले साल 30वां साल होगा. पीएम मोदी ने कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते बहुत गहरे हैं. पीएम मोदी ने 12 साल तक सत्ता में रहने के बाद पिछले हफ़्ते विदा हुए बिन्यामिन नेतन्याहू को भी शुक्रिया कहा था.
उत्तर कोरिया बोला- अमेरिका से टकराव के लिए भी हम तैयार हैं
Getty ImagesCopyright: Getty Images
उत्तर कोरिया के शासक
किम जोंग-उन ने कहा है कि उनके देश को अमेरिका के साथ बातचीत और टकराव दोनों के लिए
तैयार रहने की ज़रूरत है. किम जोंग ने अमेरिका के साथ टकराव के लिए तैयार रहने पर ख़ास
तौर से ज़ोर दिया.
ये पहली बार है जब
किम जोंग-उन ने अमेरिका की बाइडन सरकार को लेकर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी की है.
बाइडन प्रशासन की
तरफ़ से राजनयिक संवाद की कोशिशों को उत्तर कोरिया ने ख़ारिज कर दिया था. किम जोंग-उन
ने प्योंगयांग में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में ये बातें कही हैं.
सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक इसी हफ़्ते राजधानी प्योंगयांग
में शुरू हुई थी.
उत्तर कोरिया की सरकारी
न्यूज़ एजेंसी केसीएनए के मुताबिक़, किम जोंग-उन ने कहा कि राष्ट्र के गौरव और अपने हितों की सुरक्षा के लिए अमेरिका
से टकराव के लिए ख़ास तौर से तैयार रहने की ज़रूरत है.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
उन्होंने ये भी कहा
कि कोरियाई द्वीप में किसी भी तरह की नियंत्रण की कोशिश की गई तो उत्तर कोरिया ठोस
जवाब देगा. हाल ही में, किम जोंग-उन ने माना
था कि उनका देश खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति
जो बाइडन के साथ किम जोंग-उन के रिश्ते शुरुआत से ही अच्छे नहीं रहे हैं. अमेरिकी चुनाव
से पहले बाइडन ने किम को ठग कहकर संबोधित किया था. वहीं, बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने शक्ति
प्रदर्शन के लिए नई मिसाइल के साथ सैन्य परेड निकाली थी.
अप्रैल महीने में,
बाइडन ने उत्तर कोरिया को वैश्विक सुरक्षा के लिए
गंभीर ख़तरा करार दिया था. उत्तर कोरिया ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी और कहा था कि
बाइडन उसके प्रति शत्रुता की नीति अपनाए रखना चाहते हैं.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
जमीन धंसने से रेलवे सुरंग में काम करने वाले दो मज़दूरों की दब कर मौत, चार घायल
प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता से, बीबीसी हिंदी के लिए
DEEPAK LAMACopyright: DEEPAK LAMA
पश्चिम बंगाल से सटे
सिक्किम के रंग्पू में एक रेलवे सुरंग के पास ज़मीन धंसने की वजह से सुरंग में काम करने
वाले दो मज़दूरों की मलबे में दब कर मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए.
यह सुरंग दार्जिलिंग
जिले के सेवक से सिक्किम के रंग्पू के बीच बनाई जा रही रेलवे परियोजना का हिस्सा है.
सरकारी सूत्रों ने यहां इसकी जानकारी दी.
एक सरकारी अधिकारी
ने बताया कि गुरुवार शाम से ही इलाक़े में भारी बारिश हो रही थी. अचानक सिक्किम के मिली में दस नंबर रेलवे सुरंग के पास जमीन धंसने
से यह हादसा हुआ. हादसे के बाद उस सुरंग में काम बंद हो गया है. घायल मजदूरों को नजदीकी
अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यहां इस बात का जिक्र
जरूरी है कि सिक्किम में कोई रेलवे लाइन नहीं है. उस पर्वतीय राज्य को देश के बाकी
हिस्सों को जोड़ने के लिए बीते दो साल से दार्जिलिंग ज़िले के सेवक और सिक्किम के रंग्पू
के बीच रेलवे की पटरियां बिछाने का काम चल रहा है.
जिस सुरंग में काम चल रहा था वह
भी 44.9 किमी लंबी इसी परियोजना का हिस्सा है. पर्वतीय इलाका होने की वजह से इसके तहत
कुल 14 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर का निर्माण कार्य अंतिम
चरण में है.
भारतीयों का स्विस बैंकों में पैसा 20 हज़ार करोड़ के पार, 13 साल में सबसे बड़ी छलांग
Getty ImagesCopyright: Getty Images
स्विस बैंक में भारतीयों
और भारतीय फर्मों ने साल 2020 में ख़ूब पैसे जमा
किए हैं. ये पैसे भारत स्थित ब्रांचों और अन्य वित्तीय संस्थानों के ज़रिए भी भेजे
गए हैं. स्विटज़रलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वार्षिक डेटा जारी किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई
ने इन आँकड़ों के आधार पर बताया है कि साल 2020 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा बढ़कर 20,700
करोड़ रुपए से ज़्यादा हो गया है.
साल 2019 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 6625
करोड़ रुपए था. पिछले दो सालों में इसमें गिरावट
दर्ज की गई थी लेकिन साल 2020 में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
हुई है.
पिछले 13 सालों में यह सबसे
बड़ा उछाल है.
मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी को यूपी पुलिस का नोटिस
GETTY IMAGESCopyright: GETTY IMAGES
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा है.
इस नोटिस में उन्हें सात दिन के भीतर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
नोटिस में ये भी लिखा गया है कि ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा अपने ट्विटर हैंडल का प्रयोग करते हुए समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने के लिए प्रेषित संदेश का ट्विटर ने कोई संज्ञान नहीं लिया.
इस मामले में यूपी पुलिस ने पहले ही ट्विटर और कई पत्रकारों पर एफ़आईआर दर्ज की हुई है.
मंगलवार को दर्ज मुक़दमे में ट्विटर, ट्विटर कम्यूनिकेसंश इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर, पत्रकार राना अय्यूब, समाचार वेब पोर्टल द वायर, पत्रकार सबा नक़वी, कांग्रेस नेता मस्कूर उस्मानी, कांग्रेस नेता सलमान निज़ामी और कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद को अभियुक्त बनाया गया है.
ये मुक़दमा एक एडिटेड वीडियो को वायरल करने के संबंध में दर्ज किया गया है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग की पिटाई होती दिख रही है.
ईरान में नए राष्ट्रपति के लिए आज मतदान, लोगों की भागीदारी पर संदेह
Getty ImagesCopyright: Getty Images
ईरान के लोग आज नए
राष्ट्रपति के लिए मतदान करेंगे. कुल चार उम्मीदवारों में से एक को राष्ट्रपति हसन
रूहानी की जगह मिलेगी.
ओपिनयन पोल्स का अनुमान
है कि रूढ़िवादी शिया मौलवी और सुप्रीम कोर्ट प्रमुख इब्राहिम राईसी को राष्ट्रपति की
कुर्सी मिल सकती है. रइसी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी ईरान के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर
अब्दुलनासेर हेमाती हैं.
कई अंस्तुष्टों और
कुछ सुधारवादियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. इनका कहना है कि कई उम्मीदवारों को
चुनाव से बाहर करने के कारण रइसी की राह आसान हो गई है.
ट्रंप प्रशासन ने
2017 में ईरान से परमाणु समझौता
ख़त्म कर दिया था और कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. इन पाबंदियों से ईरान के लोग
गंभीर आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और इसे लेकर सरकार से काफ़ी नाराज़गी है.
हसन रूहानी की छवि
नरम नेता की रही है और वे पश्चिम से संबंधों को ठीक करने की वकालत करते रहे हैं. हालांकि
उनका दो कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए तीसरी बार वे
राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
उम्मीदवारों की पुष्टि
कौन करता है?
लगभग 600 उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन कराया
था. इनमें 40 महिलाएं भी शामिल
थीं. लेकिन पिछले महीने सात पुरुषों को गार्डियन काउंसिल से मंज़ूरी मिली. इस काउंसिल
में 12 सदस्य हैं और इसे रूढ़िवादी
माना जाता है.
राष्ट्रपति हसन रूहानी
के पहले उपराष्ट्रपति इशाक़ जहांगिरी और ईरानी संसद के पूर्व रूढ़िवादी स्पीकर अली
लार्जिआनी समेत कइयों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिली.
गुरुवार को तीन वैसे
उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया जिन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिली थी. ये हैं-
सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव सईद जलीली, सांसद अलीरेज़ा ज़कानी और सुधारवादी पूर्व उपराष्ट्रपति मोहसीन
मेहरालिज़ादेह.
जलीली और ज़कानी दोनों
कट्टरपंथी हैं और इन्होंने राईसी का समर्थन किया है. अगर पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार
को 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट नहीं
मिलेगा तो एक रन-ऑफ चुनाव होगा.
कितने मतदाता?
ईरान में 5.9 करोड़ लोग वोट देने के योग्य हैं. ईरान की आबादी
आठ करोड़ है. 2017 के राष्ट्रपति चुनाव
में मतदान 73 फ़ीसदी रहा था लेकिन
इस बार सरकार समर्थित ईरानी स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी आईएसपीए का कहना है कि मतदान 42 फ़ीसदी तक रह सकता है.
अगर ऐसा होता है कि 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद ऐतिहासिक
रूप से राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम लोगों की भागीदारी होगी. चुनाव में लोगों की कम
भागीदारी से वहाँ के नेताओं के लिए मुश्किल परिस्थिति खड़ी हो सकती है.
Getty ImagesCopyright: Getty Images
ईरान के सर्वोच्च
नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई की अपील
इन्हीं आशंकाओं के
बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार को लोगों से आग्रह किया था
कि शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए होने वाले मतदान में जमकर हिस्सा लें.
ख़ामेनेई ने कहा था
कि ज़्यादा मतदान और इस्लामिक रिपब्लिक पर बाहरी दबाव के बीच सीधा संबंध है.
ख़ामेनेई ने कहा था,
''अगर मतदान में लोगों की भागीदारी कम होती है तो
दुश्मनों का दबाव बढ़ेगा...अगर हम विदेशी दबाव और प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं
तो मतदान में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. हम इस जम-समर्थन को अपने
दुश्मनों को दिखा सकेंगे.'' ख़ामेनेई ने ये बातें
बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कही.
ख़ामेनेई ने कहा था कि सभी ईरानी नागरिकों को चाहे वे जिस राजनीति को पसंद करते हों, जमकर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए.
ख़ामेनेई ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ईरानियों को वोट में हिस्सा नहीं लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ईरानी के सर्वोच्च नेता ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ईरान के चुनाव को कमज़ोर करना चाहता है.
EPACopyright: EPA
Post update
बीबीसी हिन्दी के इस लाइव पेज पर आपका स्वागत है. हम यहाँ आपको दिन भर की बड़ी ख़बरें और लाइव अपडेट्स देते रहेंगे. यह लाइव पेज 24 घंटे उपलब्ध है. 17 जून, गुरुवार के सभी बड़े अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.
लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- वात्सल्य राय, अनंत प्रकाश, रजनीश कुमार और कमलेश मठेनी
time_stated_uk
धन्यवाद
बीबीसी के इस लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. 19 जून, शनिवार के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.
ममता बनर्जी के वकील ने कहा शुभेंदु मामले में बदली जाए बेंच, मौजूदा जज रहे हैं 'बीजेपी सदस्य'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ़ जस्टिस राजेश बिंदल को पत्र लिखकर उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच को बदलने का निवेदन किया है.
ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर शुभेंदु अधिकारी की जीत को चुनौती दी है. ममता बनर्जी ने दावा किया है कि इस सीट पर मतगणना में धांधली हुई है.
वकील ने दावा किया है कि बनर्जी को पता चला है कि जस्टिस कौशिक चंद्रा, जो कि बनर्जी की याचिका की सुनवाई करने वाले थे, “बीजेपी के सक्रिय सदस्य” थे.
वकील ने कहा है कि चूंकि चुनाव से जुड़ी इस याचिका की सुनवाई के राजनीतिक परिणाम होंगे, ऐसे में निवेदन किया गया है कि इस मामले को किसी अन्य पीठ को सौंपा जाए.
वकील ने अपने पत्र में ये भी कहा है कि ममता बनर्जी ने जज कौशिक चंद की कलकत्ता हाई कोर्ट में स्थायी नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई थी.
इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई थी कि इस बात की संभावना है कि संबंधित जज की ओर से पूर्वाग्रह रखा जाए.
ममता बनर्जी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी मगर जस्टिस चंद्रा ने सुनवाई 24 जून के लिए टाल दी.
इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शुक्रवार को कुछ वकीलों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के बाहर जस्टिस चंद्रा को इस याचिका को सौंपे जाने के विरोध में प्रदर्शन किया.
कश्मीर पर अहम बैठक: पाक अधिकृत कश्मीर के शरणार्थियों को जल्द मिले राहत पैकेज़: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार शाम कश्मीर से जुड़े मसलों पर एनएसए अजित डोवाल और गृह सचिव अजय भल्ला के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की है.
इस बैठक में आईबी निदेशक अरविंद कुमार, रॉ चीफ़ समंत कुमार गोयल, सीआरपीएफ़ महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग़ सिंह भी शामिल थे.
इसके साथ ही मनोज सिन्हा ने भी शुक्रवार शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की.
अमित शाह ने इस बैठक में ये स्पष्ट रूप से कहा है कि पाक अधिकृत जम्मू - कश्मीर और पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को राहत पैकेज जल्द से जल्द मुहैया कराए जाएं.
मनोज सिन्हा को दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में कोरोना टीकाकरण 76% एवं चार ज़िलों में 100% होने पर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को बधाई दी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की योजनाओं की 90% पहुंच की भी सराहना की.
इसके साथ ही शाह ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज, औद्योगिक विकास की परियोजनाओं सहित अन्य कई विकास योजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करने और 3000 मेघावाट की पाकल डुल व कीरू जल-विद्युत परियोजना को फ़ास्ट ट्रैक करने के साथ 3300 मेगावाट की अन्य योजनाओं को शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.
मोदी खो चुके सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार, काले धन को लेकर कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने कोरोना संक्रमण और स्विस बैंक में जमा भारतीयों के धन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में बने रहने का ‘नैतिक अधिकार खो चुके हैं.’
स्विस बैंक में जमा धन को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार को इस मामले में पूरी जानकारी सामने रखनी चाहिए.
कांग्रेस ने कहा, “जिन लोगों ने स्विस बैंक में पैसा जमा कराया है, उनके नाम बताने चाहिए. सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि सात साल में देश में कितना काला धन वापस लाया गया है.”
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी और दूसरे विपक्षी दलों ने तब केंद्र की सत्ता में मौजूद रही कांग्रेस पार्टी को घेरने के लिए ‘काला धन’ के मुद्दे को जोर शोर से उठाया था.कांग्रेस अब उसी वादे की याद दिलाकर मौजूदा सरकार को घेरने की कोशिश में है.
स्विट्ज़रलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वार्षिक डेटा जारी किया था और समाचार एजेंसी पीटीआई ने उसके आधार पर जानकारी दी थी कि साल 2020 में स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के पैसे में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है.साल 2019 में ये रकम 6625 करोड़ रुपये थी जो 2020 में 20,700 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गई.
वहीं, कोरोना संक्रमण के दौरान अव्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की ज़रूरत थी तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल चुनाव में व्यस्त थे.
सिब्बल ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मोदी ‘शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सिब्बल ने कहा,“ विश्वसनीय राजनीतिक विकल्प न होने का मतलब ये नहीं है कि वो (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ये सोचकर अपने कर्तव्य पालन करना छोड़ दें कि उनका भविष्य सुरक्षित है.”
एक प्रधानमंत्री को उस वक़्त लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए था जब वो महामारी के बीच 'स्वास्थ्य सेवा की तलाश में अस्पतालों के बाहर भट रहे थे, तब वो पश्चिम बंगाल, असम के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक बढ़त पाने की कोशिश में व्यस्त थे.'
सिब्बल ने कहा कि वो मानते हैं कि इस समय मजबूत राजनीतिक विकल्प मौजूद नहीं है और इसीलिए वो अपनी पार्टी में रिफ़ॉर्म की बात करते हैं ताकि देश में मजबूत और विश्वसनीय विपक्ष मौजूद रहे.
बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर' सुनिए मोहनलाल शर्मा से
टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल: पहले दिन का खेल रद्द
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के पहले दिन का खेल बारिश की वजह से रद्द हो गया. पहले दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी गई.
बीसीसीआई ने ये जानकारी देते हुए बताया है कि शनिवार को स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10.30 बजे खेल शुरू होगा.
ये मैच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जा रहा है. आईसीसी ने टेस्ट चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार किया है.
चिराग पासवान और पशुपति पारस की जंग चुनाव आयोग तक पहुंची, मोदी से भी है आस
लोक जनशक्ति पार्टी में जारी विवाद के बीच चिराग पासवान गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और पार्टी पर अधिकार की दूसरे धड़े की दावेदारी को ख़ारिज किया.
वहीं, चिराग के चाचा और पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि चिराग अब ‘न तो पार्टी के अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं.’
पारस ने ये भी कहा कि उनके अध्यक्ष चुने जाने की जानकारी चुनाव आयोग को दी जाएगी. पार्टी पर अधिकार की जंग के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुने गए सांसदों की नज़र केंद्र के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर भी है. नेताओं का दावा है कि इसी के जरिए ये भी साफ़ होगा कि ‘प्रधानमंत्री किसे चुनते हैं?’
चुनाव आयोग के अधिकारियों से शुक्रवार को हुई मुलाक़ात के बाद चिराग पासवान ने बताया, “मैं साल 2019 में पांच साल के लोक जनशक्तिपार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. चुनाव आयोग ने हमें भरोसा दिया है कि अगर कोई लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर दावा करता है तो हमें सुबूत दिखाने का मौका दिया जाएगा.”
लोक जनशक्ति पार्टी में तकरार सोमवार को तब शुरू हुई थी जब पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता चुन लिया था. उसी रात लोकसभा में भी उन्हें संसदीय दल के नेता के तौर पर मान्यता मिल गई थी.
अगले दिन इस गुट ने चिराग पासवान को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया था. पार्टी में फूट के बाद चिराग पासवान ने पहले तो पशुपति कुमार पारस से मुलाक़ात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनने पर उन्होंने अपने धड़े की मीटिंग बुलाई और पाँचों बाग़ी सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
चिराग पासवान ने पारस को लिखी एक पुरानी चिट्ठी भी जारी की थी. उन्होंने पार्टी में फूट को लेकर जनता दल यूनाइटेड और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. चिराग ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और दावा किया था कि पार्टी के ज़्यादातर नेता उनके साथ हैं.
वहीं, पशुपति कुमार पारस के गुट ने गुरुवार को उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पारस ने शुक्रवार को कहा, “पार्टी के संविधान के मुताबिक चिराग पासवान न तो एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और न ही संसदीय दल के नेता हैं. कल हुए चुनाव पार्टी संविधान के मुताबिक पूरी तरह वैध हैं, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.”
पारस ने आगे कहा, “मुझे सर्वसम्मति से चुना गया. रिटर्निंग ऑफिसर ने मुझे लोक जनशक्ति पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्षचुने जाने का पत्र दिया. चुनाव आयोग में इसका ड्राफ्ट जमा किया जाएगा.”
मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी की ओर से किसे जगह मिलेगी, इस पर पारस ने कहा, “इसका फ़ैसला प्रधानमंत्री करेंगे.”
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और पहले अध्यक्ष राम विलास पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने किया आगाह- अब भी मौजूद है कोरोना वायरस, बदल सकता है रूप
कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आगाह किया है कि कोरोना वायरस अब भी मौजूद है और इसके रूपांतरण की संभावना बनी हुई है. उन्होंने वायरस से मुक़ाबले के लिए तैयार रहने की अपील की है.
‘कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के लिए क्रैश कोर्स का एलान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने ‘सभी के सामर्थ्य की सीमाओं को बार-बार परखा है.”
उन्होंने कहा, “कोरोना की दूसरी वेव में हम लोगों ने देखा कि कोरोना वायरस का बार-बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है.ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना बनी हुई है. इसलिए हर इलाज, हर सावधानी के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और ज़्यादा बढ़ाना होगा.”
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान भारत की तैयारियों पर लगातार सवाल उठते रहे. कोरोना के कुल मामलों के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. भारत में अब तक दो करोड़ 97 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से दो करोड़ 85 लाख से ज़्यादा लोगों ने बीमारी को मात दी है. तीन लाख 83 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई जबकि करीब सात लाख 98 हज़ार एक्टिव मामले हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दूसरे वेव के दौरान जो अनुभव मिले उनके आधार पर कोरोना वायरस से मुक़ाबले के लिए तैयारी को बढ़ाना होगा.
उन्होंने बताया कि देश में 'फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स तैयार करने का महाभियान' शुरू हो रहा है. इसमें एक लाख युवाओं को ट्रेंड करने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये कोर्स दो से तीन महीने का होगा और ट्रेनिंग लेने वाले लोग तुरंत काम करना शुरू कर देंगे.
उन्होंने कहा, “कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं की ट्रेनिंग का लक्ष्य रखा गया है.इससे जुड़ा कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा. इस अभियान से हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.”
प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण की भी चर्चा की और ज़मीनी स्तर पर टीकाकरण अभियान में जुटे कार्यकर्ताओं की सराहना की.
उन्होंने कहा, “आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी और गांव-गांव में डिस्पेंसरियों में तैनात स्वास्थ्यकर्मी हमारे हेल्थ सेक्टर के बहुत मजबूत स्तंभ हैं. मैं इनकी प्रशंसा करता हूं, सराहना करता हूं. 21 जून से देश में टीकाकरण अभियान का विस्तार हो रहा है, उसे भी ये लोग नई ताकत देंगे.”
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक 26.8 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. सरकार ने दिसंबर तक सभी को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, विपक्ष सरकार के दावों पर लगातार सवाल उठा रहा है.
असम: राहुल गांधी नेता रहे तो आगे नहीं बढ़ेगी कांग्रेस, ये आरोप लगाकर विधायक ने दिया इस्तीफ़ा
असम विधानसभा चुनाव में हार के लिए कांग्रेस नेत़त्व को ज़िम्मेदार बताते हुए पार्टी के विधायक रूपज्योति कुर्मी ने विधानसभा और पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.
रुपज्योति कुर्मी ने आरोप लगया है कि कांग्रेस में युवा नेताओं की बात नहीं सुनी जा रही है. इस कारण सभी राज्यों में पार्टी की स्थिति ख़राब हो रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “ राहुल गांधी नेतृत्व करने में नाकाम हैं. अगर वो कमान संभाले रहेंगे तो पार्टी आगे नहीं बढ़ेगी.”
रूपज्योति कुर्मी ने हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठाए. उन्होंने एआईयूडीएफ़ के साथ गठबंधन को बड़ी भूल बताया.
उन्होंने कहा, “ मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं. पार्टी हाईकमान सिर्फ़ उम्रदराज नेताओं को ही प्रथामिकता देते हैं. हमने उनसे कहा था कि इस बार कांग्रेस के सत्ता में आने के अच्छे मौके हैं. हमें एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. ये एक ग़लती होगी. ये वाकई एक ग़लती थी.”
कांग्रेस को असम विधानसभा चुनाव में 29 सीटें हासिल हुई थीं. असम में पार्टी को लगातार दूसरी बार हार झेलनी पड़ी है. असम की 126 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 60 सीटें हासिल कीं और लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही. एआईयूडीएफ़ 16 सीटें जीतने में कामयाब रही.
पार्टी नेतृत्व पर तीखे हमले करने के बाद रूपज्योति कुर्मी ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफ़ा सौंप दिया.
उधर, समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि कांग्रेस ने रुपज्योति कुर्मी की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी है. इसकी वजह उनकी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ को बताया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुर्मी ने बताया है कि वो 21 जून को बीजेपी में शामिल होंगे.
शुभेंदु अधिकारी ने की मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता ख़ारिज करने की मांग
प्रभाकर मणि तिवारी कोलकाता से,बीबीसी हिंदी के लिए
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी में शामिल होने वाले विधायक मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खारिज करने की मांग की है.
शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय में इस मांग के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा. हालांकि, अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा है कि उनको अब तक कोई पत्र नहीं मिला है.
हाल ही में मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद से शुभेंदु अधिकारी उनके ख़िलाफ़ दल-बदल क़नून के तहत कार्रवाई की मांग उठाते रहे हैं.
वे बृहस्पतिवार को भी विधानसभा परिसर गए थे. लेकिन, जिस सेक्शन में पत्र जमा किया जाता है वो बंद होने के चलते वो पत्र जमा नहीं करा सके थे.
अब शुभेंदु अधिकारी ने वो पत्र शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष के दफ़्तर में उनके निजी सचिव को सौंपा. उस समय अध्यक्ष दफ़्तर में मौजूद नहीं थे.
इस पत्र में शुभेंदु ने अध्यक्ष से दल-बदल क़ानून के तहत मुकुल रॉय की सदस्यता शीघ्र खारिज करने की अपील की है.
इस बीच, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि शुभेंदु को दल-बदल क़ानून के इस्तेमाल की शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए.
बता दें कि टीएमसी सांसद होने के बावजूद शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली में मंच पर मौजूद थे.
टीएमसी ने उनकी लोकसभा सदस्यता खारिज करने के लिए पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पार्टी बदलने के बाद नैतिक लिहाज से मुकुल रॉय को विधानसभा से भी इस्तीफा दे देना चाहिए.
CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज से बात कर रही हैं बीबीसी संवाददाता सरोज सिंह
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: मैच की शुरुआत में देरी
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल के पहले दिन के पहले सेशन में खेल नहीं हो पाएगा.
ये जानकारी देते हुए बीसीसीआई ने बताया है कि साउथैम्पटन में बारिश हो रही है. मैच के अधिकारियों ने कुछ देर पहले मैदान का निरीक्षण किया.
मैच के लिए भारत ने गुरुवार को ही अपनी प्लेइंग इलेवन का एलान कर दिया था.
ब्रेकिंग न्यूज़सुप्रीम कोर्ट का नताशा, देवांगना और आसिफ़ की ज़मानत पर रोक लगाने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली ज़मानत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले को किसी भी अदालत में मिसाल के तौर पर नहीं रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों की रिहाई में इस समय कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. अदालत ने कहा कि अभी अंतिम आदेश के लिए इंतज़ार करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यन की अवकाश खंडपीठ ने स्टूडेंट एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल की ज़मानत चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई की है.
इन तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट को दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 जून को ज़मानत दी थी. इन्हें 17 जून को दिल्ली के तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली पुलिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह मुद्दा महत्वपूर्ण है और इसका पूरे भारत पर असर पड़ सकता है. हम इसे लेकर नोटिस जारी करेंगे और सभी पक्षों को सुनेंगे.
तुषार मेहता ने कहा कि ये सब तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आए थे और ये लोग उसी दौरान गड़बड़ पैदा करना चाहते थे.
इसराइल के नए विदेश मंत्री ने जयशंकर के लिए कही ये बात
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर इसराइल के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री येर लेपिड को बधाई दी थी. जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा था, ''भारत को लेकर आपकी गर्मजोशी की मैं प्रशंसा करता हूँ. हमारी रणनीतिक साझेदारी के प्रति आपकी प्रतिबद्धता कम नहीं हुई है.''
जयशंकर के इस ट्वीट के जवाब में शुक्रवार को येर लेपिड ने लिखा, ''शुक्रिया मिनिस्टर. आपसे बात कर अच्छा लगा. मैं इसराइल में जल्द ही आपके स्वागत के लिए उत्सुक हूँ.''
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इसराइल के नए प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट को बधाई दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और इसराइल के बीच राजयनिक संबंध कायम होने का अगले साल 30वां साल होगा. पीएम मोदी ने कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते बहुत गहरे हैं. पीएम मोदी ने 12 साल तक सत्ता में रहने के बाद पिछले हफ़्ते विदा हुए बिन्यामिन नेतन्याहू को भी शुक्रिया कहा था.
उत्तर कोरिया बोला- अमेरिका से टकराव के लिए भी हम तैयार हैं
उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग-उन ने कहा है कि उनके देश को अमेरिका के साथ बातचीत और टकराव दोनों के लिए तैयार रहने की ज़रूरत है. किम जोंग ने अमेरिका के साथ टकराव के लिए तैयार रहने पर ख़ास तौर से ज़ोर दिया.
ये पहली बार है जब किम जोंग-उन ने अमेरिका की बाइडन सरकार को लेकर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी की है.
बाइडन प्रशासन की तरफ़ से राजनयिक संवाद की कोशिशों को उत्तर कोरिया ने ख़ारिज कर दिया था. किम जोंग-उन ने प्योंगयांग में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में ये बातें कही हैं. सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक इसी हफ़्ते राजधानी प्योंगयांग में शुरू हुई थी.
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी केसीएनए के मुताबिक़, किम जोंग-उन ने कहा कि राष्ट्र के गौरव और अपने हितों की सुरक्षा के लिए अमेरिका से टकराव के लिए ख़ास तौर से तैयार रहने की ज़रूरत है.
उन्होंने ये भी कहा कि कोरियाई द्वीप में किसी भी तरह की नियंत्रण की कोशिश की गई तो उत्तर कोरिया ठोस जवाब देगा. हाल ही में, किम जोंग-उन ने माना था कि उनका देश खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ किम जोंग-उन के रिश्ते शुरुआत से ही अच्छे नहीं रहे हैं. अमेरिकी चुनाव से पहले बाइडन ने किम को ठग कहकर संबोधित किया था. वहीं, बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने शक्ति प्रदर्शन के लिए नई मिसाइल के साथ सैन्य परेड निकाली थी.
अप्रैल महीने में, बाइडन ने उत्तर कोरिया को वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा करार दिया था. उत्तर कोरिया ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी और कहा था कि बाइडन उसके प्रति शत्रुता की नीति अपनाए रखना चाहते हैं.
जमीन धंसने से रेलवे सुरंग में काम करने वाले दो मज़दूरों की दब कर मौत, चार घायल
प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता से, बीबीसी हिंदी के लिए
पश्चिम बंगाल से सटे सिक्किम के रंग्पू में एक रेलवे सुरंग के पास ज़मीन धंसने की वजह से सुरंग में काम करने वाले दो मज़दूरों की मलबे में दब कर मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए.
यह सुरंग दार्जिलिंग जिले के सेवक से सिक्किम के रंग्पू के बीच बनाई जा रही रेलवे परियोजना का हिस्सा है. सरकारी सूत्रों ने यहां इसकी जानकारी दी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि गुरुवार शाम से ही इलाक़े में भारी बारिश हो रही थी. अचानक सिक्किम के मिली में दस नंबर रेलवे सुरंग के पास जमीन धंसने से यह हादसा हुआ. हादसे के बाद उस सुरंग में काम बंद हो गया है. घायल मजदूरों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यहां इस बात का जिक्र जरूरी है कि सिक्किम में कोई रेलवे लाइन नहीं है. उस पर्वतीय राज्य को देश के बाकी हिस्सों को जोड़ने के लिए बीते दो साल से दार्जिलिंग ज़िले के सेवक और सिक्किम के रंग्पू के बीच रेलवे की पटरियां बिछाने का काम चल रहा है.
जिस सुरंग में काम चल रहा था वह भी 44.9 किमी लंबी इसी परियोजना का हिस्सा है. पर्वतीय इलाका होने की वजह से इसके तहत कुल 14 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से ज्यादातर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
भारतीयों का स्विस बैंकों में पैसा 20 हज़ार करोड़ के पार, 13 साल में सबसे बड़ी छलांग
स्विस बैंक में भारतीयों और भारतीय फर्मों ने साल 2020 में ख़ूब पैसे जमा किए हैं. ये पैसे भारत स्थित ब्रांचों और अन्य वित्तीय संस्थानों के ज़रिए भी भेजे गए हैं. स्विटज़रलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वार्षिक डेटा जारी किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने इन आँकड़ों के आधार पर बताया है कि साल 2020 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा बढ़कर 20,700 करोड़ रुपए से ज़्यादा हो गया है.
साल 2019 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 6625 करोड़ रुपए था. पिछले दो सालों में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी लेकिन साल 2020 में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है.
पिछले 13 सालों में यह सबसे बड़ा उछाल है.
मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी को यूपी पुलिस का नोटिस
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में मुस्लिम बुज़ुर्ग की पिटाई मामले में यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा है.
इस नोटिस में उन्हें सात दिन के भीतर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है.
नोटिस में ये भी लिखा गया है कि ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा अपने ट्विटर हैंडल का प्रयोग करते हुए समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने के लिए प्रेषित संदेश का ट्विटर ने कोई संज्ञान नहीं लिया.
इस मामले में यूपी पुलिस ने पहले ही ट्विटर और कई पत्रकारों पर एफ़आईआर दर्ज की हुई है.
मंगलवार को दर्ज मुक़दमे में ट्विटर, ट्विटर कम्यूनिकेसंश इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर, पत्रकार राना अय्यूब, समाचार वेब पोर्टल द वायर, पत्रकार सबा नक़वी, कांग्रेस नेता मस्कूर उस्मानी, कांग्रेस नेता सलमान निज़ामी और कांग्रेस नेता डॉ. शमा मोहम्मद को अभियुक्त बनाया गया है.
ये मुक़दमा एक एडिटेड वीडियो को वायरल करने के संबंध में दर्ज किया गया है. इस वीडियो में एक बुजुर्ग की पिटाई होती दिख रही है.
ईरान में नए राष्ट्रपति के लिए आज मतदान, लोगों की भागीदारी पर संदेह
ईरान के लोग आज नए राष्ट्रपति के लिए मतदान करेंगे. कुल चार उम्मीदवारों में से एक को राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह मिलेगी.
ओपिनयन पोल्स का अनुमान है कि रूढ़िवादी शिया मौलवी और सुप्रीम कोर्ट प्रमुख इब्राहिम राईसी को राष्ट्रपति की कुर्सी मिल सकती है. रइसी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी ईरान के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर अब्दुलनासेर हेमाती हैं.
कई अंस्तुष्टों और कुछ सुधारवादियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. इनका कहना है कि कई उम्मीदवारों को चुनाव से बाहर करने के कारण रइसी की राह आसान हो गई है.
ट्रंप प्रशासन ने 2017 में ईरान से परमाणु समझौता ख़त्म कर दिया था और कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. इन पाबंदियों से ईरान के लोग गंभीर आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और इसे लेकर सरकार से काफ़ी नाराज़गी है.
हसन रूहानी की छवि नरम नेता की रही है और वे पश्चिम से संबंधों को ठीक करने की वकालत करते रहे हैं. हालांकि उनका दो कार्यकाल पूरा हो चुका है, इसलिए तीसरी बार वे राष्ट्रपति नहीं बन सकते हैं.
उम्मीदवारों की पुष्टि कौन करता है?
लगभग 600 उम्मीदवारों ने चुनाव के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें 40 महिलाएं भी शामिल थीं. लेकिन पिछले महीने सात पुरुषों को गार्डियन काउंसिल से मंज़ूरी मिली. इस काउंसिल में 12 सदस्य हैं और इसे रूढ़िवादी माना जाता है.
राष्ट्रपति हसन रूहानी के पहले उपराष्ट्रपति इशाक़ जहांगिरी और ईरानी संसद के पूर्व रूढ़िवादी स्पीकर अली लार्जिआनी समेत कइयों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिली.
गुरुवार को तीन वैसे उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया जिन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिली थी. ये हैं- सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव सईद जलीली, सांसद अलीरेज़ा ज़कानी और सुधारवादी पूर्व उपराष्ट्रपति मोहसीन मेहरालिज़ादेह.
जलीली और ज़कानी दोनों कट्टरपंथी हैं और इन्होंने राईसी का समर्थन किया है. अगर पहले चरण में किसी भी उम्मीदवार को 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट नहीं मिलेगा तो एक रन-ऑफ चुनाव होगा.
कितने मतदाता?
ईरान में 5.9 करोड़ लोग वोट देने के योग्य हैं. ईरान की आबादी आठ करोड़ है. 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान 73 फ़ीसदी रहा था लेकिन इस बार सरकार समर्थित ईरानी स्टूडेंट पोलिंग एजेंसी आईएसपीए का कहना है कि मतदान 42 फ़ीसदी तक रह सकता है.
अगर ऐसा होता है कि 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम लोगों की भागीदारी होगी. चुनाव में लोगों की कम भागीदारी से वहाँ के नेताओं के लिए मुश्किल परिस्थिति खड़ी हो सकती है.
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई की अपील
इन्हीं आशंकाओं के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार को लोगों से आग्रह किया था कि शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए होने वाले मतदान में जमकर हिस्सा लें.
ख़ामेनेई ने कहा था कि ज़्यादा मतदान और इस्लामिक रिपब्लिक पर बाहरी दबाव के बीच सीधा संबंध है.
ख़ामेनेई ने कहा था, ''अगर मतदान में लोगों की भागीदारी कम होती है तो दुश्मनों का दबाव बढ़ेगा...अगर हम विदेशी दबाव और प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं तो मतदान में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. हम इस जम-समर्थन को अपने दुश्मनों को दिखा सकेंगे.'' ख़ामेनेई ने ये बातें बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कही.
ख़ामेनेई ने कहा था कि सभी ईरानी नागरिकों को चाहे वे जिस राजनीति को पसंद करते हों, जमकर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए.
ख़ामेनेई ने आरोप लगाया था कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ईरानियों को वोट में हिस्सा नहीं लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ईरानी के सर्वोच्च नेता ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ईरान के चुनाव को कमज़ोर करना चाहता है.
Post update
बीबीसी हिन्दी के इस लाइव पेज पर आपका स्वागत है. हम यहाँ आपको दिन भर की बड़ी ख़बरें और लाइव अपडेट्स देते रहेंगे. यह लाइव पेज 24 घंटे उपलब्ध है. 17 जून, गुरुवार के सभी बड़े अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.