रिपोर्टर- अनंत प्रकाश, वात्सल्य राय और रजनीश कुमार
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ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के नतीजे को दी चुनौती, शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई
पश्चिम
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट नंदीग्राम में
बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी के हाथों हुई अपनी हार को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
कोर्ट
इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा.
नंदीग्राम
में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को क़रीब दो हज़ार वोटों के अंतर से
हराया था.
शुभेंदु
अधिकारी को 1,10,764 वोट मिले थे जबकि ममता बनर्जी के पक्ष में 1,08,808 मत डाले
गए थे.
2
मई को पश्चिम बंगाल की इस हाई प्रोफ़ाइल सीट पर नतीजे को लेकर यह भ्रम की स्थिति
काफी देर तक बनी रही कि जीत किसकी हुई है. मीडिया में पहले ममता बनर्जी की जीत की
ख़बर आई लेकिन बाद में यह आया कि शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को हरा दिया है.
नताशा, तन्हा जेल से बाहर आकर बोले- जारी रहेगा संघर्ष, हाई कोर्ट को कहा- शुक्रिया
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स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल और आसिफ़
इक़बाल तन्हा ने जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद कहा है कि उनका 'संघर्ष आगे भी
जारी रहेगा.'
वहीं, देवांगना कलिता ने सरकार पर तीखा
हमला बोला है और कहा है कि सरकार लोगों की ‘आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है.’
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को इनकी
जमानत मंजूर की थी. लेकिन उस दिन इनकी रिहाई नहीं हो सकी. करीब दो दिन बाद गुरुवार
को दिल्ली की एक और कोर्ट ने तीनों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया और शाम को
इनकी रिहाई हुई.
इन्हें दिल्ली में बीते साल फरवरी में हुए
दंगों के मामले में अभियुक्त बनाया गया था. इनकी गिरफ़्तारी पिछले साल मई महीने में हुई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नताशा
नरवाल ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद कहा, “ जमानत मिलने पर हमें बहुत खुशी
हुई. बीते कई महीनों से हम भरोसा नहीं कर पा रहे थे कि हम ऐसे आरोप में जेल में
बंद हैं.”
नताशा ने दावा किया कि जेल के अंदर उन्हें
जबरदस्त समर्थन मिला.
उन्होंने कहा, “ जेल में हमें भरपूर समर्थन मिला.
हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे.”
जेल के एक
अधिकारी के मुताबिक नताशा और देवांगना को शाम सात बजे रिहा किया गया.
जेल से बाहर आने
के बाद देवांगना ने कहा, “सरकार असहमत लोगों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है.”
देवांगना ने भी दावा
किया कि उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिला. उन्होंने जमानत देने के लिए दिल्ली
हाई कोर्ट को शुक्रिया कहा.
वहीं, आसिफ़
इक़बाल तन्हा ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि वो एक दिन जेल के बाहर जरूर आएंगे.
समाचार एजेंसी
पीटीआई के मुताबिक तन्हा ने कहा, “ सीएए, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ उनका संघर्ष जारी रहेगा.”
दिल्ली पुलिस ने इन
तीनों को मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
चिराग पासवान ने पारस गुट की मीटिंग को बताया “असंवैधानिक”
चिराग पासवान ने गुरुवार शाम अपने
चाचा पशुपति कुमार पारस के निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर टिप्पणी करते
हुए इस बैठक को असंवैधानिक बताया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, चिराग
पासवान ने कहा है कि पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह पारस गुट को अपनी
बैठकों में एलजेपी के चुनाव चिह्न और झंडों के इस्तेमाल पर रोक लगाए.
इसके साथ ही पासवान ने कहा है कि पटना
में हुई पारस गुट की मीटिंग असंवैधानिक है, इसमें कोरम (किसी बैठक के आयोजित होने
के लिए न्यूनतम सदस्यों की संख्या) नहीं था.
भारत ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ शुक्रवार से शुरू हो रहे
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के लिए प्लेइंग इलेवन का एलान कर दिया है.
न्यूज़ीलैंड का मुक़ाबला करने वाली विराट कोहली की टीम में
तीन तेज़ गेंदबाज़ और दो स्पिनरों को जगह दी गई है. यानी भारत ने पांच गेंदबाज़ों
को आजमाने का फ़ैसला किया है.
प्लेइंग इलेवन में कप्तान कोहली के अलावा रोहित शर्मा, शुभमन
गिल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उप कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), आर
अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को जगह दी गई
है.
ये मैच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जाएगा. टेस्ट
चैंपियनशिप में पहले नंबर पर रहते हुए भारत ने फ़ाइनल में जगह बनाई है.
न्यूज़ीलैंड की टीम प्वाइंट टेबल में दूसरे नंबर पर रही. लेकिन फिलहाल टेस्ट
रैंकिंग में न्यूज़ीलैंड पहले नंबर पर है
नताशा, देवांगना और आसिफ़ इक़बाल हुए रिहा, कोर्ट ने दिया था आदेश
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स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना
कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा जेल से बाहर आ गए
हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें मंगलवार को जमानत दी थी लेकिन तब इनकी रिहाई नहीं
हुई थी.
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को इन्हें
तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद ये तीनों शाम को जेल से बाहर आ गए.
पुलिस ने इन्हें पिछले साल फ़रवरी महीने में उत्तर-पूर्वी
दिल्ली में हुए दंगे में यूएपीए क़ानून के तहत अभियुक्त बनाया था. इनकी गिरफ़्तारी
पिछले साल मई महीने में हुई थी. तीनों नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़
विरोध-प्रदर्शन में काफ़ी मुखर रहे थे.
नरवाल और कलिता पिंजड़ा तोड़ आंदोलन की एक्टिविस्ट हैं और
इक़बाल आसिफ़ जामिया के छात्र हैं.
दिल्ली जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल ने तीनों की रिहाई
की पुष्टि की है. जेल के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “नताशा और देवांगना को शाम सात बजे रिहा किया
गया जबकि तन्हा की रिहाई शाम साढ़े सात बजे के करीब हुई.”
गुरुवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र
न्यायधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें
रिहाई में तीन दिन और समय देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने
रिहाई में देरी के लिए अभियुक्तों के स्थायी पते की पुष्टि के तर्क को ख़ारिज कर
दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ''बेल के
बाद भी जेल में रहने देने का ये कोई स्वीकार्य तर्क नहीं है.''
पुलिस का
तर्क था कि वेरिफिकेशन में वक़्त लग रहा है. दिल्ली कोर्ट के इस आदेश के पहले
ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं होने पर तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई
कोर्ट में संपर्क किया था. इन्होंने कोर्ट में कहा था कि ज़मानत के बावजूद रिहा
नहीं करना क़ानून का उल्लंघन है.
‘भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा’: पशुपति कुमार पारस
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार
पारस ने गुरुवार शाम दावा किया है कि उन्हें निर्विरोध एलजेपी के राष्ट्रीय
अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया है. इस पर अब तक चिराग पासवान गुट से किसी तरह की
प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
पशुपति पारस ने कहा है, “मुझे निर्विरोध पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित
किया गया है. हमारे जो साथी पार्टी में किसी
बड़े नेता से दुखी होकर पार्टी छोड़कर चले गए हैं, मैं उनसे माफी मांगता हूं. आग्रह है
कि सभी लोग हमारी पार्टी में लौट आएं.
लोक जनशक्ति पार्टी के हमारे
कार्यकर्ताओं को मैं विश्वास दिलाता हूं कि लोजपा के अंदर कोई मतभेद नहीं है, कोई विरोध नहीं
है, अगर विरोध होता
तो मैं निर्विरोध निर्वाचित नहीं होता.
पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रजातांत्रिक व्यवस्था में ये कहीं नहीं है कि कोई व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. हमारी पार्टी का जो संविधान है, उसमें प्रत्येक 2-3 वर्ष में अध्यक्ष का चुनाव होना है. प्रजातंत्र से पार्टी चलती है, प्रजातंत्र से देश चलता है, प्रजातंत्र से संविधान चलता है. चाचा और भतीजे की जब बात है, (तो)जब भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा.”
वहीं, चिराग पासवान ने बीती शाम राजू तिवारी को लोक जनशक्ति पार्टी की
बिहार इकाई का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. पार्टी में बग़ावत से पहले तक ये पद चिराग पासवान के भाई प्रिंस राज के पास था.
ये मुलाक़ातें एक ऐसे समय में हो रही
हैं जब बीजेपी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग कर रही है. और राज्यपाल
धनकड़ ने चुनाव बाद हो रही हिंसाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कड़ा
पत्र भेजा हुआ है.
कोलकाता से वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर
मणि तिवारी बताते हैं कि चुनाव बाद होने वाली हिंसा के विरोध
में बीजेपी ने 23 जून को पूरे राज्य में प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया है, राज्यपाल
और बीजेपी के नेता इस मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ लगातार आक्रामक भूमिका में हैं.
बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने यहां दावा किया है कि चुनाव बाद की हिंसा में पार्टी
के तीस से ज्यादा कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. राज्यपाल ममता को कड़ा पत्र भेजकर
दिल्ली में तमाम मंत्रियों और नेताओं के अलावा राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे हैं
चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में बीजेपी की कमान संभाल रहे नेता
कैलाश विजयवर्गीय ने भी बयान देते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन
लगाने की बात प्रथमदृष्टया उचित नहीं लगती है लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हैं कि ये
किया जाना चाहिए.
केरल चुनाव भ्रष्टाचार मामला, बीजेपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ नए मामले दायर
- इमरान क़ुरैशी
केरल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के
सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार करने से जुड़े मामलों की
संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
केरल की एक अन्य अदालत ने पुलिस से
सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ रिश्वत देने का मामला दर्ज करने के लिए कहा है. इसके साथ ही
मुख्य चुनाव अधिकारी ने हेलिकॉप्टर से निकालकर गाड़ी में नोटों भरे बैग रखे जाने
के मामले में डीजीपी से रिपोर्ट माँगी है.
लगभग एक महीने पहले, कासरगोड ज़िले
में पुलिस ने सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ बीएसपी उम्मीदवार को कथित रूप से मंजेश्वरम
विधानसभा सीट से उम्मीदवारी वापस लेने के लिए ढाई लाख रुपये की रिश्वत देने का
मामला दर्ज किया था. ये वही सीट थी जहां से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे
थे.
साढ़े तीन करोड़ की लूट
कासरगोड केस, थ्रिसूर कोडाकरा जंक्शन के पास हाइवे पर डकैती पड़ने के तुरंत बाद सामने आया था. इस डकैती में 3.5 करोड़ रुपये चोरी होने की बात कही गयी थी. हालांकि, शुरुआती शिकायत में सिर्फ 25 लाख रुपये चोरी होने की बात थी लेकिन पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ़्तार करके 1.12 करोड़ रुपये जब्त कर लिये. इसके बाद एक आरएसएस कार्यकर्ता एके धर्मराजन ने कोर्ट से इस धनराशि को जारी करने की अपील की.
वायनाड के ज्युडिशियल फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट ने बीते बुधवार पुलिस से सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ उस मामले में भी जाँच करने के लिए कहा है जिसमें सुरेंद्रन पर आदिवासी नेता और जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी की नेता सीके राजू को एनडीए का समर्थन करने के एवज़ में पचास और चालीस लाख रुपये देने का आरोप है.
कुछ लोगों द्वारा सुरेंद्रन के हेलिकॉप्टर से उनकी कार में नोटों भरे बैग ले जाने के मामले में मुख्य चुनाव अधिकारी टीका राम मीणा नेकहा है, “हमने डीजीपी से एक तथ्यात्मक रिपोर्ट माँगी है. ये रिपोर्ट आने के बाद हम नियमानुसार कार्रवाई की शुरुआत करेंगे.”
सामान्य प्रक्रिया के तहत, मुख्य चुनाव अधिकारी, ऐसे मामलों में, अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजता है जिससेलोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार करने से जुड़ी आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू हो सके.
चुनाव आयोग में इस मामले की शिकायत करने वाले लोकतांत्रिक युवा जनता दल के अध्यक्ष सलीम मदवूर कहते हैं, “मीडिया द्वारा जारी किए गए वीडियो से ये स्पष्ट होता है किबीजेपी केरल प्रदेश शाखा के अध्यक्ष सुरेंद्रन के लोगों द्वारा हेलिकॉप्टर से उनकी कार तक नोटों से भरे बैग पहुंचाए गए. इन बड़े झोलों में काला धन था जिसे वह पुलिस और चुनाव आयोग की जाँच के बिना कई जगहों तक पहुंचा सकते थे.”
बात ये है कि केरल में बीजेपी द्वारा हमारी शुद्ध लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन किया जा रहा है. वे काले धन से लोकतंत्र की कीमत लगाना चाह रहे हैं. अगर सम्मानित आयोग इस मामले में गंभीर कार्यवाई नहीं करता है तो हमारे लोकतंत्र में बदबू आने लगेगी.”
क्या बोली बीजेपी
हाइवे पर लूट का मामला सामने आने के बाद सुरेंद्र दिल्ली आ चुके हैं. और ये तय किया गया है कि बीजेपी इस मामले में लगे आरोपों का सामना करेगी. बीजेपी का कहना है कि ये सत्ताधारी पार्टी एलडीएफ का काम है.
बीजेपी प्रवक्ता और उपाध्यक्ष एएन राधाकृष्णन ने ये भी कहा है कि अब पिनारायी विजयन चैन की नींद नहीं सो पाएंगे. हालांकि, विजयन ने अब तक इन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया है.
ट्विटर बैन पर बोले रविशंकर प्रसाद, ‘बैन लगाने के पक्ष में नहीं, लेकिन नियम मानने होंगे’
भारत सरकार और अमेरिकी माइक्रो ब्लॉगिंग
साइट ट्विटर के बीच टकराव ख़त्म होता नहीं दिख रहा है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति
की आज़ादी के नाम पर ट्विटर नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है. इसके साथ ही ट्विटर को बैन किए जाने के सवाल पर प्रसाद ने बताया कि वह
किसी भी मंच को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं हैं.
उन्होंने उन स्थितियों का भी ज़िक्र किया जिनके तहत सरकार संदेशों को डिक्रिप्ट करने की माँग कर सकती है.
ट्विटर का 'मध्यस्थ दर्जा' ख़त्म होने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उन्होंने इसका ऐलान नहीं किया है, बल्कि ये क़ानून की वजह से हुआ है.
वे कहते हैं, “हमने उन्हें (ट्विटर को) तीन महीने का समय दिया था. अन्य पक्षों ने (इस नियम) का पालन किया है, उन्होंने नहीं किया है. आईटी गाइडलाइंस का नियम 7 कहता है कि अगर आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो आप मध्यस्थ का दर्जा खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों समेत अन्य कानूनों के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.
मैंने ये (ट्विटर का मध्यस्थ दर्जा ख़त्म होने की) घोषणा नहीं की है. बल्कि ये कानून की वजह से हुआ है. अगर अन्य पक्ष कानून का अनुसरण कर सकते थे तो वे क्यों नहीं. हमने तीन अधिकारियों की नियुक्ति की माँग की. हमने उन्हें तीन महीनों का समय दिया जो कि 26 मई को ख़त्म हो गया था. इसके बाद उन्हें गुडविल जेस्चर के रूप में एक और अवसर दिया.
25 मई को 3 महीने की अवधि पूरी हो गई, मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दो. 3 पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछें उसका स्वागत है लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा
भारत में सौ करोड़ सोशल मीडिया उपभोक्ता हैं और मैं खुश हूं. उन्हें पैसे कमाने दें, उन्हें हमारी निंदा करने की अनुमति दें. इसका पूरा स्वागत है. लेकिन जब ये लाभ कमाने वाली कंपनियां हमें लोकतंत्र पर ज्ञान देने लगती हैं तो मैं एक सवाल पूछता हूं. भारत एक लोकतंत्र है. जहां चुनाव निष्पक्ष हैं. हम असम का चुनाव जीत गए लेकिन बंगाल हार गए. स्वतंत्र न्यायपालिका कड़े सवाल पूछती है. मीडिया वरिष्ठ मंत्रियों से सवाल पूछती है. यह अभिव्यक्ति की आज़ादी है. अगर इसकी आड़ में आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ये एक ग़लत तर्क है.”
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत में काम करने वाली कंपनियों को भारत के नियम-कानून मानने होंगे.
उन्होंने कहा, “जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में IT बिजनेस करने जाती हैं तो क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, प्रधानमंत्री और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है. लेकिन भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा.”
जब वॉशिंगटन पर हमला हुआ तब आपने राष्ट्रपति समेत सभी लोगों के अकाउंट बैन कर दिए. किसान आंदोलन के दौरान जब लाल किले पर हमला हुआ तो आतंकवादी समर्थक नंगी तलवारें दिखा रहे थे, पुलिसकर्मियों को घायल कर रहे थे, गड्ढों में धकेल रहे थे, तो ये अभिव्यक्ति की आज़ादी है.
अगर कैपिटल हिल अमेरिका का सम्मान है तो लाल किले पर भारतीय प्रधानमंत्री झंडा फहराता है. आप लद्दाख के कुछ इलाकों को चीन के हिस्सा के रूप में दिखाते हैं. हमें ये हटवाने में 15 दिन का समय लगा. एक लोकतंत्र के रूप में भारत के पास अपनी डिज़िटल संप्रभुता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है.
हम ये नहीं चाहते कि आप सभी संदेशों को डिक्रिप्ट कर दें. ये मेरा वचन है कि सभी सामान्य वॉट्सऐप यूज़र्स लगातार इस्तेमाल करते रह सकते हैं. लेकिन अगर कोई कंटेंट वायरल होता है जिससे मॉब लिंचिंग होती है, महिलाओं को नग्न अवस्था में दिखाया जाता है, बच्चों का यौन शोषण होता दिखता है तो सिर्फ इन सीमित स्थितियों में आपको ये बताने को कहा जाएगा कि ये मैसेज़ शुरू कहां से हुआ. अगर वायरल संदेश, जो कि सीमा पार से आया हो, से यहां स्थितियां विषम होती हैं, तो उसकी शुरुआत भारत में किसने की. हम सिर्फ यही पूछ रहे हैं. ये जनहित में है.”
ब्रेकिंग न्यूज़मुकेश अंबानी के घर की सुरक्षा मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा गिरफ़्तार
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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है.
भारत की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा ने अपने ट्वीट में बताया है कि शर्मा को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया की सुरक्षा में कथित सेंध और मनसुख हीरेन की मौत से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ गुरुवार सुबह छह बजे प्रदीप शर्मा के मुंबई के अंधेरी इलाक़े स्थित घर पर छापे की कार्रवाई की थी.
इसके पहले अप्रैल महीने में एनआईए ने उनसे लगातार दो दिन पूछताछ की थी.
नताशा, देवांगना और इक़बाल को कोर्ट ने तत्काल रिहा करने को कहा
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दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार
को स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को
तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है.
तीनों को पिछले साल मई महीने में गिरफ़्तार किया गया था. तीनों
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में काफ़ी मुखर रहे थे. पुलिस ने
इन्हें पिछले साल फ़रवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में यूएपीए क़ानून
के तहत अभियुक्त बनाया था.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तीनों को मंगलवार को ज़मानत दे दी थी लेकिन फिर भी जेल से बाहर नहीं आए थे. नरवाल और कलिता पिंजड़ा तोड़ आंदोलन की एक्टिविस्ट हैं और इक़बाल आसिफ़ जामिया के छात्र हैं.
गुरुवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें रिहाई में तीन दिन और समय देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने रिहाई में देरी के लिए अभियुक्तों के स्थायी पता की पुष्टि के तर्क को ख़ारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, ''बेल के बाद भी जेल में रहने देने का ये कोई स्वीकार्य तर्क नहीं है.''
पुलिस का तर्क था कि वेरिफिकेशन में वक़्त लग रहा है. दिल्ली कोर्ट के इस आदेश के पहले ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं होने पर तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में संपर्क किया था. इन्होंने कोर्ट में कहा है कि ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं करना क़ानून का उल्लंघन है.
दिल्ली हाई कोर्ट की बेल को दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है, ''अभियुक्तों को ज़मानत देते वक़्त दिल्ली हाई कोर्ट नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाम ज़हूर अहमद शाह वटाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को समझने में नाकाम रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने न केवल केस का मिनी ट्रायल किया बल्कि ऐसे नतीजे पर पहुँचा जो रिकॉर्ड पर आई चीज़ों और मुक़दमे की सुनवाई के दौरान दी गई दलीलों के उलट है."
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ में एफ़आईआर
आलोक पुतुल, रायपुर से बीबीसी हिंदी के लिए
CG KHABARCopyright: CG KHABAR
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
रायपुर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर भारतीय दंड
संहिता की धारा 186, 188, 269, 270, 504, 505 (1),
51, 52, 54 के तहत दर्ज मामले में कुछ धाराएं ग़ैर-ज़मानती हैं.
पुलिस के अनुसार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर राकेश गुप्ता, डॉक्टर विकास अग्रवाल, डॉक्टर आशा जैन और डॉक्टर
अनिल जैन ने एक लिखित शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं.
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने वालों में से एक, डॉक्टर राकेश गुप्ता छत्तीसगढ़
में हॉस्पिटल बोर्ड केअध्यक्ष होने के अलावा
सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की चिकित्सा प्रकोष्ठ के भी अध्यक्ष हैं.
उन्होंने बीबीसी से कहा, "टीकाकरण के बारे में, दवाओं के बारे में अफ़वाह
फैलाना सीधे-सीधे राजद्रोह की श्रेणी के अपराध हैं और बाबा रामदेव को इसकी सज़ा ज़रूर
मिलनी चाहिए."
अपनी शिकायत में इन डॉक्टरों ने कहा है कि रामकृष्ण यादव उर्फ़ बाबा रामदेव द्वारा
देश के पूरे चिकित्सक समुदाय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित
विभिन्न अग्रणी संस्थानों द्वारा निर्देशित और क़रीब पिछले सवा साल से भी ज़्यादा से इस्तेमाल की जा रही कोरोना संक्रमण की दवाओं के बारे में दुष्प्रचार और धमकी
वाले वक्तव्य से भरा वीडियो, सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है.
डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव ने केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित
नीतियों के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे में भ्रम पूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे
हैं.
अपनी शिकायत में डॉक्टरों ने कहा है कि चिकित्सा जगत के ख़िलाफ़ उकसाने वाली भाषा
के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग उपद्रवी तत्वों के निशाने पर आ सकता है.
ईरानी सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने बताया, विदेशी दबाव कम करने का उपाय
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ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार को ईरान
के लोगों से आग्रह किया है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए होने वाले मतदान में जमकर
हिस्सा लें.
ख़ामेनेई ने कहा कि ज़्यादा मतदान और इस्लामिक रिपब्लिक पर बाहरी दबाव के बीच सीधा संबंध है.
ख़ामेनेई ने कहा, ''अगर मतदान में लोगों की भागीदारी कम होती
है तो दुश्मनों का दबाव बढ़ेगा...अगर हम विदेशी दबाव और प्रतिबंधों को कम करना चाहते
हैं तो मतदान में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. हम इस जम-समर्थन को
अपने दुश्मनों को दिखा सकेंगे.'' ख़ामेनेई ने ये बातें बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण
में कही.
ख़ामेनेई ने कहा कि सभी ईरानी नागरिकों को चाहे वे जिस राजनीति
को पसंद करते हों, जमकर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए.
ख़ामेनेई ने आरोप लगाया कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ईरानियों
को वोट में हिस्सा नहीं लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ईरानी के सर्वोच्च नेता
ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ईरान के चुनाव को कमज़ोर करना चाहता है.
ऐसी आशंका है कि ईरान के आम लोगों में बहुत नाराज़गी है और इसे
दिखाने के लिए मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं. ऐसे में मतदान प्रतिशत कम रहने की
आशंका जताई जा रही है.
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चीन ने अपने नए अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे तीन एस्ट्रोनॉट
चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अपने एक नए स्पेस स्टेशन की ओर रवाना कर दिया है.
नी हैशेंग, लियू बोमिंग और टैंग होंगबो - पृथ्वी से लगभग 380 किमी ऊपर, अंतरिक्ष में बनाए गए तियानहे मॉड्यूल पर तीन महीने बिताएंगे.
यह चीन का अब तक का सबसे लंबा मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा.
गुरुवार को चीन के शेनझोउ-12 कैप्सूल ने अपने लॉन्ग मार्च 2F नाम के रॉकेट के ज़रिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी.
ये उड़ान गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह भरी गई है. ये प्रक्षेपण अंतरिक्ष रिसर्च में चीन के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमता का एक और नमूना पेश करता है.
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पिछले छह महीनों में चीन चांद की सतह से चट्टान और मिट्टी के नमूने भी लाया है. इसके अलावा मंगल पर उसने छह पहियों वाला एक रोबोट उतारा है. ये दोनों ही बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशन थे जिन्हें चीन ने बख़ूबी पूरा किया है.
स्पेस में करेंगे क्या?
कमांडर नी हैशेंग और उनकी दो साथियों के स्पेस मिशन का पहला मक़सद साढ़े बाइस टन के तियानहे मोड्यूल को रिपेयर करना होगा.
नी हैशेंग ने मिशन से पहले कहा था, "हम अंतरिक्ष में अपना नया घर स्थापित करेंगे और वहां नई तकनीकों का परीक्षण करेंगे. इसलिए ये मिशन कठिन और चुनौतीपूर्ण है. मेरा मानना है कि हम तीनों एक साथ मिलकर काम करके इन चुनौतियों को दूर कर सकते हैं. हमें पूरा यक़ीन है कि हम इस मिशन सफल होंगे.”
UAE पर अमेरिका का दबाव? चीन बोला- हम दोनों के बीच में ना आए कोई
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चीन की मशहूर फ़ोन
और 5-जी तकनीक निर्माता कंपनी ख़्वावे
को लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है. इस कंपनी को अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों के
अलावा भारत ने भी बाहर कर दिया है.
बाहर करने का मतलब
है कि ख़्वावे के नए 5जी उपकरण ख़रीदने
पर पाबंदी होगी. अमेरिका का ऐसा ही दबाव दुनिया के बाक़ी देशों पर भी है.
यूएई पर भी इसी तरह
के दबाव की बात सामने आई है. बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में
उसके प्रवक्ता चाओ लिजिअन से चाइना अरब टीवी ने पूछा कि अमेरिका ने यूएई से कहा है
कि वो अपने नेटवर्क से चीनी कंपनी ख़्वावे के उपकरणों को हटाए.
अगर यूएई ऐसा नहीं
करता है तो अमेरिका उसे F-35 लड़ाकू विमान नहीं
देगा. इस पर आपकी क्या टिप्पणी है?
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इस सवाल के जवाब में
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''सालों से यूएई की आर्थिक प्रगति में चीनी कंपनियों, जिनमें ख़्वावे भी शामिल है; की अहम भूमिका रही है. यूएई हमारा साझेदार है. हमारे सहयोग
की सराहना यूएई में भी हुई है.’’
‘’दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय
संबंधों और साझे हितों पर नियमित वार्ता होती है. हम दोनों के बीच व्यापक मुद्दों पर
आपसी सहमति है. हम दोनों का मानना है कि चीन-यूएई सहयोग से दोनों देशों के लोगों का
हित जुड़ा हुआ है. इसमें किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप के लिए जगह नहीं है.
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ख़्वावे क्या है?
दक्षिणी चीन के शेंजन
में एक पूर्व सैन्य अधिकारी रेन जंगफ़ेई ने 1987 में ख़्वावे की शुरुआत की थी. इसने शुरुआत में मोबाइल फ़ोन
नेटवर्क के लिए संचार उपकरण बनाने शुरू किए थे और बाद में यह विश्व में एक बड़ी कंपनी
के तौर पर उभरी जिसमें 1,80,000 कर्मचारी काम करते
हैं.
सैमसंग के बाद ख़्वावे
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफ़ोन सप्लायर कंपनी है जिसका 18 फ़ीसदी बाज़ार पर क़ब्ज़ा है जो ऐपल और बाक़ी कंपनियों
से आगे है.
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ख़्वावे को लेकर कौन
देश हैं चिंतित?
इस कंपनी को लेकर
पूरी बहस इस पर टिकी है कि क्या पश्चिमी देश ख़्वावे पर भरोसा करते हैं या फिर हमारे
मोबाइल फ़ोन भी इस कंपनी की गिरफ़्त में हैं? अमरीका कहता है कि 5जी उपकरणों के ज़रिए चीन ख़्वावे का इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है.
इसमें कंपनी के मालिक
रेन की सैन्य पृष्ठभूमि का हवाला दिया जाता है. रेन 1983 तक चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नौ साल तक सदस्य रहे.
वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी हैं.
हालांकि, ख़्वावे का कहना है कि इसका कंपनी से अब कोई लेना-देना
नहीं है. कंपनी कहती है, "रेन जंगफ़ेई जब युवा
थे तब आपको कम्युनिस्ट पार्टी की किसी भी पद की ज़िम्मेदारी लेना आवश्यक था."
अमरीका अपने यहाँ कंपनियों को ख़्वावे के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा चुका है
और चाहता है कि उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को भी 5जी नेटवर्क से हटाया जाए. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने भी
अमरीका की तरह क़दम उठाए हैं.
ब्रिटेन के लिए ख़्वावे
को प्रतिबंधित करना ब्रिटेन-अमरीका के बीच व्यापार बातचीत के लिए ज़रूरी है क्योंकि
अमरीका ने चेतावनी दी थी कि इस तरह का फ़ैसला न लेने से भविष्य के सुरक्षा सहयोग पर
ख़तरा हो सकता है. लेकिन अब ब्रिटेन में ख़्वावे के उपकरणों को 5जी नेटवर्क में प्रतिबंधित कर देने से चीन के जवाबी
हमले का ख़तरा बढ़ गया है जिसमें संभावित साइबर हमला भी शामिल है.
कश्मीर में फिर कुछ कर सकता है भारत: पाकिस्तान
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पाकिस्तान के विदेश
मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित करते हुए गंभीर चिंता जताई है
कि भारत कश्मीर में फिर से कुछ बड़ा कर सकता है.
बुधवार को पाकिस्तानी
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''भारत कश्मीर में फिर से अवैध और एकतरफ़ा क़दम उठा सकता है. फिरसे विभाजन और वहां की जनसांख्यिकी बदलने के लिए कुछ
किया जा सकता है.''
पाकिस्तानी विदेश
मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को
संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में क़ुरैशी ने लिखा है कि कश्मीरियों
को दबाने के लिए पिछले 22 महीनों से भारत कुछ
न कुछ कर रहा है. कश्मीर में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है.''
पाकिस्तान के इस बयान पर भारत की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस पर बोलने का कोई हक़ नहीं है.
क़ुरैशी ने कहा कि
भारत कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को कमज़ोर कर रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री
ने कहा कि इस अधिकार को वहाँ की जनसांख्यिकी में परिवर्तन के ज़रिए कमज़ोर किया जा
रहा है. क़ुरैशी ने कहा कि कश्मीर के बाहर के लोगों को फ़र्ज़ी निवास प्रमाण पत्र दिया
जा रहा है.
क़ुरैशी ने कहा,
''कश्मीर में 1951 से सभी तरह के अवैध और एकतरफ़ा क़दम उठाए जा रहे हैं. इनमें
पाँच अगस्त, 2019 का वो फ़ैसला भी
शामिल है, जिसके तहत कश्मीर का संवैधानिक
दर्जा बदल दिया गया.
अगर भविष्य में भारत
कश्मीर में फिर से कोई एकतरफ़ा बदलाव करता है तो यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन
होगा, जिनमें सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव
और चौथा जेनेवा कन्वेंशन भी शामिल हैं.''
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क़ुरैशी ने कहा कि
सुरक्षा परिषद को अपने प्रस्तावों को लागू करने की पहल करनी चाहिए. पाकिस्तानी विदेश
मंत्री ने कहा कि वो अपने पड़ोसियों से शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं और इन पड़ोसियों
में भारत भी शामिल है. क़ुरैशी ने कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा
परिषद के प्रस्तावों के तहत ही हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर
समस्या का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए बेहद ज़रूरी है. संयुक्त
राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने क़ुरैशी के पत्र को यूएन महासचिव और
सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष तक पहुँचाया है.
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पाकिस्तानी विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद चौधरी ने कहा है कि भारत के किसी नए क़दम से कश्मीर की
जो क़ानूनी स्थिति है, उसमें बदलाव नहीं
हो सकता.
ज़ाहिद चौधरी ने कहा,
''कश्मीर विवादित है इसे भारत नहीं बदल सकता. कश्मीर
पर यूएन सु़रक्षा परिषद के प्रस्ताव को भारत नहीं बदल सकता. न ही भारत कश्मीरियों और
पाकिस्तन को अपना फ़ैसला स्वीकार करने के लिए मजबूर कर सकता है. कश्मीर को अंतराष्ट्रीय
स्तर पर मान्यता मिली हुई है कि यह विवादित है. पाकिस्तान कश्मीर में भारत की जनसांख्यिकी
परिवर्तन की कोशिश का हमेशा विरोध करेगा.''
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लाइव रिपोर्टिंग
रिपोर्टर- अनंत प्रकाश, वात्सल्य राय और रजनीश कुमार
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ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के नतीजे को दी चुनौती, शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट नंदीग्राम में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी के हाथों हुई अपनी हार को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
कोर्ट इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा.
नंदीग्राम में बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को क़रीब दो हज़ार वोटों के अंतर से हराया था.
शुभेंदु अधिकारी को 1,10,764 वोट मिले थे जबकि ममता बनर्जी के पक्ष में 1,08,808 मत डाले गए थे.
2 मई को पश्चिम बंगाल की इस हाई प्रोफ़ाइल सीट पर नतीजे को लेकर यह भ्रम की स्थिति काफी देर तक बनी रही कि जीत किसकी हुई है. मीडिया में पहले ममता बनर्जी की जीत की ख़बर आई लेकिन बाद में यह आया कि शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को हरा दिया है.
नताशा, तन्हा जेल से बाहर आकर बोले- जारी रहेगा संघर्ष, हाई कोर्ट को कहा- शुक्रिया
स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद कहा है कि उनका 'संघर्ष आगे भी जारी रहेगा.'
वहीं, देवांगना कलिता ने सरकार पर तीखा हमला बोला है और कहा है कि सरकार लोगों की ‘आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है.’
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को इनकी जमानत मंजूर की थी. लेकिन उस दिन इनकी रिहाई नहीं हो सकी. करीब दो दिन बाद गुरुवार को दिल्ली की एक और कोर्ट ने तीनों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया और शाम को इनकी रिहाई हुई.
इन्हें दिल्ली में बीते साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में अभियुक्त बनाया गया था. इनकी गिरफ़्तारी पिछले साल मई महीने में हुई थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नताशा नरवाल ने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद कहा, “ जमानत मिलने पर हमें बहुत खुशी हुई. बीते कई महीनों से हम भरोसा नहीं कर पा रहे थे कि हम ऐसे आरोप में जेल में बंद हैं.”
नताशा ने दावा किया कि जेल के अंदर उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला.
उन्होंने कहा, “ जेल में हमें भरपूर समर्थन मिला. हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे.”
जेल के एक अधिकारी के मुताबिक नताशा और देवांगना को शाम सात बजे रिहा किया गया.
जेल से बाहर आने के बाद देवांगना ने कहा, “सरकार असहमत लोगों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है.”
देवांगना ने भी दावा किया कि उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन मिला. उन्होंने जमानत देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट को शुक्रिया कहा.
वहीं, आसिफ़ इक़बाल तन्हा ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि वो एक दिन जेल के बाहर जरूर आएंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तन्हा ने कहा, “ सीएए, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ उनका संघर्ष जारी रहेगा.”
दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
चिराग पासवान ने पारस गुट की मीटिंग को बताया “असंवैधानिक”
चिराग पासवान ने गुरुवार शाम अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर टिप्पणी करते हुए इस बैठक को असंवैधानिक बताया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, चिराग पासवान ने कहा है कि पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह पारस गुट को अपनी बैठकों में एलजेपी के चुनाव चिह्न और झंडों के इस्तेमाल पर रोक लगाए.
इसके साथ ही पासवान ने कहा है कि पटना में हुई पारस गुट की मीटिंग असंवैधानिक है, इसमें कोरम (किसी बैठक के आयोजित होने के लिए न्यूनतम सदस्यों की संख्या) नहीं था.
टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल: भारत की प्लेइंग इलेवन
भारत ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ शुक्रवार से शुरू हो रहे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल के लिए प्लेइंग इलेवन का एलान कर दिया है.
न्यूज़ीलैंड का मुक़ाबला करने वाली विराट कोहली की टीम में तीन तेज़ गेंदबाज़ और दो स्पिनरों को जगह दी गई है. यानी भारत ने पांच गेंदबाज़ों को आजमाने का फ़ैसला किया है.
प्लेइंग इलेवन में कप्तान कोहली के अलावा रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उप कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी को जगह दी गई है.
ये मैच इंग्लैंड के साउथैम्पटन में खेला जाएगा. टेस्ट चैंपियनशिप में पहले नंबर पर रहते हुए भारत ने फ़ाइनल में जगह बनाई है. न्यूज़ीलैंड की टीम प्वाइंट टेबल में दूसरे नंबर पर रही. लेकिन फिलहाल टेस्ट रैंकिंग में न्यूज़ीलैंड पहले नंबर पर है
नताशा, देवांगना और आसिफ़ इक़बाल हुए रिहा, कोर्ट ने दिया था आदेश
स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा जेल से बाहर आ गए हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें मंगलवार को जमानत दी थी लेकिन तब इनकी रिहाई नहीं हुई थी.
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को इन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था. इसके बाद ये तीनों शाम को जेल से बाहर आ गए.
पुलिस ने इन्हें पिछले साल फ़रवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में यूएपीए क़ानून के तहत अभियुक्त बनाया था. इनकी गिरफ़्तारी पिछले साल मई महीने में हुई थी. तीनों नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में काफ़ी मुखर रहे थे.
नरवाल और कलिता पिंजड़ा तोड़ आंदोलन की एक्टिविस्ट हैं और इक़बाल आसिफ़ जामिया के छात्र हैं.
दिल्ली जेल के डायरेक्टर जनरल संदीप गोयल ने तीनों की रिहाई की पुष्टि की है. जेल के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “नताशा और देवांगना को शाम सात बजे रिहा किया गया जबकि तन्हा की रिहाई शाम साढ़े सात बजे के करीब हुई.”
गुरुवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें रिहाई में तीन दिन और समय देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने रिहाई में देरी के लिए अभियुक्तों के स्थायी पते की पुष्टि के तर्क को ख़ारिज कर दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ''बेल के बाद भी जेल में रहने देने का ये कोई स्वीकार्य तर्क नहीं है.''
पुलिस का तर्क था कि वेरिफिकेशन में वक़्त लग रहा है. दिल्ली कोर्ट के इस आदेश के पहले ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं होने पर तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में संपर्क किया था. इन्होंने कोर्ट में कहा था कि ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं करना क़ानून का उल्लंघन है.
बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 17 जून 2021
सुनिए मोहनलाल शर्मा से...
‘भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा’: पशुपति कुमार पारस
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस ने गुरुवार शाम दावा किया है कि उन्हें निर्विरोध एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया है. इस पर अब तक चिराग पासवान गुट से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
पशुपति पारस ने कहा है, “मुझे निर्विरोध पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित किया गया है. हमारे जो साथी पार्टी में किसी बड़े नेता से दुखी होकर पार्टी छोड़कर चले गए हैं, मैं उनसे माफी मांगता हूं. आग्रह है कि सभी लोग हमारी पार्टी में लौट आएं.
लोक जनशक्ति पार्टी के हमारे कार्यकर्ताओं को मैं विश्वास दिलाता हूं कि लोजपा के अंदर कोई मतभेद नहीं है, कोई विरोध नहीं है, अगर विरोध होता तो मैं निर्विरोध निर्वाचित नहीं होता.
चिराग पर बोले चाचा पारस
पशुपति पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान पर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रजातांत्रिक व्यवस्था में ये कहीं नहीं है कि कोई व्यक्ति आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. हमारी पार्टी का जो संविधान है, उसमें प्रत्येक 2-3 वर्ष में अध्यक्ष का चुनाव होना है. प्रजातंत्र से पार्टी चलती है, प्रजातंत्र से देश चलता है, प्रजातंत्र से संविधान चलता है. चाचा और भतीजे की जब बात है, (तो)जब भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा.”
वहीं, चिराग पासवान ने बीती शाम राजू तिवारी को लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. पार्टी में बग़ावत से पहले तक ये पद चिराग पासवान के भाई प्रिंस राज के पास था.
राष्ट्रपति के बाद अमित शाह से मिले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर आज शाम सात बजे मुलाकात की है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार शाम इस मुलाकात की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से दी थी.
राज्यपाल धनखड़ इससे पहले गुरुवार को ही भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनके आवास पर मुलाक़ात कर चुके हैं.
ये मुलाक़ातें एक ऐसे समय में हो रही हैं जब बीजेपी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग कर रही है. और राज्यपाल धनकड़ ने चुनाव बाद हो रही हिंसाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कड़ा पत्र भेजा हुआ है.
कोलकाता से वरिष्ठ पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी बताते हैं कि चुनाव बाद होने वाली हिंसा के विरोध में बीजेपी ने 23 जून को पूरे राज्य में प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया है, राज्यपाल और बीजेपी के नेता इस मुद्दे पर सरकार के ख़िलाफ़ लगातार आक्रामक भूमिका में हैं. बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने यहां दावा किया है कि चुनाव बाद की हिंसा में पार्टी के तीस से ज्यादा कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. राज्यपाल ममता को कड़ा पत्र भेजकर दिल्ली में तमाम मंत्रियों और नेताओं के अलावा राष्ट्रपति से मुलाकात कर रहे हैं
चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में बीजेपी की कमान संभाल रहे नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी बयान देते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात प्रथमदृष्टया उचित नहीं लगती है लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हैं कि ये किया जाना चाहिए.
केरल चुनाव भ्रष्टाचार मामला, बीजेपी अध्यक्ष के ख़िलाफ़ नए मामले दायर
- इमरान क़ुरैशी
केरल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार करने से जुड़े मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
केरल की एक अन्य अदालत ने पुलिस से सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ रिश्वत देने का मामला दर्ज करने के लिए कहा है. इसके साथ ही मुख्य चुनाव अधिकारी ने हेलिकॉप्टर से निकालकर गाड़ी में नोटों भरे बैग रखे जाने के मामले में डीजीपी से रिपोर्ट माँगी है.
लगभग एक महीने पहले, कासरगोड ज़िले में पुलिस ने सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ बीएसपी उम्मीदवार को कथित रूप से मंजेश्वरम विधानसभा सीट से उम्मीदवारी वापस लेने के लिए ढाई लाख रुपये की रिश्वत देने का मामला दर्ज किया था. ये वही सीट थी जहां से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे थे.
साढ़े तीन करोड़ की लूट
कासरगोड केस, थ्रिसूर कोडाकरा जंक्शन के पास हाइवे पर डकैती पड़ने के तुरंत बाद सामने आया था. इस डकैती में 3.5 करोड़ रुपये चोरी होने की बात कही गयी थी. हालांकि, शुरुआती शिकायत में सिर्फ 25 लाख रुपये चोरी होने की बात थी लेकिन पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ़्तार करके 1.12 करोड़ रुपये जब्त कर लिये. इसके बाद एक आरएसएस कार्यकर्ता एके धर्मराजन ने कोर्ट से इस धनराशि को जारी करने की अपील की.
वायनाड के ज्युडिशियल फर्स्ट क्लास मैजिस्ट्रेट ने बीते बुधवार पुलिस से सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ उस मामले में भी जाँच करने के लिए कहा है जिसमें सुरेंद्रन पर आदिवासी नेता और जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी की नेता सीके राजू को एनडीए का समर्थन करने के एवज़ में पचास और चालीस लाख रुपये देने का आरोप है.
कुछ लोगों द्वारा सुरेंद्रन के हेलिकॉप्टर से उनकी कार में नोटों भरे बैग ले जाने के मामले में मुख्य चुनाव अधिकारी टीका राम मीणा नेकहा है, “हमने डीजीपी से एक तथ्यात्मक रिपोर्ट माँगी है. ये रिपोर्ट आने के बाद हम नियमानुसार कार्रवाई की शुरुआत करेंगे.”
सामान्य प्रक्रिया के तहत, मुख्य चुनाव अधिकारी, ऐसे मामलों में, अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजता है जिससेलोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार करने से जुड़ी आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू हो सके.
चुनाव आयोग में इस मामले की शिकायत करने वाले लोकतांत्रिक युवा जनता दल के अध्यक्ष सलीम मदवूर कहते हैं, “मीडिया द्वारा जारी किए गए वीडियो से ये स्पष्ट होता है किबीजेपी केरल प्रदेश शाखा के अध्यक्ष सुरेंद्रन के लोगों द्वारा हेलिकॉप्टर से उनकी कार तक नोटों से भरे बैग पहुंचाए गए. इन बड़े झोलों में काला धन था जिसे वह पुलिस और चुनाव आयोग की जाँच के बिना कई जगहों तक पहुंचा सकते थे.”
बात ये है कि केरल में बीजेपी द्वारा हमारी शुद्ध लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन किया जा रहा है. वे काले धन से लोकतंत्र की कीमत लगाना चाह रहे हैं. अगर सम्मानित आयोग इस मामले में गंभीर कार्यवाई नहीं करता है तो हमारे लोकतंत्र में बदबू आने लगेगी.”
क्या बोली बीजेपी
हाइवे पर लूट का मामला सामने आने के बाद सुरेंद्र दिल्ली आ चुके हैं. और ये तय किया गया है कि बीजेपी इस मामले में लगे आरोपों का सामना करेगी. बीजेपी का कहना है कि ये सत्ताधारी पार्टी एलडीएफ का काम है.
बीजेपी प्रवक्ता और उपाध्यक्ष एएन राधाकृष्णन ने ये भी कहा है कि अब पिनारायी विजयन चैन की नींद नहीं सो पाएंगे. हालांकि, विजयन ने अब तक इन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया है.
ट्विटर बैन पर बोले रविशंकर प्रसाद, ‘बैन लगाने के पक्ष में नहीं, लेकिन नियम मानने होंगे’
भारत सरकार और अमेरिकी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच टकराव ख़त्म होता नहीं दिख रहा है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर ट्विटर नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता है. इसके साथ ही ट्विटर को बैन किए जाने के सवाल पर प्रसाद ने बताया कि वह किसी भी मंच को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं हैं.
उन्होंने उन स्थितियों का भी ज़िक्र किया जिनके तहत सरकार संदेशों को डिक्रिप्ट करने की माँग कर सकती है.
क्यों ख़त्म हुआ मध्यस्थ का दर्जा
ट्विटर का 'मध्यस्थ दर्जा' ख़त्म होने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि उन्होंने इसका ऐलान नहीं किया है, बल्कि ये क़ानून की वजह से हुआ है.
वे कहते हैं, “हमने उन्हें (ट्विटर को) तीन महीने का समय दिया था. अन्य पक्षों ने (इस नियम) का पालन किया है, उन्होंने नहीं किया है. आईटी गाइडलाइंस का नियम 7 कहता है कि अगर आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो आप मध्यस्थ का दर्जा खो सकते हैं और देश के दंड कानूनों समेत अन्य कानूनों के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.
मैंने ये (ट्विटर का मध्यस्थ दर्जा ख़त्म होने की) घोषणा नहीं की है. बल्कि ये कानून की वजह से हुआ है. अगर अन्य पक्ष कानून का अनुसरण कर सकते थे तो वे क्यों नहीं. हमने तीन अधिकारियों की नियुक्ति की माँग की. हमने उन्हें तीन महीनों का समय दिया जो कि 26 मई को ख़त्म हो गया था. इसके बाद उन्हें गुडविल जेस्चर के रूप में एक और अवसर दिया.
25 मई को 3 महीने की अवधि पूरी हो गई, मैंने फिर भी कहा कि ट्विटर को एक अंतिम नोटिस और दो. 3 पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आपको बहुत बड़ी परीक्षा आयोजित करनी है? व्यापार करो, आपके यूजर्स सवाल पूछें उसका स्वागत है लेकिन भारत के संविधान और कानून का पालन करना पड़ेगा
भारत में सौ करोड़ सोशल मीडिया उपभोक्ता हैं और मैं खुश हूं. उन्हें पैसे कमाने दें, उन्हें हमारी निंदा करने की अनुमति दें. इसका पूरा स्वागत है. लेकिन जब ये लाभ कमाने वाली कंपनियां हमें लोकतंत्र पर ज्ञान देने लगती हैं तो मैं एक सवाल पूछता हूं. भारत एक लोकतंत्र है. जहां चुनाव निष्पक्ष हैं. हम असम का चुनाव जीत गए लेकिन बंगाल हार गए. स्वतंत्र न्यायपालिका कड़े सवाल पूछती है. मीडिया वरिष्ठ मंत्रियों से सवाल पूछती है. यह अभिव्यक्ति की आज़ादी है. अगर इसकी आड़ में आप नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ये एक ग़लत तर्क है.”
भारत के नियम मानने में क्या हर्ज?
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत में काम करने वाली कंपनियों को भारत के नियम-कानून मानने होंगे.
उन्होंने कहा, “जब भारतीय कंपनियां अमेरिका या दूसरे देशों में IT बिजनेस करने जाती हैं तो क्या वो अमेरिका या दूसरे देशों के कानूनों का पालन करती हैं या नहीं? आपको भारत में व्यापार करना है, प्रधानमंत्री और हम सबकी आलोचना करने के लिए आपका स्वागत है. लेकिन भारत के संविधान, नियमों का पालन करना होगा.”
जब वॉशिंगटन पर हमला हुआ तब आपने राष्ट्रपति समेत सभी लोगों के अकाउंट बैन कर दिए. किसान आंदोलन के दौरान जब लाल किले पर हमला हुआ तो आतंकवादी समर्थक नंगी तलवारें दिखा रहे थे, पुलिसकर्मियों को घायल कर रहे थे, गड्ढों में धकेल रहे थे, तो ये अभिव्यक्ति की आज़ादी है.
अगर कैपिटल हिल अमेरिका का सम्मान है तो लाल किले पर भारतीय प्रधानमंत्री झंडा फहराता है. आप लद्दाख के कुछ इलाकों को चीन के हिस्सा के रूप में दिखाते हैं. हमें ये हटवाने में 15 दिन का समय लगा. एक लोकतंत्र के रूप में भारत के पास अपनी डिज़िटल संप्रभुता की रक्षा करने का पूरा अधिकार है.
हम ये नहीं चाहते कि आप सभी संदेशों को डिक्रिप्ट कर दें. ये मेरा वचन है कि सभी सामान्य वॉट्सऐप यूज़र्स लगातार इस्तेमाल करते रह सकते हैं. लेकिन अगर कोई कंटेंट वायरल होता है जिससे मॉब लिंचिंग होती है, महिलाओं को नग्न अवस्था में दिखाया जाता है, बच्चों का यौन शोषण होता दिखता है तो सिर्फ इन सीमित स्थितियों में आपको ये बताने को कहा जाएगा कि ये मैसेज़ शुरू कहां से हुआ. अगर वायरल संदेश, जो कि सीमा पार से आया हो, से यहां स्थितियां विषम होती हैं, तो उसकी शुरुआत भारत में किसने की. हम सिर्फ यही पूछ रहे हैं. ये जनहित में है.”
ब्रेकिंग न्यूज़मुकेश अंबानी के घर की सुरक्षा मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा गिरफ़्तार
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है.
भारत की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा ने अपने ट्वीट में बताया है कि शर्मा को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया की सुरक्षा में कथित सेंध और मनसुख हीरेन की मौत से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किया गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ गुरुवार सुबह छह बजे प्रदीप शर्मा के मुंबई के अंधेरी इलाक़े स्थित घर पर छापे की कार्रवाई की थी.
इसके पहले अप्रैल महीने में एनआईए ने उनसे लगातार दो दिन पूछताछ की थी.
नताशा, देवांगना और इक़बाल को कोर्ट ने तत्काल रिहा करने को कहा
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को स्टूडेंट एक्टिविस्ट नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है.
तीनों को पिछले साल मई महीने में गिरफ़्तार किया गया था. तीनों नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन में काफ़ी मुखर रहे थे. पुलिस ने इन्हें पिछले साल फ़रवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में यूएपीए क़ानून के तहत अभियुक्त बनाया था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने इन तीनों को मंगलवार को ज़मानत दे दी थी लेकिन फिर भी जेल से बाहर नहीं आए थे. नरवाल और कलिता पिंजड़ा तोड़ आंदोलन की एक्टिविस्ट हैं और इक़बाल आसिफ़ जामिया के छात्र हैं.
गुरुवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायधीश रविंदर बेदी ने दिल्ली पुलिस की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया, जिसमें रिहाई में तीन दिन और समय देने की मांग की गई थी.
कोर्ट ने रिहाई में देरी के लिए अभियुक्तों के स्थायी पता की पुष्टि के तर्क को ख़ारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, ''बेल के बाद भी जेल में रहने देने का ये कोई स्वीकार्य तर्क नहीं है.''
पुलिस का तर्क था कि वेरिफिकेशन में वक़्त लग रहा है. दिल्ली कोर्ट के इस आदेश के पहले ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं होने पर तीनों स्टूडेंट एक्टिविस्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट में संपर्क किया था. इन्होंने कोर्ट में कहा है कि ज़मानत के बावजूद रिहा नहीं करना क़ानून का उल्लंघन है.
दिल्ली हाई कोर्ट की बेल को दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है, ''अभियुक्तों को ज़मानत देते वक़्त दिल्ली हाई कोर्ट नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी बनाम ज़हूर अहमद शाह वटाली के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को समझने में नाकाम रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने न केवल केस का मिनी ट्रायल किया बल्कि ऐसे नतीजे पर पहुँचा जो रिकॉर्ड पर आई चीज़ों और मुक़दमे की सुनवाई के दौरान दी गई दलीलों के उलट है."
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ में एफ़आईआर
आलोक पुतुल, रायपुर से बीबीसी हिंदी के लिए
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
रायपुर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 188, 269, 270, 504, 505 (1), 51, 52, 54 के तहत दर्ज मामले में कुछ धाराएं ग़ैर-ज़मानती हैं.
पुलिस के अनुसार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर राकेश गुप्ता, डॉक्टर विकास अग्रवाल, डॉक्टर आशा जैन और डॉक्टर अनिल जैन ने एक लिखित शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं.
बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराने वालों में से एक, डॉक्टर राकेश गुप्ता छत्तीसगढ़ में हॉस्पिटल बोर्ड केअध्यक्ष होने के अलावा सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की चिकित्सा प्रकोष्ठ के भी अध्यक्ष हैं.
उन्होंने बीबीसी से कहा, "टीकाकरण के बारे में, दवाओं के बारे में अफ़वाह फैलाना सीधे-सीधे राजद्रोह की श्रेणी के अपराध हैं और बाबा रामदेव को इसकी सज़ा ज़रूर मिलनी चाहिए."
अपनी शिकायत में इन डॉक्टरों ने कहा है कि रामकृष्ण यादव उर्फ़ बाबा रामदेव द्वारा देश के पूरे चिकित्सक समुदाय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित विभिन्न अग्रणी संस्थानों द्वारा निर्देशित और क़रीब पिछले सवा साल से भी ज़्यादा से इस्तेमाल की जा रही कोरोना संक्रमण की दवाओं के बारे में दुष्प्रचार और धमकी वाले वक्तव्य से भरा वीडियो, सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है.
डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि बाबा रामदेव ने केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित नीतियों के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे में भ्रम पूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे हैं.
अपनी शिकायत में डॉक्टरों ने कहा है कि चिकित्सा जगत के ख़िलाफ़ उकसाने वाली भाषा के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग उपद्रवी तत्वों के निशाने पर आ सकता है.
अयोध्या में राम मंदिर ज़मीन ख़रीद विवाद के उलझे सवाल- ग्राउंड रिपोर्ट
समीरात्मज मिश्र
अयोध्या से, बीबीसी हिंदी के लिए
ज़मीन के इतिहास, उसकी पहले हुई ख़रीद-बिक्री और उन सौदों में शामिल रहे लोगों के बारे में बहुत सारे ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब नहीं मिल रहे
और पढ़ेंईरानी सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने बताया, विदेशी दबाव कम करने का उपाय
ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार को ईरान के लोगों से आग्रह किया है कि शुक्रवार को राष्ट्रपति के लिए होने वाले मतदान में जमकर हिस्सा लें.
ख़ामेनेई ने कहा कि ज़्यादा मतदान और इस्लामिक रिपब्लिक पर बाहरी दबाव के बीच सीधा संबंध है.
ख़ामेनेई ने कहा, ''अगर मतदान में लोगों की भागीदारी कम होती है तो दुश्मनों का दबाव बढ़ेगा...अगर हम विदेशी दबाव और प्रतिबंधों को कम करना चाहते हैं तो मतदान में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना बहुत ज़रूरी है. हम इस जम-समर्थन को अपने दुश्मनों को दिखा सकेंगे.'' ख़ामेनेई ने ये बातें बुधवार को टेलीविजन पर प्रसारित अपने भाषण में कही.
ख़ामेनेई ने कहा कि सभी ईरानी नागरिकों को चाहे वे जिस राजनीति को पसंद करते हों, जमकर मतदान में हिस्सा लेना चाहिए.
ख़ामेनेई ने आरोप लगाया कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ईरानियों को वोट में हिस्सा नहीं लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. ईरानी के सर्वोच्च नेता ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ईरान के चुनाव को कमज़ोर करना चाहता है.
ऐसी आशंका है कि ईरान के आम लोगों में बहुत नाराज़गी है और इसे दिखाने के लिए मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं. ऐसे में मतदान प्रतिशत कम रहने की आशंका जताई जा रही है.
चीन ने अपने नए अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे तीन एस्ट्रोनॉट
चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अपने एक नए स्पेस स्टेशन की ओर रवाना कर दिया है.
नी हैशेंग, लियू बोमिंग और टैंग होंगबो - पृथ्वी से लगभग 380 किमी ऊपर, अंतरिक्ष में बनाए गए तियानहे मॉड्यूल पर तीन महीने बिताएंगे.
यह चीन का अब तक का सबसे लंबा मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा.
गुरुवार को चीन के शेनझोउ-12 कैप्सूल ने अपने लॉन्ग मार्च 2F नाम के रॉकेट के ज़रिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी.
ये उड़ान गोबी रेगिस्तान में जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से आज सुबह भरी गई है. ये प्रक्षेपण अंतरिक्ष रिसर्च में चीन के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमता का एक और नमूना पेश करता है.
पिछले छह महीनों में चीन चांद की सतह से चट्टान और मिट्टी के नमूने भी लाया है. इसके अलावा मंगल पर उसने छह पहियों वाला एक रोबोट उतारा है. ये दोनों ही बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशन थे जिन्हें चीन ने बख़ूबी पूरा किया है.
स्पेस में करेंगे क्या?
कमांडर नी हैशेंग और उनकी दो साथियों के स्पेस मिशन का पहला मक़सद साढ़े बाइस टन के तियानहे मोड्यूल को रिपेयर करना होगा.
नी हैशेंग ने मिशन से पहले कहा था, "हम अंतरिक्ष में अपना नया घर स्थापित करेंगे और वहां नई तकनीकों का परीक्षण करेंगे. इसलिए ये मिशन कठिन और चुनौतीपूर्ण है. मेरा मानना है कि हम तीनों एक साथ मिलकर काम करके इन चुनौतियों को दूर कर सकते हैं. हमें पूरा यक़ीन है कि हम इस मिशन सफल होंगे.”
भारत में कोरोना संक्रमण के ताज़ा हालात
UAE पर अमेरिका का दबाव? चीन बोला- हम दोनों के बीच में ना आए कोई
चीन की मशहूर फ़ोन और 5-जी तकनीक निर्माता कंपनी ख़्वावे को लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है. इस कंपनी को अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों के अलावा भारत ने भी बाहर कर दिया है.
बाहर करने का मतलब है कि ख़्वावे के नए 5जी उपकरण ख़रीदने पर पाबंदी होगी. अमेरिका का ऐसा ही दबाव दुनिया के बाक़ी देशों पर भी है.
यूएई पर भी इसी तरह के दबाव की बात सामने आई है. बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उसके प्रवक्ता चाओ लिजिअन से चाइना अरब टीवी ने पूछा कि अमेरिका ने यूएई से कहा है कि वो अपने नेटवर्क से चीनी कंपनी ख़्वावे के उपकरणों को हटाए.
अगर यूएई ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका उसे F-35 लड़ाकू विमान नहीं देगा. इस पर आपकी क्या टिप्पणी है?
इस सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''सालों से यूएई की आर्थिक प्रगति में चीनी कंपनियों, जिनमें ख़्वावे भी शामिल है; की अहम भूमिका रही है. यूएई हमारा साझेदार है. हमारे सहयोग की सराहना यूएई में भी हुई है.’’
‘’दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और साझे हितों पर नियमित वार्ता होती है. हम दोनों के बीच व्यापक मुद्दों पर आपसी सहमति है. हम दोनों का मानना है कि चीन-यूएई सहयोग से दोनों देशों के लोगों का हित जुड़ा हुआ है. इसमें किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप के लिए जगह नहीं है.
ख़्वावे क्या है?
दक्षिणी चीन के शेंजन में एक पूर्व सैन्य अधिकारी रेन जंगफ़ेई ने 1987 में ख़्वावे की शुरुआत की थी. इसने शुरुआत में मोबाइल फ़ोन नेटवर्क के लिए संचार उपकरण बनाने शुरू किए थे और बाद में यह विश्व में एक बड़ी कंपनी के तौर पर उभरी जिसमें 1,80,000 कर्मचारी काम करते हैं.
सैमसंग के बाद ख़्वावे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफ़ोन सप्लायर कंपनी है जिसका 18 फ़ीसदी बाज़ार पर क़ब्ज़ा है जो ऐपल और बाक़ी कंपनियों से आगे है.
ख़्वावे को लेकर कौन देश हैं चिंतित?
इस कंपनी को लेकर पूरी बहस इस पर टिकी है कि क्या पश्चिमी देश ख़्वावे पर भरोसा करते हैं या फिर हमारे मोबाइल फ़ोन भी इस कंपनी की गिरफ़्त में हैं? अमरीका कहता है कि 5जी उपकरणों के ज़रिए चीन ख़्वावे का इस्तेमाल जासूसी के लिए कर सकता है.
इसमें कंपनी के मालिक रेन की सैन्य पृष्ठभूमि का हवाला दिया जाता है. रेन 1983 तक चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी के नौ साल तक सदस्य रहे. वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य भी हैं.
हालांकि, ख़्वावे का कहना है कि इसका कंपनी से अब कोई लेना-देना नहीं है. कंपनी कहती है, "रेन जंगफ़ेई जब युवा थे तब आपको कम्युनिस्ट पार्टी की किसी भी पद की ज़िम्मेदारी लेना आवश्यक था." अमरीका अपने यहाँ कंपनियों को ख़्वावे के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा चुका है और चाहता है कि उससे जुड़ी सहयोगी कंपनियों को भी 5जी नेटवर्क से हटाया जाए. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने भी अमरीका की तरह क़दम उठाए हैं.
ब्रिटेन के लिए ख़्वावे को प्रतिबंधित करना ब्रिटेन-अमरीका के बीच व्यापार बातचीत के लिए ज़रूरी है क्योंकि अमरीका ने चेतावनी दी थी कि इस तरह का फ़ैसला न लेने से भविष्य के सुरक्षा सहयोग पर ख़तरा हो सकता है. लेकिन अब ब्रिटेन में ख़्वावे के उपकरणों को 5जी नेटवर्क में प्रतिबंधित कर देने से चीन के जवाबी हमले का ख़तरा बढ़ गया है जिसमें संभावित साइबर हमला भी शामिल है.
कश्मीर में फिर कुछ कर सकता है भारत: पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र को सूचित करते हुए गंभीर चिंता जताई है कि भारत कश्मीर में फिर से कुछ बड़ा कर सकता है.
बुधवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''भारत कश्मीर में फिर से अवैध और एकतरफ़ा क़दम उठा सकता है. फिरसे विभाजन और वहां की जनसांख्यिकी बदलने के लिए कुछ किया जा सकता है.''
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है. अपने पत्र में क़ुरैशी ने लिखा है कि कश्मीरियों को दबाने के लिए पिछले 22 महीनों से भारत कुछ न कुछ कर रहा है. कश्मीर में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है.''
पाकिस्तान के इस बयान पर भारत की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस पर बोलने का कोई हक़ नहीं है.
क़ुरैशी ने कहा कि भारत कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को कमज़ोर कर रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि इस अधिकार को वहाँ की जनसांख्यिकी में परिवर्तन के ज़रिए कमज़ोर किया जा रहा है. क़ुरैशी ने कहा कि कश्मीर के बाहर के लोगों को फ़र्ज़ी निवास प्रमाण पत्र दिया जा रहा है.
क़ुरैशी ने कहा, ''कश्मीर में 1951 से सभी तरह के अवैध और एकतरफ़ा क़दम उठाए जा रहे हैं. इनमें पाँच अगस्त, 2019 का वो फ़ैसला भी शामिल है, जिसके तहत कश्मीर का संवैधानिक दर्जा बदल दिया गया.
अगर भविष्य में भारत कश्मीर में फिर से कोई एकतरफ़ा बदलाव करता है तो यह अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होगा, जिनमें सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और चौथा जेनेवा कन्वेंशन भी शामिल हैं.''
क़ुरैशी ने कहा कि सुरक्षा परिषद को अपने प्रस्तावों को लागू करने की पहल करनी चाहिए. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि वो अपने पड़ोसियों से शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं और इन पड़ोसियों में भारत भी शामिल है. क़ुरैशी ने कहा कि कश्मीर विवाद का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत ही हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए बेहद ज़रूरी है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने क़ुरैशी के पत्र को यूएन महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष तक पहुँचाया है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद चौधरी ने कहा है कि भारत के किसी नए क़दम से कश्मीर की जो क़ानूनी स्थिति है, उसमें बदलाव नहीं हो सकता.
ज़ाहिद चौधरी ने कहा, ''कश्मीर विवादित है इसे भारत नहीं बदल सकता. कश्मीर पर यूएन सु़रक्षा परिषद के प्रस्ताव को भारत नहीं बदल सकता. न ही भारत कश्मीरियों और पाकिस्तन को अपना फ़ैसला स्वीकार करने के लिए मजबूर कर सकता है. कश्मीर को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है कि यह विवादित है. पाकिस्तान कश्मीर में भारत की जनसांख्यिकी परिवर्तन की कोशिश का हमेशा विरोध करेगा.''
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