वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी आए दिन मोदी सरकार पर निशाना साधते दिखते हैं। इस बार बाजपेयी कांग्रेस पार्टी पर बोलते नजर आए। पुण्य प्रसून बाजपेयी ने एक सवाल करते हुए पूछा- कोई कांग्रेसी सीएम अडानी का विरोध क्यों नहीं करता? इस सवाल के बाद सोशल मीडिया पर ढेरो लोग पुण्य प्रसून बाजपेयी को तरह तरह के जवाब देते दिखे।

अपने पोस्ट में पुण्य प्रसून बाजपेयी बोले- ‘कांग्रेस का संकट…. पहले सत्ता फिर सत्ता के भीतर सत्ता संघर्ष।’ वीडियो शेयर करते हुए प्रसून बाजपेयी कहते नजर आए- ‘भारतीय संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष की कोई हैसियत नहीं होती है। सारी ताकत उस सत्ता के पास सिमटी हुई होती है जिसे जनता ने चुना होता है। विपक्ष चाहे संख्या में कितना भी बड़ा क्यों न हो, लेकिन वाकई उसकी हैसियत होती नहीं।’

उन्होंने आगे कहा- ‘लेकिन सत्ता जब आपस में ही लड़ने, भिड़ने और मरने को तैयार हो जाए वह भी वह राजनैतिक दल की सत्ता जिसकी इस देश के तीन राज्यों में सरकारें हों। दो राज्यों की सरकारें उसी के भरोसे और उसी के समर्थन से चल रही हो। और इस राजनैतिक दल का इतिहास आजादी के बाद से कुछ इस तरह से रहा हो कि इस देश के भीतर जितने भी बड़े बड़े मुद्दे उभरकर सामने आए उसके कटघरे में यही खड़े रहे। लेकिन बावजूद इसके उस दौर में भी कभी ऐसी स्थिति नहीं आई जो आज की तारीख में इस पॉलिटिकल पार्टी की स्थिति है।’

प्रसून बाजपेयी ने आगे कहा कि- जिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहां अभी तक कुछ नया क्यों नहीं हो पाया, क्यों कोई कांग्रेसी सीएम अडानी का विरोध नहीं करता? ताकि कहा जा सकता कि हां कुछ नया हुआ है।

बाजपेयी के पोस्ट पर लोगों के ढेरों रिएक्शन आने लगे जिसमें शत्रुघ्न राय नाम के एक यूजर बोले- कांग्रेस के असंतुष्ट आत्माओं का कोई इलाज नही है। सीताराम नाम के यूजर ने कहा- देश को लगातार लूटा जा रहा है, लूटने वाले अपने और बाहर वाले हैं। यह देश का दुर्भाग्य है। अब्दुल नाम के यूजर ने लिखा- कांग्रेस, इस पार्टी के कमज़ोर पड़ने के पीछे का कारण यह है कि इस पार्टी का वर्तमान आलाकमान उन लोगों को प्रश्रय देता है जो येन केन चुनाव जीत जाएं, विचारधारा से जिनका कोई लेना देना ही ना हो।

आलोक नाम के यूजर बोले- भारत में अनेकों वायरस हैं जिनका अभी तक सफल इलाज नहीं जैसे – पाखंड, अंधविश्वास, छुआछूत, जातिवाद, अन्याय और शोषण। राजेश नाम के यूजर ने कहा- जब तक विपक्ष एकजुट नहीं होगा तब देश को जागरूक नहीं किया जा सकता है। तो किसी ने सलाह दी- कांग्रेस के युवा नेताओं को धैर्य रखना चाहिए, संघर्षशील रहना चाहिए।

कामेश्वर नाम के शख्स ने कहा- कांग्रेस ही भारत देश को चला सकता है, लेकिन कांग्रेस अपनी ही लड़ाई में उलझी है। एक ने कहा- कोई भी सरकार आ जाए। जनता तो कटपुतली है साहब और रही बात कांग्रेस सत्ता की तो उसमें शर्म थी। और बीजेपी बेशर्म है।