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- Big Meeting Of Ram Mandir Trust In Ayodhya. Surrounded By Allegations Of Scam, The Trust Called A Meeting To Be Held In The Evening, Brainstorming Took Place For One Hour Nripendra Mishra, Who Was The Secretary Of PM Modi, Also Joined
अयोध्या में दर्शन मार्ग पर जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य:राममंदिर निर्माण को लेकर हुई बैठक में तीन दर्शन मार्गों के निर्माण पर हुई चर्चा, संवारा जाएगा हनुमानगढ़ी होते हुए रामजन्मभूमि की ओर जाने वाला रास्ता
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिनों में एक के बाद एक तीन बड़ी बैठकें हुईं। सर्किट हाउस में हुईं बैठकों में अंतिम सत्र तीन घंटे तक चला। इसमें नींव निर्माण में बारिश के चलते आ रही बाधा को दूर करने पर चर्चा की गई। साथ ही, यह भी तय हुआ कि बड़ी क्षमता की और अधिक मिक्सर मशीनें बड़ौदा से मंगाई जाएंगी ताकि काम तेज गति से हो। इसके अलावा तीन दर्शन मार्गों के निर्माण पर भी चर्चा हुई। बिड़ला धर्मशाला के सामने से लेकर सुग्रीव किला होते हुए रामजन्मभूमि पर निर्माण जल्दी शुरू होगा। हनुमान गढ़ी तिराहा से लेकर हनुमानगढ़ी होते हुए रामजन्मभूमि को जाने वाले रास्ते पर भी जल्द काम होगा। शआदतगंज से चौक परिक्रमा मार्ग चौराहा होकर नया घाट बंधा तिराहा तक के मार्ग का चौड़ीकरण कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के पदेन सदस्य जिला अधिकारी अनुज झा, कमिश्नर एमपी अग्रवाल, ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र व नगर आयुक्त विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह आदि बैठक में शामिल हुएl
मीडिया से बचते दिखे चंपत राय
सुबह पहली सत्र की बैठक के बाद बाहर निकले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बातचीत करने से साफ मना कर दिया। सर्किट हाउस से बाहर आते ही वह अपनी कार में बैठकर बाहर निकल गए। इसके पहले रविवार की देर रात उन्होंने बयान जारी कर सारे आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश ठहराया। चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है।
पहले दिन मंदिर निर्माण को लेकर हुई चर्चा
ट्रस्ट की ये बैठक दो दिन की है। इसके पहले रविवार को हुई बैठक में तय हुआ कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव का काम अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पत्थर मंगाने पर सहमति बनी। बताया गया कि पत्थर लाने में राजस्थान सरकार भी मदद कर रही है।
मंदिर के चबूतरे और शिखर में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का प्रयोग होगा। इसमें एक लाख घन फीट पत्थर तराशे जा चुके हैं। रामजन्मभूमि परिसर में 60 प्रतिशत तक पत्थरों को पहुंचाया जा चुका है। बाकी के पत्थर अभी आने हैं। बता दें कि अभी तक राजस्थान में खदान पर रोक लगी थी। राजस्थान सरकार से बातचीत के बाद अब सहमति बनी गई है।
मंदिर के लिए 31 मार्च तक 3200 करोड़ रुपए आया
- 11 नवंबर के बाद पूरी दुनिया में चंदा जुटाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया गया।
- अभियान के तहत 5,37,000 लोगों ने 11 करोड़ लोगों से संपर्क किया था, जिसमें 31 मार्च तक 3200 करोड़ रुपया ट्रस्ट के खाते में आया।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा अभियान जो मात्र 40 दिन में सफल रहा।
- इस अभियान में 4 करोड़ लोगों ने मंदिर निर्माण के लिए मात्र 10 रुपए का चंदा दिया।
- अभियान फरवरी में खत्म हो गया, उसके बावजूद मई तक ट्रस्ट के खाते में 80 करोड़ रुपए और आए। एक महीने में रामलला के दानपात्र अर्थात हुंडी में 60 लाख का दान आया।
पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने लगाए हैं आरोप
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया। पांडेय ने बताया कि यह जमीन सदर तहसील इलाके के बाग बिजैसी में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर है। यह जमीन रवि मोहन तिवारी नाम के एक साधु और सुल्तान अंसारी के नाम बैनामा हुई थी। ठीक 10 मिनट बाद इसी भूमि का ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया जाता है। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18 मार्च, 2021 को किया गया था।
पांडेय ने आरटीजीएस की गई 17 करोड़ रुपए रकम की जांच कराने की मांग की है। साथ ही कहा है कि यह धनराशि कहां-कहां गई, इसका पता लगाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बैनामा और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र और नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं।
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