ओडिशा के नक्सलप्रभावित मलकानगिरी जिले में एंबुलेंस कर्मियों ने कोरोना काल में मानवता की मिसाल पेश की है. एक गांव में जहां सीधी सड़क नहीं थी, मरीज को वे 3 किलोमीटर स्ट्रेचर पर रखकर गाड़ी तक ले आए. गांव की सड़क इतनी ज्यादा खराब थी, जहां तक गाड़ी का पहुंचना बेहद मुश्किल था.
खराब सड़क की वजह से मजबूरन एंबुलेंस स्टाफ को मरीज को 3 किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर लाद कर लाना पड़ा. चित्रकोंडा स्वाभिमान इलाके का कनिगुड़ा गांव, पहाड़ी गांव है. सड़कों की सीधी पहुंच यहां अब तक नहीं है, विकास से कोसों दूर इस गांव के रहने वाले गणेश पांगी, बीते 2 दिनों से दस्त और उल्टी से पीड़ित थे.
तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्होंने 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस को बुलाया लेकिन खराब सड़क होने की वजह से गाड़ी 3 किलोमीटर पहले ही खड़ी करनी पड़ी. एंबुलेंस कर्मचारियों ने मानवता दिखाते हुए ग्रामीणों के साथ मिलकर मरीज को स्ट्रेचर पर लादकर 3 किलोमीटर दूर खड़े एंबुलेंस तक ले आए.
अगली पीढ़ी के लिए धरती की सेहत को दुरुस्त रखना हमारा काम, UN की बैठक में बोले PM मोदी
मरीज को चित्रकोंडा के एक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. दरअसल इस इलाके में ठेकेदारों और इंजीनियरों की मिलीभगत की वजह से सड़क निर्माण का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है. यह इलाका ओडिशा के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है.
कोरोना काल में भी इस गांव में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए आजादी के इतने साल बाद भी लोग तरस रहे हैं.
ये भी पढ़ें-