सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट के बाद बागी हुए सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया। लोजपा में टूट के बाद नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टियों ने इसके लिए चिराग पासवान को ही जिम्मेदार ठहराया। इसी मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यह चिराग पासवान के परिवार का आतंरिक मामला है तो डिबेट में ही मौजूद रहे कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि लोजपा में हुई टूट के पीछे नीतीश कुमार का कारनामा है।

रिपब्लिक टीवी चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट शो में एंकर के द्वारा सवाल पूछे जाने पर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि लोजपा में हुई टूट को जातीय रंग देने की भी कोशिश की गई। चिराग पासवान से अगर किसी ने बगावत की है तो उनके चाचा ने ही की है। आगे जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि यह चिराग पासवान के परिवार और पार्टी का आंतरिक मामला है।


हालांकि कांग्रेस ने इसके लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस प्रवक्ता चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने बीजेपी के नेताओं को ही टिकट देकर जदयू उम्मीदवार के खिलाफ लड़वाया। साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार भी मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं, उन्होंने समय देखकर चिराग पासवान से जो बदला लेना था वो ले लिया।

हालांकि यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा को तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के बगावती तेवर की वजह से जदयू को भयंकर नुकसान का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान ने खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते हुए जदयू उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। इनमें से अधिकांश उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के ही नेता रह चुके थे।

चिराग पासवान के इन्हीं तेवरों की वजह से नीतीश कुमार बेहद ही खफा थे। चुनाव ख़त्म होने के कुछ ही महीनों बाद नीतीश कुमार ने उनके एक मात्र विधायक को भी जदयू में शामिल करा लिया था। थोड़े दिनों पहले लोजपा की एकमात्र एमएलसी भी भाजपा में शामिल हो गईं थी। लोजपा में हुई टूट पर जदयू ने कहा कि चिराग पासवान ने जैसा बोया, वैसा काटा। चिराग पासवान के रुख से लोजपा को नुकसान पहुंचा और कार्यकर्ता निराश हुए।