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अयोध्या में जमीन खरीदी: कांग्रेस ने मांगा प्रधानमंत्री से जवाब, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 14 Jun 2021 10:49 PM IST
सार

अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदी मामला सियासी रंग ले रहा है। सोमवार को कांग्रेस ने इसे तूल दिया। राहुल व प्रियंका ने ट्वीट कर अपनी बात कही। 
 

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land purchasing in Ayodhya: Congress sought a response from the Prime Minister, demanded a probe under the supervision of the Supreme Court
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (फाइल फोटो) - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से संबंधित एक जमीन सौदे में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच कराने की मांग भी की।मुख्य विपक्षी दल ने सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह किया कि वह मंदिर निर्माण के लिए चंदे के रूप में प्राप्त राशि व खर्च का न्यायालय की निगरानी में ऑडिट करवाए तथा चंदे से खरीदी गई सारी जमीन की कीमत को लेकर भी जांच करे।



कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'श्रीराम स्वयं न्याय हैं, सत्य हैं, धर्म हैं। उनके नाम पर धोखा अधर्म है!' पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, 'करोड़ों लोगों ने आस्था और भक्ति के चलते भगवान के चरणों में चढ़ावा चढ़ाया। उस चंदे का दुरुपयोग अधर्म है, पाप है, उनकी आस्था का अपमान है।'


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि भगवान श्री राम आस्था के प्रतीक हैं। पर भगवान राम की अलौकिक अयोध्या नगरी में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु करोड़ों लोगों से एकत्रित चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं।
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सुरजेवाला ने दावा किया कि जमीन की रजिस्ट्री के दोनों कागजों पर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा गवाह के तौर पर मौजूद हैं। दोनों कागजों पर दूसरे गवाह भाजपा के प्रमुख नेता और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं। इसका मतलब साफ है कि दो करोड़ रुपये मूल्य की जमीन पांच मिनट में 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने के निर्णय की राममंदिर निर्माण ट्रस्ट के न्यासियों को पूरी जानकारी थी।
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उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार 5 फरवरी, 2020 को हुआ। उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि करोड़ों लोगों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई दान राशि में गड़बड़ी हुई है। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री देश को जवाब दें तथा देश के प्रधान न्यायाधीश व सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले का संज्ञान लेकर न्यायालय की निगरानी में जांच करवाएं।

गौरतलब है कि आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की थी।

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