पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हुई हिंसा के दौरान दो महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई है। गुहार लगाने वाली महिलाओं में एक 60 वर्ष की वृद्धा और एक 17 साल की युवती शामिल है। महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच एसआईटी या सीबीआई से कराने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पूर्वी मेदिनीपुर की रहने वाली 60 साल की वृद्धा ने कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उसके घर में जबरन घुसकर उसके साथ मारपीट की। मारपीट के दौरान पांच तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उसके हाथ व पैर को बिस्तर से बांध दिया और उसके 6 साल के पोते के सामने उसके साथ गैंगरेप किया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि जब इसकी शिकायत पुलिस से की गई तो पुलिस ने जानबूझकर पांचों आरोपियों में से केवल एक आरोपी का नाम दर्ज किया।

वहीं याचिकाकर्ताओं में शामिल 17 साल की आदिवासी युवती ने भी अपने साथ हुए गैंगरेप की शिकायत सुप्रीम कोर्ट से की है। युवती ने दायर याचिका में कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद 9 मई को 4 टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उसके साथ मारपीट और बलात्कार किया। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बलात्कार के बाद युवती को मुंह ना खोलने की धमकी दी। युवती ने याचिका में कहा है कि टीएमसी कार्यकर्ता अगले दिन उसके घर आए और उसके परिवार को यह कहते हुए धमकाया कि अगर उन्होंने मामला बढ़ाया तो वे उनके खेत को जला देंगे और उन्हें मार देंगे।

इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत भी सुप्रीम कोर्ट में की है। याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। पुलिस मामले की जांच करने और आरोपियों को पकड़ने की बजाए सत्ता संरक्षित आरोपियों को बचा रही है। पुलिस के द्वारा की जा रही अनदेखी की वजह से पश्चिम बंगाल में इस तरह की हिंसा हो रही है।

याचिकाकर्ताओं ने गैंगरेप के मामले की जांच तत्काल एसआईटी या सीबीआई से कराए जाने की गुहार लगाई है। साथ ही महिलाओं ने यह भी मांग की है कि किसी भी तरह के हस्तक्षेप को रोकने के लिए इस मामले की सुनवाई पश्चिम बंगाल के बाहर की जाए।