Please enable javascript.Pune-based start-up develops mask that inactivates novel coronavirus: इस मास्‍क को पहनने के बाद बाल भी बांका नहीं कर पाएगा कोरोना, जानिए क्‍या हैं इसकी खास बातें

इस मास्‍क के संपर्क में आते ही ढेर हो जाएगा कोरोना, जानिए इसकी खास बातें

भाषा | 14 Jun 2021, 7:21 pm
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देश की एक स्‍टार्ट-अप फर्म ने कोरोना को चित कर देने वाला मास्‍क बनाया है। इसकी खास बात यह है कि इसके संपर्क में आते ही वायरस 'ढेर' हो जाता है। इस मास्‍क को बनाने में विशेष लेप का इस्‍तेमाल हुआ है।

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कोरोना की दूसरी लहर के बीच बड़ी राहत की खबर है। पुणे की एक स्‍टार्ट-अप फर्म ने खास तरह का मास्‍क तैयार किया है। इसे पहनने के बाद कोरोना बाल भी बांका नहीं कर पाएगा। दरअसल, दावा किया गया है कि इसके संपर्क में आते ही खतरनाक कोरोना वायरस इनैक्टिवेट यानी निष्क्रिय हो जाएगा। कोरोना से बचाव में मास्‍क बेहद अहम है। जानकार कई लेयर वाले मास्‍क लगाने की सलाह देते हैं। ऐसे समय में कोरोना को बेदम करने देने वाले इस तरह के मास्‍क की वाकई बहुत जरूरत है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने सोमवार को यह जानकारी दी है। उसने बताया कि पुणे की एक स्टार्ट-अप फर्म ने थ्रीडी प्रिंटिंग और दवाओं के सम्मिश्रण से एक ऐसा मास्क तैयार किया है जो अपने संपर्क में आने वाले वायरल पार्टिकल्‍स यानी विषाणुओं को निष्क्रिय कर देता है। थिंक्र टेक्नॉलोजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Thincr Technologies India Private Limited) नाम की कंपनी ने इस मास्‍क को बनाया है। इन पर विषाणु रोधक एजेंट का लेप होता है। वैसे ये एजेंट विषाणुनाशक (virucides) कहलाते हैं।

थिंक्र टेक्नॉलोजीज इंडिया का मास्‍क


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किस चीज का हुआ है इस्‍तेमाल?
डीएसटी ने बताया कि परीक्षण करके दर्शाया गया कि यह लेप सार्स-कोव-2 को इनैक्टिवेट कर देता है। विभाग के अनुसार, लेप में उपयोग में लाई गई सामग्री सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित मिश्रण है। इसका इस्‍तेमाल साबुन में होता है।

विभाग ने बताया कि जब वायरस लेप के संपर्क में आता है तो उसकी बाहरी झिल्ली नष्ट हो जाती है। लेप की सामग्री सामान्य तापमान पर स्थिर होती है और उसका कॉस्‍मेटिक में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

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टीडीबी की अहम पहल का हिस्‍सा
डीएसटी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग के तहत विषाणुनाशक मास्क की पहल टेक्‍नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड (टीडीबी) की ओर से कमर्शियलाइजेशन के लिए चुनी गई शुरुआती परियोजनाओं में एक है। यह बोर्ड विभाग के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है।

थिंक्र टेक्नॉलोजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक शीतलकुमार जामबाद ने कहा, 'हमने महसूस किया कि मास्क संक्रमण रोकने में सार्वभौमिक रूप से एक बड़ा औजार बन जाएगा। लेकिन, उस समय उपलब्ध और आम लोगों की पहुंच में आने वाले ज्यादातर मास्क घर में बने और अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता के थे।' उन्होंने कहा, 'ऐसे में उच्च गुणवत्ता के मास्क बनाने की जरूरत ने हमें प्रोजेक्‍ट को हाथ में लेने को प्रेरित किया। यह संक्रमण को फैलने से रोकने की एक बेहतर पहल थी।'
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