केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल-फिलहाल में बड़ी बैठकें लीं। आगे वह कुछ और ऐसी ही मीटिंग्स लेंगे, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुखिया जेपी नड्डा को बिठाकर वह अन्य मंत्रियों के काम की समीक्षा कर सकते हैं।

दरअसल, पीएम ने शुक्रवार (11 जून, 2021) को जो बैठक ली थी, उसमें गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी चीफ नड्डा भी थे। दोनों दिग्गजों की मौजूदगी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों को हवा दे दी। हालांकि, पार्टी सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार ‘The Indian Express’ को बताया, “यह मीटिंग पीएम की ओर से की जाने वाली समीक्षा का हिस्सा थी।” मोदी की बैठक के बाद जो राजनीतिक संदेश गया, उसमें इस बात पर जोर दिया गया कि मोदी की बैठक में नड्डा उपस्थित रहे थे।

शुक्रवार को शाह भी उन पांच मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें अपने मंत्रालय के रिकॉर्ड पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी ने साफ कर दिया था कि सरकार पार्टी के साथ मिलकर काम करेगी। बिहार में बीजेपी की जीत के जश्न के दौरान स्टेज पर उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं से नड्डा के लिए तालियां बजाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कहा था। नारे भी लगवाए थे, “नड्डा जी आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।”

सूत्रों ने आगे बताया कि माना जा रहा है कि वह इस हफ्ते अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बड़ी बैठकें (मूल्यांकन से जुड़ी) ले सकते हैं, जिनमें नड्डा भी उपस्थित रह सकते हैं।

बता दें कि मौजूदा समय में भाजपा की 18 सूबों और केंद्र शासित प्रदेशों में सत्ता है। पर हाल में कई सूबों में हुए घटनाक्रमों और बयानबाजी ने चर्चा का बाजार गर्म किया कि बीजेपी में सब ठीक नहीं है। फिर चाहे में यूपी की सियासत में फेरबदल के साथ मंत्रिमंडल विस्तार की अटकल हो या कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा का वह बयान, जिसमें उन्होंने कहा था- पार्टी कहेगी तो इस्तीफा दे दूंगा। इससे पहले, पार्टी ने उत्तराखंड में सीएम चेहरा बदला था।

राजनातिक जानकारों और विश्लेषकों की मानें तो साल 2020 में भगवा दल की कमान संभालने वाले नड्डा के लिए यह बेहद चुनौती भरा दौर है। उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज सबको साथ लेकर चलना और संतुष्ट रखना है।