scorecardresearch
 

क्रिकेट बॉल से भी बड़े ब्लैक फंगस को सिर से निकाला, पटना के IGIMS में हुआ सफल ऑपरेशन

बिहार के जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार हाल में ही कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए, मगर उसके बाद उन्हें लगातार चक्कर आने की शिकायत आ रही थी. इसके बाद अनिल कुमार को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर किया गया, जहां पर जांच के दौरान उनके सर में ब्लैक फंगस पाया गया.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड से सही होने के बाद हुआ ब्लैक फंगस
  • सर में क्रिकेट बॉल जितना बड़ा निकला फंगस
  • डॉक्टरों ने किया सफलतापूर्वक ऑपरेशन

पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन संपन्न हुआ. इस दौरान मरीज के सिर से एक क्रिकेट बॉल के आकार का ब्लैक फंगस निकाला गया.

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने आजतक को बताया कि जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार हाल में ही कोविड-19 संक्रमण से ठीक हुए मगर उसके बाद उन्हें लगातार चक्कर आने की शिकायत आ रही थी.

इसके बाद अनिल कुमार को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में रेफर किया गया, जहां पर जांच के दौरान उनके सर में ब्लैक फंगस पाया गया. डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि अनिल कुमार की नाक के जरिए ब्लैक फंगस उनके दिमाग तक पहुंच गया था. हालांकि, खुशकिस्मती यह रही कि यह ब्लैक फंगस से अनिल कुमार की आंखों तक नहीं पहुंच पाया.

पटना: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर, IGIMS हॉस्पिटल में बनाई गई म्यूकर टीम

शुक्रवार को डॉ बृजेश कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों ने अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया और उनके दिमाग से क्रिकेट के आकार के बराबर का ब्लैक फंगस निकाला. मिली जानकारी के अनुसार अनिल कुमार की हालत अब स्थिर है.

Advertisement

आजतक से बात करते हुए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने कहा “इस तरह ब्लैक फंगस की बीमारी अभी तक मस्तिष्क में नहीं देखी गई थी. ऐसा पहली बार हुआ है जब इस प्रकार का मरीज संस्थान आया है. अनिल कुमार की आंखें इस ऑपरेशन में बच गई हैं. क्योंकि फंगस आंखों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाया था''.

वहीं अनिल कुमार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर बृजेश कुमार ने कहा “ऑपरेशन काफी जटिल था. ब्लैक फंगस नाक और साइनस के बाद आंखों को थोड़ा छूते हुए मस्तिष्क तक पहुंच गया था और मस्तिष्क में तेजी से फैल रहा था. फंगस क्रिकेट बॉल के आकार से भी बड़ा था, मगर 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस को मस्तिष्क से निकालने में सफलता हासिल की”.

 

Advertisement
Advertisement