नेफ़्टाली बने इसराइल के नए पीएम, बिन्यामिन नेतन्याहू की 12 साल बाद विदाई

बिन्यामिन नेतन्याहू

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बिन्यामिन नेतन्याहू की इसराइली प्रधानमंत्री पद से विदाई हो गई है. वे पिछले 12 सालों से इसराइल के प्रधानमंत्री थे. इसराइली संसद में नयी गठबंधन सरकार के पक्ष में बहुमत होने के चलते नेतन्याहू को अपना पद गंवाना पड़ा है.

अब दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेता नेफ़्टाली बैनेट ने इसराइल के नए प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया है

हालांकि नेतन्याहू ने आख़िरी समय तक उम्मीद नहीं छोड़ी थी, इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि विपक्षी गठबंधन को 60 प्रतिनिधियों का समर्थन मिला जबकि नेतन्याहू को 59 प्रतिनिधियों का.

नेतन्याहू भले सरकार में नहीं हो लेकिन वे दक्षिण पंथी लिकुड पार्टी के प्रमुख और इसराइली संसद में नेता, प्रतिपक्ष बने रहेंगे.

उल्लेखनीय है के नेतन्याहू इसराइल के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं. वे पांच बार इसराइल के प्रधानमंत्री चुने गए. पहली बार वे 1996 से 1999 तक प्रधानमंत्री रहे, इसके बाद 2009 से 2021 तक वे लगातार सरकार का नेतृत्व करते रहे.

लेकिन अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में विपक्ष के आठ दलों के गठबंधन ने उन्हें सत्ता बाहर का रास्ता दिखा दिया. बहुमत गंवाने के बाद इसराइली संसद में नेतन्याहू ने कहा कि हम वापसी करेंगे.

नेफ़्टाली बने नए प्रधानमंत्री

यामिना पार्टी के दक्षिणपंथी नेता नेफ़्टाली बेनेट ने इसराइल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. उनकी अपनी पार्टी के तो महज छह सांसद हैं लेकिन गठबंधन ने उन्हें अपना नेता चुना है.

नेफ़्टाली को बिन्यामिन नेतन्याहू और विपक्षी नेता येर लेपिड के साथ प्रधानमंत्री का पद साझा करने का प्रस्ताव दिया गया था. आख़िरकार दक्षिणपंथी नेफ़्टाली ने मध्यमार्गी येर लेपिड के साथ जाने का फ़ैसला किया जबकि दोनों में विचारधारा के स्तर पर काफ़ी दूरियां हैं.

दोनों दलों में हुए समझौते के मुताबिक नेफ़्टाली सितंबर, 2023 तक इसराइल के प्रधानमंत्री रहेंगे और इसके बाद अगले दो साल की कमान येर लेपिड के हाथों में होगी.

49 साल के नेफ़्टाली को एक समय तक नेतन्याहू का वफ़ादार माना जाता था. नेतन्याहू से अलग होने से पहले तक नेफ़्टाली 2006 से 2008 तक इसराइल के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ रहे थे.

नेतन्याहू की लिकुड पार्टी छोड़ने के बाद नेफ़्टाली दक्षिणपंथी धार्मिक यहूदी होम पार्टी में चले गए थे. 2013 के आम चुनाव में नेफ़्टाली इसराइली संसद में चुनकर पहुँचे.

नेफ़्ताली बेनेट (बाएँ) और बिन्यामिन नेतन्याहू (फ़ाइल तस्वीर)

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साल 2019 तक हर गठबंधन सरकार में नेफ़्टाली मंत्री बने. साल 2019 में नेफ़्टाली के नए दक्षिणपंथी गठबंधन को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. 11 महीने बाद फिर चुनाव हुए और नेफ़्टाली यामिना पार्टी के प्रमुख के तौर पर संसद में चुनकर पहुँचे.

नेफ़्टाली को नेतन्याहू से भी अधिक अति-राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी माना जाता है. नेफ़्टाली इसराइल की यहूदी राष्ट्र के तौर पर वक़ालत करते हैं. इसके साथ ही वे वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और सीरियाई गोलान हाइट्स को भी यहूदी इतिहास का हिस्सा बताते हैं.

इन इलाक़ों पर 1967 के मध्य-पूर्व युद्ध के बाद से इसराइल का नियंत्रण है. नेफ़्टाली वेस्ट बैंक में यहूदियों को बसाने का समर्थन करते हैं और इसे लेकर वो काफ़ी आक्रामक रहे हैं.

हालाँकि वे ग़ज़ा पर कोई दावा नहीं करते हैं. 2005 में इसराइल ने यहाँ से सैनिकों को हटा लिया था. वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम की 140 बस्तियों में 6 लाख से ज़्यादा यहूदी रहते हैं. इन बस्तियों को क़रीब-क़रीब पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय अवैध मानता है, जबकि इसराइल इसे नकारता है.

फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच बस्तियों का निर्धारण सबसे विवादित मुद्दा है. फ़लस्तीनियों इन बस्तियों से यहूदियों को हटाने की मांग कर रहे हैं और वे वेस्ट बैंक, ग़ज़ा के साथ एक स्वतंत्र मुल्क चाहते हैं, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो.

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