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लाइव रिपोर्टिंग

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  1. धन्यवाद

    बीबीसी के इस लाइव पेज से जुड़ने के लिए आपका शुक्रिया. यह लाइव पेज अब यहीं बंद हो रहा है. 14 जून, सोमवार के अपडेट्स के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं.

  2. ब्रेकिंग न्यूज़फ़्रेंच ओपन: जोकोविच ने जीता 19वां ग्रैंड स्लैम ख़िताब, कड़े संघर्ष में सितसिपास को हराया

    नोवाक जोकोविच
    Image caption: नोवाक जोकोविच

    दुनिया के नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने फ़्रेंच ओपन 2021 का ख़िताब अपने नाम कर लिया है.

    कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने ग्रीस के स्टेफानोस सितसिपास को 6-7, 2-6, 6-3, 6-2, 6-4 से हराया.

    यह जोकोविच का दूसरा फ्ऱेंच ओपन ख़िताब है.

    इससे पहले वे 2016 में भी चैंपियन बने थे.

    साथ ही यह जोकोविच का 19वाँ ग्रैंड स्लैम ख़िताब है.

    मैच का एक दृश्य

    चार घंटे 11 मिनट चला संघर्ष

    पहला सेट एक घंटा 12 मिनट तक चला और अंत में सितसिपास ने इसे 7-6 (8-6) से जीता.

    दूसरा सेट सितसिपास ने 35 मिनट में 6-2 से अपने नाम किया.

    वहीं, दोनों खिलाड़ियों के बीच 53 मिनट के संघर्ष के बाद जोकोविच को तीसरा सेट 6-3 से जीतने में सफलता मिली.

    चौथा सेट जोकोविच ने आसानी से 6-2 से जीता.

    हालांकि इस सेट में जब स्कोरी 2-0 से जोकोविच के पक्ष में था तो तीसरे गेम के लिए दोनों खिलाड़ियों के बीच क़रीब 10 मिनट तक संघर्ष होता रहा.

    आख़िरकार जोकोविच ने यह गेम 36 मिनट में अपने नाम कर लिया और साथ ही लगातार दूसरा सेट जीत कर मैच में सितसिपात की बराबरी पर आ गए.

    ग्रीस के 22 वर्षीय खिलाड़ी सितसिपास
    Image caption: ग्रीस के 22 वर्षीय खिलाड़ी सितसिपास

    पहली बार ग्रैंड स्लैम फ़ाइनल खेल रहे थे सितसिपास

    ग्रीस के 22 वर्षीय सितसिपास ने पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फ़ाइनल में जगह बनाई थी.

    यही नहीं, सितसिपास ग्रैंड स्लैम के एकल फ़ाइनल में पहुंचने वाले ग्रीस के पहले खिलाड़ी भी हैं.

    वो टॉप 10 रैंकिंग में सबसे युवा खिलाड़ी हैं.

    बीते वर्ष भी सितपितास ओपन के सेमीफ़ाइनल तक पहुंचे थे.

    इस साल वो दूसरी बार ऑस्ट्रेलियन ओपन के सेमीफ़ाइनल में पहुंचे.

    बारबोरा क्रेजिसिकोवा
    Image caption: बारबोरा क्रेजिसिकोवा

    क्रेजिसिकोवा महिला चैंपियन

    इससे पहले शनिवार को चेक रिपब्लिक की बारबोरा क्रेजसिकोवा फ़्रेंच ओपन 2021 में महिलाओं की चैंपियन बनी हैं.

    पहली बार ग्रैंड स्लैम फ़ाइनल खेल रही बारबोरा क्रेजसिकोवा ने फ़ाइनल में अनासतासिया पावलुचेन्कोवा को 6-1, 2-6, 6-4 से हरा कर ख़िताब अपने नाम किया.

  3. मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का कोविड-19 से निधन

    निर्मल कौर और मिल्खा सिंह
    Image caption: निर्मल कौर और मिल्खा सिंह

    भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान और मशहूर भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का निधन हो गया है.

    वो कोरोना वायरस से संक्रमित थीं और मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं.

  4. आंबेडकर ज़िंदा होते तो उन्हें भी पाकिस्तान समर्थक बता देती बीजेपी: महबूबा मुफ़्ती

    महबूबा मुफ़्ती

    पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि अगर आज डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ज़िंदा होते तो बीजेपी उन्हें भी ‘पाकिस्तान समर्थक’ बता देती.

    मुफ़्ती ने रविवार को यह बात अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के फ़ैसले के बारे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर विवाद होने के बाद कही.

    महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान का अनुच्छेद 37 डॉक्टर आंबडकर की देन थी, जिसे बीजेपी सरकार ने निरस्त कर दिया.

    इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया के ऑडियो प्लैटफ़ॉर्म क्लबहाउस पर हो रही एक बातचीत में कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में लौटती है तो वो अनुच्छेद 370 को वापस लाने और जम्मू-कश्मीर को उसका विशेष दर्जा वापस दिलाने की कोशिश करेंगे.

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    दिग्विजय सिंह के इस बयान पर काफ़ी विवाद हुआ था और सत्ताधारी बीजेपी ने उनकी जमकर आलोचना की थी.

    बीजेपी ने कहा था कि दिग्विजय सिंह का यह बयान कांग्रेस के सामान्य पैटर्न को दिखाता है.

    बीजेपी ने कांग्रेस पर पाकिस्तान से ‘मिलीभगत का आरोप’ भी लगाया.

    जम्मू-कश्मीर में कुछ समय के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन कर सत्ता में रहने वाली महबूबा मुफ़्ती ने इसे लेकर बीजेपी पर तंज़ कसा.

    उन्होंने ट्वीट किया, “शुक्र है कि आंबेडकर जी आज ज़िंदा नहीं हैं वरना बीजेपी उन्हें भी पाकिस्तान का समर्थक बताकर उनकी बदनामी करती.”

  5. ब्रेकिंग न्यूज़हांगकांग, ताइवान से लेकर वीगर मुसलमानों तक, एकतरफा कार्रवाई से दूर रहे चीन: जी-7 की 'नसीहत'

    जी-7

    ब्रिटेन में हो रही जी-7 देशों की बैठक के दौरान इसके नेताओं ने चीन से शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों का सम्मान करने, हांगकांग में ज़्यादा स्वायत्ता देने और ऐसी किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचने की नसीहत दी है, जिससे 'ईस्ट और साउथ चाइना सी' में अस्थिरता पैदा होती हो.

    समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि ग्रुप-7 के देश चीन पर ये बयान जारी करने वाले हैं और इस बयान का मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है.

    शिनजियांग क्षेत्र में रहने वाले वीगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के मुद्दे पर पश्चिमी देश चीन की आलोचना लंबे समय से करते रहे हैं.

    वैश्विक ताकत के रूप में चीन के उदय को साल 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद हाल के समय की सबसे महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक घटनाओं में माना जाता है.

    राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति मैक्रों
    Image caption: राष्ट्रपति बाइडन और राष्ट्रपति मैक्रों

    चीन का जी-7 देशों को जवाब

    चीन के उदय से अमेरिका परेशान है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि चीन उसका मुख्य प्रतिस्पर्धी है.

    ग्रुप-7 के देशों के इस बयान में हांगकांग की स्वायत्ता के लिए चीन और ब्रिटेन के साझा घोषणापत्र का भी हवाला दिया गया है.

    लेकिन इससे पहले कि ग्रुप-7 देशों की ये आलोचना सामने आती, चीन ने स्पष्ट रूप से इसके नेताओं को चेतावनी दी है कि वे दिन लद गए जब दुनिया की किस्मत मुठ्ठी भर देश किया करते थे.

    ग्रुप-7 के इस बयान में ताइवान जलडमरूमध्य के क्षेत्र में स्थिरता और शांति की अहमियत पर भी जोर दिया गया है.

    कहा गया है कि जी-7 इस क्षेत्र में विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करता है.

  6. बीजेपी का इस समय कोई राजनीतिक विकल्प नहींः कपिल सिब्बल

    कपिल सिब्बल
    Image caption: कपिल सिब्बल

    कांग्रेस पार्टी अगर आलस्य की अवस्था में नहीं रहना चाहती है और वो खुद को बीजेपी के एक स्वीकार्य विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती है तो उसे संगठन के सभी स्तरों पर व्यापक सुधार लागू करने ही होंगे.

    ये बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कही हैं.

    कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन 23 नेताओं में शामिल थे जिन्होंने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में सार्थक सुधारों की मांग की थी और इसके बाद पार्टी में सियासी तूफान खड़ा हो गया था.

    तब से यह उम्मीद की गई थी कि पार्टी में जल्द ही संगठनात्मक चुनाव कराए जाएंगे लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.

    कपिल सिब्बल को उम्मीद है कि संगठनात्मक चुनाव पार्टी में देर सवेर होंगे ही.

    कांग्रेस पार्टी

    'अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों की सांप्रदायिकता एक सी ख़तरनाक'

    समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक विशेष इंटरव्यू में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ये स्वीकार किया कि इस समय भारतीय जनता पार्टी का कोई सशक्त राजनीतिक विकल्प नहीं है.

    हालाँकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और इस समय देश में जो माहौल है, उसमें कांग्रेस एक विकल्प पेश कर सकती है.

    उन्होंने ये भी कहा कि चुनावों में मिली हार के कारणों की समीक्षा के लिए समितियों का गठन करना अच्छी बात है लेकिन इसका तब तक कोई असर नहीं होगा जब तक कि इन समितियों के सुझावों को लागू नहीं किया जाएगा.

    कपिल सिब्बल ने कहा कि असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) और पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ़) के साथ गठबंधन करने से पहले 'गहराई से विचार नहीं' किया गया था.

    कपिल सिब्बल की राय है कांग्रेस पार्टी यह समझा पाने में नाकाम रही है कि बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों की सांप्रदायिकता बराबर रूप से देश के लिए ख़तरनाक है.

  7. दिनभर: बीबीसी हिंदी रेडियो का डिजिटल बुलेटिन यूट्यूब पर सुनें

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    बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 13 जून 2021, सुनिए संदीप सोनी के साथ.

  8. दिनभर: बीबीसी हिंदी रेडियो का डिजिटल रेडियो बुलेटिन फ़ेसबुक पर

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    बीबीसी हिंदी का डिजिटल बुलेटिन 'दिनभर', 13 जून 2021, सुनिए संदीप सोनी के साथ.

  9. चमोली आपदा: 'ग्लेशियर टूटने से घाटी में एटम बम की तरह निकली ऊर्जा'

    चमोली आपदा

    प्रकृति अकसर हमें हैरान करती है. हम बार-बार उसकी ताक़त को नज़रअंदाज़ करते हैं और और इसके नतीजे विनाशकारी होती हैं.

    इस साल फ़रवरी में उत्तराखंड के चमोली में आई त्रासदी में भी यही हुआ. तब हिमालय पर्वत का एक हिस्सा नीचे घाटी में गिर गया था.

    इसके मलबे ने नीचे भारी तबाही मचाई. 200 से ज़्यादा लोग मारे गए और हज़ारों करोड़ की लागत के हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट बर्बाद हो गए.

    उस वक़्त इस हादसे के कुछ वीडियो आपने देखे ही होंगे. भयावह मलबा नीचे की तरफ आ रहा था और अपने रास्ते में आ रही हर चीज़ को बहा ले जा रहा था.

    चमोली आपदा: 'ग्लेशियर टूटने से घाटी में एटम बम की तरह निकली ऊर्जा'

    चमोली आपदा

    फ़रवरी में चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई त्रासदी पर एक अंतरराष्ट्रीय शोध किया गया इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमें बताया गया है कि इस विनाशकारी आपदा के दौरान वास्तव में क्या हुआ होगा.

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  10. चेतन सकारिया: टेम्पो चलाने वाले के बेटे का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफ़र

    चेतन सकारिया

    श्रीलंका के ख़िलाफ़ जुलाई महीने में तीन वनडे और तीन टी-20 सिरीज में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम में गुजरात के चेतन सकारिया को को भी जगह मिली है.

    चेतन गुजरात में भावनगर ज़िले के वारतेज गांव के रहने वाले हैं. उनके और उनके परिवार के परिवार के लिए हाल के दिन उतार चढ़ाव भरे रहे हैं. उन्हें बीते फरवरी महीने में ही पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग में हिस्सा लेने के लिए चुना गया, वो भी राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें एक करोड़ 20 लाख रुपये में ख़रीदा.

    तब उनका परिवार छोटे भाई की आत्महत्या के सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा था. इस सदमे के बारे में चेतन सकारिया की मां वर्षा बहन सकारिया ने बीबीसी गुजराती से फरवरी में कहा, "चेतन ने कठिन मेहनत से आईपीएल में जगह बनायी. हमलोग भी आर्थिक तंगी के बाद भी उसकी मदद करते रहे.''

    हालांकि हमें दुख है कि चेतन के छोटे भाई ने चेतन के क्रिकेट करियर के लिए अपनी पढ़ाई छोड़कर नौकरी करनी शुरू कर दी थी, वह इस दिन को देखने के लिए नहीं है. उसने एक महीने पहले ही आत्महत्या कर ली."

    चेतन सकारिया: टेम्पो चलाने वाले के बेटे का टीम इंडिया तक पहुंचने का सफ़र

    चेतन सकारिया

    गुजरात के चेतन सकारिया के लिए पिछले कुछ महीने बेहद उतार चढ़ाव भरे रहे हैं. उनकी पूरी कहानी प्रेरणा देने वाली है.

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  11. पुतिन से जब अमेरिकी पत्रकार ने सीधे पूछा, "क्या आप हत्यारे हैं?"

    पुतिन

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि अमेरिका और रूस के बीच रिश्ते अपने सबसे ख़राब दौर में हैं.

    जेनेवा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाक़ात होनी है.

    एनबीसी न्यूज़ने इस मुलाक़ात से पहले ये साक्षात्कार प्रकाशित किया है.

    अमेरिकी पत्रकार ने पुतिन से सीधे सवाल किया कि क्या वो एक हत्यारे हैं?

    पुतिन ने इस सवाल को टालते हुए कहा कि उन पर इस तरह के हमले होते रहे हैं.

    पुतिन से जब अमेरिकी पत्रकार ने सीधे पूछा, "क्या आप हत्यारे हैं?"

    पुतिन

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी न्यूज़ के एक इंटरव्यू में पत्रकार ने सीधे यह सवाल पूछा तो उन्होंने क्या जवाब दिया?

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  12. ब्रेकिंग न्यूज़कोरोना वैक्सीन की 1 एक अरब डोज़ दान करेंगे जी-7 देश

    जी-7 देश

    जी-7 देशों के नेताओं ने अगले साल तक कोरोना वैक्सीन की 1 अरब डोज़ दान करने का ऐलान किया है.

    यह जानकारी ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दी है. ब्रिटेन इस साल जी-7 सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है.

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    10 करोड़ डोज़ ब्रिटेन देगा

    बोरिस जॉनसन ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसकी घोषणा करते हुए कि जी-7 देशों के नेता महामारी के दौर में ‘राष्ट्रवादी’ और शुरुआत के ‘स्वार्थी’ रुख से आगे बढ़ना चाहते हैं.

    उन्होंने कहा कि जी-7 देशों के नेताओं ने अगले साल तक ग़रीब देशों को कोविड वैक्सीन की एक अरब डोज़ दान करने का प्रण लिया है.

    ये वैक्सीन या तो सीधे दी जाएंगी या फिर कोवैक्स स्कीम के तहत. इनमें से 10 करोड़ डोज़ अकेले ब्रिटेन देगा.

    बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह दुनिया भर में ‘टीकाकरणके लिए एक और बड़ा कदम’ है.

  13. जॉर्ज फ़्लॉयड का वीडियो बनाने वाली 17 साल की लड़की, जिसे पुलित्ज़र अवॉर्ड मिला

    डारनेल

    द पुलित्ज़र प्राइज़ बोर्ड ने 18 वर्षीय डारनेला फ़्रेज़ियर को ‘स्पेशल जर्नलिज़्म अवॉर्ड’से सम्मानित किया है.

    उन्होंने एक गोरे पुलिस अफ़सर द्वारा काले अमेरिकी, जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या का वीडियो बनाया था जिसने ना सिर्फ़ जॉर्ड फ़्लॉयड को न्याय दिलवाया, बल्कि नस्लीय भेदभाव के ख़िलाफ़ एक बड़े आंदोलन को जन्म दिया.

    अब अमेरिकी फ़िल्मकार माइकल मूर ने डारनेला फ़्रेज़ियर की सराहना में एक फेसबुक पोस्ट लिखी है.

    उनके फ़ेसबुक पोस्ट का सार कुछ इस तरह है:

    कल मिनियापोलिस की डारनेला फ़्रेज़ियर को पुलित्ज़र प्राइज़ साइटेशन से सम्मानित किया गया. वो कोई पेशेवर पत्रकार या लेखक या प्लेराइटर नहीं हैं.

    वो महज़ 18 साल की हैं जिन्होंने कल अपना पुलित्ज़र पुरस्कार लिया है क्योंकि उन्होंने पिछले साल 25 मई को जब वो 17 साल की थीं बहादुरी के साथ अपनी जेब से अपना स्मार्ट फ़ोन निकाला था और जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या करती हुई पुलिस का वीडियो बनाना शुरू कर दिया था.

    इस एक काम, इस दर्दनाक फुटेज ने लाखों लोगों में विद्रोह को जगाया, जो इस देश के इतिहास में सबसे बड़ा और सबसे लंबे समय तक बिना रुके चलने वाला विरोध था. सैकड़ों दूसरे देश इसमें शामिल हुए.

    डारनेला ने अगर उस क्रूरता का वीडियो ना बनाया होता तो इस हद तक ये नहीं हो पाता.

    अधिकारी डेरेक शॉविन जॉर्ज फ़्लॉयड को धीरे-धीरे प्रताड़ित करते और मारते हुए उनके लेंस में देख रहे थे और घूर रहे थे पर भी उन्होंने ये वीडियो इतने संतुलन और स्थिरता के साथ बनाया.

    उन्होंने डारनेला को बुरे, क्रूर इरादों के साथ देखा, वो हाव-भाव जिन्होंने कहा, "अगली तुम हो." लेकिन, फिर भी वो आठ मिनट 46 सेकंड तक वीडियो बनाती रहीं. जिस दुनिया में हम रहते हैं उन्होंने उसे बदल दिया.

    एक कैमरे से. जैसे कि मैंने पहले भी यहां कहा है कि डारनेला ने दशकों में अब तक की सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्री बनाई है और एक अकेडमी सदस्य के तौर पर मैंने उन्हें इस साल के ऑस्कर में सम्मानित करने के लिए कहा था. ऐसा नहीं हुआ लेकिन पुलित्ज़र समिति ने उन्हें सम्मानित करने के लिए बिल्कुल सही पाया.

    समिति ने यह बताया कि हां, एक सामान्य नागरिक, एक किशोर बिना किसी पेशेवर प्रशिक्षण या अनुभव के ऐसा महत्वपूर्ण गैर-काल्पनिक वीडियो बना सकती है जिसे दुनिया ने शायद ही कभी देखा हो.

    मेरा मानना है कि यह पहला पुलित्ज़र है जो किसी ऐसे व्यक्ति को दिया गया है जिनकी पत्रकारिता शब्दों से नहीं बल्कि चलायमान तस्वीरों से थी.

    मुझे यकीन है कि आप में से बहुत से लोग इस बात से सहमत हैं कि अब हमारे पास युवाओं की एक ऐसी पीढ़ी है जो बुद्धिमान है, जोशीली है और उस बिखरी हुई दुनिया को लेकर जागरुक है जो हमने उन्हें दी है.

    हम खुशकिस्मत हैं कि वो और उनकी काबिलियत हमारे पास है और जिस तरह से वो खुले दिल से चीज़ों को देखते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए गंभीर प्रतिबद्धता रखते हैं जो हमारे अंदर नहीं है.

    मैं बहुत उम्मीद से भर जाता हूं जब ये देखता हूं कि हमारे पास मौजूद लाखों डारनेल वयस्क दुनिया में कदम रख रही हैं.

    शुक्रिया डारनेल, हम सभी को प्रेरणा देने के लिए.

  14. जी-7 सम्मलेन: उत्तरी आयरलैंड पर 'मैक्रों की टिप्पणी', बोरिस जॉनसन भड़के

    इमैनुएल मैक्रों

    ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा है कि उत्तरी आयरलैंड पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की टिप्पणी 'अपमानजनक' है.

    कुछ रिपोर्टों में ये कहा गया है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यह दावा किया था कि उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन का हिस्सा नहीं है.

    ब्रिटेन में चल रही जी-7 देशों की बैठक के दौरान एक मीटिंग में इमैनुएल मैक्रों ने कथित रूप से ये टिप्पणी की थी.

    अंग्रेज़ी अख़बार 'द टेलीग्राफ़' ने कहा कि मैक्रों की टिप्पणी से ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भड़क गए.

    ब्रिटेन और फ्रांस

    डोमिनिक राब ने कहा है कि यूरोपीय संघ सालों तक उत्तरी आयरलैंड को 'एक अलग देश के रूप में' देखता रहा था.

    फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से इस बात की पुष्टि की है कि बोरिस जॉनसन और मैक्रों के बीच ये बातचीत हुई थी लेकिन फ्रांसीसी राष्ट्रपति एक क्षेत्र विशेष के बारे में बारे में बात कर रहे थे न कि ये कह रहे थे कि उत्तरी आयरलैंड ब्रिटेन का हिस्सा है या नहीं.

    यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब कि ब्रेग्ज़िट के बाद उत्तरी आयरलैंड की स्थिति को लेकर पहले से समस्याएं चल रही हैं.

  15. चीन की जी-7 देशों को चेतावनी, "अब मुट्ठी भर देश दुनिया की किस्मत का फ़ैसला नहीं करते''

    शी जिनपिंग

    चीन ने जी-7 देशों के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे दिन कब के लद गए जब मुठ्ठी भर मुल्क दुनिया की किस्मत का फ़ैसला किया करते थे.

    लंदन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "हमने हमेशा इस बात पर यकीन किया है कि कोई भी देश चाहे वो बड़ा हो या छोटा, मजबूत हो या कमज़ोर, ग़रीब हो या अमीर, सब बराबर हैं और वैश्विक मामले सभी देशों से विचार-विमर्श के बाद ही निपटाए जाने चाहिए."

    चीन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब जी-7 देश चीन के समक्ष खुद को एकजुट दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

    जी-7 देशों में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है.

    ब्रिटेन के कॉर्नवेल में हुए इस शिखर सम्मेलन में मौजूद बीबीसी संवाददाता का कहना है कि अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोरोना महामारी के बाद की दुनिया में लोकतांत्रिक देशों और तानाशाही व्यवस्था वाले देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी है.

    ब्रिटेन में जी-7 देशों की बैठक
    Image caption: ब्रिटेन में जी-7 देशों की बैठक

    अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार मज़बूत हुआ है चीन

    शीत युद्ध के दौरान 1991 में सोविय संघ के विघटन के बाद वैश्विक पटल पर चीन के एक महाशक्ति के तौर पर उदय को हाल के दशकों के सबसे बड़े वैश्विक घटनाक्रम के तौर पर देखा जाता है.

    चीन ने बीते कुछ दशकों में विश्व पटल पर अपना प्रभाव बढ़ाया है.

    उसने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत दुनिया के कई विकासशील देशों में भारी आर्थिक निवेश किया है.

    बीते 4 दशकों में चीन ने अपार सैन्य और आर्थिक शक्ति हासिल की है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ठोस कदमों का कैसे जवाब दिया जाए, जी-7 की बैठक में इसी पर चर्चा हो रही है.

    जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा और जापान शामिल हैं. ब्रिटेन के इंग्लैंड के कॉर्बिस बे तट पर इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष तीन दिवसीय सम्मेलन कर रहे हैं.

    पश्चिमी देश ये दिखाना चाहते हैं कि वो चीन का प्रभाव कम करने के लिए मज़बूत विकल्प पेश कर सकते हैं.

    जी-7 देश चीन के अरबों डॉलर के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के विक्लप के तौर पर विकासशील देशों के लिए योजना बनाने पर काम कर रहे हैं.

  16. चीनः गैस पाइप लाइन में धमाके से 12 लोगों की मौत

    सांकेतिक तस्वीर
    Image caption: सांकेतिक तस्वीर

    चीन के हुबेई प्रांत की एक गैस पाइप लाइन में हुए धमाके के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत और 138 लोग घायल हो गए हैं.

    हुबेई प्रांत के शियान शहर में हुई इस जानलेवा दुर्घटना के बाद घटनास्थल से 150 लोगों को बाहर निकाला गया.

    स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विस्फोट के कारण सुबह साढ़े छह बजे फूड मार्केट की एक इमारत ढह गई.

    चीनी न्यूज़ चैनल सीसीटीवी पर इस धमाके के बाद के दृश्य दिखाए गए हैं जिनमें ढही हुई इमारत का मलबा और टूटे-बिखरे कांच दिखाए गए हैं.

    जब ये धमाका हुआ तो वहां लोग घर की ज़रूरत का सामान खरीद रहे थे और नाश्ता कर रहे थे.

  17. '60 साल से ज़्यादा उम्र वालों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन देने से बचें'

    वैक्सीन

    यूरोपीय संघ की दवा नियामक एजेंसी के कोविड-19 टास्कफोर्स ने कहा है कि 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को एस्ट्राज़ेनेका कोरोना वैक्सीन देने से बचा जाना चाहिए.

    टास्कफोर्स के हवाले से ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब कुछेक मामलों में बनने वाले ब्लड क्लॉटिंग (रक्त के थक्के) को लेकर चिंता का माहौल जारी है और वैक्सीन के कई विकल्प उपलब्ध हैं.

    हालांकि यूरोपीयन मेडिसिंस एजेंसी (ईएमए) ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को सभी आयु वर्गों के लिए सुरक्षित करार दिया है.

    इसके बावजूद यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देशों ने एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की खुराक एक निश्चित आयु से कम उम्र के लोगों को देना बंद कर दिया है.

    सामान्य रूप से ये आयु सीमा 50 से 65 वर्ष है.

    इन देशों में कुछ मामलों में, ख़ासकर नौजवान लोगों में रक्त के थक्के जमने के मामले सामने आने के बाद एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की खुराक केवल बुजुर्ग लोगों को दी जा रही थी.

    एस्ट्राज़ेनेका कोरोना वैक्सीन

    यूरोपीय संघ के टास्क फोर्स के मुखिया मार्को कैवालेरी ने इतालवी अख़बार 'ला स्टैंपा' को बताया, "महामारी की स्थिति में सभी आयु वर्गों के लिए जोखिम और फायदे के अनुपात पर हमारा रुख सकारात्मक था और है."

    जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, नौजवान लोगों पर कोरोना का ख़तरा भी कम हो रहा है.

    मार्को कैवालेरी का कहना है कि बेहतर होगा कि नौजवान लोगों को मेसेंजर आरएनए तकनीक पर आधारित वैक्सीन जैसे मॉडर्ना और फाइज़र की खुराक दी जाए.

  18. बीजेपी ने शिवसेना के साथ 'गुलामों' जैसा बर्ताव किया: संजय राऊत

    संजय राऊत

    महाराष्ट्र में शिवसेना के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने 2014 से 2019 के बीच गठबंधन में रहते हुए उनकी पार्टी का सफाया करने का प्रयास किया था.

    शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात करने के एक दिन बाद ही राऊत ने ये टिप्पणी की है.

    जलगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राऊत ने कहा कि गठबंधन में शिवसेना के साथ बीजेपी ने ‘गुलामों जैसा’ बर्ताव किया.

    राऊत ने कहा, “बीजेपी को हमारे सहयोग से जो सत्ता मिली थी उसी का इस्तेमाल करके हमारी पार्टी का सफाया करने के प्रयास किए गए.'’

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    'राजनीति में कुछ भी हो सकता है'

    शिवसेना एनडीए की पिछली सरकार में गठबंधन में शामिल थी और अब बीजेपी से अलग कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रही है.

    महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद साल 2019 में शिसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी.

    राऊत ने यह भी कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है.

    उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं.'

  19. इसराइल में नई सरकार का गठन आज, नेतन्याहू होंगे विपक्ष के नेता

    इसराइल

    इसराइल की संसद रविवार को नई सरकार के गठन को मंजूरी दे सकती है. इसके साथ ही बिन्यामिन नेतन्याहू की 12 सालों से चली आ रही सरकार खत्म हो जाएगी.

    माना जा रहा है कि नई सरकार एक ऐसे नाजुक बहुमत पर बनेगी जिसमें उसके पास विपक्ष से एक ही सीट अधिक होगी.

    लेकिन इसके साथ ही इसराइल में पिछले दो साल से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता के दौर के खत्म होने की उम्मीद भी की जा रही है.

    इसराइल में पिछले दो साल में तीन चुनाव हो चुके हैं. दक्षिणपंथी राजनेता नफ्ताली बेनेट प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं.

    नफ्ताली बेनेट (बाएं) और याइर लापिड
    Image caption: नफ्ताली बेनेट (बाएं) और याइर लापिड

    इसके लिए उन्होंने सत्ता का जो समझौता किया है, उसके तहत यामिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट सितंबर, 2023 तक देश के प्रधानमंत्री बने रह सकेंगे. इसके बाद उन्हें अगले दो साल के लिए याइर लापिड को सत्ता सौंपनी होगी.

    बिन्यामिन नेतन्याहू इसराइल में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री बने रहने वाले नेता हैं. उन्होंने सालों तक देश की राजनीति को प्रभावित किया है.

    नफ्ताली बेनेट के प्रधानमंत्री बनने के बाद नेतन्याहू दक्षिण पंथी लिकुड पार्टी के नेता और संसद में विपक्ष के नेता बने रहेंगे.

    बिन्यामिन नेतन्याहू ने नई सरकार को 'धोखाधड़ी और सरेंडर का एक खतरनाक गठबंधन' बताया है और कहा है कि वे इस सरकार को जल्द ही गिरा देंगे.

    दूसरी तरफ़, बिन्यामिन नेतन्याहू पर रिश्वत लेने, धोखाधड़ी करने और विश्वासभंग के आरोपों के तहत दर्ज मुकदमा अभी भी जारी है. हालांकि वे इन आरोपों से इनकार करते हैं.

  20. 'लड़की हूं और लड़की से शादी कर ली तो क्या हो गया?'

    एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता
    Image caption: एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता

    हम दोनों ने अगर शादी की है तो क्या किसी लड़के से की है?

    क्यों हमसे लोग नाराज़ हैं? लड़की-लड़की ने ही तो की है (फिर गाली देते हुए) इससे गांव वालों को क्या दिक्कत है.

    ये कहकर प्रिया (बदला हुआ नाम) मुझसे पूछती हैं आप क्या हमारी मदद करोगे?

    मैंने ठहर कर कहा कि तुम्हारी शादी ही वैध नहीं है प्रिया.

    फ़ोन पर कुछ सेकेंड के लिए चुप्पी पसरगई फिर उसने मुझसे कई सवाल करने के बाद कहा कि हमने प्यार क्या किया ज़िंदगी ही बर्बाद हो गई.

    प्रिया, लता (बदला हुआ नाम) से प्यार करती हैं. जो उनके गांव से थोड़े ही दूर रहती हैं.

    प्रिया बेलदारी या मनरेगा कार्यक्रम के तहत जो काम मिल जाता है उसी से अपना ख़र्चा चलाती हैं. प्रिया के माता-पिता का निधन हो गया है और वह अपने भाइयों, भाभियों और बहन के साथ रहती हैं.

    'लड़की हूं और लड़की से शादी कर ली तो क्या हो गया?'

    एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ता

    एक समलैंगिक लड़की की कहानी जो अब अपने पार्टनर की शादी किसी लड़के से कराना चाहती है, क्या है मामला.

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