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Exclusive: जितिन प्रसाद और अरविंद शर्मा बनेंगे मंत्री, पढ़ें संघ-सीएम और भाजपा के बीच सुलह की पूरी कहानी

Vinod Agnihotri विनोद अग्निहोत्री
Updated Fri, 11 Jun 2021 12:53 PM IST
सार

सूत्रों ने बताया कि संघ के आशीर्वाद से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जल्दी ही राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल होगा। जिसके तहत पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा और भाजपा में नए नवेले गए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन इनमें से कोई भी उप मुख्यमंत्री नहीं बनेगा।

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UP CM Yogi Adityanath To Meet PM Modi Today, Will There Be A Cabinet Expansion Amid Rumblings
जितिन प्रसार, योगी आदित्यनाथ, अरविंद शर्मा - फोटो : AMAR UJALA
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विस्तार
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भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुशासन की लाठी एक बार फिर भारी पड़ी और उत्तर प्रदेश को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने दिल्ली में तीन दिन के विचार मंथन के बाद अपनी जो राय भाजपा नेतृत्व को दी थी, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उस पर अमल शुरु कर दिया है।



गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ जो विस्तृत चर्चा हुई उसकी जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि संघ के आशीर्वाद से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जल्दी ही राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार और फेरबदल होगा। जिसके तहत पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा और भाजपा में नए नवेले गए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन इनमें से कोई भी उप मुख्यमंत्री नहीं बनेगा।


संभावना है कि मौजूदा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य अपने-अपने पदों पर बने रहेंगे औऱ उनके विभाग भी उनके पास रहेंगे। लेकिन मंत्रिमंडल में पिछड़ों और दलितों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा ताकि हिंदुत्व के संरक्षण में सामाजिक संतुलन बना रहे। इसलिए मुमकिन है कि अपना दल से अनुप्रिया पटेल को केंद्र में या उनके पति डा.आशीष पटेल को राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिल जाए। अनुप्रिया पटेल ने भी गृह मंत्री अमित शाह से गुरुवार भाजपा नेताओं से मुलाकात भी की थी।

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UP CM Yogi Adityanath To Meet PM Modi Today, Will There Be A Cabinet Expansion Amid Rumblings
अमित शाह से दिल्ली में मिले योगी आदित्यनाथ - फोटो : Agency
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली आकर गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात में उन सारे जटिल मुद्दों पर बात की जिन्हें लेकर पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा में घमासान मचा हुआ था।

यह जानकारी देने वाले सूत्रों के मुताबिक इसके पहले योगी सर संघचालक संघ के अपने करीबी शीर्ष पदाधिकारियों से बात करके अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके थे और इसीलिए उन्होंने संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की लखनऊ यात्रा के दौरान उनसे भेंट नहीं की जबकि होसबोले तीन दिन तक लखनऊ में रहे और उन्होंने मुख्यमंत्री को मिलने का संदेश भिजवाया लेकिन योगी तब मिर्जापुर और गोरखपुर की यात्रा पर थे।

सूत्रों के अनुसार योगी पर अरविंद शर्मा को विधान परिषद सदस्य बनाने के बाद केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से उप मुख्यमंत्री बनाकर गृह नियुक्ति एवं गोपन जैसे अति महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभाग देने का दबाव बढ़ रहा था और योगी उसे टालते जा रहे थे। लेकिन जब भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष और प्रभारी राधा मोहन सिंह लखनऊ गए और उन्होंने विधायकों मंत्रियों से बात करके दबाव बढ़ाया और योगी को बदलने तक की चर्चाएं चल पड़ीं जिनको राधामोहन सिंह की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से की गई मुलाकातों से और बल मिला तब योगी ने सीधे सर संघचालक से संपर्क किया और उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट की।

योगी के एक बेहद करीबी सूत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि पिछले साढ़े चार साल से मेरी सरकार ने केंद्र के हर निर्देश का पालन किया। यहां तक कि राज्यसभा, विधान परिषद चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की सूची केंद्रीय नेतृत्व बिना उनकी सलाह के तैयार करके भेजता रहा है और वह उसे मानते रहे हैं। राज्य के अधिकारियों को भी सीधे केंद्र से निर्देश मिलते रहे और उन्होंने उसे भी चलने दिया। संगठन के नाम पर सरकारी कामकाज और नियुक्तियों में दखल दिया जाता रहा। और अब असफलता का ठीकरा उनके सिर फोड़ा जा रहा है।

योगी ने भागवत से यह भी कहा कि अगर किसी मुख्यमंत्री से गृह गोपन और नियुक्ति विभाग भी ले लिए जाएं तो फिर उस मुख्यमंत्री का रहना न रहना बराबर है। इससे तो अच्छा है संघ प्रमुख अगर उन्हें निर्देश देते हैं तो वो अपना इस्तीफा ही दे देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि संघ प्रमुख के आशीर्वाद से ही वह मुख्यमंत्री बनकर अपने दायित्व का पूरी निष्ठा से पालन कर रहे हैं।

UP CM Yogi Adityanath To Meet PM Modi Today, Will There Be A Cabinet Expansion Amid Rumblings
मोहन भागवत - फोटो : ANI

सूत्र के अनुसार योगी आदित्यनाथ की इस बात को संघ प्रमुख ने बेहद गंभीरता से लिया। वैसे भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद योगी आदित्यनाथ को भाजपा नेतृत्व की इच्छा से नहीं संघ नेतृत्व की इच्छा से मिला था। क्योंकि संघ योगी को मोदी के बाद भाजपा के भावी नेता के रूप में विकसित करने की दूरगामी योजना पर काम कर रहा है।


बताया जाता है कि इसके बाद दिल्ली में संघ के सभी प्रकल्पों और अनुषांगिक संगठनों के प्रभारी और अन्य शीर्ष पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक में एक दिन उत्तरप्रदेश पर चर्चा हुई जिसमें सर कार्यवाहर दत्तात्रेय होसबोले और भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष की रिपोर्ट पर विचार हुआ। उसके बाद संघ की सर्वसम्मति से राय बनी कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने रहेंगे। लेकिन उन्हें अपनी इस जिद से पीछे हटना होगा कि वह अरविंद शर्मा को ज्यादा से ज्यादा राज्य मंत्री बनाएंगे।

उन्हें अरविंद शर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाना चाहिए और जहां तक मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की बात है तो भाजपा नेतृत्व को मुख्यमंत्री को विश्वास में लेकर आपस में बातचीत करके उस पर निर्णय लेना चाहिए और मंत्रियों के विभागों के मामले में भी मुख्यमंत्री को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह संघ ने एक तरह से बीच का रास्ता निकाला और केंद्रीय नेतृत्व तथा योगी दोनों को ही अपने अपने रुख से कुछ पीछे हटने की सलाह दी।
 





संघ से योगी को अभयदान मिलने के बाद ही केंद्रीय नेतृत्व ने ऑपरेशन जितिन प्रसाद को अंजाम दिया। इसके जरिए भाजपा नेतृत्व ने एक तरफ कांग्रेस को झटका देकर यह संदेश दिया कि भाजपा उत्तर प्रदेश में अपने मूल जनाधार वर्ग ब्राह्णणों की नाराजगी दूर करने की हर मुमकिन कोशिश करेगी तो दूसरी तरफ जितिन के भाजपा प्रवेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को भी विश्वास में नहीं लिया गया क्योंकि आशंका थी जितिन प्रसाद जो पिछले दो तीन सालों से ब्राह्रणों की उपेक्षा उत्पीड़न और हत्याओं को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमले कर रहे थे, कि भाजपा प्रवेश में कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अडंगा न लगा दें।

इसीलिए जितिन के प्रवेश कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा को कोई नेता मंच पर नहीं था। सूत्रों के मुताबिक योगी इससे असहज तो थे, लेकिन वक्त की नजाकत देखकर उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी बल्कि ट्वीट करके जितिन का भाजपा में स्वागत किया। गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष से बातचीत के बाद उन्हें जितिन को अपने मंत्रिमंडल में लेने में कोई परहेज भी नहीं रह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से योगी आदित्यनाथ की मुलाकात के बाद भाजपा में 'सब कुछ ठीक है' का संदेश देकर चुनाव की अगली तैयारियों में जुट जाएगी।

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