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CEC Sushil Chandra wrote to Law Minister to increase pace for electoral reforms
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चुनाव सुधार: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कानून मंत्री को लिखा पत्र, रफ्तार तेज करने का आग्रह
पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 08 Jun 2021 04:04 PM IST
सार
निर्वाचन आयोग ने जिन चुनावों सुधारों के प्रस्ताव दिए है उनमें एक मुख्य प्रस्ताव चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने पर छह महीने जेल की सजा को बढ़ाकर दो साल करने के प्रावधान से संबंधित है। दो साल की सजा होने पर संबंधित उम्मीदवार के चुनाव लड़ने पर छह साल तक की रोक लग जाएगी। निर्वाचन आयुक्त चंद्रा का कहना है, ‘मौजूदा समय में छह महीने की जेल का प्रावधान है जिससे किसी को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता।’
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने के लिए दो साल की जेल के प्रावधान समेत कई चुनाव सुधारों से संबंधित प्रस्तावों पर तेज गति से कदम उठाए जाएं। चंद्रा ने मंगलवार को बताया, ‘मैंने कानून मंत्री को लिखा है कि इन प्रस्तावों पर तेज गति से कदम उठाए जाएं और आशा करता हूं कि इन पर मंत्रालय की ओर से जल्द विचार किया जाएगा।’
आयोग ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि ‘पेड न्यूज’ को जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अपराध बनाया जाए और इसके लिए ठोस प्रतिरोध के प्रावधान किए जाए। चंद्रा ने याद दिलाया कि आयोग ने चुनाव प्रचार के खत्म होने और मतदान के दिन के बीच वाले समय ‘साइलेंट पीरियड’ के दौरान अखबारों में राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव दिया है ताकि मतदाता प्रभावित नहीं हों और खुले मन से अपने मताधिकार का उपयोग करें।
इसके लिए जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन की जरूरत होगी। मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार के संदर्भ में कानूनों के बदलावों के लिए प्रस्ताव देने के मकसद से गठित समिति ने सिफारिश की थी कि मतदान के दिन अखबारों में विज्ञापन देने पर रोक लगाई जाए। फिलहाल, मतदान से पहले 48 घंटों के दौरान प्रचार सामग्री दिखाने पर इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रतिबंध है। परंतु समिति ने सिफारिश की है कि अखबारों को भी इस दायरे में लाया जाए।
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इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सुधारों में एक और प्रस्ताव मतदाता सूची को आधार से जोड़ने का है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर मतदाता का एक से अधिक स्थान पर मतदाता सूचियों में नाम होने पर रोक लगाई जा सकेगी। कानून मंत्री प्रसाद ने हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि आयोग का प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन है और इसके लिए चुनाव कानूनों में संशोधन करना होगा।
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