Burning Train: कैफियत एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के निचले हिस्से में आग, यात्रियों में अफरा-तफरी
Burning Train रात डेढ़ बजे कानपुर टूंडला रेलखंड में पनकी के पास हुआ हादसा आधा घंटे खड़ी रही ट्रेन। ट्रेन के गार्ड ने अग्निशमन उपकरण से बुझाई आग सहम गए थे यात्री। अगर गार्ड की नजर नहीं पड़ती तो आग बोगी को अपनी चपेट में ले लेती।
आगरा, जेएनएन। सोमवार रात को कानपुर रेलखंड पर दौड़ती कैफियत एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन बनने से बच गई। मध्य रात्रि में स्लीपर कोच के निचले हिस्से में आग लग गई। गार्ड को जानकारी होने पर उसने ट्रेन को रुकवाया। जब जाकर देखा तो आग लगी हुई थी। अग्निशमन उपकरण की मदद से आग पर काबू पाया। जब यात्रियों को इसकी जानकारी मिली तो उनमें भी अफरा-तफरी मच गई।
आजमगढ़ से दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस सोमवार रात डेढ़ बजे करीब पनकी से आगे निकली तो ट्रेन के एस-5 कोच में आग लग गई। रात का वक्त होने के कारण यात्री अपनी-अपनी सीट पर सो रहे थे। अचानक गार्ड संजय जैन की नजर ट्रेन से उठ रहे धुएं पर पड़ी तो वह चौंक गए। उन्होंने ट्रेन को रुकवाया। जब धुएं की पड़ताल की तो एस-फाइव कोच के निचले हिस्से में आग लगी हुई थी। आग लगने का कारण ब्रेक बाइडिंग ही बताया जा रहा है। गार्ड एवं ट्रेन में मौजूद अन्य कर्मियों ने अग्निशमन उपकरण से आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। इस दौरान कोच में बैठे यात्री भी जाग गए। उन्हें आग लगने की जानकारी मिलने पर अफरा-तफरी मच गई। खौफजदां यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए। आग बुझने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली, लेकिन हादसे की भयावहता से चेहरे सहमे हुए थे। हादसे के चलते ट्रेन आधा घंटे खड़ी रही। वहीं तीन ट्रेन रोकी गईं।
अप लाइन की कई ट्रेन हुईं प्रभावित
ट्रेन की बोगी में आग की खबर टूंडला कंट्रोल को मिली तो रेल प्रशासन में खलबली मच गई। टूंडला से कानपुर तक फोन बजने लगे। आनन-फानन में पीछे आ रही ट्रेनों को भी जहां की तहां रोक दिया गया। आधे घंटे के बाद में ट्रेन को रवाना किया गया। ट्रेन का टूंडला पर ठहराव नहीं है, लेकिन टूंडला से गुजरने तक रेलवे के अधिकारी अलर्ट रहे। ट्रेन टूंडला से 3.40 पर गुजरती है, लेकिन हादसे के चलते मंगलवार सुबह 3.55 पर पास हो सकी।
गार्ड की नजर न पड़ती तो बड़ा होता हादसा
जिस वक्त ट्रेन में हादसा हुआ, उस वक्त सभी यात्री गहरी नींद में थे, ऐसे में यात्रियों को ट्रेन में आग लगने की भी खबर नहीं लगी। अगर गार्ड की नजर नहीं पड़ती तो आग बोगी को अपनी चपेट में ले लेती। चलती हुई ट्रेन में आग को फैलने में भी देर नहीं लगती। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता था। रेल अधिकारियों ने भी गार्ड की सजगता के लिए उनकी प्रशंसा की है।