चीन की कोरोना वैक्सीन पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब में बनी सिरदर्द

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सऊदी अरब चीन की वैक्सीन लगाने वाला सर्टिफिकेट स्वीकार नहीं कर रहा है. इससे हज या कारोबार या नौकरी के लिए सऊदी अरब जाने वाले पाकिस्तानियों की परेशानी बढ़ गई है.

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़ गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने इस्लामाबाद में रविवार को पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ख़ुद इस मसले पर मध्य-पूर्व के उन देशों से बात कर रहे हैं जिन्होंने चीन में बनी वैक्सीन को अब तक मान्यता नहीं दी है.

सऊदी अरब भी उन देशों में से हैं जिसने चीन में बनी वैक्सीन को मान्यता नहीं दी है.

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हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में बनी दोनों वैक्सीन सिनोफार्मा और सिनोवैक दोनों को मान्यता दे दी है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ सऊदी अरब ने फ़ाइज़र, एस्ट्राज़ेनेका, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड वैक्सीन को अपने यहां मंजूरी दी है.

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सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री और सऊदी राजदूत की मुलाक़ात

इस बीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने उस बयान को वापस ले लिया है जिसमें ये दावा किया गया था कि सऊदी अरब के राजदूत ने चीन में बनी वैक्सीन को मंज़ूरी दिलाने का भरोसा दिलाया है.

शुक्रवार को सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह और पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत नवाफ़ बिन सईद अहमद अल-मालकी की मुलाक़ात हुई थी.

इस मुलाक़ात के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री ने सऊदी राजदूत से आग्रह किया है कि चीनी वैक्सीन को सऊदी अरब में स्वीकार्य वैक्सीन की लिस्ट में जोड़ा जाए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा पाकिस्तानी हज के लिए जा सकें.

इसी बयान में ये भी कहा गया कि सऊदी अरब के राजदूत ने भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार चीनी वैक्सीन को मंज़ूरी देगी.

हज

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पाकिस्तानी हज कैसे जाएंगे?

इस हफ़्ते की शुरुआत में इमरान ख़ान की सरकार के मंत्री असद उमर ने घोषणा की थी कि इस साल जो लोग हज के लिए जाना चाहते हैं, काम के लिए या पढ़ने के लिए उन देशों में जाना चाहते हैं, जहाँ चीन में बनी वैक्सीन को मान्यता नहीं मिली है, उन्हें एक महीने के भीतर फ़ाइज़र वैक्सीन की खुराक दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी. हालांकि इसका सीमित स्टॉक ही उपलब्ध है.

मंत्री असद उमर ने चीनी वैक्सीन के सर्टिफिकेट को मंज़ूरी नहीं देने वाले देशों को चेतावनी दी कि अगर इस पर वैश्विक स्तर पर फैसला नहीं लिया गया तो ये पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा.

उन्होंने कहा, "अगर सभी देश अपनी पसंद के ब्रैंड को अपने यहाँ आने वाले लोगों के लिए अनिवार्य कर देंगे तो इससे पूरी दुनिया को नुक़सान होगा. चीन की कोविड वैक्सीन दुनिया में सबसे ज्यादा निर्यात की जाने वाली वैक्सीनों में से है."

रविवार को गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने भी ये बात कही कि "सिनोफार्मा एक बहुत अच्छी वैक्सीन है."

चीन में बनी साइनोफार्म वैक्सीन

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चीन की वैक्सीन पर सवाल क्यों?

दूसरी तरफ़, 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, मध्य पूर्व के देश बहरीन में चीनी वैक्सीन के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' को बताया कि इसे देखते हुए जोखिम की स्थिति वाले नागरिकों को फ़ाइज़र की वैक्सीन बूस्टर डोज़ के रूप में दिया जा रहा है.

हालांकि बहरीन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वलीद ख़लीफ़ा अल मानिया ने बताया कि बहरीन की 60 फ़ीसदी से ज़्यादा आबादी को चीन में बनी सिनोफार्मा वैक्सीन दी गई है. इससे काफ़ी सुरक्षा मिली थी. कोरोना की मौजूदा लहर में जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनमें 90 फ़ीसदी से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन नहीं मिली है.

उन्होंने कहा कि मोटापे का शिकार या फिर किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को सिनोफार्मा वैक्सीन की पूरी खुराक लेने के छह महीने बाद फाइज़र वैक्सीन बूस्टर डोज़ लेने की सलाह दी जा रही है. बहरीन ने ये तय किया है कि वो चीन में बनी सिनोफार्मा वैक्सीन का इस्तेमाल जारी रखेगा.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसुस

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विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील

पाकिस्तान मेडिकल असोसिएशन ने मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील की है कि अपने यहाँ आने वाले लोगों के लिए कुछ चुनिंदा ब्रैंड्स की वैक्सीन अनिवार्य करने वाले देशों में सभी वैक्सीन को स्वीकार्य बनाया जाए और इसके लिए डब्ल्यूएचओ अपनी भूमिका निभाए.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसुस को लिखी चिट्ठी में पाकिस्तान मेडिकल असोसिएशन के महासचिव डॉक्टर क़ैसर सज्जाद ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से विदेश जाने के लिए इच्छुक लोगों के वैक्सीन के मुद्दे को सुलझाने के लिए आग्रह किया है क्योंकि कुछ देशों ने ख़ास ब्रैंड्स के वैक्सीन को ही अपने यहां मंज़ूरी दी है.

उन्होंने कहा कि सबको ये मालूम है कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन दी जा रही है.

क़ैसर सज्जाद का कहना है कि इस तथ्य के बावजूद कुछ देशों ने चुनिंदा ब्रैंड्स की वैक्सीन को अनिवार्य बना दिया है. इस नीति से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा.

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इमेज कैप्शन, पाकिस्तान में चीन की मदद से बनाई कोरोना वैक्सीन PakVac

पाकिस्तान में उपलब्ध कोविड वैक्सीन

पाकिस्तान में चीन की दोनों वैक्सीन सिनोफार्मा और सिनोवैक का इस्तेमाल कोविड टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है. इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार ने चीन की मदद से अपने यहाँ कोरोना की पहली वैक्सीन तैयार की है.

पाकवैक (PakVac) नाम के इस टीके को इसी हफ़्ते मंगलवार को लॉन्च किया गया.

पाकिस्तान के केंद्रीय योजना मंत्री असद उमर ने इसे एक अहम दिन बताते हुए कहा कि पाकिस्तान की ये वैक्सीन किसी इंक़लाब यानी क्रांति से कम नहीं है.

उन्होंने इसके लिए पाकिस्तान की स्वास्थ्य टीमों के साथ चीन के सहयोगियों का भी आभार जताया, जिन्होंने वैक्सीन के उत्पादन की व्यवस्था करने में मदद की.

हालाँकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि पाकिस्तान में अभी टीका लगवाने आ रहे लोगों की पहली पसंद चीन में बनी वैक्सीन साइनोफ़ार्म ही है, पश्चिम में बनी वैक्सीन नहीं.

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