सऊदी अरब में हज यात्रा शुरू होने वाली है लेकिन इसके लिए कोरोना वैक्सीन ज़रूरी है. पाकिस्तान में चीन की वैक्सीन लगाई जा रही है और सऊदी अरब चीन की वैक्सीन लगाने वाला सर्टिफिकेट मान नहीं रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़प्रिंस हैरी और मेगन ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म की दी सूचना
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ड्यूक और डचेज़ ऑफ
ससेक्स ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म की जानकारी दी है.
ब्रितानी शाही परिवार के प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल
ने बताया कि उनकी बेटी लिलीबेट 'लिली'डायना माउंटबेटन-विंडसर का जन्म शुक्रवार की सुबह
अमेरिका में कैलिफ़ोर्निया के सैंटा बार्बरा अस्पताल में हुआ.
प्रिंस हैरी और मेगन
की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ हैं.
प्रिंस हैरी और मेगन
ने कहा है कि उन्होंने अपनी बेटी लिलीबेट का नाम शाही परिवार की महारानी और परदादी
के निकनेम पर दिया है. बीच का नाम दादी डायना के सम्मान में रखा गया है.
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण अब तक एक लाख से ज़्यादा लोगों की मौत
इससे पता चलता है कि राज्य में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर कितना बुरा रहा.
महाराष्ट्र में दूसरा लॉकडाउन अब अपने आखिरी दौर में है और सोमवार से पाबंदियों में चरणबद्ध तरीके से ढील की घोषणा कर दी गई है.
इस समय राज्य में कोरोना संक्रमण के 185,527 सक्रिय मामले हैं और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
ये बात भी ध्यान देने लायक है कि दिए गए आंकड़े सरकारी स्रोतों पर आधारित हैं जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या ज्यादा भी हो सकती है.
हालांकि फिलहाल उसके बारे में पक्के तौर पर कुछ कहना मुश्किल है.
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है.
महाराष्ट्र भारत में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है.
ब्रेकिंग न्यूज़रोजर फ़ेडरर ने ख़ुद को फ्रेंच ओपन से अलग किया
रोजर फ़ेडरर ने ख़ुद
को फ़्रेंच ओपन से अलग कर लिया है. चौथे राउंड में पहुँचने के बाद भी उन्होंने अपनी
सेहत को देखते हुए यह फ़ैसला लिया. 20 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन ने तीसरे राउंड में डॉमिनिक के साथ हुए थकाऊ मैच
में जीत के बाद यह फ़ैसला लिया है.
39 साल के फ़ेडरर ने
कहा, ''घुटने की दो सर्जरी और उसके
बाद एक साल से ज़्यादा वक़्त तक निगरानी में रहने के बाद ज़रूरी था कि मैं अपने शरीर
की सुनूं और किसी भी तरह की जल्दबाज़ी ना करूँ. मैंने अपनी टीम से बात की और उसके बाद
यह फ़ैसला लिया.''
कर्नाटक में ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनी अमेज़न की क़ानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इसकी वजह है कि अमेज़न की कनाडा यूनिट की वेबसाइट पर कर्नाटक राज्य के झंडे के रंग वाली बिकनी बिक रही थी.
इस बिकनी में झंडे के मध्य में स्थित प्रतीक चिह्न की तस्वीर भी बनी हुई है.
इतना ही नहीं बिकनी पर अशोक स्तंभ तस्वीर भी बनी हुई थी, साथ में सत्यमेव जयते भी लिखा हुआ था.
यह बिकनी बीकेडीएमएचएचएच ब्रैंड के नाम से बेची जा रही थी.
कर्नाटक के तीन रंगों वाले झंडे में पीली, सफेद और लाल क्षैतिज पट्टियां हैं जो सिंदूर और हल्दी को दर्शाती हैं. इसके बीचों बीच में प्रांतीय प्रतीक गंडाबेरूंडा (एक पौराणिक चिड़िया) है.
इस विज्ञापन का जब दुनिया भर में फैले कर्नाटक के लोगों ने विरोध किया तो अमेज़न डॉट सीए ने इसे वेबसाइट से हटा लिया.
सोशल मीडिया में कर्नाटक के लोगों का आक्रोश इसलिए ज़्यादा भड़का हुआ दिखा क्योंकि दो दिन पहले ही सर्च इंजन गूगल ने कर्नाटक की भाषा कन्नड़ को दुनिया की सबसे भद्दी भाषा करार दिया था.
इसके ख़िलाफ़ भी सोशल मीडिया पर कन्नड़ भाषी लोगों ने काफ़ी विरोध जताया.
बाद में गूगल इंडिया ने इस ग़लती के लिए माफ़ी मांगी और कहा कि वह अपने अल्गोरिदम में बदलाव करके यह सुनिश्चित करेगा कि कन्नड़ दुनिया की सबसे ख़राब भाषा नहीं रहे.
कर्नाटक के कन्नड़ भाषा और संस्कृति मामलों के मंत्री अरविंद लिम्बावली ने ट्वीट किया, "गूगल ने हाल ही में हमलोगों का अपमान किया है. हमारा यह जख़्म भरता उससे पहले हमने पाया कि 'अमेज़न कनाडा' ने हमारे झंडे और आयकन का इस्तेमाल लेडीज कपड़ों पर किया."
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मल्टीनेशनल कंपनियों की ओर कन्नड़ भाषी लोगों का अपमान बंद होना चाहिए. यह हमारे आत्मसम्मान की बात है और हम ऐसे अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. 'अमेज़न कनाडा' को कन्नड़भाषी लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए. हमलोग इसके ख़िलाफ़ क़ानूनी एक्शन लेंगे."
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने ट्वीट किया है, "कन्नड़ और कर्नाटक के मामले में मल्टीनेशनल कंपनियां लापरवाही और अनुचित ढंग से काम कर रही हैं. जानकारी के अभाव में पहले गूगल और अब अमेज़न के कनाडा यूनिट ने ऐसा किया है. इन संस्थानों के पास सही जानकारी क्यों नहीं है?"
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा समय में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बीबीसी हिंदी से बताया, "दुनिया के कई देशों में होता है, लेकिन हमारे यहां लोग झंडे और प्रतीक चिह्न को नहीं पहनते हैं. हम अपने झंडे को हमेशा ऊंचा रखते हैं. यह ऐसी चीज़ नहीं है जिसे पहना या रौंदा जा सके. हमारे यहां झंडे के सम्मान करने को लेकर भी क़ानून है. मल्टीनेशनल कंपनियों को समझना चाहिए कि कन्नड़ भाषी समुदाय का अपमान करके वह अपने कारोबार को ही नुकसान पहुंचाएंगी, इसलिए बेहतर यही होगा कि वे भारत और कर्नाटक की संस्कृति को समझें."
ताइवान के लिए अमेरिका ने की बड़ी घोषणा, चीन हो सकता है नाराज़
अमेरिकी सीनेटर टैमी डकवर्थ ने कहा है कि पूरी दुनिया के साथ कोविड वैक्सीन शेयर करने की योजना के तहत अमेरिका ताइवान को इसकी 750,000 खुराक मदद के रूप में देगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ ताइवान में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं और दुनिया के अन्य जगहों की तरह वो भी वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. ऐसे वक्त में उसे इस मदद की ज़रूरत भी थी.
दो करोड़ 35 लाख की आबादी वाले ताइवान में अभी तक केवल तीन फीसदी आबादी को ही कोरोना की वैक्सीन मिली है. इनमें से भी ज़्यादातर लोग पहली खुराक ही ले पाए हैं.
अमेरिकी सिनेटर टैमी डकवर्थ, डैन सुलिवन और क्रिस्टोफर कून्स तीन घंटे के दौरे पर ताइवान आए थे.
ताइपेई शहर के सोंगशान एयरपोर्ट पर टैमी डकवर्थ ने कहा कि अमेरिकी मदद की पहली खेप के तौर पर ताइवान को कोविड वैक्सीन की साढ़े सात लाख खुराक दी जाएगी.
हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ताइवान को कौन सी वैक्सीन दी जाएगी और ये उसे कब तक मिलेगी.
स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये बात जल्द ही पता चल जाएगी कि ताइवान को कौन सी वैक्सीन मिलने वाली है.
ताइवान ने चीन को लेकर ये शिकायत की है कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन हासिल करने की उसकी राह में अड़चन खड़ी कर रहा है.
लेकिन चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है. चीन ने ताइवान को अपने यहां वैक्सीन देने की पेशकश की है लेकिन ताइवान की सरकार ने बार-बार अपनी सुरक्षा लेकर चिंता जाहिर की है.
ताइवान में चीन में बने सामान के आयात पर पाबंदी है. इसलिए चीन से ताइवान को वैक्सीन की आपूर्ति तभी संभव है जब वो अपने यहां इसके लिए कानून बदलेगा.
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी के मौक़े पर अकाल तख़्त साहिब में भारी भीड़ जुटी. इस दौरान इकट्ठे हुए लोगों ने ‘खालिस्तान समर्थक’ नारे भी लगाए.
इसराइल से संबंधों को लेकर असहज दिखा यूएई
पिछले महीने इसराइल
और फ़लस्तीनियों के बीच ख़ूनी संघर्ष के कारण इसराइल और यूएई के रिश्तों में असहजता
आई है.
यरुशलम की डिप्टी
मेयर ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हुए कुछ
ही महीने हुए हैं और इस तरह की असहजता पैदा हुई है.
दोनों देशों के बीच
हाल ही में कारोबार को लेकर बैठक हुई थी. इस बैठक को लेकर यरुशलम की डिप्टी मेयर फ्लेउर
हसन-नाहोउम ने कहा कि बातचीत बिल्कुल खुली थी और हर किसी ने समझदारी का परिचय दिया.
यह बैठक दुबई में
द्विपक्षीय निवेश सम्मेलन के नाम से हुई है. हसन यूएई-इसराइल बिज़नेस काउंसिल की सह-संस्थापक
हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच कारोबार अरब डॉलर
पार कर जाएगा.
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2020 में इसराइल के साथ
पूर्ण राजनयिक संबंध क़ायम करने वाला यूएई अरब का तीसरा देश था. इसके लिए अमेरिका में
तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने पुरज़ोर कोशिश की थी और ये उसी का नतीजा था. यूएई के इस
क़दम की फ़लस्तीनियों ने निंदा की थी.
दोनों देशों में रिश्ते
सामान्य होने के बाद से कई तरह के समझौतों की घोषणा की गई है. इनमें दोनों देशों के
नागरिकों के बिना वीज़ा की यात्रा की भी बात है.
लेकिन पिछले महीने
11 दिनों तक इसराइल और फ़लस्तीनियों
की बीच ख़ूनी हिंसा चली और इसे लेकर अरब के देश असहज रहे. बैठक में दोनों देश के नेताओं
के बीच माहौल को लेकर हसन ने कहा कि ये आसान नहीं था.
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हसन ने कहा,
''मैं इसराइल और यूएई की कई तरह की बैठकों में शामिल
रही हूँ लेकिन यहाँ असहजता थी. जहाँ असहमतियां थीं, वहां भी हमने खुलकर बात की. लोगों के मन में इसराइली सैन्य अभियान
को लेकर कई सारे सवाल थे. यह सच है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की शुरुआत है. लंबी
अवधि के संबंधों के लिए विश्वास बेहद ज़रूरी चीज़ है. लंबे समय तक हमारे बीच कोई संबंध
नहीं था, इसलिए थोड़ा वक़्त लगेगा.''
हसन ने कहा,
''मुख्य रूप से सवाल इसराइल सैनिकों की जवाबी कार्रवाई
को लेकर थे लेकिन अल-अक़्सा मस्जिद को लेकर भी पूछा जा रहा था.''
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सऊदी अरब का तेल निर्यात बढ़ा
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आधिकारिक आँकड़ों के
मुताबिक़, मार्च में सऊदी तेल निर्यात 75 फ़ीसद बढ़कर 13.95 अरब डॉलर का हो गया जबकि ग़ैर-तेल निर्यात 43 फ़ीसद बढ़कर 5.96 अरब डॉलर का हो गया. मार्च
महीने के आँकड़े साल 2018 की जुलाई के बाद से सबसे अधिक स्तर पर हैं.
जनरल अथॉरिटी फ़ॉर
स्टेटिस्टिकिस (जीएएसटीएटी) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की शुरुआत में जैसे
ही कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक क्षेत्र प्रभावित हुआ, मार्च में तेल की
क़ीमत गिरकर क़रीब 34 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी.
हालांकि उन महीनों में भी
तेल ही प्रमुख निर्यात की जाने वाली चीज़ बनी रही. कुल निर्यात का लगभग 70 फ़ीसद.
गुरुवार को तेल की क़ीमतों
में थोड़ी कमी आई. ब्रेंट 60 सेंट नीचे रहा और 68.27 डॉलर प्रति बैरल कम रहा जबकि
यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड 57 सेंट गिरकर 65.64 डॉलर प्रति बैरल हो गया
था.
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इसी दौरान ग़ैर-तेल निर्यात मार्च में सलाना आधार पर 43 फ़ीसद बढ़कर 5.96 अरब डॉलर का हो गया था जो जीएएसटीएटी के अनुसार, 20 महीनों में सबसे अधिक रहा. फरवरी और मार्च के बीच क़रीब 14.1 अरब डॉलर का निर्यात बढ़ा.
निर्यात की जा रही चीज़ों में मासिक तौर पर सबसे बड़ा उछाल ऑप्टिकल, मेडिकल और सर्जिकल उपकरणों, घड़ियों और कलाई वाली घड़ियों की श्रेणी में आया. यह 261 फ़ीसद उछाल पर रहा. इसके अलावा प्लास्टिक, रबर और बनी चीज़ों के निर्यात में भी उछाल देखा गया जो 58 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी के साथ दो बिलियन हो गया.
इसके अलावा वाहन, विमान, जहाज़ और परिवहन से संबंधित उपकरणों के निर्यात में 240 फ़ीसद की वृद्धि हुई. जबकि खाद्य उद्योग और उससे जुड़ी चीज़ों, तंबाकू आदि में 6 फ़ीसद की वृद्धि आंकी गई.
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समुद्र मार्ग से चीज़ों को लाना ले-जाना अभी भी सबसे प्रचलित तरीक़ो है. गैर-तेल निर्यात के लिए लगभग 75 फ़ीसद मामलों में समुद्र मार्ग का ही इस्तेमाल किया गया.
आईएचएस मार्किट परचेज़िंग मैनेजर इंडेक्स के सर्वे के मुताबिक़, अप्रैल में सऊदी अरब के ग़ैर-तेल क्षेत्र में बीते तीन महीनों में व्यवसायिक गतिविधि तेज़ गति से आगे बढ़ी. इस वृद्धि के कारण कोविड महामारी से उबरने में सहायता मिली है.
गूगल, फ़ेसबुक जैसी कंपनियों पर टैक्स लगाने का फ़ैसला क्या टिक सकेगा?
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सबसे अमीर
देशों के समूह जी-7 ने दुनिया की बड़ी-बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों पर ज़्यादा टैक्स लगाने का
फ़ैसला किया है.
जी-7 समूह ने गूगल, फ़ेसबुक, ऐपल और अमेज़ॉन जैसी बड़ी कंपनियों पर
15 फ़ीसदी तक टैक्स लगाने के लिए करार किया लेकिन प्रचारकों का दावा है कि यह क़रार
लंबे समय तक नहीं टिक सकेगा.
लंदन में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में फ़ैसला लिया गया कि
जहां पर कंपनियां अपना व्यापार करती हैं वहां पर उन्हें एक उचित टैक्स देना होगा.
बैठक में बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर 15 फ़ीसद तक टैक्स लगाने पर सहमति बनी.
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इस फ़ैसले से टेक दिग्गज कंपनियों के प्रभावित होने की संभावना है लेकिन उन्होंने इन नए नियमों का स्वागत किया है.
हालांकि ग़ैरसरकारी संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर न्यूनतम कॉर्पोरेट कर की जो दर तय की गई उससे कोई बहुत अंतर नहीं ला सकेगी.
इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाले ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि करार 21वीं सदी के लिए एक उचित कर प्रणाली तय करेगा.
नियंत्रण रेखा और कश्मीर को लेकर भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद के बयानों के बाद क्या जल्द ही दोनों देशों के बीच रिश्ते में सुधार देखने को मिलेगा?
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन का वादा, हम समंदर को 'सी स्नॉट' से बचाएंगे
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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने वादा किया है कि वे देश के तटवर्ती क्षेत्र को वहां पनप रहे 'सी स्नॉट' से बचाएंगे.
इंस्ताबुल के पास मरमरा सागर के किनारे फैल रहे गाढ़े, बलगम जैसे पदार्थ को 'सी स्नॉट' का नाम दिया गया है.
इससे समुद्री जनजीवन और मछली उद्योग को नुक़सान पहुंचने की आशंका है.
विशेषज्ञ इसके लिए प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा, "उम्मीद है कि हम अपने समंदर को इस लसदार पदार्थ की आपदा से बचा लेंगे."
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'सी स्नॉट' या समुद्री लासा कुदरती तौर पर बनने वाला हरे रंग का कीचड़ जैसा चिपचिपा पदार्थ होता है जो शैवाल के पोषक तत्वों के भर जाने के कारण बनता है. इसकी वजह है गर्म जलवायु और जल प्रदूषण.
तुर्की में ये पहली बार साल 2007 में पाया गया था लेकिन अब ये ग्रीस के पास ऐगेयान सागर में भी देखा गया है.
ब्लैक सी और ऐगेयान सागर को जोड़ने वाले तुर्की के मरमरा सागर के बड़े क्षेत्र में उभरे 'सी स्नॉट' के बारे में कहा जा रहा है कि ये अब तक का सबसे बड़ा समुद्री लासा है.
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स्थानीय समुदाय में इसे लेकर चिंता का माहौल है. राष्ट्रपति अर्दोआन ने इसकी वजह बढ़ती गर्मी और समंदर में गंदा पानी छोड़ा जाना बताया है.
उन्होंने अधिकारियों से इसकी जांच के लिए कहा है. उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि अगर ये ब्लैक सी में फैल गया तो... बड़ी मुसीबत हो जाएगी. हमें बिना देर किए कदम उठाने की ज़रूरत है."
उनकी सरकार ने प्रदूषण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए 300 लोगों की बड़ी टीम तैनात की है.
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पत्रकारों के रिकॉर्ड गुप्त तरीक़े से हासिल करने पर रोक लगाएगा अमेरिका
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अमेरिकी न्याय विभाग ने पत्रकारों के रिकॉर्ड गुप्त तरीक़े से प्राप्त करने की लंबे समय से चली आ रही 'परंपरा' को समाप्त करने का फ़ैसला किया है.
गोपनीय जानकारी लीक होने से जुड़ी एक जांच के दौरान अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि वह किसी पत्रकारों के रिकॉर्ड, गुप्त तरीक़े से हासिल करने की सालों पुरानी परंपरा को समाप्त करने जा रहा है.
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के नेतृत्व वाले प्रशासन के तहत पत्रकारों के रिकॉर्ड गोपनीय तरीके से हासिल किए गए हैं. लेकिन पत्रकारों के रिकॉर्ड हासिल करने के लिए कोर्ट के समन और आदेशों का होने को लेकर जांच इसी साल चर्चा में आई हुई थी.
अमेरिका के मौजूदा डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसके एक 'परंपरा बन जाने को' ग़लत बताया है.
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक जगत में इस बात की भी चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं को अब ऐसा फ़ैसला समझ में आ रहा है, जिसे अब बदलना और बनाए रखना, दोनों ही स्थितियों में घाटे का सौदा दिख रहा है.
दूसरे, पिछले चार साल के दौरान बतौर मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की जिस तरह की छवि उभर कर सामने आई है, उसके सामने चार साल पहले के उनके कई प्रतिद्वंद्वी काफ़ी पिछड़ चुके हैं.
क्या अब बीजेपी और संघ के पास योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है?
विवेचना: भिंडरांवाले की ज़िंदगी के अंतिम पलों की कहानी
6 जून 1984 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत चरमपंथियों को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए अभियान शुरू किया था जिसमें जरनैल सिंह भिंडरांवाले मारे गए थे.
कैसे थे भिंडरांवाले के आखरी क्षण बता रहे हैं रेहान फ़ज़ल विवेचना में.
कैमराः रसल फ़ज़ल
वीडियो एडिटिंगः काशिफ़ सिद्दिक़ी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद क़ुरैशी ने कहा- मेरा ख़ून खौल रहा है
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पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब की टिप्पणियों के जवाब में इमरान ख़ान हुकूमत के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने शनिवार को कहा कि उन्हें अपनी भाषा में सुधार लाना चाहिए.
पाकिस्तानी अख़बार'डॉन'के मुताबिक़ मुल्तान में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कान खोलकर मेरी बात सुन लो...."
"अगर तुम ऐसी जुबान का इस्तेमाल करने से बाज़ नहीं आए या पाकिस्तान पर जो इलज़ाम तुम लगा रहे हो, जो तुम कर रहे हो, तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हैसियत से मैं कह रहा हूँ कि कोई पाकिस्तानी न तुम से हाथ मिलाएगा और न ही तुम से बात करेगा."
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने चरमपंथ की वजह से जान-माल की बड़ी क़ीमत चुकाई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस इलाक़े में केवल शांति और स्थिरता चाहता है.
'वॉइस ऑफ़ अमेरिका' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मई की शुरुआत में नंगरहार सूबे के दौरे पर थे जहाँ उन्होंने पाकिस्तान को 'चकलाघर' कहा था.
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब की टिप्पणियों के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी बुरी तरह से तमतमा गए. क़ुरैशी ने ग़ुस्से में कहा कि उनका ख़ून खौल रहा है.
ईरान के पर्यटन और
संस्कृति मंत्री अली असगर रूस के दौरे पर हैं. उन्होंने रूस में एक समझौते पर हस्ताक्षर
किया है, जिसके तहत दोनों देशों के पर्यटकों के समूह को
अब व्यक्तिगत वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी. रूस में ईरान के राजदूत काज़ीम जलाली ने फ़ेसबुक
पर इसकी जानकारी दी है.
जलाली ने फ़ेसबुक
पर लिखा है, ''आज पर्यटन और संस्कृति
मंत्री मॉस्को पहुँचे हैं और उन्होंने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत पर्यटकों के समूह को व्यक्तिगत वीज़ा
की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.''
जलाली ने अनुसार इस
समझौते के तहत दोनों देशों के पर्यटकों
के समूह को एक वीज़ा से ही यात्रा की अनुमति मिल जाएगी. यानी समूह में शामिल सभी लोगों
को वीज़ा नहीं लेना होगा. जलाली ने कहा कि पर्यटन रूस और ईरान के रिश्तों में सबसे
अहम है.
मेट्रो और मॉल खोलने पर केजरीवाल ने क्या फ़ैसला लिया?
कोरोना की दूसरी लहर का असर अब थोड़ा धीमा पड़ता हुआ दिख रहा है. ऐसे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन में कुछ छूट देने की घोषणा की.
बिटकॉइन: अल-सल्वाडोर में क्रिप्टो-करेंसी को क़ानूनी मान्यता देने की योजना
REUTERSCopyright: REUTERS
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति
का कहना है कि वे देश में बिटकॉइन क्रिप्टो-करेंसी को क़ानूनी मान्यता दे देंगे.
अगर उनकी इस योजना
को कांग्रेस का समर्थन मिल जाता है तो सेंट्रल अमेरिका का यह देश औपचारिक रूप से डिजिटल
मुद्रा को अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा.
इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर
की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा.
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति
नायब बुकेले का कहना है कि बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले
सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा.
लाइव रिपोर्टिंग
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चीन की कोरोना वैक्सीन पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब में बनी सिरदर्द
सऊदी अरब में हज यात्रा शुरू होने वाली है लेकिन इसके लिए कोरोना वैक्सीन ज़रूरी है. पाकिस्तान में चीन की वैक्सीन लगाई जा रही है और सऊदी अरब चीन की वैक्सीन लगाने वाला सर्टिफिकेट मान नहीं रहा है.
और पढ़ेंब्रेकिंग न्यूज़प्रिंस हैरी और मेगन ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म की दी सूचना
ड्यूक और डचेज़ ऑफ ससेक्स ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म की जानकारी दी है.
ब्रितानी शाही परिवार के प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल ने बताया कि उनकी बेटी लिलीबेट 'लिली'डायना माउंटबेटन-विंडसर का जन्म शुक्रवार की सुबह अमेरिका में कैलिफ़ोर्निया के सैंटा बार्बरा अस्पताल में हुआ.
प्रिंस हैरी और मेगन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ हैं.
प्रिंस हैरी और मेगन ने कहा है कि उन्होंने अपनी बेटी लिलीबेट का नाम शाही परिवार की महारानी और परदादी के निकनेम पर दिया है. बीच का नाम दादी डायना के सम्मान में रखा गया है.
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण अब तक एक लाख से ज़्यादा लोगों की मौत
जान्हवी मुले, बीबीसी संवाददाता
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी के कारण मरने वाले लोगों की संख्या एक लाख से ज़्यादा हो गई है.
रविवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के कारण 233 लोगों की मौत के मामले दर्ज किए गए.
अब तक इस राज्य में 100,130 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 40 फीसदी लोगों की मौत 15 अप्रैल के बाद हुई है.
18 अप्रैल तक राज्य में मरने वाले लोगों का आंकड़ा 60 हज़ार पार कर चुका था.
इसके बाद राज्य में मरने वाले लोगों का आंकड़ा हर रोज़ तेजी से बढ़ने लगा जबकि संक्रमण के सक्रिय मामले कम हो रहे थे.
इससे पता चलता है कि राज्य में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर कितना बुरा रहा.
महाराष्ट्र में दूसरा लॉकडाउन अब अपने आखिरी दौर में है और सोमवार से पाबंदियों में चरणबद्ध तरीके से ढील की घोषणा कर दी गई है.
इस समय राज्य में कोरोना संक्रमण के 185,527 सक्रिय मामले हैं और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं.
ये बात भी ध्यान देने लायक है कि दिए गए आंकड़े सरकारी स्रोतों पर आधारित हैं जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक संख्या ज्यादा भी हो सकती है.
हालांकि फिलहाल उसके बारे में पक्के तौर पर कुछ कहना मुश्किल है.
महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है.
महाराष्ट्र भारत में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है.
ब्रेकिंग न्यूज़रोजर फ़ेडरर ने ख़ुद को फ्रेंच ओपन से अलग किया
रोजर फ़ेडरर ने ख़ुद को फ़्रेंच ओपन से अलग कर लिया है. चौथे राउंड में पहुँचने के बाद भी उन्होंने अपनी सेहत को देखते हुए यह फ़ैसला लिया. 20 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन ने तीसरे राउंड में डॉमिनिक के साथ हुए थकाऊ मैच में जीत के बाद यह फ़ैसला लिया है.
39 साल के फ़ेडरर ने कहा, ''घुटने की दो सर्जरी और उसके बाद एक साल से ज़्यादा वक़्त तक निगरानी में रहने के बाद ज़रूरी था कि मैं अपने शरीर की सुनूं और किसी भी तरह की जल्दबाज़ी ना करूँ. मैंने अपनी टीम से बात की और उसके बाद यह फ़ैसला लिया.''
अमेज़न पर झंडे के रंग वाली बिकनी से भड़का कर्नाटक
इमरान कुरैशी, बेंगलुरु से
कर्नाटक में ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनी अमेज़न की क़ानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसकी वजह है कि अमेज़न की कनाडा यूनिट की वेबसाइट पर कर्नाटक राज्य के झंडे के रंग वाली बिकनी बिक रही थी.
इस बिकनी में झंडे के मध्य में स्थित प्रतीक चिह्न की तस्वीर भी बनी हुई है. इतना ही नहीं बिकनी पर अशोक स्तंभ तस्वीर भी बनी हुई थी, साथ में सत्यमेव जयते भी लिखा हुआ था.
यह बिकनी बीकेडीएमएचएचएच ब्रैंड के नाम से बेची जा रही थी.
कर्नाटक के तीन रंगों वाले झंडे में पीली, सफेद और लाल क्षैतिज पट्टियां हैं जो सिंदूर और हल्दी को दर्शाती हैं. इसके बीचों बीच में प्रांतीय प्रतीक गंडाबेरूंडा (एक पौराणिक चिड़िया) है.
इस विज्ञापन का जब दुनिया भर में फैले कर्नाटक के लोगों ने विरोध किया तो अमेज़न डॉट सीए ने इसे वेबसाइट से हटा लिया.
सोशल मीडिया में कर्नाटक के लोगों का आक्रोश इसलिए ज़्यादा भड़का हुआ दिखा क्योंकि दो दिन पहले ही सर्च इंजन गूगल ने कर्नाटक की भाषा कन्नड़ को दुनिया की सबसे भद्दी भाषा करार दिया था.
इसके ख़िलाफ़ भी सोशल मीडिया पर कन्नड़ भाषी लोगों ने काफ़ी विरोध जताया. बाद में गूगल इंडिया ने इस ग़लती के लिए माफ़ी मांगी और कहा कि वह अपने अल्गोरिदम में बदलाव करके यह सुनिश्चित करेगा कि कन्नड़ दुनिया की सबसे ख़राब भाषा नहीं रहे.
कर्नाटक के कन्नड़ भाषा और संस्कृति मामलों के मंत्री अरविंद लिम्बावली ने ट्वीट किया, "गूगल ने हाल ही में हमलोगों का अपमान किया है. हमारा यह जख़्म भरता उससे पहले हमने पाया कि 'अमेज़न कनाडा' ने हमारे झंडे और आयकन का इस्तेमाल लेडीज कपड़ों पर किया."
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मल्टीनेशनल कंपनियों की ओर कन्नड़ भाषी लोगों का अपमान बंद होना चाहिए. यह हमारे आत्मसम्मान की बात है और हम ऐसे अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. 'अमेज़न कनाडा' को कन्नड़भाषी लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए. हमलोग इसके ख़िलाफ़ क़ानूनी एक्शन लेंगे."
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने ट्वीट किया है, "कन्नड़ और कर्नाटक के मामले में मल्टीनेशनल कंपनियां लापरवाही और अनुचित ढंग से काम कर रही हैं. जानकारी के अभाव में पहले गूगल और अब अमेज़न के कनाडा यूनिट ने ऐसा किया है. इन संस्थानों के पास सही जानकारी क्यों नहीं है?"
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा समय में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बीबीसी हिंदी से बताया, "दुनिया के कई देशों में होता है, लेकिन हमारे यहां लोग झंडे और प्रतीक चिह्न को नहीं पहनते हैं. हम अपने झंडे को हमेशा ऊंचा रखते हैं. यह ऐसी चीज़ नहीं है जिसे पहना या रौंदा जा सके. हमारे यहां झंडे के सम्मान करने को लेकर भी क़ानून है. मल्टीनेशनल कंपनियों को समझना चाहिए कि कन्नड़ भाषी समुदाय का अपमान करके वह अपने कारोबार को ही नुकसान पहुंचाएंगी, इसलिए बेहतर यही होगा कि वे भारत और कर्नाटक की संस्कृति को समझें."
ताइवान के लिए अमेरिका ने की बड़ी घोषणा, चीन हो सकता है नाराज़
अमेरिकी सीनेटर टैमी डकवर्थ ने कहा है कि पूरी दुनिया के साथ कोविड वैक्सीन शेयर करने की योजना के तहत अमेरिका ताइवान को इसकी 750,000 खुराक मदद के रूप में देगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ ताइवान में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं और दुनिया के अन्य जगहों की तरह वो भी वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. ऐसे वक्त में उसे इस मदद की ज़रूरत भी थी.
दो करोड़ 35 लाख की आबादी वाले ताइवान में अभी तक केवल तीन फीसदी आबादी को ही कोरोना की वैक्सीन मिली है. इनमें से भी ज़्यादातर लोग पहली खुराक ही ले पाए हैं.
अमेरिकी सिनेटर टैमी डकवर्थ, डैन सुलिवन और क्रिस्टोफर कून्स तीन घंटे के दौरे पर ताइवान आए थे.
ताइपेई शहर के सोंगशान एयरपोर्ट पर टैमी डकवर्थ ने कहा कि अमेरिकी मदद की पहली खेप के तौर पर ताइवान को कोविड वैक्सीन की साढ़े सात लाख खुराक दी जाएगी.
हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ताइवान को कौन सी वैक्सीन दी जाएगी और ये उसे कब तक मिलेगी.
स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये बात जल्द ही पता चल जाएगी कि ताइवान को कौन सी वैक्सीन मिलने वाली है.
ताइवान ने चीन को लेकर ये शिकायत की है कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन हासिल करने की उसकी राह में अड़चन खड़ी कर रहा है.
लेकिन चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है. चीन ने ताइवान को अपने यहां वैक्सीन देने की पेशकश की है लेकिन ताइवान की सरकार ने बार-बार अपनी सुरक्षा लेकर चिंता जाहिर की है.
ताइवान में चीन में बने सामान के आयात पर पाबंदी है. इसलिए चीन से ताइवान को वैक्सीन की आपूर्ति तभी संभव है जब वो अपने यहां इसके लिए कानून बदलेगा.
ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी पर खालिस्तान समर्थकों की नारेबाज़ी
ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी के मौक़े पर अकाल तख़्त साहिब में भारी भीड़ जुटी. इस दौरान इकट्ठे हुए लोगों ने ‘खालिस्तान समर्थक’ नारे भी लगाए.
इसराइल से संबंधों को लेकर असहज दिखा यूएई
पिछले महीने इसराइल और फ़लस्तीनियों के बीच ख़ूनी संघर्ष के कारण इसराइल और यूएई के रिश्तों में असहजता आई है.
यरुशलम की डिप्टी मेयर ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हुए कुछ ही महीने हुए हैं और इस तरह की असहजता पैदा हुई है.
दोनों देशों के बीच हाल ही में कारोबार को लेकर बैठक हुई थी. इस बैठक को लेकर यरुशलम की डिप्टी मेयर फ्लेउर हसन-नाहोउम ने कहा कि बातचीत बिल्कुल खुली थी और हर किसी ने समझदारी का परिचय दिया.
यह बैठक दुबई में द्विपक्षीय निवेश सम्मेलन के नाम से हुई है. हसन यूएई-इसराइल बिज़नेस काउंसिल की सह-संस्थापक हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच कारोबार अरब डॉलर पार कर जाएगा.
2020 में इसराइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध क़ायम करने वाला यूएई अरब का तीसरा देश था. इसके लिए अमेरिका में तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने पुरज़ोर कोशिश की थी और ये उसी का नतीजा था. यूएई के इस क़दम की फ़लस्तीनियों ने निंदा की थी.
दोनों देशों में रिश्ते सामान्य होने के बाद से कई तरह के समझौतों की घोषणा की गई है. इनमें दोनों देशों के नागरिकों के बिना वीज़ा की यात्रा की भी बात है.
लेकिन पिछले महीने 11 दिनों तक इसराइल और फ़लस्तीनियों की बीच ख़ूनी हिंसा चली और इसे लेकर अरब के देश असहज रहे. बैठक में दोनों देश के नेताओं के बीच माहौल को लेकर हसन ने कहा कि ये आसान नहीं था.
हसन ने कहा, ''मैं इसराइल और यूएई की कई तरह की बैठकों में शामिल रही हूँ लेकिन यहाँ असहजता थी. जहाँ असहमतियां थीं, वहां भी हमने खुलकर बात की. लोगों के मन में इसराइली सैन्य अभियान को लेकर कई सारे सवाल थे. यह सच है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की शुरुआत है. लंबी अवधि के संबंधों के लिए विश्वास बेहद ज़रूरी चीज़ है. लंबे समय तक हमारे बीच कोई संबंध नहीं था, इसलिए थोड़ा वक़्त लगेगा.''
हसन ने कहा, ''मुख्य रूप से सवाल इसराइल सैनिकों की जवाबी कार्रवाई को लेकर थे लेकिन अल-अक़्सा मस्जिद को लेकर भी पूछा जा रहा था.''
सऊदी अरब का तेल निर्यात बढ़ा
आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़, मार्च में सऊदी तेल निर्यात 75 फ़ीसद बढ़कर 13.95 अरब डॉलर का हो गया जबकि ग़ैर-तेल निर्यात 43 फ़ीसद बढ़कर 5.96 अरब डॉलर का हो गया. मार्च महीने के आँकड़े साल 2018 की जुलाई के बाद से सबसे अधिक स्तर पर हैं.
जनरल अथॉरिटी फ़ॉर स्टेटिस्टिकिस (जीएएसटीएटी) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की शुरुआत में जैसे ही कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक क्षेत्र प्रभावित हुआ, मार्च में तेल की क़ीमत गिरकर क़रीब 34 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी.
हालांकि उन महीनों में भी तेल ही प्रमुख निर्यात की जाने वाली चीज़ बनी रही. कुल निर्यात का लगभग 70 फ़ीसद.
गुरुवार को तेल की क़ीमतों में थोड़ी कमी आई. ब्रेंट 60 सेंट नीचे रहा और 68.27 डॉलर प्रति बैरल कम रहा जबकि यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट क्रूड 57 सेंट गिरकर 65.64 डॉलर प्रति बैरल हो गया था.
इसी दौरान ग़ैर-तेल निर्यात मार्च में सलाना आधार पर 43 फ़ीसद बढ़कर 5.96 अरब डॉलर का हो गया था जो जीएएसटीएटी के अनुसार, 20 महीनों में सबसे अधिक रहा. फरवरी और मार्च के बीच क़रीब 14.1 अरब डॉलर का निर्यात बढ़ा.
निर्यात की जा रही चीज़ों में मासिक तौर पर सबसे बड़ा उछाल ऑप्टिकल, मेडिकल और सर्जिकल उपकरणों, घड़ियों और कलाई वाली घड़ियों की श्रेणी में आया. यह 261 फ़ीसद उछाल पर रहा. इसके अलावा प्लास्टिक, रबर और बनी चीज़ों के निर्यात में भी उछाल देखा गया जो 58 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी के साथ दो बिलियन हो गया.
इसके अलावा वाहन, विमान, जहाज़ और परिवहन से संबंधित उपकरणों के निर्यात में 240 फ़ीसद की वृद्धि हुई. जबकि खाद्य उद्योग और उससे जुड़ी चीज़ों, तंबाकू आदि में 6 फ़ीसद की वृद्धि आंकी गई.
समुद्र मार्ग से चीज़ों को लाना ले-जाना अभी भी सबसे प्रचलित तरीक़ो है. गैर-तेल निर्यात के लिए लगभग 75 फ़ीसद मामलों में समुद्र मार्ग का ही इस्तेमाल किया गया.
आईएचएस मार्किट परचेज़िंग मैनेजर इंडेक्स के सर्वे के मुताबिक़, अप्रैल में सऊदी अरब के ग़ैर-तेल क्षेत्र में बीते तीन महीनों में व्यवसायिक गतिविधि तेज़ गति से आगे बढ़ी. इस वृद्धि के कारण कोविड महामारी से उबरने में सहायता मिली है.
गूगल, फ़ेसबुक जैसी कंपनियों पर टैक्स लगाने का फ़ैसला क्या टिक सकेगा?
सबसे अमीर देशों के समूह जी-7 ने दुनिया की बड़ी-बहुराष्ट्रीय तकनीकी कंपनियों पर ज़्यादा टैक्स लगाने का फ़ैसला किया है.
जी-7 समूह ने गूगल, फ़ेसबुक, ऐपल और अमेज़ॉन जैसी बड़ी कंपनियों पर 15 फ़ीसदी तक टैक्स लगाने के लिए करार किया लेकिन प्रचारकों का दावा है कि यह क़रार लंबे समय तक नहीं टिक सकेगा.
लंदन में जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में फ़ैसला लिया गया कि जहां पर कंपनियां अपना व्यापार करती हैं वहां पर उन्हें एक उचित टैक्स देना होगा.
बैठक में बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर 15 फ़ीसद तक टैक्स लगाने पर सहमति बनी.
इस फ़ैसले से टेक दिग्गज कंपनियों के प्रभावित होने की संभावना है लेकिन उन्होंने इन नए नियमों का स्वागत किया है.
हालांकि ग़ैरसरकारी संस्था ऑक्सफैम ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर न्यूनतम कॉर्पोरेट कर की जो दर तय की गई उससे कोई बहुत अंतर नहीं ला सकेगी.
इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाले ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि करार 21वीं सदी के लिए एक उचित कर प्रणाली तय करेगा.
इमरान ख़ान और मोदी सरकार ने क्या एक सच को स्वीकार लिया है?
आज़म ख़ान और नियाज़ फ़ारूक़ी
बीबीसी उर्दू, इस्लामाबाद
नियंत्रण रेखा और कश्मीर को लेकर भारतीय सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद के बयानों के बाद क्या जल्द ही दोनों देशों के बीच रिश्ते में सुधार देखने को मिलेगा?
और पढ़ेंतुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन का वादा, हम समंदर को 'सी स्नॉट' से बचाएंगे
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने वादा किया है कि वे देश के तटवर्ती क्षेत्र को वहां पनप रहे 'सी स्नॉट' से बचाएंगे. इंस्ताबुल के पास मरमरा सागर के किनारे फैल रहे गाढ़े, बलगम जैसे पदार्थ को 'सी स्नॉट' का नाम दिया गया है.
इससे समुद्री जनजीवन और मछली उद्योग को नुक़सान पहुंचने की आशंका है. विशेषज्ञ इसके लिए प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा, "उम्मीद है कि हम अपने समंदर को इस लसदार पदार्थ की आपदा से बचा लेंगे."
'सी स्नॉट' या समुद्री लासा कुदरती तौर पर बनने वाला हरे रंग का कीचड़ जैसा चिपचिपा पदार्थ होता है जो शैवाल के पोषक तत्वों के भर जाने के कारण बनता है. इसकी वजह है गर्म जलवायु और जल प्रदूषण.
तुर्की में ये पहली बार साल 2007 में पाया गया था लेकिन अब ये ग्रीस के पास ऐगेयान सागर में भी देखा गया है.
ब्लैक सी और ऐगेयान सागर को जोड़ने वाले तुर्की के मरमरा सागर के बड़े क्षेत्र में उभरे 'सी स्नॉट' के बारे में कहा जा रहा है कि ये अब तक का सबसे बड़ा समुद्री लासा है.
स्थानीय समुदाय में इसे लेकर चिंता का माहौल है. राष्ट्रपति अर्दोआन ने इसकी वजह बढ़ती गर्मी और समंदर में गंदा पानी छोड़ा जाना बताया है.
उन्होंने अधिकारियों से इसकी जांच के लिए कहा है. उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि अगर ये ब्लैक सी में फैल गया तो... बड़ी मुसीबत हो जाएगी. हमें बिना देर किए कदम उठाने की ज़रूरत है."
उनकी सरकार ने प्रदूषण के संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए 300 लोगों की बड़ी टीम तैनात की है.
पत्रकारों के रिकॉर्ड गुप्त तरीक़े से हासिल करने पर रोक लगाएगा अमेरिका
अमेरिकी न्याय विभाग ने पत्रकारों के रिकॉर्ड गुप्त तरीक़े से प्राप्त करने की लंबे समय से चली आ रही 'परंपरा' को समाप्त करने का फ़ैसला किया है.
गोपनीय जानकारी लीक होने से जुड़ी एक जांच के दौरान अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि वह किसी पत्रकारों के रिकॉर्ड, गुप्त तरीक़े से हासिल करने की सालों पुरानी परंपरा को समाप्त करने जा रहा है.
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के नेतृत्व वाले प्रशासन के तहत पत्रकारों के रिकॉर्ड गोपनीय तरीके से हासिल किए गए हैं. लेकिन पत्रकारों के रिकॉर्ड हासिल करने के लिए कोर्ट के समन और आदेशों का होने को लेकर जांच इसी साल चर्चा में आई हुई थी.
अमेरिका के मौजूदा डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसके एक 'परंपरा बन जाने को' ग़लत बताया है.
पत्रकारों के रिकॉर्ड गुप्त तरीक़े से हासिल करने पर रोक लगाएगा अमेरिका
अमेरिका के मौजूदा डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसके एक 'परंपरा बन जाने को' ग़लत बताया है.
और पढ़ेंयोगी का विकल्प नहीं है मोदी या संघ के पास?
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक जगत में इस बात की भी चर्चा है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेताओं को अब ऐसा फ़ैसला समझ में आ रहा है, जिसे अब बदलना और बनाए रखना, दोनों ही स्थितियों में घाटे का सौदा दिख रहा है.
दूसरे, पिछले चार साल के दौरान बतौर मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ की जिस तरह की छवि उभर कर सामने आई है, उसके सामने चार साल पहले के उनके कई प्रतिद्वंद्वी काफ़ी पिछड़ चुके हैं.
क्या अब बीजेपी और संघ के पास योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है?
विवेचना: भिंडरांवाले की ज़िंदगी के अंतिम पलों की कहानी
6 जून 1984 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत चरमपंथियों को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए अभियान शुरू किया था जिसमें जरनैल सिंह भिंडरांवाले मारे गए थे.
कैसे थे भिंडरांवाले के आखरी क्षण बता रहे हैं रेहान फ़ज़ल विवेचना में.
कैमराः रसल फ़ज़ल
वीडियो एडिटिंगः काशिफ़ सिद्दिक़ी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद क़ुरैशी ने कहा- मेरा ख़ून खौल रहा है
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब की टिप्पणियों के जवाब में इमरान ख़ान हुकूमत के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने शनिवार को कहा कि उन्हें अपनी भाषा में सुधार लाना चाहिए.
पाकिस्तानी अख़बार'डॉन'के मुताबिक़ मुल्तान में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा, "अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कान खोलकर मेरी बात सुन लो...."
"अगर तुम ऐसी जुबान का इस्तेमाल करने से बाज़ नहीं आए या पाकिस्तान पर जो इलज़ाम तुम लगा रहे हो, जो तुम कर रहे हो, तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हैसियत से मैं कह रहा हूँ कि कोई पाकिस्तानी न तुम से हाथ मिलाएगा और न ही तुम से बात करेगा."
शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने चरमपंथ की वजह से जान-माल की बड़ी क़ीमत चुकाई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस इलाक़े में केवल शांति और स्थिरता चाहता है.
'वॉइस ऑफ़ अमेरिका' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मई की शुरुआत में नंगरहार सूबे के दौरे पर थे जहाँ उन्होंने पाकिस्तान को 'चकलाघर' कहा था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद क़ुरैशी ने कहा- मेरा ख़ून खौल रहा है
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब की टिप्पणियों के जवाब में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी बुरी तरह से तमतमा गए. क़ुरैशी ने ग़ुस्से में कहा कि उनका ख़ून खौल रहा है.
और पढ़ेंरूस और ईरान में वीज़ा को लेकर हुआ अहम समझौता
ईरान के पर्यटन और संस्कृति मंत्री अली असगर रूस के दौरे पर हैं. उन्होंने रूस में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत दोनों देशों के पर्यटकों के समूह को अब व्यक्तिगत वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी. रूस में ईरान के राजदूत काज़ीम जलाली ने फ़ेसबुक पर इसकी जानकारी दी है.
जलाली ने फ़ेसबुक पर लिखा है, ''आज पर्यटन और संस्कृति मंत्री मॉस्को पहुँचे हैं और उन्होंने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत पर्यटकों के समूह को व्यक्तिगत वीज़ा की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.''
जलाली ने अनुसार इस समझौते के तहत दोनों देशों के पर्यटकों के समूह को एक वीज़ा से ही यात्रा की अनुमति मिल जाएगी. यानी समूह में शामिल सभी लोगों को वीज़ा नहीं लेना होगा. जलाली ने कहा कि पर्यटन रूस और ईरान के रिश्तों में सबसे अहम है.
मेट्रो और मॉल खोलने पर केजरीवाल ने क्या फ़ैसला लिया?
कोरोना की दूसरी लहर का असर अब थोड़ा धीमा पड़ता हुआ दिख रहा है. ऐसे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन में कुछ छूट देने की घोषणा की.
बिटकॉइन: अल-सल्वाडोर में क्रिप्टो-करेंसी को क़ानूनी मान्यता देने की योजना
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति का कहना है कि वे देश में बिटकॉइन क्रिप्टो-करेंसी को क़ानूनी मान्यता दे देंगे.
अगर उनकी इस योजना को कांग्रेस का समर्थन मिल जाता है तो सेंट्रल अमेरिका का यह देश औपचारिक रूप से डिजिटल मुद्रा को अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा.
इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाएगा.
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि "कम ही समय में यह रोजगार पैदा करेगा और औपचारिक अर्थव्यवस्था के बाहर हजारों लोगों को वित्तीय समावेशन प्रदान करने में मदद करेगा."
एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि यह देश में निवेश को भी बढ़ावा दे सकता है.
हालांकि अभी इसे कांग्रेस से समर्थन मिलना बाकी है.
अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि वे इसे मंज़ूरी के लिए अगले सप्ताह कांग्रेस को भेजेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि यह पारित होना चाहिए. इस एक क़दम से सल्वाडोर के 70% ऐसे लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं.