देश में कोरोना संकट के बीच कवि कुमार विश्वास अपनी तरफ से लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश करते दिख रहे हैं। ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से कुमार विश्वास जन-जन तक जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं और कोरोना में उन्हे थोड़ी सी राहत देने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में एक टीवी न्यू चैनल के दौरान एंकर ने कुमार विश्वास से एक सवाल किया।

एंकर ने पूछा कि आप कुमार विश्वास और सोनू सूद जैसे की लोग हैं जो कोरोना काल में लोगों की बिना स्वार्थ के बढ़ चढ़ कर मदद कर रहे हैं। आपको जनता का प्रतिनिधित्व भी करना चाहिए। अगर आप जैसे लोग पहले जुड़ जाते तो स्थिति बहुत बेहतर होती। इस बात पर रिएक्ट करते हुए कुमार विश्वास हंसने लगे और जवाब में कहा- ‘हर नेता को पता है कि अगले चुनाव तक लोग सब भूल जाएंगे।’ कुमार विश्वास ने आगे कहा- ‘वे फिर जाति-धर्म-मुफ़्तख़ोरी और झूठे वादों पर वोट देंगे।’

कुमार विश्वास ने कहा- ‘देखिए जब चुनाव आएगा तो जाति धर्म के नाम पर वोट पड़ेंगे। और कुमार विश्वास जैसे लोग जमानत जब्त कर के वापस लौट जाएंगे। वो बहुत तेज लोग हैं, वह बहुत सही कर रहे हैं। वो जानते हैं कि कैसे इस देश को चलाया जाना चाहिए। क्या हिंदू मुस्लमान का मुद्दा है, क्या मंदिर मस्जिद का मुद्दा है? क्या गाय गोबर का मुद्दा है? क्या इस्लाम खतरे में हैं? हिंदुत्व खतरे में हैं?’

कवि कुमार बोले- ‘इन मुद्दों पर वह चुनाव जीत जाएंगे। आप देखिए ना कि जिनको हमने टैक्स दिया..हमने 50% से ज्यादा उन्हें टैक्स दिया उनके खुद के बच्चे बीमार पड़े हैं। वो कहते हैं हमने वर्ल्डक्लास केयर सेंटर बना डाले दिल्ली और अलग-अलग जगह, दावा करके हैं मुख्यमंत्री। अरे तुम्हारी पत्नी बीमार पड़ी, तुम्हारे सारे मंत्री बीमार पड़े। तुम्हारे बच्चे बीमार पड़े।’

कुमार विश्वास ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- ‘तुम गुड़गांव के मेदांता में ले गए। दिल्ली में एक अस्पताल नहीं था तुम जाहिलों के पास कि जिसमें जाकर तुम अपना इलाज करा सकते। तुम्हारे बच्चे पढ़ने जाते हैं डीपीएस, सरदार पटेल प्राइवेट स्कूलों में। हमको बेवकूफ बनाते हो? पर हम बनेंगे, हम मतदाता हैं और फिर बनेंगे।’

कुमार आगे बोले- ‘सोनू मेरा दोस्त है सोनू सूद। न उसको भ्रम में रहना चाहिए, न मुझे भ्रम में रहना चाहिए। हमारी कोई नेतृत्व की आकांक्षा नहीं है। अरे हम तो रात को सो नहीं सकते, ऐसा होता है जैसे कानों में पिछला शीशा सा उतरता है।’