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Covid-19 3rd Wave: कोरोना की तीसरी और ख़तरनाक लहर से बच्चों को कैसे बचाएं?

Covid-19 3rd Wave यह लहर इस साल के अंत तक आ सकती है। इसके पीछे संभावित तर्क यह दिया जा रहा है कि अधिकांश वयस्क वैक्सीन लगवा चुके होंगे और बच्चों को वैक्सीन लगना अब भी बाकी होगा ऐसे में बच्चे इस वायरस से ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 08:24 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 08:44 AM (IST)
Covid-19 3rd Wave: कोरोना की तीसरी और ख़तरनाक लहर से बच्चों को कैसे बचाएं?
कोरोना की तीसरी और ख़तरनाक लहर से बच्चों को कैसे बचाएं?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus 3rd Wave: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर अभी ख़त्म नहीं हुआ है कि एक्सपर्ट्स तीसरी लहर की चेतावनी भी दे रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में तीसरी लहर भी आएगी, जो खासतौर से बच्चों के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले कुछ महीनों में ज़्यादा से ज़्यादा वसयकों को वैक्सीन लग जाएगी, वहीं बच्चों को वैक्सीन न लगने की वजह से संक्रमण का ख़तरा बढ़ जाएगा। बच्चों के लिए इस वक्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए आइए एक्सपर्ट्स से जानें कि उन्हें इस तीसरी लहर से कैसे बचाया जा सकता है। 

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पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के पेडियाट्रिक्स और नॉनटोलॉजी-एचओडी डॉ. मनीष मन्नान ने कहा, "एक साइंटिफिक एडवाइज़री (वैज्ञानिक सलाह) में कहा गया है कि भारत में कोविड की संभावित तीसरी लहर में वयस्कों की तुलना में बच्चों ज़्यादा प्रभावित होंगे। यह लहर इस साल के अंत तक आ सकती है। इसके पीछे संभावित तर्क यह दिया जा रहा है कि अधिकांश वयस्क वैक्सीन लगवा चुके होंगे और बच्चों को वैक्सीन लगना अब भी बाकी होगा, ऐसे में बच्चे इस वायरस से ज़्यादा प्रभावित हो सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा कैसे करेंगे। इसके लिए उन्हें स्वस्थ और मज़बूत बनाना होगा। हमें उन्हें स्वस्थ लाइफस्टाइल से रूबरू कराना होगा, जिसमें बहुत सारी हरी सब्ज़ियां, फल, फिज़िकल एक्सरसाइज़, फील्ड गेम्स, अच्छी नींद, स्क्रीन का समय कम करना शामिल है। घर में सकारात्मक वातावरण का होना बहुत ज़रूरी है। भीड़ वाली जगह से बचने और हैंडवॉशिंग जैसी सावधानियों का पालन करना चाहिए। बच्चों के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।"

कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद (मणिपाल हॉस्पिटल की एक यूनिट) के पेडिएट्रिशियन डॉ. सुमित गुप्ता का कहना है, "हमने मार्च के अंत से बच्चों में कोविड के मामलों में लगभग 50% की वृद्धि देखी है और उनमें से आधे से ज़्यादा बच्चों में लक्षण दिखते हैं। ओपीडी में आ रहे बच्चों में 60% से ज़्यादा मामलों में कोविड संक्रमण का ही शक हो रहा है। बीमारी की इस लहर में ज़्यादा बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, यह वायरस में म्यूटेशन हो सकता है, म्यूटेशन ने इस बार बीमारी और इसके लक्षणों में कई बदलाव किए हैं। क्योंकि इस बार काफी बच्चों में कोविड के लक्षण देखे जा रहे हैं, इसलिए हमें ध्यान देना होगा कि कहीं वे मल्टीसिस्ट इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) और टॉक्सिक सिंड्रोम का शिकार न हो जाएं, जो संक्रमण के गंभीर मामलों में देखा जाता है।" 

क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर मानी जाती है, इसलिए इस टिप्स की मदद से आप बच्चों को जानलेवा कोरोना वायरस से बचा सकते हैं। 

- अल्कोहल बेस्ड हैंड रब या साबुन और पानी से हाथों को अच्छी तरह से धोएं, क्योंकि यह हाथों में मौजूद वायरस को मारता है।

- छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू से ढकें। एक डस्टबिन में टिश्यू को उपयोग करने के बाद फेंक दें और हाथों को अच्छी तरह से धोएं। बार-बार एक ही टिश्यू का उपयोग न करें।

-  यह सलाह दी जाती है कि किसी अन्य व्यक्ति से बात करते समय कम से कम 3 फीट की दूरी बनाए रखें, खासकर जो बीमार है। ऐसा करने से बच्चों को इंफेक्शन होने से रोका जा सकेगा।

- अपने गंदे हाथों से अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं, अगर आप बार-बार छूते हैं, तो आप वायरस को सतह से खुद में शिफ्ट कर सकते हैं।

- अगर बच्चा बुखार, खांसी से पीड़ित है या उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें और लक्षणों के बारें में बताएं, क्योंकि यह सांस का संक्रमण या अन्य गंभीर स्थिति के कारण भी हो सकता है।

- बच्चों के लिए निर्धारित टीकाकरण के मुताबिक बच्चे को टीके लगवाने चाहिए। अगर कोई देर होती है, तो डॉक्टर के परामर्श से जल्द से जल्द रुकी हुई डोज़ को लगवानी चाहिए।

- स्वस्थ आंत बच्चों में इम्युनिटी का निर्माण करने में मदद करती हैं। दही जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। बच्चे को एक्टिव रखें और पर्सनल हाइजीन बनाए रखें।

- कच्चे या अधपके मांस को न खाएं। 

डॉ. बंसल का कहना है कि "सिर्फ सुरक्षा के तरीकों को अपना कर ही कोरोना वायरस से अपना और अपने बच्चों का बचाव किया जा सकता है। किसी भी लक्षण के दिखने पर खुद का इलाज न करें बल्कि एक योग्य डॉक्टर से परामर्श करें।"


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