Coronavirus Vaccine को विदेश भेजने से जुड़े प्रश्न को BJP ने बेवकूफाना करार दिया है। COVID-19 संकट के बीच पार्टी ने अपनी एक “फैक्टशीट” में इस जवाब दिया है। कहा है- 17 करोड़ डोज भारतीयों को दे दिए जा चुके हैं, जबकि इसका महज एक-तिहाई हिस्सा ही निर्यात किया गया है।

दरअसल, देश में गहराते महामारी के दौर के बीच BJP के नेतृत्व वाली NDA सरकार अपनी कार्यशैली और रणनीति को लेकर विपक्ष, मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आई है। अपनी कड़ी निंदा का शिकार होने के भाजपा यह फैक्टशीट पलटवार के तौर पर लेकर आई है। यह दस्तावेज इस मसले पर की गई पार्टी की निंदा का जवाब देता है। साथ ही यह सवाल उठाने वालों के बुद्धि-विवेक पर भी सवाल करता है। सोशल मीडिया पर इस मसले को लेकर टिप्पणी की गई थी कि “अगर भारत में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री होतीं, तो क्या होता?” फैक्ट शीट में बताया गया, “काश लोगों के पास बेहतर आईक्यू होता।”

यही नहीं, डॉक्यूमेंट के जरिए किसानों के आंदोलन, केरल व तुमिलनाडु में विपक्ष की रैलियों को कोरोना केसों के आए उछाल के लिए दोषी ठहराया गया। तर्क दिया गया कि संक्रमण की दसरू लहर महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़ और पंजाब से शुरू हुई थी, जो कि विपक्ष शासित सूबे हैं।

फैक्ट शीट में इसके अलावा उस सवाल को भी सिरे से खारिज कर दिया गया और “बेवकूफाना” बताया गया, जिसमें पूछा गया था कि आखिरकार जब देश में कोरोना टीके की कमी थी, तब भी आखिरकार उसे विदेश क्यों भेजा गया? दस्तावेज में कहा गया- हम 17 करोड़ वैक्सीन के डोज दे चुके हैं, जबकि इसका करीब “एक तिहाई हिस्सा” ही दूसरे मुल्कों को भेजा गया। जानकारी के मुताबिक, हर स्तर के बीजेपी नेता से इस फैक्ट शीट को ट्वीट करने के लिए कहा गया है।

फिर उभर सकता है कोरोना, तैयारी की जरूरत: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि देश में कोविड-19 टीका लगवाने वालों की संख्या 18 करोड़ के आसपास पहुंच गयी है। 18-44 साल के 4,37,192 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगायी गयी और इस तरह इस टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 32 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में इस वर्ग में 39,14,688 लोगों को टीके लगाये जा चुके हैं। इसी बीच, सरकार ने आगाह किया कि वायरस फिर से उभर सकता है और इसलिए राज्यों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी की जानी चाहिए, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है, जबकि पाबंदियां और उचित व्यवहार का अनुपालन होना चाहिए। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)