Coronavirus India HIGHLIGHTS: भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच वैक्सीन की कमी का मुद्दा अब भी केंद्र सरकार के लिए परेशानी का सबब है। इस बीच अमेरिका को कोरोना संकट पर जीत दिलाने वाले महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फौची ने इसे लेकर बयान दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, "भारत दुनिया में सबसे बड़ा नहीं तो सबसे अच्छा वैक्सीन उत्पादक है, आपको अपने लोगों के लिए उन संसाधनों का पूरी क्षमता से इस्तेमाल करना होगा।" फौची ने कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच अंतर बढ़ाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा, "जब वैक्सीन की कमी है तो ज़्यादा लोगों को कम से कम वैक्सीन की पहली डोज़ मिले इसके लिए पहली और दूसरी डोज़ के बीच की अवधि को बढ़ाना उचित अप्रोच है। इस देरी से वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नकारात्मक असर होने की संभावना नहीं है।" इससे पहले अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग ने ऐलान किया है कि जो लोग कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन के पूरे डोज लगवा चुके हैं, उन्हें हर जगह मास्क पहनने की जरूरत नहीं है और न ही उनके लिए हर वक्त सोशल डिस्टेंसिंग मानने की अनिवार्यता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने गुरुवार को जारी किए गए निर्देशों में बताया कि कुछ संवेदनशील जगहों पर लोगों को अब भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा। खासकर किसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर या भीड़ वाली परिवहन सेवाओं में, लेकिन बाकी जगहों पर लोग बिना नियमों को माने भी जा सकते हैं। अमेरिकी अफसरों ने यह फैसला वैक्सीन लगवा चुके लोगों के संक्रमित होने या संक्रमण फैलाने के बेहद कम मामलों को देखते हुए लिया है। दूसरी तरफ भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लेकिन इस बीच राहत की खबर है कि अगले सप्ताह से भारत में भी रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक मिलने लगेगी। वहीं नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि आगामी अगस्त से दिसंबर यानी कि 5 महीने के बीच देश के पास 216 करोड़ वैक्सीन डोज तैयार हो जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि इस साल के अक्टूबर तक भारत में ही इसका उत्पादन भी होने लगेगा।