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मनमानी पड़ी भारी : एप को नहीं चलाया, गूगल पर इटली में लगा 904 करोड़ का जुर्माना
अमर उजाला रिसर्च टीम
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 14 May 2021 07:18 AM IST
इलेक्ट्रिक वाहन के चार्जिंग स्टेशन का पता बताने वाले एप को अपने प्लेटफॉर्म पर दो साल तक चलने नहीं दिया
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इटली ने गूगल को प्रतिस्पर्धारोधी नीति अपनाने का दोषी मानते हुए उस पर 904 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरोप था कि उसने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन का पता बताने वाले एक सरकारी मोबाइल एप को अपने एंड्राइड ऑटो प्लेटफॉर्म पर चलने नहीं दिया।
इटली की प्रतिस्पर्धा व बाजार अथॉरिटी (एजीसीएम) ने गूगल को यह भी आदेश दिया है कि वह इस एप जूसपास को एंड्राइड ऑटो पर तत्काल उपलब्ध करवाए। एजीसीएम ने कहा कि लगभग हर दूसरे स्मार्टफोन में इस्तेमाल हो रहे अपने ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्राइड से मिले एकाधिकार का दुरुपयोग कर उसने प्रतियोगिता को खत्म करने की कोशिश की।
एजीसीएम ने कहा, अपने एप स्टोर गूगल प्ले का भी गलत इस्तेमाल कर एप की उपयोगकर्ताओं तक पहुंच को सीमित कर दिया। इस मामले पर गूगल के प्रवक्ता ने प्रेस में बयान दिया कि वह एजीसीएम के आदेश से सहमत नहीं है और इसके खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे ।
मामला एक नजर में
इटली में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ा है। इन वाहनों के लिए इटली सहित यूरोपीय संघ में 95 हजार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इससे लोगों को वाहन की चार्जिग रास्ते में खत्म होने की चिंता नहीं रहती। सहूलियत और बढ़ाने के लिए लिए इटली की सरकारी संस्था एनिल की एक शाखा एनिल - एक्स ने जूसपास नामक एप बनवाया।
इससे नागरिक निकटवर्ती चार्जिग स्टेशन का पता जान सकते हैं। गूगल को यह रास नहीं आया। उसने जूसपास को अपने एंड्राइड ऑटो प्लेटफॉर्म पर चलाने नहीं दिया।
इस पर एजीसीएम में शिकायत हुई जिसमें बताया गया कि करीब दो साल से गूगल ने जूसपास को चलाने की अनुमति नहीं दी। जांच के बाद शिकायतों को सही मानते हुए एजीसीएम ने कहा कि एप को अपने प्लेटफार्म पर रोक कर गूगल ने गलत किया।
यूजर्स और तकनीकी प्रगति में बाधा
यूरोपीय संघ के प्रतिस्पर्धा समझौते के आधार पर यह जुर्माना लगाया गया। समझौते की धारा 102 के अनुसार, गूगल पर एकाधिकार का दुरुपयोग करने और प्रतियोगिता को बाधित करने का दोष सिद्ध हुआ है। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में संबंधित एप को सीमित करना आपत्तिजनक है।
तीन साल में 73.6 हजार करोड़ जुर्माना प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों के लिए गूगल पर यह पहला जुर्माना नहीं है। पिछले केवल तीन वर्षों में ईयू के प्रतिस्पर्धा नियामक आयोग ने गूगल पर 1000 करोड़ डॉलर यानी करीब 73,600 करोड रुपये के जुर्माने लगाए हैं।
मनमानी पड़ी महंगी
एजीसीएम के अनुसार गूगल के पक्षपाती व्यवहार की वजह से इस एप के उपयोगकर्ताओं की संख्या नहीं बढ़ पाई।
एप केवल चार्जिंग स्टेशन बताने के काम में सिमट गया, भुगतान से एडवांस बुकिंग तक में उपयोग संभव था
उसने ऐसा अपने गूगल मैप एप को बढ़ावा देने के लिए किया।
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