दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर जोरदार हमला किया. भारत में वैक्सीन की कमी पर बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने देश के लिए 2-2 वैक्सीन की खोज की. लोगों में वैक्सीन से उम्मीद जगी की अब कोरोना से मृत्यु नहीं होगी लेकिन इसके बावजूद हम अपने देश के लोगों की जान कोरोना से बचा नहीं पा रहे है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिस समय देश में लोग कोरोना से जूझ रहे थे, इलाज न मिलने से मर रहे थे. ऐसे समय में केंद्र सरकार वैक्सीन का विदेशों में निर्यात कर अपनी इमेज बनाने में लगी थी.
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि 2 महीने में केंद्र सरकार ने 93 देशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन का निर्यात किया और इन 2 महीनों में भारत में कोरोना से लगभग 1 लाख लोगों की मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि जिस वैक्सीन से भारतीयों की जान बच सकती थी. उस वैक्सीन को केंद्र सरकार विदेशों में बेच रही थी और ऐसा केवल और केवल अपनी इमेज बनाने के लिए किया गया. यहां तक कि 22 अप्रैल को जब भारत में 3.32 लाख केस आए थे. उस दिन भी केंद्र सरकार ने पराग्वे को दो लाख वैक्सीन निर्यात की. जब हमारे खुद के देश में कोरोना बेकाबू हो गया था उस समय भी केंद्र सरकार वैक्सीन निर्यात करने में लगी थी.
दिल्ली में वैक्सीन की कमी पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में युवाओं को वैक्सीन लगाने के लिए सेंटर खोले गए तो केंद्र सरकार ने दिल्ली को सिर्फ 4.5 लाख वैक्सीन दी. लेकिन अपनी इमेज बनाने के लिए विदेशों को 6.5 करोड़ वैक्सीन दे दिया. इसका सीधा मतलब ये है कि केंद्र सरकार के लिए अपने देश के नौजवानों की जान की कोई कीमत नहीं है.
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में लोग वैक्सीन के अपॉइंटमेंट के लिए लोग 24-24 घंटे कंप्यूटर पर आंख लगाए बैठे रहते हैं ताकि वैक्सीन की डोज़ लेकर खुद को कोरोना से सुरक्षित कर सकें और ये केन्द्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से हो रहा है. जितनी वैक्सीन निर्यात हुईं अगर वो देश मे होती तो दिल्ली की पूरी आबादी का तीन बार वैक्सीनेशन हो जाता.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों से तारीफ लेने के एवज में केंद्र सरकार ने अपने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया. ये एक जघन्य अपराध है. केंद्र सरकार अपने लोगों की जान की कीमत पर कोरोना मैनेजमेंट की जगह इमेज मैनेजमेंट कर रही थी. उन्होंने कहा कि जिस समय हम केंद्र सरकार से 18 से 45 वर्ष के लोगों के लिए वैक्सीन मांग रहे थे उस समय केंद्र सरकार विदेशों में वैक्सीन बेच रही थी.
वैक्सीन के निर्यात पर सवाल खड़े करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के हिमायती लोग वैक्सीन के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय संधियों का हवाला देंगे लेकिन क्या अमेरिका, कनाडा या किसी भी यूरोपीय देश ने अपने लोगों की वैक्सीन को रोककर विदेशों में वैक्सीन निर्यात की. पर ऐसा केवल भारत सरकार ने किया.
उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से सीखने की जरूरत है कि पहले खुद के देश के लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध करवाएं उसके बाद विदेशों में निर्यात करें. उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार मास वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह तैयार है. यदि दिल्ली सरकार को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की सप्लाई हो तो 3 महीने के भीतर दिल्ली में सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा सकती है.