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म्यूकरमाइकोसिस: गुजरात के अस्पतालों में बनाए गए विशेष वार्ड, सरकार ने खरीदी दवा

पीटीआई, अहमदाबाद Published by: गौरव पाण्डेय Updated Sun, 09 May 2021 04:50 PM IST
सार

गुजरात में म्यूकरमाइकोसिस के अब तक 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यह एक गंभीर लेकिन दुर्लभ कवक संक्रमण है, जिसके चलते कई रोगी दृष्टिहीन हो गए हैं और इससे अन्य गंभीर दिक्कतें भी उत्पन्न हो रही हैं।

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Mucormycosis: Gujarat sets up special wards in hospitals, bought medicines
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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कोविड-19 से ठीक हुए व्यक्तियों में म्यूकरमाइकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच गुजरात सरकार ने ऐसे रोगियों के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड स्थापित करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा की 5000 शीशियों की खरीद की है। राज्य सरकार के अनुसार वर्तमान में अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 19 रोगियों का इसके लिए इलाज किया जा रहा है। 



प्रदेश सरकार ने बताया कि ऐसे मरीजों के इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 60 बिस्तर वाले दो अलग समर्पित वार्ड स्थापित किए गए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री मंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में कोविड-19 स्थिति पर कोर समिति की एक बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर और अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में स्थापित की जाएंगी। 


राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसके इलाज के लिए 3.12 करोड़ रुपये की लागत से एम्फोटेरिसिन बी 50 मिलीग्राम इंजेक्शन की 5000 शीशियां खरीदी हैं। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोविड-19 से ठीक हुए कम से कम आठ लोगों की एक आंख की दृष्टि म्यूकरमाइकोसिस के चलते चली गई और 200 अन्य का इलाज किया जा रहा है। 
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नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के रोगियों में म्यूकरमाइकोसिस रोग पाया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ‘संक्रमण म्यूकर नामक कवक के कारण होता है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। काफी हद तक यह उन लोगों को हो रहा है, जिन्हें मधुमेह है। यह उन लोगों में बहुत ही असामान्य है जिन्हें मधुमेह नहीं हैं। कोई बड़ा प्रकोप नहीं है और हम इसकी निगरानी कर रहे हैं।’
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डॉ. पॉल के अनुसार म्यूकरमाइकोसिस अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों पर हमला करता है। यदि मधुमेह का कोई रोगी इम्युनो-सप्रेसिव दवाइयां, स्टेरॉयड ले रहा है, या उसे कैंसर है, तो म्यूकरमाइकोसिस रोग का प्रभाव उस पर अधिक पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के रोगियों में इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है, अगर वे गीली सतहों के संपर्क में आते हैं।

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