DCGI ने 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा को कोरोना के इलाज के लिए इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है। कोरोना संक्रमित मरीज के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा। DRDO साइंटिस्ट डॉ. सुधीर चांदना का दावा है कि फेज दो के ट्रायल में जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी रिकवरी दूसरे कोरोना मरीजों की तुलना में 2 से 3 दिन तेज देखी गई। डॉ. चांदना का कहना है कि फेज तीन के ट्रायल का डेटा बताता है कि तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42 फीसदी से घटकर 31 फीसदी हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिखा। उनका कहना है कि दवा की कीमत इसके उत्पादन की रफ्तार पर निर्भर करेगी। लैब टेस्टिंग में पता चला कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। 110 patients in ph 2 & 220 patients in ph 3 participated in clinical trials. It has shown better efficacy in ph 2. Recovery was 2-3 days faster for COVID patients: Dr Sudhir Chandna, Institute of Nuclear Medicine & Allied Sciences-DRDO scientist on drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG) pic.twitter.com/bCrGfpGssV— ANI (@ANI) May 9, 2021 Phase 3 data shows by day 3 freedom from oxygen dependence seen in 42% patients as compared to 31% patients who were in standard care. This data has indicated that oxygen dependence reduced in a better way when we use this medicine along with standard care: Dr Sudhir Chandna— ANI (@ANI) May 9, 2021 The pricing will depend on the production & those factors are with Dr. Reddy's Laboratories who are our industry partners. As per our information & understanding, Dr. Reddy's is trying that it comes out in few days: Dr Sudhir Chandna on drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG)— ANI (@ANI) May 9, 2021 डॉ. चांदना के मुताबिक- दवा को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) ने डॉ. रेड्डीज लैब की मदद से तैयार किया है। ट्रायल में पता चला है कि इससे मरीज के ऑक्सीजन लेवल में काफी सुधार होता है। ये दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की ग्रोथ रोककर उन्हें तेजी से रिकवर करने में मदद करती है। दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है। गौरतलब है कि DGCI ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-DG का दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था। अक्टूबर 2020 तक चले ट्रायल में दवा को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद मिली। फेज-2 ट्रायल ए और बी फेज में किया गया। इनमें 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। फेज-2ए में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे, जबकि फेज-2बी में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए। दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। दवा लेने वाले मरीज दूसरे मरीजों से ढाई दिन पहले ठीक हो गए। DRDO का कहना है कि मौजूदा समय में कोरोना जिस तरह से अपना कहर बरपा रहा है उसमें यह दवा बेहद कारगर साबित हो सकती है। इस समय सबसे ज्यादा मारामारी ऑक्सिजन को लेकर है। ट्रायल में साफ तौर पर दिखा है कि इससे ऑक्सिजन पर निर्भरता काफी कम हो रही है।